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बच्चों को रोजाना दिन में कम से कम एक घंटे एक्सरसाइज करने की आवश्यकता होती है। अपने बच्चे को शुरुआत से एक्सरसाइज के लिए प्रोत्साहित करें, जो आगे चलकर एक फिट लाइफस्टाइल बनाएं रखने में उनकी मदद करेगा।
एक्सरसाइज इसलिए जरूरी है क्योंकि यह बच्चों को उनके मोटर डेवलपमेंट में मदद करता है। मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए बच्चे का रोल करना, अपने सिर को उठाना, क्रॉलिंग करना और चलना यह सभी चीजें बहुत मददगार साबित होती हैं। इसके अलावा, एक्सरसाइज से बच्चे को बेहतर नींद लेने में मदद मिलती है और बच्चों चिड़चिड़ापन भी ज्यादा देखने को नहीं मिलता है।
यहाँ बच्चे के डेवलमेंट के लिए कुछ एक्सरसाइज बताई गई हैं जो उनकी मांसपेशियों को अलग-अलग उम्र के अनुसार मजबूत करने में मदद करेगी।
बच्चे अपने हाथों और पैरों को लगातार हिलाते रहते हैं और शायद ही वो चुप चाप लेटे रहे। रेगुलर बच्चे को एक्सरसाइज कराने से बच्चा आपके साथ समय बिताना चाहेगा और साथ ही यह उसकी मांसपेसियों को स्ट्रोंग बनाएगा, आप तेल मालिश के दौरान बच्चे के हाथों और पैरों को मूवमेंट कराएं, जब आप बच्चे को खेल खेल में यह एक्सरसाइज कराती हैं तो वो इसे एन्जॉय करता है।
क. अपनी अंगुली पकड़ाएं
बच्चे हमेशा मूव करते रहते हैं यह एक्सरसाइज शिशु की बाहों, कंधों, कोर और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है। इसकी प्रैक्टिस छह सप्ताह की आयु के कुछ समय बाद शुरू किया जा सकती है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
पीठ के बल बच्चे को लिटा दें और उसे अपनी इंडेक्स फिंगर पकड़ने के लिए दें। जैसे ही बच्चा आपकी अंगुली को मजबूती से पकड़ लेता है, धीरे से अपने हाथों को पीछे की ओर खीचें। इसे तब तक करें जब तक बच्चा लगभग बैठने की पोजीशन में या आपके चेहरे के पास तक न आ जाए। फिर, धीरे-धीरे उसे वापस नीचे ले जाएं।
ख. टम्मी टाइम (पेट के बल लिटाना)
ज्यादातर समय बच्चे पीठ के बल ही लेटते हैं। लेकिन बच्चे को पेट के बल लिटाना भी जरूरी है ताकि उसकी पेट, कंधे, पीठ और गर्दन की मांसपेशियों का विकास बेहतर रूप से हो सके। यह वो एक्सरसाइज है जो बच्चे के क्रॉलिंग में भी मदद करती है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
बच्चे को एक सॉफ्ट मैट पर पेट के बल लिटा दें। शुरू में बच्चा ज्यादा कुछ नहीं कर पाता है, लेकिन धीरे-धीरे आपका बच्चा चारों ओर देखने के लिए खुद को आगे की ओर धकेलना शुरू कर देता है।
ग. साइकिलिंग एक्सरसाइज
गैस की परेशानी से शिशु को राहत प्रदान करने के लिए यह एक अच्छा तरीका है, यह एब्स, पैरों, कूल्हों और घुटनों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। यह एक्सरसाइज बच्चे के मोशन की रेंज को बढ़ाता है और उसके शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी को भी बढ़ाता है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
बच्चे को पीठ के बल किसी सॉफ्ट सरफेस पर लिटा दें। फिर अपने हाथों से बच्चे के पैरों को पकड़ें और एक पैर को धीरे-धीरे छाती की ओर ले जाएं, जबकि दूसरे को एक साइकिल को पेडलिंग करने की तरह स्ट्रेच करें।
घ. भार उठाना
यह एक्सरसाइज बच्चे के हाथों और आँखों के बीच के कोआर्डिनेशन को इम्प्रूव करने के लिए बेहतरीन है, इसके अलावा यह कंधे, बांहों और हाथ की मांसपेशियों को भी मजबूती देता है। जब बच्चा चीजों को पकड़ना शुरू कर दे उसके बाद आप यह एक्सरसाइज बच्चे को करवा सकती हैं।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
बच्चे को बाउंसिंग चेयर या ऊंची कुर्सी पर बिठाएं। उनके सामने कई चीजें रखें और उन्हें एक चीज उठाने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चे को मौजूद आइटम में से किसी एक चुनने दें और उसे आचे से देखने दें और फिर अगले आइटम को उठाने से पहले इसे वापस रखें।
इस उम्र में ज्यादातर बच्चे अपने दम पर बैठने की कोशिश करते हैं। कुछ बच्चे एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने के लिए क्रॉलिंग करने की कोशिश भी करते हैं। 11 महीने तक ज्यादातर बच्चे सपोर्ट के साथ खड़े होने लगते हैं।
क. टो टू ईयर मूव एक्सरसाइज
यह बच्चे के पैर और पिंडली की मांसपेशियों को टारगेट करता है, इस एक्सरसाइज से बाद में बच्चा आराम से चल पाता है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
बच्चे को पीठ के बल लिटा दें। फिर उसके पैर को सीधा रखें क्योंकि आप दाहिने पैर के अंगूठे को बाएं कान की ओर हल्का सा मूव करेंगी। इसे दूसरे पैर के साथ भी ऐसे ही दोहराएं।
ख. व्हीलबैरो करें
इस एक्सरसाइज को करने में बच्चे को बहुत मजा आएगा, यह बच्चे का सिर कंट्रोल करने की बेहतरीन एक्सरसाइज में से एक है। व्हीलबारो एक्सरसाइज पूरे शरीर को टारगेट करती है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
बच्चे को पेट के बल लिटाएं। फिर उसके पेट पर अपना हाथ रखें और उसके शरीर के निचले आधे हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। ऊपरी शरीर के वजन को बच्चे के हाथों सहारा देना पड़ता है।
ग. टग अप बेबी एक्सरसाइज
बच्चे की पीठ और कोर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए यह एक्सरसाइज बहुत बेहतरीन है, यह बैठने की क्षमता में सुधार करती है। यहाँ, आपको भले ही इस एक्सरसाइज के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़े मगर लेकिन बच्चा बहुत एन्जॉय करता है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
बच्चे के दोनों फोरार्म को पकड़ें और उन्हें एक बैठने की मुद्रा तक खींचे। ध्यान रहे कि उसकी पीठ सीधी होनी चाहिए। फिर धीरे-धीरे उसे वापस फ्लैट सरफेस पर लेटा दें।
घ. माउंटेन क्लाइम्बिंग
इस खेल को प्ले टाइम के साथ एक्सरसाइज में बढ़ता जा सकता है। यह पैर की मांसपेशियों को स्ट्रोंग करता है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
आप फर्श पर या सॉफ्ट सरफेस पर बैठ जाएं, पैरों को फैला लें और घुटनों के बल झुक जाएं। बच्चे को अपनी गोद में रखें और उसे मजबूती से पकड़ें। फिर बच्चे को पीछे से पकडें ताकि वो आपके ऊपर चढ़ सके।
इस उम्र में एक्सरसाइज करने से बच्चे को उसके शरीर पर खुद कंट्रोल करने लगता है।
क. ले-बैक का प्रयास करें
इस एक्सरसाइज का मकसद बच्चे की पीठ के साथ-साथ उसके पेट और बांह की मांसपेशियों को मजबूत बनाना है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
आप फर्श पर सीधा लेट जाएं और आपके बच्चा पीठ के बल आपके पैरों के बीच लेटा होगा जो घुटने के मुड़ा हुआ होगा। बच्चे की बाहों और कलाई को पकड़ें, क्योंकि आप उसे वापस नीचे लाने से पहले उसे बैठने की पोजीशन में लाने के लिए हल्का सा खीचेंगी।
ख. स्पर्श करें और महसूस करें
बच्चे के ऊपरी पीठ, पैर, हाथ और कंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से, यह एक्सरसाइज बेहतरीन है, जो फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
अपनी गोद में बच्चे को सामने की ओर रखें। बच्चे के दाहिनी टखने को और बाएं हाथ को पकड़ लें क्योंकि आप धीरे-धीरे उन्हें अपने साथ लाएं। फिर धीरे-धीरे हाथ और पैर को बाहर को स्ट्रेच करें।
ग. स्क्वाट करने की कोशिश करें
बच्चे के चलने में मदद करने के लिए पैरों, क्वाड्रिसेप्स की मांसपेशियों, और घुटनों को मजबूती देने के लिए यह एक्सरसाइज बेस्ट है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
एक दूसरे के बगल में खड़ी हो जाएं और बच्चे से आपकी नकल करने के लिए कहें। अपने घुटनों को मोड़ें और फर्श पर आ जाएं और स्क्वाट करें। अपने हाथों को सपोर्ट देने के लिए फर्श पर रखें और फिर वापस ऊपर आ जाएं।
घ. हिप लिफ्ट
यह एक्सरसाइज फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के अलावा बच्चे के पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें
अपने बच्चे को पीठ के बल उसके घुटनों को मोड़ कर और पैरों को फर्श पर रखें। बच्चे की पीठ का सहारा देने के लिए उसकी कमर के नीचे हाथ रखें। अपने बच्चे को ऊपर उठाएं और कुछ सेकंड के लिए इसी पोजीशन में पकड़ कर रखें, फिर धीरे धीरे नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं।
एक बात ध्यान में रखें कि बच्चे को हमेशा तभी एक्सरसाइज कराएं जब वो अच्छे मूड में हो। बच्चे को कोई भी एक्सरसाइज करने के लिए फोर्स न करें, जिसे वो नहीं कर पा रहा हो।
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