In this Article
सुपर मार्केट से खरीदे जाने वाले खाद्य पदार्थ रेडी–टू–यूज़ यानि आसानी और जल्द ही तैयार हो जाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं। बस तैयार पाउडर को पानी में मिलाएं और आपका काम हो गया! लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि शिशु के लिए दुकानों से खरीदे गए डिब्बाबंद उत्पादों का उपयोग करना आपके बच्चे के पोषण की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा समझौता है? हम सभी जानते हैं डिब्बाबंद खाद्य के विपरीत घर पर ताजा पका हुआ भोजन के लाभ के बारे में । तो क्यों न हम नन्हे शिशुओं लिए भी घर का बना सेरेलेक या जिसे हम साथु–मावु भी कहते हैं वो बनाए जो कि उतना ही स्वादिष्ट और उससे भी ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक हो । आइए, और जानते हैं ।
इस व्यंजन के स्वास्थ्य लाभ इतने प्रसिद्ध हैं कि तमिल के लोग इसे साथु मावु कहते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ है “स्वस्थ आटा”। जैसा कि नाम से पता चलता है, साथु मावु या होम मेड सेरेलेक – आपके बच्चे के लिए ताजा सामग्रियों से घर पर ही तैयार किया हुआ स्वादिष्ट आहार है। यह इतना स्वादिष्ट और पौष्टिक होता हैकि, वयस्क भी इसका सेवन कर सकते है। 6 माह से अधिक आयु तक के शिशुओं को यह स्वादिष्ट भोजन दिया जा सकता है।
इसका गाढ़ापन दलिया या पॉर्रिज की तरह होता है, जिसे आप अपने स्वादानुसार फलों की प्यूरी, सीरियल, विभिन्न प्रकार की दालों और अनाज के साथ भी बना सकते हैं। इस व्यंजन को बनाने के लिए यह एक टिप है – आप साथु–मावु के पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए उसमे डाली जाने वाली कुछ सामग्रियों को पहले से ही रातभर पानी में भिगोकर स्प्राउट के रूप में तैयार कर सकते हैं।
इस व्यंजन को विभिन्न सामग्रियों के साथ मिलाकर अनगिनत तरीकों से तैयार किया जा सकता है इसलिए बच्चे अक्सर इसका सेवन करना पसंद करते हैं।
सामग्री | पोषण संबंधी जानकारी |
गेहूं का दलिया | यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और मैग्नीशियम से भरपूर होता है। |
बादाम | इसमें वसा, प्रोटीन, कैल्शियम और मैग्नीशियम की अधिक मात्रा मौजूद है। |
चावल | यह फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है। |
मक्का | इसमें उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व विटामिन ‘बी6’ मौजूद हैं और यह एक एंटीऑक्सीडेंट भी है। |
काली उड़द की दाल | यह प्रोटीन और विटामिन ‘बी’ से परिपूर्ण खाद्य पदार्थ है। |
काजू | यह स्वास्थ्यवर्धक वसा, मैग्नीशियम, विटामिन ‘बी6’, और प्रोटीन से परिपूर्ण है। |
इलायची | यह फाइबर और लौह तत्व से भरपूर है । |
साबूदाना | इसमें कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी उच्च मात्रा में होती है। |
चने की दाल | इसमें प्रोटीन की मात्रा ¼ होती है और यह लौह तत्व, कैल्शियम व मॉलिब्डेनम का अच्छा स्त्रोत है। |
मसूर की दाल | प्रोटीन, फाइबर, लौह तत्व और फोलेट से भरपूर है । |
हरा चना | यह प्रोटीन, फाइबर–युक्त आहार, लौह तत्व और मैग्नीशियम से भरपूर है । |
स्रोत: https://www.mylittlemoppet.com/sathu-maavu-powder-for-babies/
बेशक, पैक किए गए उत्पाद थोक में उपलब्ध होते हैं और आसानी से बनाए भी जा सकते हैं लेकिन घर पर बनाए हुए व्यंजन से बेहतर कुछ नहीं होता । बाजार में उपलब्ध पैक किए हुए खाद्य पदार्थों के कुछ हानिकारक तथ्य निम्नलिखित हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए और यह अपने बच्चे को देने से बचें:
प्रेज़रवेटिव और रसायन: अपने बच्चों को प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खिलाने के साथ–साथ, हम उन्हें प्रेजर्वेटिव और अन्य रसायन भी खिला रहे हैं। प्रेजर्वेटिव खाद्य पदार्थ के डिब्बों में उन हानिकारक प्रभावों का उल्लेख नहीं होता है जो सीधे बच्चों की आंतों को प्रभावित करते हैं। सोडियम लॉरेल सल्फेट (एस.एल.एस.) जैसे रसायन त्वचा में जलन पैदा करते हैं, खनिज (मिनरल) तेल पूर्णावरोधक होने के कारण त्वचा के छिद्रों को बंद करने में सक्षम है और इत्यादि। यदि हम जो भी खाते हैं उसके लिए सचेत हैं, तो यही सिद्धांत हमें अपने बच्चों के लिए भी अपनाना चाहिए।
भंडारण/स्टोरेज के तरीके: किसी को भी स्पष्ट रूप से यह पता नहीं होता है कि हमारे रसोई तक पहुँचने से पहले, शिशु का भोजन कैसी स्थितियों में पैक किया गया है। यह सोचना गलत होगा कि डिब्बे में पैक किया हुआ भोजन सुरक्षित है। आप सोचकर परेशान भी हो सकती हैं किंतु इसके विनिर्माण प्रक्रिया, स्टोरेज या शिपिंग के दौरान यह दूषित भी हो सकता है।
एलर्जी: कुछ सामग्री से बच्चों को एलर्जी होने की संभावना हो सकती है। दूध, मेवा, ग्लूटेन और अंडे ऐसे तत्व हैं जिनसे शिशुओं को आमतौर पर एलर्जी होने की संभावना होती है। पैक किए हुए भोजन में सभी सामग्रियां मिश्रित होने के कारण उसकी मात्रा और उपलब्धता का पता लगाना कठिन होता है। इसके विपरीत, शिशु के लिए घर पर भोजन तैयार करते समय, उपयुक्त सामग्रियों का उपयोग आसानी से किया जा सकता है।
अंततः घर पर बने माँ के हाथ का भोजन पैक भोजन से बढ़ कर होता है और साथ ही यह सुरक्षित, पौष्टिक और सस्ता भी होता है। घर का बना भोजन शुरू से ही सही खान–पान की आदतों को भी जन्म देता है।
साथु–मावु या घर में तैयार किया हुआ सेरेलेक के लाभ निम्नलिखित हैं, जो आपके बच्चे के लिए अत्यधिक लाभदायक हो सकते हैं:
साथु–मावु की विधि में सरल सामग्रियों का उपयोग किया जाता है जो अक्सर आपकी रसोई में ही मौजूद रहती हैं।
सामग्री
विधि
घर पर सेरेलेक बनाते समय, कुछ चीजें ध्यान में रखना आवश्यक है, वे इस प्रकार हैं:
शिशुओं के लिए साथु–मावु तैयार करने हेतु निम्नलिखित सरल चरणों का पालन करें:
चरण 1: 1 कप पानी में 2 बड़े चम्मच साथु–मावु का पाउडर मिलाएं।
चरण 2: गर्म करते समय, मिश्रण को लगातार चलाते रहें ताकि वह बर्तन में न चिपके।
चरण 3: इसे धीमी आंच पर लगभग 10 मिनट तक पकाएं। सुनिश्चित करें कि चावल और दाल अच्छी तरह से पक चुका है।
चरण 4: मीठा व्यंजन बनाने के लिए इसमें गुड़ मिलाएं या नमकीन बनाने के लिए आप इसमें नमक भी मिला सकती हैं।
उपयोगी सुझाव
बच्चे को साथू–मावु खिलाते समय, नीचे दिए हुए कुछ महत्वपूर्ण सुझावों को ध्यान में रखें:
स्टोर करने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखें:
हाँ, यह शिशुओं को दिया जा सकता है और आप बिना किसी संकोच के ऐसा कर सकती हैं। घर पर बने सेरेलेक की खास बात यह है कि इसे आपके बच्चे की आवश्यकताओं के अनुकूल ही बनाया जा सकता है। इसकी नर्म बनावट, इसे बच्चे के लिए माँ के दूध से ठोस भोजन में परिवर्तन करने काएक अच्छा विकल्प बनाती है। छह महीने के बच्चे के लिए घर के बने सेरेलेक में मूंग या मसूर जैसी मूल दालें और चावल व गेहूँ जैसे अनाज होने चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें प्रोटीन होता है और मांसाहारी भोजन की तुलना में यह पाचन तंत्र पर हल्का होता है।
घर में पकाया हुआ भोजन खाने की आदत आपके बच्चे के लिए सराहनीय है। इससे बच्चे में विभिन्न फलों, सब्जियों, चने, दालों और अनाज जैसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थ को खाने की आदत डाली जा सकती है । यह न केवल किफायती है, बल्कि स्वास्थ्य के अनुकूल भी है। शिशु के लिए पहला भोजन बनाने की यह पारंपरिक भारतीय पद्धति दुनिया भर में प्रचलित है।
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…