बच्चों के लिए 10 अद्भुत फन फैक्ट्स जानवरों के बारे में

बच्चों के लिए 10 अमेजिंग फन फैक्ट्स एनिमल्स के बारे में

हमारे पृथ्वी में एनिमल्स और प्लांट्स इतने सारे हैं कि जिनके बारे में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पता होना चाहिए। एनिमल्स के फैक्ट्स जानने से बच्चों को उन्हें और अच्छी तरह जानने में मदद मिलती है। पेरेंट्स होने के नाते आपको जानवरों के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करके अपने बच्चों को जरूर देनी चाहिए। यदि आप अपने बच्चे को एनिमल्स के अद्भुत व फन फैक्ट्स बताना चाहते हैं तो यहाँ पर कुछ जानवरों के अद्भुत व फन फैक्ट्स दिए हुए हैं, जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें। 

कुछ एनिमल फन फैक्ट्स जो बच्चों को जरूर जानना चाहिए 

जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है वह अपनी किताबों में पढ़कर, टीवी में देखकर और चिड़ियाघर या जंगल सफारी में जाने के बाद कई जंगली और पालतू जानवरों के बारे में जानना चाहिए। जानवरों के बारे में कुछ फैक्ट्स जानने से बच्चों के अनुभव अधिक वास्तविक और अच्छे बनते हैं जो उन्हें हमेशा जीवनभर याद रहते हैं। आप जानवरों के बारे में नीचे दी हुई जानकारी अपने बच्चे को दे सकते हैं जिससे उनकी नॉलेज बढ़ेगी। 

1. टाइगर (बाघ)

  • एक टाइगर जब पूरी तरह से विकसित हो जाता है तो उसकी लेंथ 11 फीट और वजन लगभग 300 किलोग्राम तक होता है। 
  • यह क्यूट एनिमल, बिल्लियों की फैमिली में सबसे बड़ी प्रजाति का है। 
  • टाइगर बेहतरीन स्विमर होते हैं और ये 6 किलीमीटर तक स्विम कर सकते हैं। 
  • टाइगर एक अकेला शिकारी है जो रात में भी साफ देख सकता है और अंधेरे का फायदा उठाकर रात में शिकार करता है। 
  • टाइगर अपने परिवार के लिए खाने की तलाश में 65 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड तक दौड़ सकता है। 
  • इसी प्रकार से यह शिकार के दौरान 5 मिटर ऊपर तक उछल सकता है। 
  • भारत, चीन, रूस और इंडोनेशिया में रॉयल बंगाल टाइगर, साइबेरियन टाइगर, सुमतारन टाइगर और इंडोचाइनीज टाइगर पाए जाते हैं। 
  • टाइगर के बच्चे 2 साल की उम्र तक अपनी माँ के पास ही रहते हैं। 
  • शहर बसाने के लिए जंगलों के काटने और शिकार करने की वजह से टाइगर की कई उप-प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं या खतरे में हैं।
  • टाइगर के झुंड को ‘एम्बुश’ या ‘स्ट्रीक’ कहते हैं। 
  • टाइगर की दहाड़ लगभग 2 मील दूर तक सुनी जा सकती है। इसके अलावा टाइगर फुफकार मार सकता है, गुर्रा सकता है और कराह सकता है। 

2. डॉग्स

  • शुरू से ही डॉग्स को बहुत ईमानदार जानवर माना जाता है व यह इंसानों की बहुत मदद करता है। यह इंसानों की शारीरिक व मानसिक रूप से सुरक्षा भी करता है। 
  • पूरी दुनिया में लगभग 400 मिलियन से भी ज्यादा डॉग्स हैं। 
  • डॉग्स बहुत उपयोगी होते हैं, वे फार्म का काम कर सकते हैं, सुरक्षा प्रदान करते हैं, शिकार कर सकते हैं और यहाँ तक कि वे विकलांगों को गाइड भी करते हैं। डॉग्स में केयर और प्यार की समझ होती है इसलिए वे बच्चों और बुजुर्गों के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। 
  • डौग्स में लेबराडौर, गोल्डन रिट्रिवर, बुल्डॉग, जर्मन शेफर्ड, ग्रेहाउंड, सेंट बर्नार्ड, ग्रेट डेन,चिहुआहुआ और इत्यादि डॉग्स की प्रजातियां काफी लोकप्रिय हैं। 
  • इंसानों से इमोशनल कनेक्शंस की वजह से डॉग्स उनके सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। यह जानवर बहुत ईमानदार होते हैं और अपने मालिक के साथ पूरी जिंदगी बिता सकते हैं। 
  • इंसानों की तुलना में डॉग्स ज्यादा बेहतर सुन सकते हैं और वे चार गुना ज्यादा दूर तक कि आवाज सुन सकते हैं। 
  • डॉग की आयु उसकी प्रजाति के अनुसार होती है जो लगभग 10 से 14 साल के बीच है। 
  • डॉग्स की सूंघने की शक्ति भी अधिक होती है जिसकी वजह से वे विभिन्न प्रकार की गंध को समझ सकते हैं। इस कारण से पूरी दुनिया में एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड व पुलिस डॉग्स का उपयोग ड्रग्स और हथियार सूंघने के लिए करती है। 
  • साइंटिस्ट द्वारा दिए गए प्रमाणों के अनुसार डॉग्स को पिछले 15000 सालों से पाला जाता है और उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। 
  • पले हुए डॉग्स ओमनिवोर्स होते हैं क्योंकि वे ग्रेन्स, सब्जियां और मीट भी खा सकते हैं। 
  • डॉग्स बहुत ज्यादा इमोशनल होते हैं और यदि वे अपने मालिक को किसी और व्यक्ति या एनिमल के साथ फ्रेंडली होते हुए देखते हैं तो उन्हें परेशानी होती है। 

3. डॉल्फिन

  • डॉल्फिन मछली की नजर और सुनने की क्षमता बहुत अच्छी होती है जिसकी वजह से वे इकोलोकेशन का उपयोग करके चीजों की जगह का पता बेहतर तरीके से लगा पाती हैं। 
  • डॉल्फिन एक दूसरे से संपर्क करने के लिए व्हिस्लिंग, क्लिकिंग और अन्य आवाजों का उपयोग करती हैं। 
  • किलर व्हले या औरका एक प्रकार की डॉल्फिन ही है। 
  • मेल (नर) डॉल्फिन को बुल यानि बैल कहा जाता है और फीमेल (मादा) डॉल्फिन को काऊ यानि गाय कहा जाता है और डॉल्फिन के बच्चों को काल्व्स यानि बछड़ा कहा जाता है। 
  • सामान्य तौर पर जो डॉल्फिन दिखाई देती है वह बोतलनोस डॉल्फिन होती है। 
  • डॉल्फिन के सिर में एक ब्लोहोल होता है जिसकी मदद से वे सांस ले पाती हैं। 
  • डॉल्फिन के झुंड को पॉड या स्कूल कहा जाता है जिसमें लगभग एक दर्जन या 12 डॉल्फिन होती हैं। 
  • डॉल्फिन को सबसे ज्यादा समझदार प्राणी माना जाता है और यह मछली इंसानों संपर्क भी करती है। यह मछली पानी में ऊंचा उछलती है, मजे से तैरती है और पानी में खूब खेलती है। 
  • नेट का उपयोग करने की वजह से हर साल बहुत सारी डॉल्फिन मर जाती हैं और इसकी कई प्रजातियां तो विलुप्त भी हो चुकी हैं। 
  • डॉल्फिन सिर्फ मीट खाती है (कार्नीवोर्स)। 
  • डॉल्फिन मछली सबसे ज्यादा सामाजिक होती है और यह अन्य डॉलफिन मछलियों की दोस्त जल्दी बनती है। वास्तव में यह भी कहा जाता है कि डॉल्फिन मछली अपने बहुत सारे सोशल नेटवर्क भी बना लेती है। 

4. हाथी

  • हाथी धरती पर सबसे बड़ा जानवर है। 
  • हाथी दो प्रकार के होते हैं, एक अफ्रीकन व दूसरा एशियाई हाथी और बुश व फॉरेस्ट हाथी अफ्रीकन हाथी के दो उप-प्रकार हैं। 
  • हाथी की सूंढ़ लगभग 100,000 मांसपेशियों से बनी है और इसमें हड्डियां नहीं होती हैं। एक हाथी की सूंढ़ का वजन लगभग 140 किलोग्राम होता है और लंबाई 2 मीटर लंबी होती है। 
  • हाथी अपनी सूंढ़ से ही किसी भी चीज के साइज, शेप और तापमान का पता करता है। वह अपनी सूढ़ से पानी पीता है और भोजन को अपने मुँह में रखता है। 
  • एक बड़ा हाथी रोजाना लगभग 200 लीटर से भी ज्यादा पानी पीता है और इसके लिए वह अपनी सूढ़ से ही गड्ढा भी खोदता है। 
  • हाथी के बड़े-बड़े व पतले कान ब्लड वेसल से बने होते हैं जो उसके शरीर के तापमान को नियंत्रित करते हैं। 
  • हाथी गहरे पानी में तैरते समय अपनी सूंढ़ से सांस लेता है। 
  • हाथी अपने पोषण के लिए रोजाना 16 घंटों तक टहनियां, पत्ते और पेड़ों की जड़ें उखाड़ सकता है। 
  • मेल हाथी 13 साल की आयु में अपना झुंड छोड़ देते हैं और फीमेल हाथी या हथिनी सारी उम्र अपने झुंड के साथ ही रहती हैं।  
  • हथनी 11 साल की आयु में गर्भवती हो सकती है और उसकी गर्भावस्था लगभग 22 महीनों तक चलती है। 
  • वानरों (मनुष्य, गोरिल्ला, चिम्पैंजी और इत्यादि) के बाद हाथी सबसे ज्यादा समझदार होते हैं। 

5. जिराफ

  • जिराफ का वजन लगभग 1400 किलोग्राम होता है। 
  • इसकी गर्दन लगभग 1.5 से 1.8 मीटर तक लंबी होती है। 
  • जिराफ की पूँछ के बाल इंसानों के बालों से 10 गुना ज्यादा मोटे होते हैं। 
  • मेल और फीमेल जिराफ, दोनों की सींगे होती हैं और मेल जिराफ के तीन सींग होते हैं। 
  • फीमेल जिराफ खड़े रहकर बच्चे को जन्म देती है और जन्म के समय बच्चा लगभग 6 फीट नीचे गिरता है पर उसे चोट नहीं लगती है। 
  • मेल जिराफ अपनी गर्दन का उपयोग करके लड़ता है। 
  • जिराफ के शरीर में मौजूद धब्बे एक कैमोफ्लाज (छल) की तरह काम करते हैं जिसकी वजह से अन्य शिकारियों (प्रीडेटर) से उनकी सुरक्षा होती है। 
  • जिराफ के चार पेट होते हैं जिसकी वजह से उनकी पाचन शक्ति बहुत तेज होती है। 
  • जब जिराफ पानी पीने के लिए झुकते हैं तो उनके लिए शिकारियों से बचना कठिन होता है क्योंकि वे उसे देख नहीं पाते हैं। 
  • जिराफ की जीभ में कड़क बाल होते हैं जो उसे कांटेवाले पेड़ों (एकेसिया) से पत्ते खाने में मदद करते हैं। 
  • जिस प्रकार से इंसानों की फिंगरप्रिंट्स एक जैसी नहीं होती हैं उसी प्रकार से जिराफ के शरीर में बने धब्बों का पैटर्न भी एक जैसा नहीं होता है। 

6. शेर

  • मेल शेर का वजन लगभग 180 किलो होता है और फीमेल शेर (शेरनी) का वजन लगभग 130 किलो होता है। 
  • शेर की दहाड़ बहुत ज्यादा तेज व शक्तिशाली होती है जिसे लगभग 8 किलोमीटर दूर तक भी सुनी जा सकती है। 
  • दुनिया में सबसे ज्यादा भारी शेर लगभग 375 किलो का है। 
  • शिकार ज्यादातर शेरनियां करती हैं क्योंकि वे शेर से ज्यादा अच्छी शिकारी होती हैं। 
  • शेर दिन में लगभग 20 घंटे सोता है। 
  • शेर के बाल अधिक गाढ़े रंग के होते हैं जिसकी वजह से शेरनियां उसकी तरफ आकर्षित होती हैं। 
  • शेर में ज्यादा ताकत नहीं होती है जिसकी वजह से वह थोड़ी दूर तक ही दौड़ सकता है। 
  • सिंगापुर, इथियोपिया, इंग्लैंड, बुल्गारिया, निदरलैंड और अल्बानिया में शेर को राष्ट्रीय जानवर या नेशनल एनिमल माना जाता है। 
  • शेरों की आयु लगभग 12 वर्ष होती है। 
  • शेर और बाघ की मेटिंग में जन्मे उनके बच्चों को लायगर्स और टायगन्स कहा जाता है। 
  • बिल्लियों की फैमिली में शेर सबसे ज्यादा सामाजिक जानवर है और वह 25 शेर शेरनियों के झुंड में गर्व से रहते हैं। 

7. शार्क

  • शार्क मछली में सूंघने की क्षमता अधिक होती है और यहाँ तक कि यह पानी में एक बूंद खून को भी सूंघ व समझ सकती है। 
  • शार्क का स्केलेटन कार्टिलेज से बना होता है जो बहुत मजबूत रहता है और शार्क के टिश्यू बहुत फ्लेक्सिबल होते हैं। इनके शरीर में एक ही हड्डी नहीं होती है। 
  • शार्क में सुनने की क्षमता भी बहुत ज्यादा होती है जिसकी वजह से उसे 500 मीटर दूर तक मछलियों की आवाज सुनाई दे सकती है। 
  • शार्क के पीछे वाले दाँत छोटे होते हैं। उसके छोटे दाँत आगे की ओर आते हैं और आगे के दाँत गिर जाते हैं। 
  • शार्क को अपने खून में ऑक्सीजन पाने के लिए घूमते रहना पड़ता है क्योंकि पानी उसकी गिल्स के ऊपर से निकल जाता है। 
  • वाइट शार्क 30 किलोमीटर प्रति घंटे की तेजी से पानी में तैर सकती है और यह सबसे खतरनाक मछली है। 
  • पूरी तरह से विकसित होने के बाद व्हेल शार्क की लंबाई 14 मीटर तक होती है। 
  • कुछ शार्क के बच्चे होने के बजाय वे अंडे देती है। 
  • बेबी शार्क को जन्म के बाद से ही अपनी रक्षा खुद करनी पड़ती है क्योंकि उसकी माँ खुद उसे खा सकती है। 
  • वाइट शार्क को अपने शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए बहुत ज्यादा मीट खाना पड़ता है। 
  • हर शार्क की प्रजाति में अलग-अलग प्रकार के दाँत होते हैं। 

8. व्हेल 

  • व्हेल की अलग-अलग साइज और शेप की लगभग 80 प्रजातियां हैं। 
  • सी लाइस और बार्नाकल जैसे कीड़े व्हेल की स्किन में चिपकते हैं और वहीं रहते हैं। 
  • व्हेल अन्य को बुलाने के लिए सिंग-सौंग की धुन का उपयोग करती है और वह अन्य धुन का उपयोग भी करती है। 
  • साइंटिस्ट व्हेल के कान में एक वैक्स प्लग का उपयोग करते हैं जिसमें आयु पता करने का पैटर्न है। 
  • कई व्हेल के दाँत नहीं होते हैं और वे पानी में छोटे-छोटे कीड़ों को फिल्टर करने के लिए कंघी जैसे फाइबर का उपयोग करती हैं। 
  • व्हेल मछली या तो सिर्फ मेल व्हेल के झुंड में रहती है या फिर सिर्फ फीमेल व्हेल्स के झुंड में ही रहती है।  
  • नॉर्दन और सदर्न हेमिस्फियर की व्हेल मछलियों के माइग्रेशन का अलग-अलग समय है जैसे, यह दोनों ब्रीडिंग एरियाज में एक दूसरे से नहीं मिलती हैं। 
  • कई बार माइग्रेशन करने के बाद भी व्हेल मछली दोबारा से माइग्रेशन के समय पर अपना रास्ता भूल सकती है। 
  • व्हेल मछली के बच्चे को काफ कहा जाता है और इसकी देखभाल उनका पूरा झुंड करता है। 
  • व्हेल का स्माइलिंग फेस उसके निचले होंठ की वजह से होता है। 
  • वैसे तो ब्लू व्हेल गहरे पानी में अपना शिकार करती है पर फिर भी सांस लेने के लिए वह समुद्र के ऊपर आती है। 

9. ऊँट

  • सबसे ऊंचे एनिमल ऊँट की पूरी आयु लगभग 40 साल से 50 साल तक होती है। 
  • ऊँट दो प्रकार के होते हैं, एक ड्रोमेडेरी (सिंगल हंप्ड) और (बक्ट्रियन) दूसरा डबल हंप्ड। 
  • ऊँट की लंबाई उसके हंप तक लगभग 7 फीट और कंधों तक लगभग 6 फीट होती है। 
  • यह एनिमल दूध, ऊन व मीट का एक अच्छा सोर्स है और साथ ही इसका उपयोग ट्रांसपोर्ट के लिए व भारी सामान उठाने के लिए भी किया जाता है।  
  • ऊँट की स्किन बहुत मोटी होती है जो उसे अधिक गर्मी व सर्दी से सुरक्षित रखती है और इसकी वजह से वह डेजर्ट में भी रह सकता है। 
  • ऊँट के हंप में फैटी टिश्यू स्टोर होने की वजह से यह जानवर 6 महीने तक बिना पानी पिए व बिना खाना खाए जीवित रह सकता है। 
  • ऊँट 13 मिनट में 113 लीटर तक पानी पाई सकता है और वो दुनिया में सबसे तेज़ी से रि-हाइड्रेट होने वाला मेमल हैं।
  • ऊंटों के पैर बहुत लंबे होते हैं, जो उन्हें गर्म रेगिस्तान की सरफेस से ऊपर रहने में मदद करते हैं।
  • ड्रोमेडरी ऊँट का वजन 300 से 600 किलोग्राम के बीच होता है, जबकि बैक्ट्रियन ऊंट का वजन 1000 किलोग्राम तक हो सकता हैं।
  • ऊँट के दूध में, गाय के दूध से अधिक विटामिन सी और आयरन होता है, और यह अरब देशों में आसानी से उपलब्ध है।

10. चीता 

  • धरती पर चीता सबसे तेज दौड़ने वाला एनिमल है जिसकी तेजी लगभग 113 किलोमीटर प्रति घंटा है। 
  • एक चीता कुछ ही पलों में 0 से 113 किलोमीटर प्रति घंटे की तेजी में दौड़ सकता है। 
  • यद्यपि चीता बहुत तेज दौड़ता है पर वह उतनी ही जल्दी थक भी जाता है और उसे दोबारा दौड़ने से पहले आराम करने की जरूरत होती है। 
  • चीता का वजन लगभग 45 से 60 किलो होता है और यह बिल्लियों की फैमिली में सबसे छोटा है। 
  • चीता की दृष्टी बहुत तेज होती है और यह जानवर अपने शिकार को दिन में लगभग 5 किलोमीटर दूर से देख सकता है। 
  • बिल्लियों की फैमिली में सिर्फ चीता ही एक ऐसा एनिमल है जो दहाड़ नहीं सकता है। हालांकि ये विशेषकर जब अपने झुंड के साथ होते हैं तो थोड़ी तेज आवाज में घुरघुरा सकते हैं। 
  • शेर और तेंदुआ के विपरीत चीता सिर्फ दिन में ही शिकार कर सकता है।
  • चीता के पंजे नुकीले नहीं होते हैं और उनके शरीर का वजन भी हल्का होता है जिसकी वजह से वे अपने दुश्मनों के आगे कमजोर भी पड़ सकते हैं। चीता अपनी शारीरिक कमजोरी की वजह से किसी बड़े जानवर के साथ फाइट के दौरान या शिकार करते समय जल्दी हार जाता है। 
  • चीता की नजर रात में कमजोर होती है जिसकी वजह से यह जानवर रात में शिकार नहीं कर पाता है। इसके पंजे नुकीले नहीं होते हैं जिसकी वजह से चीता पेड़ पर नहीं चढ़ सकता है और साथ ही शिकार के दौरान भी इससे हानि होती है। 
  • चीता के शरीर में गाढ़े रंग की लकीरें होती हैं जिन्हें टियर लाइन्स कहा जाता है और यह लाइन्स उसकी हर आँख से मुंह तक जाती है। चिता की यह टियर लाइन्स उसे सूरज से सुरक्षित रखती हैं और उसे दूर तक देखने में मदद करती हैं जिससे शिकार के दौरान उसे मदद मिलती है और अन्य हिंसक जानवरों से सुरक्षा भी मिलतीहै। 
  • चीता अपने शिकार पर नजर नहीं रखते हैं। वे सिर्फ अपने शिकार पर कूद पड़ते हैं और पीछा करते हैं जो सिर्फ 20 से 30 सेकंड तक होता है। 

पेरेंट्स होने के नाते आप अपने बच्चे को बहुत सारे फ्लॉरा और फौना के बारे में बताना चाहते होंगे। आप यह भी जरूर चाहते होंगे कि आपका बच्चा पूरी दुनिया को जानने में रुचि ले – चीजें कैसे काम करती हैं, लोगों का रिएक्शन कैसे आता है और इत्यादि। बच्चों को यह सब बताने के लिए उन्हें कहानियां सुनाना सबसे बेहतरीन तरीका है। इसके अलावा आप अपने बच्चे का संपूर्ण विकास विशेष बच्चों के लिए डिजाइन किए हुए सब्सक्रिप्शन बॉक्स के माध्यम से भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप बच्चे को दुनिया के बारे में सिखाने व समझाने के लिए डीआईवाई एक्टिविटीज भी कर सकती हैं ताकि आपका बच्चा स्कूल जाने से पहले ही समझदार और थोड़ा जागरुक भी बन सके। 

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