बच्चों के लिए अखरोट – स्वास्थ्य लाभ और सावधानियां

बच्चों के लिए अखरोट

अक्सर माता-पिता अपने बच्चे को सॉलिड फूड खिलाना शुरू करते समय उसके आहार में बहुत सारे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहते हैं। हालांकि बच्चों का पाचन तंत्र कमजोर होता है और विकसित हो रहा होता है जिस कारण हर बच्चा सभी तरह के ठोस आहार को नहीं पचा पाता है। ऐसा ही एक पदार्थ जो माता-पिता अपने बच्चे के आहार में शामिल करना चाहते हों, वह है ‘अखरोट’। अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है और इसे दिमाग के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। लेकिन आप कुछ बातों पर ध्यान दिए बिना अपने बच्चे को अखरोट देना शुरू नहीं कर सकते हैं। इस आर्टिकल में बच्चे को अखरोट खिलाने के बारे में चर्चा की गई है और साथ ही इसके फायदों के बारे में भी बताया गया है। अपने बच्चे को अखरोट खिलाने के बारे में ज्यादा जानने के लिए आगे पढ़ें। 

आपका बच्चा अखरोट कब खा सकता है

बच्चे की किस उम्र से आप उसे अखरोट खिला सकती हैं, इस बारे में आप जरूर सोचती होंगी। चूंकि अखरोट को अधिक चबाकर खाना पड़ता है इसलिए हो सकता है कुछ लोगों ने आपको बताया होगा कि आप अखरोट का पाउडर बनाकर बच्चे को खिलाएं। हालांकि कुछ डॉक्टर बच्चों को उनकी छोटी उम्र में कोई भी नट्स खिलाने की सलाह नहीं देते हैं। कुछ डॉक्टर बच्चे की सुरक्षा के लिए उसे 2 वर्ष की आयु के बाद से ही नट्स खिलाना शुरू करने की सलाह देते हैं। बच्चों को अन्य नट्स खिलाकर उसका रिएक्शन जान लेने के बाद ही उन्हें अखरोट खिलाना सही होता है। 

अखरोट का पोषण मूल्य 

लगभग 100 ग्राम अखरोट में कौन सा कितना पोषक तत्व कितनी मात्रा में होता है, इसकी जानकारी निम्नलिखित है;

पोषक तत्व मात्रा पोषक मात्रा
पानी 4 मिली लीटर एनर्जी 654 किलो कैलोरी
प्रोटीन 15.2 ग्राम लिपिड 65.2 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 13.7 ग्राम फाइबर 6.7 ग्राम
शुगर 2.6 ग्राम कैल्शियम 98 मिलीग्राम
आयरन 2.9 मिलीग्राम मैग्नीशियम 158 मिलीग्राम
फॉस्फोरस 346 मिलीग्राम पोटैशियम 441 मिलीग्राम
सोडियम 2 मिलीग्राम जिंक 3 मिलीग्राम
विटामिन ‘सी’ 1.3 मिलीग्राम थायमिन 0.34 मिलीग्राम
नियासिन 1.12 मिलीग्राम फॉलेट 98 माइक्रोग्राम
विटामिन ‘ए’ 20 आईयू विटामिन ‘ई’ 0.7 मिलीग्राम
विटामिन ‘के’ 2.7 माइक्रोग्राम

बच्चों के लिए अखरोट के स्वास्थ्य लाभ 

बच्चों के विकास और वृद्धि के लिए अखरोट में कई सारे गुण मौजूद होते हैं। यहाँ तक कि काले अखरोट में भी बहुत सारे पौष्टिक गुण होते हैं। इसलिए आपको अपने बच्चे को अखरोट खिलाना शुरू करना चाहिए। बच्चों के लिए काले अखरोट के फायदे भी समान ही होते हैं। 

1. अखरोट से एनर्जी मिलती है 

विकास के दिनों में बच्चों को बहुत ज्यादा एनर्जी की आवश्यकता पड़ती है। अखरोट में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है। इस कारण से यह नट बच्चों को उतनी एनर्जी प्रदान करता है जितनी उन्हें चाहिए। 

2. अखरोट मिनरल से भरपूर है 

अखरोट मिनरल से भरपूर होता है, जैसे मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉलेट, कैल्शियम, जिंक और इत्यादि। ये मिनरल बच्चों के विकास के लिए जरूरी होते हैं। कैल्शियम बच्चों की हड्डियों को मजबूत करता है और आयरन से हेमोग्लोबिन का स्तर नियंत्रित होता है। अखरोट में मौजूद पोटैशियम और सोडियम बच्चों में इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस करते हैं और फॉस्फोरस बच्चे के बढ़ते शरीर में पाचन को ठीक रखता है, उसके शरीर के सेल को रिपेयर करता है और साथ ही प्रोटीन भी बढ़ाता है। 

3. अखरोट विटामिन से भरपूर होता है 

अखरोट में विटामिन ‘ए’, ‘सी’, ‘ई’ और ‘के’ तो होते ही हैं और साथ ही इसमें अन्य सभी विटामिन भी मौजूद होते हैं जो बच्चे के विकास में फायदा पहुँचाते हैं। ये विटामिन बच्चों में इम्युनिटी को बढ़ाते हैं, ग्लूकोज को ग्लायकोजन में बदलने में मदद करते हैं और साथ ही मेटाबॉलिक कार्यों को भी उत्तेजित करते हैं। 

4. मस्तिष्क का तेजी से विकास करता है 

अखरोट में फॉलेट और ओमेगा 3 होता है। ये दोनों पोषक तत्व मुख्य रूप से मस्तिष्क के विकास में मदद करते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि यदि आप अखरोट को ध्यान से देखें तो अखरोट के भी दिमाग के समान दो भाग होते हैं इसलिए यह दिमाग के विकास के लिए जरूरी होता है। सच तो यह है कि इस बात पर बहस हो सकती है पर यह तो निश्चित ही है कि अखरोट दिमाग के विकास को बढ़ाने में सहायक होता है 

5. अखरोट से नींद में सुधार होता है 

अखरोट में मौजूद मेलाटोनिन नींद को बढ़ावा देता है और सोते समय शरीर के फंक्शन को नियंत्रित करता है। बच्चों के लिए नींद बहुत जरूरी होती है इसलिए उनका ज्यादातर विकास तब होता है जब वे गहरी नींद में सोते हैं। 

6. वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है 

आजकल बच्चों में ओबेसिटी एक सामान्य चिंता बन चुकी है। सही मात्रा में अखरोट खाने से बच्चों का वजन कम या नियंत्रित होता है। बच्चों में सही वजन उन्हें स्वस्थ रखता है और उनकी बीमारियों को दूर करता है। 

अखरोट के कुछ फायदे ऊपर दिए हुए हैं। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए उनके आहार में कई खाद्य पदार्थों के साथ अखरोट शामिल करना बेहतर है। क्योंकि अखरोट सिर्फ बच्चों को एनर्जी ही प्रदान नहीं करता है बल्कि यह उनकी हड्डियों के विकास, शारीरिक वजन और इम्युनिटी को भी बनाए रखता है। हालांकि बच्चों को अखरोट खिलाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसी कौन सी बातें हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें। 

बच्चों को अखरोट खिलाने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें 

  • बच्चे की उम्र: बच्चों को कम से कम 1 या 2 साल की उम्र में अखरोट खिलाने की शुरूआत करना बेहतर होता है। बच्चों में नट्स से एलर्जी होना बहुत कॉमन है और हो सकता है कि आपके बच्चे को अखरोट से एलर्जी हो। यदि आप बच्चे को कम उम्र में ही अखरोट खिलाती हैं तो इससे होने वाले एलर्जिक रिएक्शन उसके स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बन सकते हैं। कभी-कभी बच्चों को शुरूआत में कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है और आगे चलकर इसका असर कम होने लगता है। पर कुछ बच्चों में एलर्जी की समस्या उनकी पूरी लाइफ तक चलती है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि आप अपने बच्चे को अखरोट तभी खिलाएं जब उसकी इम्युनिटी का पूरी तरह से विकास हो चुका हो। 
  • परिवार में पहले से किसी को एलर्जी होना: एलर्जी एक जेनेरेशन से दूसरी जेनेरेशन में भी हो सकती है। यदि माता-पिता या दोनों को किसी भी खाद्य पदार्थ से एलर्जी है तो बच्चे में भी वही एलर्जी होने की संभावना है। माता पिता से बच्चों में एलर्जी होने का कारण उनके जींस होते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए उसे अखरोट तभी खिलाएं जब वह बड़ा हो चुका हो। 
  • पेडियेट्रिक की राय: कुछ मामलों में बच्चों के डॉक्टर एलर्जी के लिए खून की जांच करने की सलाह दे सकते हैं। आप अपने बच्चे को अखरोट खिलाने के बारे में उनसे भी चर्चा कर सकती हैं और उसे अखरोट से एलर्जी नहीं है इस बारे में 100% निश्चित होने के बाद ही आप अपने बच्चे को अखरोट खिलाना शुरू करें।  

आप बच्चे को अखरोट खिला सकती हैं यह निश्चित होने के बाद भी बच्चे को संतुलित मात्रा में अखरोट खिलाएं क्योंकि ज्यादा खाने से अखरोट के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसके बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें। 

ज्यादा अखरोट खाने के दुष्प्रभाव 

बच्चों को ज्यादा अखरोट खिलाने से इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, आइए जानते हैं;

  • बच्चे को पाचन में समस्याएं हो सकती हैं – यदि बच्चा ज्यादा अखरोट खा लेता है तो उसे ब्लोटिंग, लूज मोशन, डायरिया और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।अखरोट में मौजूद ज्यादा मात्रा में फाइबर के कारण बच्चों में ये समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए बच्चों में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अखरोट के सेवन को नियंत्रित करना जरूरी है। 
  • बच्चे का वजन बढ़ सकता है – अखरोट ज्यादा से ज्यादा वजन को बनाए रखने में मदद करता है पर इस हाई कैलोरी फूड को ज्यादा खाने से आपके बच्चे का वजन भी बढ़ सकता है। 
  • बच्चे का अल्सर बढ़ सकता है – यदि आपके बच्चे को अल्सर है तो अखरोट से यह समस्या बढ़ सकती है और बच्चे को तकलीफ भी हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा भरपूर तरल पदार्थ और पानी पीता है। 
  • बच्चे के गले में फंस सकता है – जो बच्चा अभी ठीक से कुछ चबा नहीं सकता है उसे अखरोट नहीं खिलाना चाहिए। क्योंकि यदि ध्यान नहीं दिया गया तो यह उसके गले में अटक सकता है या उसे चोकिंग भी हो सकती है। पहले अखरोट को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें या हल्का सा पीस लें फिर अपने बच्चे को खिलाएं।

बच्चों को अखरोट देते समय सावधानियां 

निम्नलिखित सावधानियों से आप यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि आपके बच्चे को अखरोट से ऊपर दिए हुए कोई भी साइडइफेक्ट नहीं है।

  1. हमेशा बच्चे का एलर्जी टेस्ट करवाएं। यदि आपके बच्चे को मूंगफली से एलर्जी है तो हो सकता है कि उसे अखरोट से भी एलर्जी हो। पूरी तरह से निश्चित हो जाएं कि आपके बच्चे को अखरोट से एलर्जी नहीं है। 
  2. अखरोट बच्चे के गले में न अटके इसलिए आप उसे वॉल्नट बटर या कोई ऐसा व्यंजन बनाकर खिलाएं जिसमें अखरोट के टुकड़े न हों। 
  3. यदि आपके बच्चे को डायरिया या अल्सर होता है तो सुनिश्चित करें कि वह ज्यादा से ज्यादा पानी पिए। 
  4. यदि आपके बच्चे को अखरोट से कोई भी दुष्प्रभाव होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

आइए अब जानते हैं कि आप अपने बच्चे के लिए अखरोट के कौन-कौन से व्यंजन बना सकती हैं। 

बच्चों के लिए अखरोट के व्यंजन 

1. वॉलनट बटर 

बच्चे के आहार में वॉल्नट बटर को शामिल करना बहुत हेल्दी हो सकता है। आप इसे टोस्ट में लगाकर या खाने के बीच में एक चम्मच बटर अपने बच्चे को खिला सकती हैं। 

सामग्री:

  1. ½ कप अखरोट 
  2. 1-2 चम्मच नारियल का तेल 

विधि: 

  • एक पैन में अखरोट को सूखा ही तब तक रोस्ट करें जब तक वह हल्का सुनहरा न हो जाए।  
  • फिर उन्हें फूड प्रोसेसर में रखें और पाउडर बनने तक पीस लें। 
  • पाउडर में 1/2 चम्मच नारियल का तेल मिलाएं और उसे स्मूद कंसिस्टेंसी के साथ ब्लेंड करके वॉल्नट बटर बनाएं। 
  • आपके बच्चे के लिए वॉल्नट बटर तैयार है। 
  • आप इसे एयरटाइट गिलास या जार में स्टोर करके फ्रिज में कुछ हफ्तों तक रख सकती हैं। 

2. बनाना वॉलनट मिल्कशेक 

यदि आपका बच्चा दूध पीने में नखरे करता है तो उसके लिए अखरोट और केले का मिल्कशेक एक बेहतरीन विकल्प है। यह स्वादिष्ट मिल्कशेक निश्चित ही आपके बच्चे को बहुत पसंद आएगा। इस बात का खयाल रखें कि यह रेसिपी उन बच्चों के लिए नहीं है जो लैक्टोज इन्टॉलरेंट हैं। 

सामग्री:

  • एक छिला और कटा हुआ केला 
  • 1 ½ कप दूध 
  • 1 या 2 छिले हुए अखरोट 
  • कुछ आइस क्यूब्स 
  • 1 चम्मच शहद 

विधि: 

  • शहद को छोड़कर बाकी सभी सामग्रियां ब्लेंडर में डालें और उसमें गाढ़ापन आने तक ब्लेंड करें। 
  • मिश्रण को एक गिलास में डालें और उसमें ऊपर से शहद की कुछ बूंदें डाल दें। 
  • फ्रेश रहने तक इसे अपने बच्चे को पिला दें। 

अखरोट आपके बच्चे के आहार में सिर्फ एक अलग स्वाद ही नहीं देता है बल्कि यह आहार को एक अलग टेक्सचर भी देता है। जब आपके बच्चे की इतनी उम्र हो जाए कि वह अखरोट खा सकता है तो ऊपर दी हुई किसी भी रेसिपी से उसे अखरोट खिलाना शुरू करें। जब आपका बच्चा बड़ा हो जाए तो आप उसे खाने के लिए कच्चा या रोस्ट किया हुआ अखरोट भी दे सकती हैं। बच्चे को कोई भी आहार किसी भी तरह से खिलाने से पहले इस बात का खयाल रखें कि उसे कम मात्रा में खिलाना जरूरी है। 

संसाधन और संदर्भ:

स्रोत १
स्रोत २

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