बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों के खाने और न्यूट्रिशन से जुड़ी आम चिंताएं

जब बच्चा बड़ा होने लगता है तो उसकी खाने की आदत और जरूरतें बदल जाती हैं। पेरेंट्स होने के नाते आपको चिंता होना स्वाभाविक है। छोटे बेबी से लेकर प्रीस्कूलर तक के लिए भोजन और न्यूट्रिशन की आम चिंताओं के बारे में जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। 

क्या आप छोटे बच्चे, टॉडलर या प्रीस्कूलर के पेरेंट्स हैं? क्या आप अपने बच्चे के लिए जो भोजन पकाती हैं उसमें मौजूद न्यूट्रिशन के बारे में नहीं जानती हैं? क्या आप बच्चे के लिए खाना पकाने से पहले खाद्य पदार्थों के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहती हैं? यहाँ पर खाने और न्यूट्रिशन की बताई हुई सामान्य चिंताओं से आपको बच्चे के लिए सही आहार की जानकारी होगी। 

छोटे बच्चों और टॉडलर के लिए आम चिंताएं

कमियां

  1. विटामिन डी की कमी: ब्रेस्ट मिल्क में बहुत थोड़ा विटामिन डी होता है। इसलिए यदि आप बच्चे को दूध पिलाती भी हैं तो भी आपको उसमें विटामिन डी की कमी की चिंता होती होगी। विटामिन डी की कमी से बच्चे की सॉफ्ट हड्डियों का विकास उचित प्रकार से नहीं हो पाता है। बच्चे को थोड़ी देर के लिए धूप में रखने से उसे पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल सकता है।
  2. आयरन की कमी: बच्चे के बढ़ने के साथ ही उसे ज्यादा आयरन की जरूरत होगी। लगभग 4 महीने के बाद बच्चे के लिए ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद आयरन पर्याप्त नहीं होगा। इस समय आपको उसे आयरन फोर्टिफाइड बेबी फूड खिलाना चाहिए ताकि शरीर में आयरन की आवश्यकताएं पूरी हो सकें। टॉडलर की उम्र तक यदि बच्चा 3 कप से ज्यादा दूध पीता है तो उसे एनीमिया होने की संभावनाएं अधिक है। इसका कारण यह है कि दूध अन्य डायटरी आयरन युक्त स्रोतों की जगह ले लेता है। इसके अलावा आप उसकी डायट में फल और सब्जियां भी शामिल करें।
  3. कैल्शियम की कमी: कैल्शियम की कमी से जीवन के बाद के दिनों में ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। आप इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को फ्रेश खाने में पर्याप्त कैल्शियम मिल रहा है। बच्चों के लिए दूध और दूध के प्रोडक्ट्स में सबसे ज्यादा कैल्शियम होता है। पर यह भी ध्यान रखें कि दूध के अलावा बच्चा कैल्शियम युक्त अन्य खाद्य पदार्थ भी खाए ताकि उसकी डायट संतुलित रह सके और आप उसे आवश्यक मात्रा में दूध व दूध से बने प्रोडक्ट्स भी दें, जैसे चीज़, दही, बटरमिल्क, लस्सी आदि।

प्रीस्कूलर के लिए आम चिंताएं

प्रीस्कूल की उम्र तक बच्चे की खाने की आदतें बदल जाती हैं क्योंकि इस समय वह अपनी पसंद के खाद्य पदार्थ खाना शुरू कर देता है। उसे पता है कि वह अपनी प्लेट में क्या चाहता है और क्या नहीं चाहता है। इस दौरान आपको कुछ आवश्यक न्यूट्रिएंट्स की कमी के साथ अन्य कई चिंताएं भी हो सकती हैं, जैसे; 

1. सब्जी और फल खाने पर नखरे करना

 इस समय बच्चा मैक्रोनी, चीज़, टोस्ट और आलू बहुत खाता है। वैसे डॉक्टर के अनुसार यह एक चरण है जिसमें आप बच्चे के खाने में कुछ ट्रिक का उपयोग कर सकती हैं, जैसे; 

  • भोजन के लिए बच्चे के साथ जबरदस्ती न करें
  • बच्चे को आलू के बजाय शकरकंद खिलाएं।
  • स्नैकिंग के समय पर उसके लिए विभिन्न प्रकार के फलों के स्नैक्स बनाएं।

2. मीठा और जंक फूड खाना

यदि बच्चे को मीठा खाना पसंद है और वह पेस्ट्री और केक खाने की जिद करता है तो उसे विकास से संबंधित कई आवश्यक न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाएंगे। आप मीठे की क्रेविंग के सप्लीमेंट में निम्नलिखित चीजें कर सकती हैं, जैसे;

  • बच्चे को फल, कम फैट युक्त पुडिंग या एंजेल केक दें।
  • उसके स्नैक्स में प्रेट्ज़ेल और बटर-रहित पॉपकॉर्न शामिल करें।

यदि बच्चे को कोई भी नया खाद्य पदार्थ खिलाने के बारे में आपको कोई भी शंका है तो डॉक्टर से सलाह लेना सही रहता है। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को सही भोजन खिलाने से उसका विकास उचित प्रकार से होता है और वह सही समय पर डेवलपमेंटल माइलस्टोन पूर्ण करता है। 

यह भी पढ़ें: 

बच्चों की लंबाई बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम आहार
गर्मियों में बच्चों के लिए 10 हेल्दी और आसान ड्रिंक्स
बिना गैस जलाए बच्चे बना सकते हैं ये 15 टेस्टी रेसिपीज

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

4 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

4 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

4 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

6 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

6 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

6 days ago