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चीकू को ‘सपोता’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे अंग्रेजी में ‘सेपोडिला’ कहते हैं और यह सबका पसंदीदा व बहुत लोकप्रिय फल है। चीकू अक्सर भूरे रंग में, नर्म और गूदेदार होता है, इसमें फ्रुक्टोज और सुक्रोज जैसे शर्करा पाए जाते हैं।
चीकू पुराने समय से ही काफी लोकप्रिय फल रहा है, किन्तु अक्सर माता-पिता के मन में यह सवाल उठता है कि क्या चीकू एक साल से कम के बच्चों को दिया जा सकता है? लेकिन अब चिंता की कोई बात नहीं है, आपके सभी सवालों के जवाब इस लेख के द्वारा हम देने की कोशिश करेंगे।
चीकू के साथ कई स्वास्थ्य लाभ जुड़े हुए हैं। यह इम्युनिटी को मजबूत करता है और मल-त्याग को आसान बनाता है। और जी हाँ, यह फल शिशुओं के लिए भी सुरक्षित है, क्योंकि इससे किसी भी प्रकार की एलर्जी नहीं होती है। 6 माह की आयु से आप अपने बच्चे को चीकू खिला सकते हैं और बेफिक्र रहें वह इसके अद्भुत स्वाद को पसंद करेगा।
शिशु की आयु 6 या 8 महीने के हो जाने के बाद, आप उसके आहार में चीकू शामिल कर सकते हैं। यह आयु आपके बच्चे की आहार योजना में चीकू शामिल करने के लिए सबसे सुरक्षित अवधि है। आमतौर पर इसके अच्छे स्वाद और पोषण के कारण बच्चों के लिए इसके सेवन की सलाह दी जाती है।
चीकू अत्यधिक पौष्टिक फल है, आइए जानते हैं इसमें कितनी मात्रा में पोषण पाया जाता है;
पोषक घटक | पोषण मान | आर.डी.ए. प्रतिशत |
| 83 किलो कैलोरी | 4% |
| 1.10 ग्राम | 3.5% |
| 19.96 ग्रा | 15% |
| 5.3 ग्रा | 14% |
| 0.44 ग्राम | <1% |
| 0 मिग्रा | 0% |
विटामिन | ||
| 0.200 मिलीग्राम | 1% |
| 0.020 मिलीग्राम | 1.5% |
| 0.058 मिलीग्राम | 5% |
| 60 आईयू | 2% |
| 14.7 मिलीग्राम | 24.5% |
| 0.037 | 3% |
| 14 µg | 3.5% |
इलेक्ट्रोलाइट्स | ||
| 12 मिलीग्राम | 1% |
| 193 मिग्रा | 4% |
खनिज पदार्थ | ||
| 21 मिलीग्राम | 2% |
| 12 मिलीग्राम | 3% |
| 0.086 मिग्रा | 9% |
| 0.10 मिग्रा | 1% |
| 0.6 µg | 1% |
| 12 मिलीग्राम | 2% |
| 0.80 मिलीग्राम | 10% |
स्रोत: ऊपर दी हुई तालिका (चार्ट) चीकू के पोषण गुणों को दर्शाती है। इसमें बताई हुई पोषण मात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन पर आधारित है।
बच्चों को मीठा पसंद होता है और सपोता या चीकू उनमें से एक है, लेकिन इसके बेहतरीन स्वाद के साथ इसमें कुछ अद्भुत स्वास्थ्य लाभ भी हैं जो इसे शिशुओं के लिए एक अच्छा विकल्प बनाते हैं। बच्चों के लिए चीकू के फायदे जानने के लिए आगे पढ़ें:
चीकू फाइबर-युक्त होने के कारण, बच्चों के लिए इसकी अत्यधिक सलाह दी जाती है। चीकू के सेवन से बच्चों के पाचन में सुधार होता है और कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है। बच्चों को चीकू देना फायदेमंद होता है इसलिए आप भी अपने बच्चे को चीकू दे सकते हैं। अगर आपका बच्चा कब्ज से पीड़ित है तो चीकू पर चुटकी भर नमक छिड़क कर उसे खिलाएं।
चीकू विटामिन ‘ए’, ‘सी’ और ‘बी6’ जैसे विटामिन से परिपूर्ण है। विटामिन ‘सी’, विशेष रूप से रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है और विटामिन ‘ए’ आँखों की रौशनी में सुधार करता है। विटामिन ‘बी6’ मस्तिष्क के विकास में मदद करता है, हीमोग्लोबिन के स्तर को नियंत्रित करता है। यहाँ तक कि यह आर.बी.सी. (लाल रक्त कोशिकाएं) के निर्माण में भी मदद करता है। तो, यह छोटा सा फल आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहतर फल सिद्ध हो सकता है।
चीकू में कफोत्सारक (बलगम निकालने वाली) गुण होते हैं जो इसे औषधीय दृष्टिकोण से अच्छा बनाते हैं।बच्चों में छाती की अकड़न और जमाव की समस्या के लिए चीकू लाभकारी है।
चीकू सेहत के लिए तो अच्छा है ही लेकिन इसके पेड़ के पत्ते भी आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। चीकू की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमटरी गुण होते हैं। इसे औषधि के रूप में उपयोग करने से पहले चीकू की पत्तियों के गुच्छे को लगभग 10 मिनट तक उबाल लें और ठंडा होने के बाद इसका उबला हुआ पानी अपने बच्चे को दें।
चीकू पोटेशियम, आयरन, कैल्शियम और कॉपर जैसे मिनरल का एक अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ फोलेट और नियासिन जैसे विटामिन का भी एक अच्छा स्रोत है। इन सभी मिनरल और विटामिन का संयोजन आपके बच्चे को आवश्यक ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने में मदद करता है।
सपोता या चीकू, एंटी-ऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट शिशुओं के लिए आवश्यक है क्योंकि यह कोशिकाओं की क्षति को रोकने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट चयापचय के मुक्त-कणों को प्रभावी ढंग से रोकने में मदद करता है।
हालांकि चीकू बच्चों के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन यह मीठा और पौष्टिक फल बच्चों को खिलाते समय कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना आवश्यक है।
चीकू एक पौष्टिक फल है, लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे;
बच्चों के लिए चीकू का सेवन, प्यूरी या फिर अन्य तरल रूप में करना बेहतर होता है। इस बार का खयाल रखते हुए यहाँ हमने चीकू से बनी कुछ अद्भुत व्यंजन विधियां बताई हुई हैं, यह विधियां न केवल स्वादिष्ट ही होती हैं बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती हैं:
बच्चों के लिए इस प्रोटीन-युक्त मिल्कशेक की सलाह दी जाती है। यह न केवल स्वाद में अच्छा होता है बल्कि रोग प्रतिशोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और साथ ही मानसिक विकास में सहायक है।
बनाने की विधि
चीकू की प्यूरी आसानी से बनाई जा सकती है और इसके लिए अधिक मेहनत की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आपके बच्चे के दाँत अभी तक नहीं आए हैं, तो उसे अक्सर चीकू की प्यूरी देने की सलाह दी जाती है।
सामग्री
बनाने की विधि
चीकू अपने स्वाद और पोषण के कारण बच्चों व शिशुओं के लिए एक सर्वोत्तम फल है। अब आप इस चमत्कारी फल के बारे में सब कुछ जानते हैं तो यह फल बच्चों को देने में बिलकुल भी न घबराएं। लेकिन बच्चों को चीकू खिलाते समय ऊपर दी हुई सावधानियों का पूरी तरह से खयाल रखें।
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