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कान में मैल की थोड़ी-बहुत मात्रा जमा होना एक सामान्य बात है, लेकिन कई माताओं को शिशुओं के कानों की सफाई के बारे में चिंता होती है। बच्चों के कान के परदे फटने के जोखिमों के बारे में पता होने पर, कई माएँ स्वयं इसे साफ करने के बारे में अनिश्चित होती हैं। जब शिशु के कान साफ करने की बात आती है तो सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। इसके लिए ऐसे कई तरीके उपयोग में लाए जा सकते हैं, जो सुरक्षित और समझने में आसान हैं।
कान का मैल (ईयरवैक्स), जिसे कर्णमल के रूप में भी जाना जाता है, एक चिपचिपा पदार्थ है, जो कान के अंदर उत्पन्न होता है। इसमें मृत त्वचा कोशिकाएं होती हैं और इसे कान की परत में स्थित ग्रंथियों द्वारा स्रावित किया जाता है। कान का मैल तकलीफदेह होने पर भी, वास्तव में बच्चे के शरीर विज्ञान की सामान्यता का संकेत है। इसके अलावा, कान के मैल का स्राव, पानी या बाहरी संक्रमण को अंदर जाने से रोकने के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया है।
हालांकि बच्चों और वयस्कों में कान के मैल का अधिक स्राव हो सकता है, पर शिशुओं में अत्यधिक कर्णमल आमतौर पर असामान्य है। दोनों कानों में मैल की मात्रा हमेशा समान नहीं होती है और एक कान में दूसरे की तुलना में अधिक मैल हो सकता है। स्वस्थ कान के मैल के लिए सामान्य नियम यह है कि आपके बाल रोग विशेषज्ञ को मैल के पार स्पष्ट रूप से कान के परदे को देखने में सक्षम होना चाहिए। यदि कर्ण नलिका कड़े मैल द्वारा पूरी तरह से अवरुद्ध है या बच्चे को पीले रंग की पपड़ी वाले मैल के कारण बेचैनी हो रही है, तो यह एक समस्या हो सकती है।
जब बच्चे कानों में पीड़ा अनुभव करते हैं, तो वे अपने कान रगड़ना और खींचना शुरू कर देते हैं और यहां तक कि खुजलाने या पीड़ा से राहत पाने के लिए अपनी उँगली कान के अंदर डालते हैं। यह कान की की पीड़ा के प्रति एक सामान्य प्रतिक्रिया है। हालांकि कान के मैल के कारण बुखार या नींद की समस्या नहीं होती, क्योंकि यह मानव शरीर में होने वाला एक सामान्य स्राव है।
कान के मैल की मात्रा ज्यादा होने पर इसे कान में आसानी से देखा जा सकता है। कभी-कभी, कान के अंदर से थोड़ा सा भूरे रंग का तरल पदार्थ भी निकल सकता है। यदि आपके बच्चे को दर्द हो रहा है, या कान का मैल सामान्य से अलग लग रहा है, तो यह संभव है कि कान में दर्द संक्रमण के कारण है। संक्रमण का स्पष्ट संकेत तेज बुखार या बच्चे के कान से निकलने वाले दूधिया सफेद रंग के मवाद से मिलता है। इसका मतलब कान के परदे में छेद भी हो सकता है, जो कि शिशु के कान में मैल के स्राव के कारण तेज दर्द और परेशानी का कारण बन सकता है। अन्य बातों के साथ-साथ, यदि आपका शिशु लेटने पर चिड़चिड़ाने लगता है और रोने लगता है, उसे दस्त भी होते हैं, तो ये सब कान के संक्रमण के संकेत हैं और आपको बच्चे को जल्द से जल्द बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।
कान के मैल का बनना बालों के विकास के समान मानव शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं में से एक है। शिशु के कान, परदे के लिए सुरक्षा तंत्र के रूप में हर समय मैल उत्पन्न करते हैं। एक बार उत्पन्न होने के बाद, ईयरवैक्स को धीरे-धीरे कर्ण नलिका के माध्यम से कान से बाहर सरका दिया जाता है। यह कर्ण नलिका के अंदर बेहद छोटे, बालों जैसी संरचनाओं द्वारा किया जाता है, जिन्हें सिलिया कहा जाता है।
चूंकि कान के अंदर की त्वचा की वृद्धि भी बाहर की ओर होती है, मैल कर्ण नलिका से बाहर आ जाता है। आम तौर पर कान का मैल चिपचिपा तथा थोड़ा तरल होता है और शिशु द्वारा पर्याप्त तरल पदार्थों के सेवन के अभाव में यह सघन हो सकता है। इसी तरह, जब इस मैल को बाहर धकेलने की प्राकृतिक प्रक्रिया में रुई के फाहे से कान साफ करने के प्रयास से बाधा डाली जाती है, तो यह क्रिया प्रायः मैल को वापस कर्ण नलिका में अंदर तक धकेल देती है। इससे मैल इकठ्ठा होने लगता है, जिसके परिणामस्वरूप कर्ण नलिका में रुकावट होती है।
यहाँ कुछ तरीके हैं, जिनसे आप बच्चे के कान के मैल को घर में ही साफ कर सकती हैं। यदि आप सोच रही हैं कि बच्चे के कान साफ करने में किसकी आवश्यकता होगी, तो जवाब यहाँ है।
मैल हटाने का सबसे अच्छा तरीका एक वाशक्लॉथ यानि एक नरम मुलायम कपड़े और गर्म पानी का उपयोग करना है।
कैसे करें: वाशक्लॉथ को गर्म पानी से गीला करें। फिर, इससे शिशु के कान के बाहरी भाग को पोंछ दें, ताकि बाहर निकले मैल को धीरे-धीरे साफ किया जा सके। मैल का अधिकांश हिस्सा अपने आप निकल जाएगा। शेष को पोंछा जा सकता है। कर्ण नलिका के अंदर कपडे न डालें। बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं और उनसे बच्चे के कानों की जांच करवाएं। बाल रोग विशेषज्ञ एक छोटे उपकरण का उपयोग करके कान के अंदर के मैल को बाहर निकाल सकते हैं।
यदि जमाव और भी गहरा है, तो आपको ईयर ड्रॉप का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। ईयर ड्रॉप डालने से पहले, सुनिश्चित करें कि वह बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा सुझाया गया हुआ हो। बच्चे को शांत करें और उसे किसी गतिविधि में व्यस्त रखें, अन्यथा ऐसा समय चुनें, जब आपका बच्चा आमतौर पर शांत रहता हो और आराम कर रहा हो। अपनी हथेलियों में ईयर ड्रॉप्स की बोतल को पकड़ें ताकि बोतल को हलकी सी गर्माहट मिले। बंद कान को अपनी ओर करते हुए बच्चे को अपनी गोद में लिटाएं। एक आईड्रॉपर का उपयोग करें और इसे बोतल के सोल्यूशन से भरें।
ड्रॉपर को बच्चे के कान के पास रखें, और धीरे-धीरे ड्रॉप डालें, जब तक कि बच्चे की कर्ण नलिका पूरी तरह से भर न जाए। कान के अंदर सोल्यूशन के ठीक से ठहरने तक कुछ मिनट प्रतीक्षा करें। बच्चे को अजीब सी सनसनी महसूस हो सकती है, इसलिए उसे शांत रखने का प्रयास करें। ईयर ड्रॉप कान की नलिका में मैल को नरम करता है, जो बाद में कान से बाहर निकल आता है। गर्म पानी में एक नरम कपड़ा गीला करें, और अतिरिक्त बूंदों और कान से बहने वाले मैल को साफ करें। इस इलाज को कम से कम तीन से पाँच दिनों तक दोहराया जाना चाहिए। एक बार जब यह हो जाए, तो बच्चे को नहलाते समय, बंद कान में एक रबर ड्रॉपर की मदद से गुनगुने पानी की धारा छोड़ें। उसके कान से बड़ी मात्रा में मैल निकलेगा, जिससे कान की नलिका खुल जाएगी।
यह कपड़े का उपयोग करने के समान है। पेरोक्साइड तेल या गर्म पानी से गीला करके फाहे का प्रयोग करें और ऊपर लिखित प्रक्रिया का पालन करें।
ऊपर बताए गए किसी भी तरीके का इस्तेमाल करके बच्चे के कानों को साफ किया जा सकता है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि क्या नहीं करना है।
बच्चे के कानों की सफाई का मुख्य नियम माता-पिता को रुई के फाहे (कॉटन बड) का उपयोग करने से दूर रहने के लिए कहता है। वे सुविधाजनक और साफ लग सकते हैं, लेकिन उनसे कर्ण नलिका के अंदर मैल बढ़ता है। यह समस्या को बिगाड़ता है और मैल को जमा देता है, जिससे नली में रुकावट हो जाती है। इसी प्रकार उँगलियों का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए। कर्ण नलिका के अंदर किसी भी चीज को डालने से मैल का जमाव हो सकता है या कान के परदे को नुकसान पहुँच सकता है, यहाँ तक कि वह फट भी सकता है। अगर मैल की समस्या बढ़ने लगे, तो बेहतर है कि बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार बेबी ईयरवैक्स ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
कपड़े और गर्म पानी की सामान्य तकनीकों के अलावा, अन्य घरेलू उपचार भी हैं जो कानों के मैल को साफ करने में उपयोगी होते हैं।
नमक के पानी का उपयोग कान के मैल को नरम करने और इससे छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका है।
ड्रॉपर से बेबी ऑइल या जैतून के तेल का इस्तेमाल करके और कान को रुई से ढककर कान के मैल को नरम एवं बहावदार बनाया जा सकता है।
कई बार, सिरके और रबिंग एल्कोहल का प्रयोग मैल हटाने के साथ-साथ कान के संक्रमण को रोकने के लिए भी किया जाता है।
पानी का घोल और 10 प्रतिशत बेकिंग सोडा, कान के मैल से छुटकारा पाने का एक पुराना उपचार है।
मैल हटाने के लिए ग्लिसरीन का उपयोग करना एक लोकप्रिय उपाय है, क्योंकि इसकी चिकनाई और नमी वाली प्रकृति कड़े मैल को ढीला करने में मदद करती है।
सभी घरेलू उपचार आपके बच्चे के लिए फायदेमंद नहीं हो सकते। प्रयोग करने से पहले हमेशा बाल रोग विशेषज्ञ से इसकी पुष्टि कर लेना अच्छा होता है।
यह जितना सरल लग सकता है, उतना आसान है नहीं और थोड़ी सी भी गलती आपके शिशु को तेज दर्द दे सकती है। शिशु के कान की देखभाल को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
माता-पिता अक्सर सोचते हैं कि बच्चे के कान कितनी बार साफ करने चाहिए। यदि मैल के अत्यधिक जमा होने पर आप इन उपायों से मैल हटाने में असमर्थ हैं, तो बाल रोग विशेषज्ञ के पास जाएं। इसके अलावा, अगर संक्रमण के लक्षण हैं जैसे कि दूधिया तरल पदार्थ की निकासी, कान दर्द, बुखार या यहाँ तक कि मोम को हटाने के बाद सुनने में हानि, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें।
बच्चे के कान का मैल तब तक नुकसानदायक नहीं है जब तक कि यह असामान्य मात्रा में इकट्ठा न हो जाए या संक्रमित न हो जाए। सुरक्षित ढंग से और सावधानीपूर्वक घरेलू उपायों का इस्तेमाल करके बच्चे के कान साफ करना हमेशा फायदेमंद होता है। यदि कुछ भी असामान्य लगता है या आप कोई अलग उपाय करना चाहते हैं, तो पहले बाल रोग विशेषज्ञ से मिलकर उनकी राय लें।
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