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चिकित्सा के क्षेत्र में शिशु के दांत निकलने के के समय को ‘ओडोटियासिस‘ कहते है। दांत निकलने की प्रक्रिया आम तौर पर शिशुओं में छठे से चौबीस वें महीने के बीच शुरू होती है। इस दौरान मसूड़ों से दांत निकलने लगते हैं। पहले दो दांत जो निकलते हैं, वे ऊपर और नीचे सामने की तरफ बीच में होते हैं। बाकी दांत निकलने की प्रक्रिया, बीच के दांत के दोनों तरफ आगे से पीछे की ओर शुरू होती है और अंत में दाढ़ें निकलती हैं।
दांत निकलने का तरीका
निचले और ऊपरी मध्य और पार्श्व कृन्तक दांत एक साथ जोड़े में निकलते हैं और दाढ़, भेदक दांत और दूसरी दाढ़ें एक साथ 4 के जोड़े में निकलते हैं।
दांत निकलने की प्रक्रिया में शिशु को दर्द होता है और उसे असुविधा भी होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दांत मसूड़े के ऊतक की सतह के नीचे आना शुरू कर देते हैं जिससे मसूड़े लाल, सूजे हुए और संवेदनशील हो जाते है। कुछ दांत, जैसे कि दाढ़ निकलने में अधिक दर्द होता हैं क्योंकि अन्य दातों की तुलना में उनका आकार ज्यादा बड़ा होता है।
दांत निकलने के लिए कोई विशेष संकेत या लक्षण नहीं होते हैं। ये लक्षण कुछ दिनों तक रह सकते हैं या कुछ महीनों तक रह सकते हैं अगर एक ही समय में बहुत सारे दांत निकलने लगें है । जिसकी वजह से मसूड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है क्योंकि वे अभी भी संवेदनशील होते हैं। दांत निकलने के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं –
दांत निकलने के कारण लार ज़्यादा टपकने लगती है, जिसका अर्थ है कि बच्चे के कपड़े लगातार गीले और लार से तर–बतर होते रहते हैं।
लगातार लार टपकने से शिशु के गले में ख़राश सा लग सकता है और खांसी हो सकती है। हालांकि, यह चिंता का कारण नहीं है अगर सर्दी और फ्लू के कोई अन्य लक्षण नहीं हैं तो ।
लगातार लार के टपकने से बच्चे के मुंह और ठुड्डी के आसपास की त्वचा फटने लगती है जिससे, लालिमा और चकत्ते हो सकते हैं।
दांत निकलते समय उभरते हुए दांत मसूड़े में गड़ने लगते हैं जिससे बच्चे को बेचैनी होती है।
दर्द और तकलीफ प्रत्येक बच्चे के लिए अलग होती है। जबकि कुछ आराम से इस दौर को पार कर लेते हैं, दूसरों को मसूड़ों में सूजन के कारण बहुत परेशानी होती है।
दांत निकलने की प्रक्रिया के दौरान बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और तंग करने लगते हैं क्योंकि दांत मसूड़े की सतह में गड़ते हैं।
एक रोता–बिलखता, परेशान बच्चे को दूध पिलाया जा सकता है, क्योंकि इससे उनके मुंह में कुछ होगा।
दांत निकलने में दर्द होने के कारण बच्चे की नींद बाधित हो सकती है
जिन शिशुओं के दांत निकलने शुरू होते हैं, वे अपने कान को खींचते हैं या अपनी ठुड्डी या गाल को रगड़ते हैं।
दांत निकलने के कारण होने वाली बेचैनी की गंभीरता हर बच्चे में भिन्न होती है और आप डॉक्टर से परामर्श कर सकती हैं यदि आपको लगता है कि इसके लिए किसी पेशेवर की सहायता की आवश्यकता है।
एक बार जब आप निश्चित हो जाते हैं कि दांत निकलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, तो आप दांत निकलने के कारण होने वाले दर्द और बेचैनी को कम करने के लिए शिशु के लिए कोई दवा का उपयोग कर सकती हैं –
कुछ प्राकृतिक उपचार हैं जिनका उपयोग शिशु को राहत प्रदान करने के लिए किए जा सकते हैं। आप शिशुओं के दांत निकलते समय राहत देने के लिए उनका होम्योपैथिक दवा से इलाज करने का भी प्रयास कर सकती हैं।
दांत निकलने की प्रक्रिया के कारण सूजन होती है जो मसूड़ों में नसों को उत्तेजित करती है, इसलिए सूजन को कम करने से बच्चे के दर्द को कम करने में मदद मिलेगी।
प्राचीन काल में खाए जाने वाले जंगली खाद्य पदार्थ बहुत फायदेमंद होते है। इसमें ताज़े फल और सब्ज़ियाँ, पाश्चुरीकृत मांस और कोकोनट बटर जैसे स्वस्थ वसा वाले खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फॉर्मुला दूध और माँ के दूध के अलावा बच्चे को आराम और स्वास्थ्यकर भोजन मिले।
रक्तचाप को कम करके तनाव के स्तर को कम करना। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए शिशु को ऐसे सम्पूर्ण आहार खिलाएं जिनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो।
दांत निकलने के कारण दर्द को कम करने के दो सबसे पुराने और उत्कृष्ट इलाज हैं ठंडे पदार्थ और मसूड़ों को दबाना। थोड़ा बर्फ याठंडे कपड़े को मसूड़ों पर लगाकर दबाने से दर्द कम होता है और सूजे हुए मसूड़ों में राहत मिलती है।
शिशुओं को दांत निकलने की समस्याओं से राहत देने के लिए होम्योपैथिक दवाएं मसूड़ों की लालिमा, सूजन और दर्द से राहत दिलाती हैं और यह शिशु को शांत रखने का एक बेहतर तरीका है।
ऐसी कुछ दवाएं हैं जो सिर्फ डॉक्टरों द्वारा दी जाती हैं यदि दांत निकलने से जुड़ी समस्याएं बहुत गंभीर हों तो । दांत निकलने के चरण के आधार पर ही बच्चों को, विशिष्ट दवाएं दी जाती हैं।
यदि घरेलू उपचार ज़्यादा मदद नहीं कर रहा हैं, तो आप बच्चे को कुछ बिना नुस्खे की दवाएं दे सकती हैं। यदि दांत निकलते समय शिशु की अवस्था गंभीर है, तो आपको किसी भी दवा को देने से पहले अपने बच्चे की बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा जांच करानी चाहिए।
यदि आप अपने बच्चे को कुछ गतिविधियों में व्यस्त रख सकती हैं, तो वे थोड़ी देर के लिए दर्द के बारे में भूल जाएंगे।
ऐसे बच्चे को कैसे आराम दिया जाए जिसके दांत निकल रहे हों? दांत निकलने के कारण होने वाले दर्द को शांत करने के कई तरीके हैं और घरेलू उपचार भी हैं जिनका उपयोग आप कर सकती हैं अगर आप बच्चे को दवा नहीं देना चाहते हैं तो ।
फ्रीजर में कपड़े के टुकड़े को रख कर ठंडा करने के बाद आप उसे बच्चे को चबाने के लिए दे सकती हैं।
दांत निकलने के कारण होने वाले दर्द को कम करने के लिए बच्चे को ठंडे चम्मच पर जमे फल या सब्जियाँ चबाने को दें।
लकड़ी का खुरदरापन शिशु के दांत निकलने के कारण होने वाले दर्द को कम करता है।
आप सूजे हुए मसूड़ों परसाफ उंगली रगड़ सकती हैं, इससे अस्थायी रूप से दर्द कम हो जाएगा। यह एक आम उपाय है जो आम तौर पर अधिक समय तक राहत नहीं देता है।
बाज़ार में दांत निकलने के कारण होने वाले दर्द को कम करने के लिए बिस्कुट उपलब्ध हैं, जो दर्द से रहत देने में मदद करते हैं। यह मीठा नहीं होता और उन बच्चों के लिए काफी उपकारी होता हैं जिन्हें हमेशा कुछ चबाने के लिए चाहिए।
यदि आप एक फीडिंग बोतल को उल्टा रख कर फ्रीज करती हैं, तो निप्पल के पास जो बर्फ बनती है उसके कारण निप्पल थोड़ा सख़्त हो जाता है। यदि आपका बच्चा दर्द के कारण रोने लगे तो आप उसे निप्पल चबाने के लिए दे सकती हैं।
केले उन बच्चों के लिए बहुत अच्छे होते हैं जिनके दांत निकल रहे हों क्योंकि केले नरम होते हैं और बच्चे के गले में फंसते नहीं हैं।
गाजर एक और सब्ज़ी है जिसे शिशुओं को दिया जा सकता है क्योंकि वे चबाने में काफी कड़ी होती हैं और उससे आपके बच्चे को राहत मिलेगी जब उनके दांत निकल रहे हों। सुनिश्चित करें कि जब आपका बच्चा गाजर चबा रहा हो तो आप हमेशा उसके आस–पास हों क्योंकि आपका बच्चा गाजर निगल सकता है जिससे उसके गले में गाजर फंसने का खतरा हो सकता है।
सेब का ठंडा सॉस भी दांत के दर्द में आराम देता है और जिस बच्चे के दांत निकल रहे हों उसको शांत करने का यह एक शानदार तरीका है।
अपने बच्चे के मसूड़ों पर थोड़ा वैनिला का अर्क रगड़ना भी मददगार हो साबित हो सकता है। वैनिला का स्वाद भी बच्चे को पसंद आएगा।
अदरक दांत निकलने के कारण होने वाले तेज दर्द को रोकने के लिए एक शानदार उपाय के रूप में काम करता है क्योंकि बच्चे को कड़े अदरक को काटने और चबाने से दर्द में राहत मिलती है।
प्रत्येक बच्चे के लिए दांत निकलने की प्रक्रिया भिन्न होती है। जबकि कुछ शिशुओं में, पहला दांत 6 महीने में निकल आता है, तो कुछ बच्चों में पहले जन्मदिन तक दांत निकलने में देरी हो सकती है। पूरी प्रक्रिया में लगभग 2 साल लग सकते हैं।
दांत निकलने की समयरेखा (लगभग) –
दांत निकलने की प्रक्रिया में प्रति दांत लगभग एक सप्ताह तक चलती है, यह पहले दांत के ऊपर आने से कुछ दिन पहले शुरू होती है और आखिरी दांत के निकलने के कुछ दिनों बाद तक चलती है।
शिशु और उसकी देखभाल करने वाले लोगों, दोनों के लिए शिशु के दांत निकलने की अवस्था एक कठिन चरण है, लेकिन यह बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास अवस्था भी है। बच्चे की जरूरतों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण होना और इस चरण को क्षणिक और जरूरी मान कर आप अपनी किसी भी चिंता को कम कर सकती हैं।
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