In this Article
बच्चे का होना एक ख़ूबसूरत यात्रा की शुरुआत है, जिसमें आगे चलते–चलते कई उपलब्धियाँ आती हैं। हर पल अलग होता है, और आप हर कदम पर कुछ नया सीखती हैं। आपके लिए मातृत्व का एहसास नया है, जिसके कारण आप उस हर चीज के बारे में चिंता करती हैं जो आपके बच्चे को परेशान करती है। शिशुओं के जब दाँत निकलने शुरू होते हैं तो वे चिड़चिड़े हो जाते हैं और इसके परिणामस्वरूप माताओं की चिंता बढ़ जाती है। आपके आस–पास बहुत से लोग आपके बच्चे के दाँत निकलने की परेशानी से निपटने के बारे में सलाह देंगे, लेकिन आप अभी भी इस स्थिति का सामना करने के लिए भरोसेमंद स्रोत से सलाह की तलाश कर रही होंगी।
यहाँ बताए गए मार्गदर्शन पर आप भरोसा कर सकती हैं। यहाँ पर आपको सब कुछ समझाया गया है, कि दाँतों के निकलने से लेकर इसके लिए घरेलू उपचार तक, सब कुछ आप जान सकेंगी। तो हम किस बात का इंतज़ार कर रहे हैं? चलिए जानते है !
आपके बच्चे का पहला दाँत निकलना एक माँ होने के नाते आपकी यात्रा के कई खुशहाल पलों में से एक है। हालांकि , यह उन सभी क्षणों में से है जब बच्चा बहुत परेशान होता है, और आपको अक्सर अपने बच्चे के चिड़चिड़े होने और रोने–धोने पर शांत कराना पड़ता है।
हर बच्चे के विकास की गति अद्वितीय होती है, और कोई निश्चित उम्र नहीं है जब आपके बच्चे के दाँत निकलने शुरू होंगे।
4 और 7 महीने की उम्र के बीच शिशुओं के पहले दाँत निकलने शुरू हो जाते हैं। ऐसा बहुत ही कम होता है कि एक वर्ष से अधिक उम्र के होने के बाद बच्चे के दाँत निकलने शुरू हों। ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां बच्चे का पहला दाँत जन्म के समय ही दिखाई देने लगा था, लेकिन ये दोनों परिस्थितियाँ बहुत ही कम देखी गई हैं।
आम तौर पर दाँत निकलने की शुरुआत चार महीने में होती है, लेकिन हो सकता है कि तीन महीने की उम्र से ही दाँत निकलना शुरू हो जाए। दो महीने की उम्र से भी दाँत निकलना शुरू हो सकता है। जिन बच्चों में दाँत जल्दी निकलने शुरू होते हैं, उनके मसूड़ों पर सफेद उभार दिखते हैं जिन्हें प्री–टीथ कहा जाता है। यदि आपके बच्चे के केवल दो या तीन महीने की उम्र में ही दाँत निकलने शुरू हो जाते हैं, तो परेशान न होएं। यह बिल्कुल भी असामान्य नहीं है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जब बच्चा गर्भ में होता है तभी से दाँत विकसित होने लगते हैं। वास्तव में, इस समय दाँत मसूड़ों के अंदर बनते हैं। दाँत निकलने की प्रक्रिया शुरू होने पर और पहले दाँत के निकलने के बाद, सभी दाँतों को दिखने में कुछ महीने लग जाते हैं।
सबसे पहले नीचें के दाँत निकलते हैं। निचले हिस्से में दो दाँत पहले दिखाई देते हैं।
यहां शिशु के दाँत निकलने की समय–सारणी दी गई है जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए ताकि आप विभिन्न चरणों के लिए तैयार रहें–
4-7 महीने: दाँत निकलने शुरू होते हैं। सबसे पहले, दो निचले दाँत एक ही समय में दिखाई देने लगते हैं
8-12 महीने: ऊपर के बीच के दाँत उभरने लगते हैं और दिखाई देने लगते हैं
9-16 महीने: बीच में दाँत उभरने लगते हैं
13-19 महीने: बच्चे की पहली दाढ़ें ऊपर और नीचे साथ में निकलती हैं
16-23 महीने: यह तेज़ और नुकीले दाँतों के निकलने का समय है जिन्हें हम कैनाइन कहते हैं
23-31 महीने: नीचे के दूसरी दाढ़ दिखाई देने लगती है
25-33 महीने: ऊपर की दूसरी दाढ़ दिखाई देने लगती है
तीन साल तक, आपके बच्चे के लगभग 20 दाँत निकल आते हैं। 4 साल की उम्र में जबड़े और चेहरे की हड्डियां बढ़ती हैं, इस प्रकार स्थायी दाँतों के लिए जगह बनती है।
माँ होने के नाते, आप जितनी जल्दी हो सके दाँत निकलने के शुरुआती कुछ संकेतों पर नज़र रखने के लिए खुद को तैयार कर सकती हैं। इससे आप अपने बच्चे की ज़रूरत पड़ने पर मदद कर सकेंगी। तो, चलिए आपको दाँत के निकलने के निम्नलिखित तेरह संकेतों के बारे में बताते हैं जो आप अपने बच्चे में देखेंगी।
दाँत निकलना शुरू होने पर बच्चों की लार ज्यादा टपकने लगती है। यह आपके लिए पहला संकेत है। यह तब शुरू हो सकता है जब बच्चे दस सप्ताह के होते हैं। शिशु को बिब पहना कर उसे सूखा रखने की कोशिश करें। गीले कपड़े बच्चे को और अधिक परेशान करेंगे जो पहले से ही दाँत निकलने के कारण असुविधा का सामना कर रहा है।
यदि आपके बच्चे के लाल, सूजे हुए मसूड़े दिख रहे हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि आपके बच्चे के दाँत निकलने की शुरुआत हो। सूजन वाले क्षेत्र पर अपनी तर्जनी से हल्के से मालिश करके उसे कुछ राहत दे सकती हैं।
आपके बच्चे के मसूड़ों के नीचे सफेदी अगर दिख रही है तो यह संकेत है कि आपके बच्चे के दाँत निकल रहे हैं।
चिड़चिड़ापन शिशुओं में दाँत निकलने का एक और लक्षण है। उभरते हुए दाँत मसूड़ों के साथ दबते हैं, जिससे वे परेशान हो जाते हैं और चिड़चिड़े रहते हैं।
हाँ, दाँत निकलते समय बच्चे रात भर आपको जगा कर रख सकते हैं। दाँत निकलते समय की परेशानी के कारण आपका बच्चा रात भर सो नहीं पाता है।
जब बच्चे के दाँत निकलने शुरू होते हैं, तो जिस भी चीज पर हाथ पहुंच जाए वे उसे चबाने के लिए तैयार रहते हैं।
दाँत निकलते समय उन्हें जो परेशानी होती है, उसके कारण वह खाना खाने से भी मना करने लगते हैं।
कई बार बच्चों द्वारा कानों का खींचना कानों में दर्द का संकेत हो सकता है, लेकिन यह शिशुओं में दाँत निकलने के कारण भी हो सकता है।
दाँत निकलने के कारण चेहरे के पास चकत्ते भी पड़ सकते हैं (इसे ड्रिबिल रैशिस भी कहा जाता है)।
दाँत निकलने से संबंधित बेचैनी बच्चों के लिए असहनीय होती है और वे बार–बार रोते रहते हैं। यदि आप देखते हैं कि वे बहुत रो रहे हैं और आपको कारण नहीं समझ आ रहा है, तो दाँत निकलने के अन्य संकेतों पर नज़र रखें।
गाल और दाँतों की तंत्रिका पथ एक होती है। ये तंत्रिकाएं दाँत निकलने के दौरान टीस पैदा करती हैं या छूने पर दर्द कर सकती हैं। यही कारण है कि बच्चे अपने गालों को रगड़ते हैं।
कुछ बच्चों को हल्की सी खांसी होती है जब उनको दाँत निकालना शुरू होते हैं।
कुछ बच्चों को बुखार हो जाता है जब उनके दाँत निकालना शुरू होते हैं। यदि दर्द तेज़ हो जाता है, तो आपको डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
माँ होने के नाते, आपने पढ़ा होगा कि दाँत के निकलने और बुखार तथा पेट की खराबी के बीच संबंध है, और आप सोच रही होंगी की दाँत निकलने पर हमेशा बुखार और दस्त होते हैं। लेकिन,हमेशा ही दाँत निकलने पर हर बच्चे के साथ ऐसा होता है, यह मानने का कोई ठोस कारण नहीं है। बहुत सारे बच्चें को दाँत निकलने पर बुखार होता है पर कई छोटे बच्चे ऐसे भी हैं जिन को दाँत निकलते वक्त उतनी परेशानी नहीं होती है। दस्त का होना संभव हो सकता है क्योंकि बच्चा शायद कुछ ऐसी चीज को चबा या काट रहा होगा जो साफ नहीं है, जिसके कारण पाचन समस्या हो सकती है। बुखार या दस्त होने पर डॉक्टर से परामर्श करना हमेशा अच्छा होता है।
ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपने बच्चे को शांत कर सकती हैं, और दाँत निकलने से होने वाली परेशानी से राहत दे सकती हैं। चलिए हम आपको कुछ आसान सुझाव देते हैं।
बच्चे के मसूड़ों को साफ उंगली से सहलाएं। यह दर्द को शांत करने में मदद करेगा।
मसूड़ों को रगड़ने के लिए एक ठंडे थैली का उपयोग करें। यहां तक कि आप मसूड़ों में राहत देने के लिए एक ठंडे टीथिंग छल्ले या ठंडे चम्मच का उपयोग भी कर सकती हैं। सुनिश्चित करें कि जो भी आप उपयोग कर रही हों वह ठंडक से जमा हुआ नहीं हो।
यदि आपके बच्चे ने कुतरना शुरू कर दिया है और पहले से ही ठोस पदार्थों का सेवन कर रहा है, तो आप उन्हें कुछ ऐसा दे सकती हैं जिसे वे चबा सकें, जैसे कि खीरा।
लार टपकने से त्वचा पर चकत्ते पड़ सकते हैं और जलन हो सकती है। सुनिश्चित करें कि आपके पास लार को साफ़ करने के लिए एक कपड़ा हो, जिससे जलन को रोका जा सके।
शुरुआती दौर में उपचार के लिए बिना डॉक्टर के नुस्खें के मिलने वाली दर्द निवारक दवाएं हैं जिन्हें आप अपने बच्चे को देने पर विचार कर सकती हैं। एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन या एडविल आपके बच्चे को दर्द से निपटने में मदद कर सकती हैं, बच्चों के लिए मोट्रीन भी दर्द से राहत देने में मदद कर सकती है। इन दवाओं को खरीदने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना हमेशा अच्छा होता है। इसके अलावा, जिन शिशुओं के दाँत निकल रहे हैं, उनके लिए कई घरेलू उपचार हैं जो इस चरण मे तनाव को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
अपने बच्चे को ऐसा आहार दें जिससे जलन न हो। कई प्रकार के ताजे फल और सब्जियाँ खिलाना अच्छा होगा।
सुनिश्चित करें कि उसे पर्याप्त आराम मिले। एक बच्चा जो स्वस्थ भोजन खा रहा है और अच्छी तरह से सो रहा है, उसे दाँत निकलते समय उतनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली दृढ़ हो। आप अपने बाल रोग विशेषज्ञ से जाँच के बाद बच्चे के आहार में विटामिन डी पूरक भी शामिल कर सकती हैं
सुनिश्चित करें कि आप स्तनपान जारी रखें, क्योंकि इससे भी मदद मिलेगी।
मसूड़ों को राहत देने में मदद करने के लिए बच्चे को चबाने के लिए जमे हुए थैली या फिर सब्जियां दें
आप प्राकृतिक ठोस लकड़ी के खिलौने भी चबाने के लिए दे सकती हैं।
कई कारण हैं कि जिनकी वजह से कुछ शिशुओं के देरी से दाँत निकलते हैं। यदि आपके शिशु के एक वर्ष की उम्र तक दाँत नहीं निकलने शुरू होते हैं, तो यह वंशानुगत हो सकता है या खराब पोषण का परिणाम हो सकता है। हाइपरथायरायडिज्म के कारण भी शिशुओं में दाँत निकलने में देर हो सकती है। देर से दाँत निकलने शुरू होने का सही कारण जानने के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें। यह वास्तव में कोई समस्या नहीं है जिसके बारे में आपको चिंतित होने की आवश्यकता है, लेकिन यह जानना कि ऐसा क्यों हो रहा है, आपको इस देरी से निपटने में मदद करेगा।
दाँत निकलने से पहले से ही दाँतों की देखभाल अपने बच्चे की दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बनाएं। अपने बच्चे के मसूड़ों को दिन में दो बार साफ करें, विशेष रूप से दूध पिलाने के बाद, और उसे सुलाने से पहले गीले कपड़ा या रेशमी कपड़े के टुकड़े का उपयोग करें। जब पहला दाँत निकलता है, तो एक छोटे से हेड और हैंडल वाला नरम ब्रश खरीदे, जो आपके बच्चे के मुंह के अंदर आराम से जा सके। फ्लोराइड टूथपेस्ट का इस्तेमाल तभी शुरू करें जब बच्चा तीन साल का हो जाए।
जब आपका बच्चा 1 वर्ष का हो जाए, तो दंत चिकित्सक के पास जाना अच्छा होगा।
आपके बच्चे के लिए दाँत का निकलना विकास का एक प्रमुख चरण है। सुनिश्चित करें कि आप धैर्य के साथ अपने बच्चे की परेशानी से निपटें, और यह सफर आप दोनों के लिए आसान हो जाएगा।
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…