शिशु

बच्चों के लिए चिकन पॉक्स (वेरिसेला) वैक्सीन

बच्चे को चिकन पॉक्स होने पर पेरेंट्स का चिंतित होना स्वाभाविक है, लेकिन आधुनिक मेडिसिन यह सुनिश्चित करती है, कि बच्चे को इस बीमारी से कोई भी लॉन्ग-टर्म नुकसान नहीं होगा। लेकिन, यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रोगी को कई असुविधाजनक और तकलीफदेह लक्षणों से गुजरना पड़ता है। आपको इस बीमारी के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए और साथ ही आपको यह भी समझना चाहिए, कि बच्चे को वेरिसेला वैक्सीन की प्रिसक्राइब्ड खुराक देना क्यों जरूरी है? 

चिकन पॉक्स क्या है?

चिकन पॉक्स या वेरिसेला एक संक्रामक वायरल इंफेक्शन होता है। आमतौर पर यह छोटे बच्चों को अधिक प्रभावित करता है और इसके आम लक्षणों में पूरे शरीर पर खुजली वाले दाने, बुखार और भूख की कमी शामिल हैं। सिरदर्द और थकान के साथ, लिम्फ नोड्स में सूजन और गले में दर्द भी चिकन पॉक्स के लक्षण हो सकते हैं। 

चिकन पॉक्स की वैक्सीन कितने प्रकार की होती है?

ये वैक्सीन दो प्रकार की होती है, जिसमें से एक वैक्सीन कमजोर स्वरूप के वायरस के कारण होने वाले चिकन पॉक्स के लिए होती है। वहीं, दूसरी वैक्सीन कई वैक्सीन का एक कॉन्बिनेशन होता है, जिसका इस्तेमाल मीजल्स, मम्प्स, रूबेला और चिकन पॉक्स के लिए होता है। 

चिकन पॉक्स वैक्सीन किसे देनी चाहिए?

चिकन पॉक्स वैक्सीन बच्चों को लगानी चाहिए। इसके साथ ही जो वयस्क हेल्थ केयर क्षेत्र से जुड़े होते हैं और कोई ऐसा काम करते हैं, जिसमें उन्हें बच्चों के आसपास रहना पड़ता है, उन्हें भी इस वैक्सीन की जरूरत होती है। बच्चे जनने के उम्र की महिलाएं, जो गर्भवती न हों, उन्हें भी इस वैक्सीन की सलाह दी जाती है। जो बड़े बच्चे और वयस्क छोटे बच्चों के साथ रहते हैं, उन्हें भी वेरिसेला वैक्सीन देने की सलाह दी जाती है। 

छोटे बच्चों में चिकन पॉक्स वैक्सीन के फायदे

चिकन पॉक्स वैक्सीन काफी कारगर होती है और इसे छोटे बच्चों को देना चाहिए। यहाँ पर इस वैक्सीन के कुछ फायदे दिए गए हैं: 

  • इस वैक्सीन को लगाने के बाद 98% लोग इस बीमारी से बच जाते हैं।
  • शिंगल्स नामक बीमारी, जो कि निष्क्रिय हो चुके वायरस के दोबारा एक्टिव हो जाने के कारण होती है, उसका खतरा कम हो जाता है और अगर यह बीमारी हो भी जाए, तो भी इसकी गंभीरता कम होती है।
  • निमोनिया और त्वचा रोग जैसी इससे जुड़ी परेशानियों का खतरा कम हो जाता है।

इस वैक्सीन को लगाने से, हर जनरेशन के साथ इस बीमारी में कमी आई है, वैक्सीन के प्रभाव के कारण बच्चों के इस बीमारी की चपेट में आने का खतरा भी कम हुआ है। 

चिकन पॉक्स वैक्सीन बच्चों के लिए कितनी सुरक्षित है?

चिकन पॉक्स वैक्सीन से बच्चों को कोई बड़ा खतरा नहीं होता है, क्योंकि, यह गंभीर इंफेक्शन से लड़ने के लिए उनके इम्यून सिस्टम को तैयार करती है। अगर बच्चे को किसी तरह की एलर्जी हो, जो कि इलाज के बीच में रुकावट बन सकती है, तो डॉक्टर के साथ बातचीत करके इसका पता लगाया जा सकता है। 

इंजेक्शन लगाने वाली जगह पर थोड़ा दर्द और थोड़ी सूजन हो सकती है। चिकन पॉक्स के लिए वैक्सीन लगाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह बीमारी की तुलना में सुरक्षित होता है और चिकन पॉक्स के कारण होने वाली तकलीफ तुलनात्मक रूप से काफी अधिक होती है। 

चिकन पॉक्स वैक्सीनेशन का रेकमेंडेड शेड्यूल

कई चिंतित पेरेंट्स जानना चाहते हैं, कि बच्चों को चिकन पॉक्स वैक्सीन कब लगाया जाता है। इसकी पहली खुराक तब दी जाती है, जब बच्चा 12 से 18 महीने का होता है। वहीं, 4 से 6 साल की उम्र के बीच बच्चे को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जाती है। 

बड़े बच्चों और वयस्कों को भी यह वैक्सीन दी जा सकती है। उनके लिए दो खुराकों के बीच का अंतराल 4 से 8 हफ्तों से अधिक नहीं होना चाहिए। 

यह वैक्सीन कैसे दी जाती है?

वेरिसेला वैक्सीन की खुराक को सबक्यूटेनियस यानी त्वचा के नीचे के इंजेक्शन से दिया जाता है और यह लगभग 0.5 मिली का होता है। इसकी दो खुराक होती हैं। 

वेरिसेला वैक्सीन किसे नहीं देनी चाहिए?

यह वैक्सीन गर्भवती महिलाओं को नहीं देनी चाहिए, क्योंकि पेट में पल रहे बच्चे के ऊपर इसके प्रभाव की पुष्टि नहीं की गई है। जिन लोगों को जिलेटिन से एलर्जी है, उनके लिए इस वैक्सीन का एक जिलेटिन रहित स्वरूप भी उपलब्ध है। जिन लोगों को इसकी पहली खुराक से किसी तरह का एलर्जिक रिएक्शन होता है, उन्हें दूसरी खुराक नहीं लेनी चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को नियोमाइसिन से एलर्जी है, उन्हें भी इस वैक्सीन से बचना चाहिए। 

इसके अलावा जो लोग पिछले 5 महीनों के अंदर ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रक्रिया से गुजर चुके हैं, जिन मरीजों का इलाज स्टेरॉइड से किया गया है और जिन रोगियों का कैंसर का इलाज चल रहा है, उन्हें भी इस वैक्सीन से बचना चाहिए। 

क्या वेरिसेला वैक्सीन एक लाइव वैक्सीन है?

वेरिसेला वैक्सीन एक लाइव वैक्सीन है और इसका नाम उसी वायरस पर रखा गया है, जिससे चिकन पॉक्स होता है।  इसे कमजोर किए जा चुके एक सैंपल से लिया जाता है। ये तनुकृत वायरस काफी कमजोर होते हैं, लेकिन इम्यून सिस्टम को प्रतिक्रिया देने लायक बनाने के लिए काफी होते हैं। 

क्या वैक्सीनेशन के बाद भी चिकन पॉक्स हो सकता है?

चिकन पॉक्स वैक्सीन बच्चों को भविष्य में गंभीर इंफेक्शन से बचाती है। बहुत कम संख्या में बच्चों को इंफेक्शन दोबारा हो सकता है लेकिन यह इस बीमारी का सौम्य स्वरूप होता है, जिसमें बुखार कम होता है, फफोले भी कम पड़ते हैं और बच्चा जल्दी ठीक हो जाता है। 

क्या चिकन पॉक्स के वैक्सीन के कुछ खतरे होते हैं?

चिकन पॉक्स वैक्सीन से बच्चों को कोई गंभीर खतरा नहीं होता है। कुछ गंभीर मामलों में बच्चों में चिकन पॉक्स वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स में बैक्टीरियल स्किन इन्फेक्शन, निमोनिया और दिमाग में सूजन (इंसेफेलाइटिस) शामिल हैं। 

गर्भवती महिलाओं के चिकन पॉक्स के संपर्क में आने का खतरा दुर्लभ है और उनमें से भी अधिकतर मामलों में, गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई साइड इफेक्ट हुए बिना, वे जल्दी ही ठीक हो जाती हैं। 

चिकन पॉक्स पहले इतना आम था, कि वह बच्चों की बढ़ती उम्र का एक हिस्सा हुआ करता था और इससे गुजरना एक नियम सा बन गया था। पर अब वैक्सीनेशन और बढ़ी हुई इम्युनिटी के कारण, बच्चों को इसका सामना बहुत कम करना पड़ता है। इस वैक्सीनेशन को जारी रखना और अपने बच्चे को इस बीमारी के लक्षणों और तकलीफों से बचाना बहुत जरूरी है। 

यह भी पढ़ें: 

बच्चों को वैक्सीन लगाने के बाद बुखार आना
बच्चों के लिए पेनलेस वैक्सीनेशन

पूजा ठाकुर

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

1 day ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

1 day ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

2 days ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

2 days ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

2 days ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

6 days ago