शिशु

शिशुओं के लिए अदरक – स्वास्थ्य लाभ और सावधानियां

अदरक के लिए कहा जाता है कि यह दादी माँ कि पसंदीदा खाद्य सामग्री है, क्योंकि आपको कोई भी मामूली बीमारी के होने पर या उसके संकेत दिखने पर अदरक से बने पकवानों को खाने की सलाह दी जाती है चूंकि अदरक सिर्फ पौष्टिक नहीं है, बल्कि इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो आपको कई बीमारियों से राहत देने में मदद करते हैं। हालांकि, अगर कोई आपको बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए अदरक का उपयोग करने की सलाह देता है, तो यह जरूरी है कि आप उनकी सलाह पर फौरन अमल न कर लें, बल्कि इसके बारे में विचार करें और समझें कि क्या यह वास्तव में फायदेमंद है।

क्या अपने बच्चे को अदरक देना सुरक्षित है?

हाँ, यह मान सकते हैं कि अदरक से आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है और यह आपके बच्चे को काफी सुरक्षित रूप से दिया जा सकता है। फिर भी, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बच्चे को अदरक बहुत ज्यादा मात्रा में न दें, क्योंकि अदरक की अधिक मात्रा आपके छोटे से बच्चे के लिए जटिलताएं पैदा कर सकती हैं। यदि आप अपने बच्चे को अदरक की चाय देने के बारे में विचार कर रही हैं, तो इसे बहुत कम मात्रा में देने से शुरुआत करें । यह भी, बच्चे को तब दिया जाना चाहिए जब वो 9 महीने का हो जाए, क्योंकि तब तक बच्चा ठोस पदार्थों का सेवन करने के लिए तैयार हो जाता है।

अदरक का पोषण मूल्य

सिर्फ 100 ग्राम अदरक में, पोषक तत्वों की निम्नलिखित मात्रा देखी जा सकती है।

घटक मात्रा
विटामिन बी 6 0.24 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.23 मिलीग्राम
विटामिन सी 45 मिलीग्राम
सोडियम 41 मिलीग्राम
फास्फोरस 99 मिलीग्राम
आयरन 1.15 मिलीग्राम
फाइबर 5 मिलीग्राम
लिपिड 0.11 ग्राम
ऊर्जा 75 किलो कैलोरीज
फोलेट 15 माइक्रो ग्राम
नियासिन 0.5 मिलीग्राम
थियामिन 0.15 मिलीग्राम
जिंक 0.4 मिलीग्राम
पोटैशियम 555 मिलीग्राम
मैगनीशियम 25 मिलीग्राम
कैल्शियम 44 मिलीग्राम
कार्बोहाइड्रेट 17.25 ग्राम
प्रोटीन 2.5  ग्राम
पानी 80  ग्राम

इसके अलावा, अदरक में विभिन्न बायोकैमिकल कंपाउंड जैसे कि करक्यूमिन, कैम्फीन, टेरपेन, लिमोनेन अदि पाए जाते हैं ।

शिशुओं के लिए अदरक के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ

हो सकता है कि आपने शिशु की खांसी ठीक करने के लिए कई बार अदरक का इस्तेमाल किया हो, लेकिन इसके अलावा भी अदरक के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, शिशु के लिए काफी उपयोगी हैं।

1. पेट की गैस को कम करता है

शिशुओं में गैस के कारण पेट फूलने की समस्या हो जाती है, जो उन्हें चिड़चिड़ा करने के साथ उनके लिए अपार परेशानी का कारण बन सकती है। अदरक का इस्तेमाल पेट से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है, मुख्य रूप से यह आंत में गैस होने पर इसके उपचार के लिए काफी पुराना नुस्खा है। इसे बच्चे को देने से गैस को कम करने में मदद मिलती है।

2. लिवर को सुरक्षित करता है

मानव का यकृत शरीर के सबसे मजबूत अंगों में से एक है क्योंकि यह बहुत कुछ सहन कर लेता है। हालांकि, एक बच्चे का यकृत अभी नाजुक होता है और पूरी तरह से परिपक्व नहीं होता है। यदि लिवर किसी प्रकार की विषाक्तता का सामना करता है तो, यह उसके स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों का कारण बन सकता है। अदरक का अर्क इसे तब तक सही सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है, जब तक कि वह खुद की सुरक्षा के लिए पर्याप्त मजबूत न हो जाए।

3. श्वसन संबंधी परेशनियों को कम करता है

शिशुओं में श्वसन प्रणाली से जुड़ी समस्याएं बहुत तकलीफदेह होती है। बच्चों में इन्फ्लुएंजा, सर्दी और खांसी जैसे परेशनियां बहुत आसानी से हो जाती है और इसके कारण बच्चों को बहुत तकलीफ होती है। टीकाकरण इससे सुरक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन उन्हें समय सारणी के अनुसार दिए जाने की आवश्यकता होती है। अदरक इस संबंध में सबसे पहले राहत प्रदान करता है। मेथी के साथ मिलाकर देने से यह श्वसन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है और एक अद्भुत औषधि के रूप में काम करता है। ध्यान रहे इसे थोड़ी ही मात्रा में दें।

4. ब्रोंकाइटिस का इलाज करता है

श्वसन संबंधी सभी समस्याओं में से ब्रोंकाइटिस सबसे अधिक परेशान करता है। इसमें बच्चे की श्लेष्मा झिल्ली (म्यूकस मैम्ब्रेन) फूल जाती है, और उसमें सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेने में समस्या होती है। इस मामले में एक हर्बल उपचार आपके बच्चे को ठीक करने में मदद कर सकता है। सूखा अदरक पाउडर, काली मिर्च और पिपली (लंबी मिर्च) मिर्च पाउडर के मिश्रण को शहद के साथ मिलाया जाता है, इसे कम मात्रा में तीन बार दिन में बच्चे को देने से ब्रोंकाइटिस में काफी सुधार होता है।

5. काली खांसी से राहत देता है

काली खांसी एक और खतरनाक श्वसन संबंधी समस्या है। यह न केवल यह आसानी से होने वाला संक्रामक रोग है, बल्कि इसके कई दिनों तक रहने और बार-बार होने से नए फेफड़ों में घर्षण पैदा होकर उन्हें नुकसान पहुँच सकता है। शिशुओं में इस खाँसी से लड़ने के लिए रक्षा तंत्र नहीं होता है। उन्हें अदरक के रस और मेथी के बीज का मिश्रण देकर राहत दी जा सकती है। इसे बेहद थोड़ी सी मात्रा में देकर बार-बार होने वाली खांसी पर विराम लग सकता है और यह बच्चे को ठीक होने में मदद कर सकता है।

6. साधारण खांसी और सर्दी के लिए यह एक शक्तिशाली उपाय है

यहाँ आपकी दादी द्वारा बताए गए इलाज काम आने वाले हैं। खांसी और सर्दी के सामान्य रूप जो विभिन्न राइनोवायरस के कारण बच्चों को संक्रमित करते हैं, इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका अदरक है। इसमें बायोकैमिकल कंपाउंड मौजूद होते हैं जो सर्दी-खांसी की तकलीफ से राहत देने में मदद करते हैं। इसे पानी में उबालकर,बच्चे को इसकी थोड़ी मात्रा देने से यह खांसी और सर्दी के लक्षणों को तुरंत दूर करता है।

7. गैस्ट्रिक अल्सर से बचाव

शिशु के प्रारम्भिक वर्ष उसके पाचन तंत्र के लिए काफी कठिन होते हैं क्योंकि वह अभी भी विकास के दौर से गुजर रहा होता है। पेट की कमजोर परत जो पाचन अम्ल से ऊतक की रक्षा करती है, पेट की प्रणाली में घाव या अल्सर का कारण बन सकती है, जब वह बड़ा होता है तब यह बहुत दर्द करता है। अदरक अल्सर को होने से रोकता है, यहाँ तक कि स्थिति को और खराब होने से भी रोकता है।

8. मतली और मोशन सिकनेस से राहत देता है

मोशन सिकनेस जैसी परेशानी केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे बहुत से वयस्क भी पीड़ित होते हैं। जब आप सफर के दौरान किसी कार या बस में बैठते हैं तो आपको मोशन सिकनेस महसूस होता है । लेकिन बच्चों को ज्यादा मतली आने की समस्या होती है। इसलिए बच्चे को इससे छुटकारा दिलाने के लिए, बस अदरक का छोटा सा टुकड़ा देने से यह बच्चे को भोजन पचाने में मदद करेगा, जिससे उल्टी होने की संभावना कम हो सकती है और इससे भोजन नलिका को भी आराम मिलेगा।

9. किसी भी प्रकार के पेट दर्द से राहत देता है

चाहें यह आंतों में गैस की समस्या हो, उदरशूल संक्रमण (कॉलिक) के कारण ऐंठन होना हो या फिर पेट दर्द होने का कोई भी अन्य कारण हो, ऐसा कोई भी दर्द नहीं है, जो अदरक का एक छोटा टुकड़ा ठीक नहीं कर सकता है। नींबू के साथ अदरक मिलाकर देने से यह अदरक के स्वाद को बेहतर करता है और साथ ही यह पेट को भी राहत देता है। हर दिन इसकी थोड़ी खुराक आपके बच्चे में इन समस्याओं को काफी हद तक कम कर सकती है।

शिशु को अदरक देते समय सावधानियां

बच्चे के भोजन में अदरक डालने से पहले कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना आवश्यक है।

  • किसी भी चीज का सेवन संतुलित मात्रा में करना बहुत जरूरी है और यही बात बच्चे को अदरक देते समय भी ध्यान में रखनी चाहिए। अदरक एक मसाला है जो बच्चे के हिसाब से काफी भारी और तीखा होता है । शिशुओं को बमुश्किल ऐसे तीखे स्वाद पसंद आते हैं, इसको बहुत ज्यादा मात्रा में देने से यह बच्चे के पाचन तंत्र पर प्रतिकूल असर डालता है। ध्यान दें कि अदरक को शुरुआत में केवल एक बीज जितनी छोटा मात्रा में अच्छी तरह से पीस कर शिशु को दें।
  • कई माता-पिता अदरक को शहद के साथ मिलाकर देना पसंद करते हैं ताकि बच्चा इसके मीठे स्वाद के कारण इसे खा ले। यह बच्चे के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है, विशेष रूप से एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए। शहद में बैक्टीरिया की उपस्थिति से बच्चे को गंभीर बोटुलिज्म हो सकता है।
  • अदरक के कारण आम तौर पर एलर्जी नहीं होती है, लेकिन फिर भी सावधान रहें। यह जांचने के लिए कि बच्चे को अदरक से कोई नुकसान तो नहीं है, इसके लिए आप चार दिन तक लगातार अदरक देकर इसका परीक्षण कर सकती हैं ।

बच्चों को अदरक का पानी देने से लेकर अदरक की चाय देने तक, यह आपके बच्चे को कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ पहुँचाता है । हम सलाह देते हैं कि शिशु को अदरक देने से पूर्व अपने बाल रोग विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श कर लें।

समर नक़वी

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