मकई, जिसे हम मक्का, भुट्टा या कॉर्न के नाम से भी जानते हैं, एक स्वादिष्ट अनाज है जो अपने मीठे स्वाद, चमकीले पीले रंग और प्रोटीन की प्रचुरता के लिए जाना जाता है। इस वजह से आप सोच सकती हैं कि अपने शिशु के आहार में इसे जल्दी ही शामिल किया जाना चाहिए।
हालांकि, ऐसा करने से पहले मकई के सभी स्वास्थ्य लाभ और साथ ही उसके दुष्प्रभावों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। इस लेख में शिशु को मकई खिलाने से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई है।
क्या मकई बच्चों के लिए सुरक्षित है
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण यह जानना है कि क्या मकई या कॉर्न आपके शिशु के लिए सुरक्षित है। मकई में बड़ी मात्रा में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो इसे उर्जा प्रदान करने वाला एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ बनाते हैं, लेकिन कई अन्य पोषक तत्व इसमें नदारद होते हैं। साथ ही एलर्जी, अपचन आदि के खतरे की वजह से यह माना जाता है कि जब तक शिशु कम से कम एक साल का नहीं हो जाता, तब तक कॉर्न को उसके आहार का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए। अगर आपके परिवार में मकई की एलर्जी का इतिहास रहा है, तो इस बात पर गौर करें कि कहीं शिशु को इसके सेवन से कोई तकलीफ तो नहीं होती, अन्यथा यह उसे देने से बचें। इसके अलावा अगर आपके शिशु को एक्जिमा है, तो जब तक आपके डॉक्टर कॉर्न देने के लिए अनुमति न दें, इससे दूर ही रहें।
मकई का पोषण मूल्य
मकई में भरपूर मात्रा में विटामिन-बी मौजूद होते हैं: थियामिन, नियासिन, पैंटोथेनिक एसिड (बी5) और फोलेट। इसमें मध्यम मात्रा में डायटरी फाइबर, खनिज, मैग्नीशियम और फास्फोरस शामिल होते हैं। नीचे दी गई तालिका इसके पोषण मूल्यों को दर्शाती है:
प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 आउंस)
उर्जा | 360 किलोजूल (86 किलोकैलोरी) |
कार्बोहाइड्रेट | 18.7 ग्राम |
प्रोटीन | 3.27 ग्राम |
वसा | 1.35 ग्राम |
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विटामिन
विटामिन ए | 9 माइक्रोग्राम |
ल्यूटिन ज़ेक्सैंथिन | 644 माइक्रोग्राम |
थियामिन (बी1) | 0.155 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन (बी2) | 0.055 मिलीग्राम |
नियासिन (बी3) | 1.77 मिलीग्राम |
पैंटोथेनिक एसिड (बी5) | 0.717 मिलीग्राम |
विटामिन बी6 | 0.093 मिलीग्राम |
फोलेट (बी9) | 42 माइक्रोग्राम |
विटामिन सी | 6.8 मिलीग्राम |
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खनिज
आयरन | 0.52 मिलीग्राम |
मैगनीशियम | 37 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 0.163 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 89 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 270 मिलीग्राम |
जिंक | 0.46 मिलीग्राम |
…..
मकई के प्रकार
मकई के पाँच अलग-अलग प्रकार हैं: डेंट, मीठी, फ्लिन्ट, पॉपकॉर्न और फ्लोर
- डेंट मकई: डेंट पीले या सफेद रंग का होता है और फील्ड कॉर्न के रूप में भी जाना जाता है। इसका उपयोग पशुओं के चारे, प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) खाद्य पदार्थ और औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है।
- मीठी मकई: इसमें अन्य प्रकार की मकई की तुलना में प्राकृतिक शर्करा की मात्रा अधिक होती है और इसलिए इसे स्वीट कॉर्न कहा जाता है। डेंट में 4% शर्करा होती है जबकि स्वीट कॉर्न में 10% । इसे खाने में मिलाने के बजाय इसका सीधा सेवन किया जाता है। मीठी मकई का पशु खाद्य के रूप में उपयोग नहीं किया जाता है। कटाई के बाद इसे तुरंत खाया जाना चाहिए, क्योंकि 24 घंटों के बाद इसमें मौजूद 50% शर्करा स्टार्च में बदल जाती है।
- फ्लिंट मकई: फ्लिंट मकई में एक कठोर बाहरी आवरण होता है और यह मध्य और दक्षिण अमेरिका में उगाया जाता है। यह पीले या लाल रंग का होता है।
- फ्लोर मकई: फ्लोर मकई, मकई का सबसे पुराना प्रकार है और इसका उपयोग बेक किये गये खाद्य पदार्थों में किया जाता है। यह आमतौर पर सफेद होता है, और इसके दाने नरम और स्टार्च से भरपूर होते हैं।
- पॉपकॉर्न: यह प्रकार अंदर से नरम और स्टार्चयुक्त होता है और गर्म करने पर पॉप (बाहरी आवरण फट जाता है) होता है। दाने के अंदर की नमी भाप के रूप में कार्य करती है जिससे यह फट जाता है। अन्य प्रकार के मकई भी पॉप हो सकते हैं लेकिन पॉपकॉर्न जितने नहीं क्योंकि इनमें स्टार्च और नमी की मात्र अधिक होती है।
ध्यान रखें कि मकई अन्य सब्जियों, फलों और अनाज जितनी स्वास्थ्यप्रद नहीं है।
अपने बच्चे के आहार में मकई कैसे और कब शामिल करें
शिशुओं को छह महीने की उम्र के बाद मकई दी जा सकती है, जब वे ठोस खाद्य पदार्थ खाना शुरू कर देते हैं। हालांकि एलर्जी के जोखिम को कम करने के लिए आप शिशु के एक साल का होने तक इंतजार कर सकते हैं। शिशु के पाचन तंत्र में सुधार होने तक इंतजार करना बेहतर होता है क्योंकि मकई को पचाना काफी मुश्किल होता है। आप निम्नलिखित तरीकों से अपने शिशु के खाने में मकई शामिल कर सकते हैं:
- मकई का गाढ़ा गूदा बनाएं और यह मिश्रण अपने शिशु को खिलाएं । यह नरम और निगलने में आसान होगा।
- जब आपका शिशु 18-24 महीने का हो जाता है, तो आप उसे क्रीमयुक्त मकई देना शुरू कर सकते हैं।
- जब बच्चा दो साल या उससे अधिक उम्र का हो जाता है और खाना चबाने के लिए दांतों का उपयोग करने लगता है तब आप उसे खाने के लिए मकई के दाने दे सकते हैं, परंतु यह सुनिश्चित करें कि वह उन्हें अच्छे से चबाता हो ।
अगर आपको बच्चे को मकई या अन्य पौष्टिक आहार में से कोई एक देना हो, तो हमेशा दूसरा विकल्प चुनें। पौष्टिक भोजन की जगह कभी भी मकई को न दें क्योंकि इसमें पोषण मूल्य कम होते हैं। आप इसे बाद के महीनों में फिंगर फूड के रूप में बच्चे को दे सकते हैं। आपके बच्चे के आहार में मकई को शामिल करने के कुछ सुझाव नीचे दिए गए हैं –
- अपने बच्चे को पहले खाद्य पदार्थ के रूप में मकई न दें। उसे विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां पसंद आने तक और उन्हें पचाने में सहजता होने तक इंतजार करें।
- ऐसे भुट्टे चुनें जो घने और हरे हों । सूखें भुट्टे न लें । सुनिश्चित करें कि इसके दानों का रंग चटक हो और वे अच्छे मोटे हों और पिचके हुए न हों।
- सफेद और पीली मकई दोनों ही समान रूप से स्वादिष्ट होती है। बाजार में कुछ नए प्रकार आए हैं जिनके दाने अधिक समय तक मीठे रहते हैं, क्योंकि उनमें मौजूद शर्करा को स्टार्च में बदलने में अधिक समय लगता है।
- दाना गले में अटकने का खतरा बहुत अधिक होता है, इसलिए जब तक आपका बच्चा कम से कम एक साल का न हो जाए, तब तक उसे ठोस मकई देना टालें।
- ताजा मकई की तुलना में डिब्बाबंद मकई कम पौष्टिक होती है, ताजा मकई में अधिक प्रोटीन होता है। सुनश्चित करें कि आप डिब्बाबंद मकई की सामग्री की सावधानीपूर्वक जांच करते हैं, साथ ही शक्कर और नमक मिलाई हुई मकई खरीदना टालें।
- बाजार से मकई लाने के बाद इसे जल्दी ही पकाएं और खाएं ताकि यह खराब न हो जाए। इसका सेवन करने तक इसे फ्रिज में रखें क्योंकि यह शर्करा की स्टार्च में रूपांतरण प्रक्रिया को धीमा कर देता है।
- अपने बच्चे को क्रीमयुक्त मकई के रूप में कॉर्न देना शुरू करने की कोशिश करें क्योंकि यह पचाने में आसान होता है। क्रीमयुक्त मकई बनाने के लिए एक फूड प्रोसेसर में मकई के दानों की गाढ़ी प्यूरी बनाएं, इसमें आपको यह जितना गाढ़ा चाहिए उसके हिसाब से उचित मात्रा में पानी मिलाएं ।
बच्चों के लिए मकई के लाभ
मकई जब सीमित से मध्यम मात्रा में शिशु के आहार में शामिल की जाती है, तो यह उसके लिए लाभदायक होती है।
- वजन बढ़ना: 100 ग्राम मकई में लगभग 350 कैलोरी होती है – उर्जा प्राप्त करने के लिए एक सर्वोत्तम खाद्य पदार्थ। यदि आपके बच्चे का वजन कम है, तो मकई का आहार उसका वजन थोड़ा बढ़ाने में मदद कर सकता है। यहाँ तक कि माँ का दूध छुड़ाने के तुरंत बाद भी सामान्य वजन वाले बच्चे के वजन को बनाए रखने में मदद करने के लिए मकई दी जा सकती है।
- शारीरिक वृद्धि और विकास: कॉर्न विभिन्न प्रकार के आहारीय खनिजों और विटामिनों से भरपूर होता है जो शरीर के विकास में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए मकई के दाने बी कॉम्प्लेक्स से भरपूर होते है। थियामिन, जो तंत्रिका और मस्तिष्क के विकास में मदद करता है। नियासिन शर्करा, प्रोटीन और फैटी एसिड के उपापचय में सुधार लाता है; और फोलेट नए कोशिका के विकास में मदद करता है।
- रक्त कोशिकाओं की रक्षा: मकई में मौजूद ऑक्सीकरण रोधी (जो विटामिन ई के रूप में होते हैं) कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। ऑक्सीकरण रोधी शरीर में ऊतक और डीएनए को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। मकई में फेनोलिक कंपाउंड फेरुलिक एसिड होता है जो कैंसररोधी होता है।
- अच्छी आँखें और त्वचा: पीली मकई विटामिन ए से भरपूर होती है, जो बीटा-कैरोटीन का एक स्रोत है जो अच्छी दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है। बीटा-कैरोटीन एंटीऑक्सीडेंट भी है जो बच्चे की त्वचा के लिए अच्छा होता है।
- मांसपेशियां और तंत्रिका तंत्र: मकई में फास्फोरस (जो हड्डी को स्वस्थ रखने में मदद करता है), पोटेशियम, मैग्नीशियम (जो मांसपेशियों और तंत्रिका कार्य के लिए आवश्यक है) और आयरन (जो मस्तिष्क के विकास को बेहतर बनाता है) होते हैं।
- पाचन में सुधार: मकई फाइबर से भरपूर होती है जो एक रेचक के रूप में काम करती है। यदि आपके बच्चे को पाचन या कब्ज की समस्या है, तो मकई के बीज और मकई का आटा इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है।
बच्चों में मकई के दुष्प्रभाव
मकई की प्राकृतिक शर्करा बहुत जल्दी स्टार्च में बदल सकती है और इसलिए इसे बच्चों के लिए बहुत स्वास्थ्यकर नहीं माना जाता है। मकई के दुष्प्रभावों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं –
1. एलर्जी
मकई के दानों में मौजूद प्रोटीन के कारण एलर्जी होती है। लिपिड ट्रांसफर प्रोटीन (एलपीडी) एलर्जी के लिए जिम्मेदार है और मकई के संसाधन या इसके पाचन के बाद भी यह इसमें मौजूद होता है। मकई के दानों में मौजूद भंडारण प्रोटीन और मकई पराग से भी एलर्जी हो सकती है। मकई और मकई-आधारित उत्पाद, दोनों एक्जिमा और एलर्जिक राइनाइटिस जैसी एलर्जी उत्पन्न कर सकते हैं। यहाँ बाजार में मिलने वाले कुछ प्रमुख मकई-आधारित उत्पादों की एक सूची दी गई है –
- कॉर्नस्टार्च
- बेकिंग पाउडर
- मकई का तेल
- कॉर्नफ्लेक्स
- मकई की रोटी (टॉर्टिला)
- पॉपकॉर्न
- वेनीला अर्क
- कन्फेक्शनर चीनी
- मकई का आटा (दरदरा पीसा हुआ)
- मैनिटॉल
- मार्जरीन
- रंगीत मकई होमिनी
- लैक्टिक एसिड
- इन्वर्ट शुगर
- कॉर्न सिरप
- कैरेमेल
- डेक्सट्रिन
- डेक्सट्रोज
- फलशर्करा (फ्रक्टोज)
- माल्टोडेक्सट्रिन
- सोर्बिटोल
बच्चों में मकई के सेवन से होने वाली एलर्जी के निम्नलिखित लक्षणों से सावधान रहें –
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- दमा या तीव्रग्राहिता
- बंद या बहती नाक
- छींक आना
- सिर दर्द
- मतली, पेट में ऐंठन, उल्टी, अपच, दस्त
- खराश
यदि आपके अपने बच्चे में मकई से एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो घबराएं नहीं। पहला और सबसे सरल कदम है बच्चे के आहार से मकई और मकई-आधारित उत्पादों को हटाना। बाजार से खरीदे गए खाद्य पदार्थों में थोड़ा-बहुत मकई इस्तेमाल हो सकता हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि अपने बच्चे को घर का बना खाना ही दें। यदि लक्षण गंभीर हैं, तो उपचार के लिए उसे डॉक्टर के पास ले जाएं ।
2. असहिष्णुता
असहिष्णुता पाचन समस्याओं के कारण होती है और एलर्जी से अलग होती है। यदि आपके बच्चे में निम्नलिखित लक्षण हैं, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि वह मकई के लिए असहिष्णु है –
एलर्जी की तुलना में असहिष्णुता को आसानी से ठीक किया जा सकता है। बस अपने बच्चे के आहार से मकई निकाल दें और उसे पाचन के लिए हल्के, स्वास्थ्यप्रद फल और सब्जियां खिलाएं और साथ ही बहुत सारा पानी पिलाएं।
मकई कैसे चुनें और इसका भंडारण कैसे करें
एक बार जब आप यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि आपके बच्चे को मकई से कोई तकलीफ नहीं होती है और इसके सेवन से कोई एलर्जी या असहिष्णुता नहीं है, तो आप इसे बाजार से खरीद सकती हैं। यहाँ बाजार में सबसे अच्छी मकई चुनने के लिए कुछ सुझाव दिये गये हैं –
- ताजी मकई का चयन करें, डिब्बाबंद नहीं, क्योंकि ताजी मकई खाना ही इसके सेवन का सबसे बेहतर तरीका है।
- मकई के दाने मोटे और चमकदार होने चाहिए।
- मकई का छिलका मकई को गर्मी से बचाता है, इसलिए ऐसी मकई खरीदें जिसका छिलका निकाला ना गया हो।
- यदि सुपरमार्केट या दुकानदार अनुमति दें तो मकई का छिलका थोड़ा निकालकर दानों और ऊपरी हिस्से की गुणवत्ता की जांच करें।
- भुट्टे के बाल (मकई के ऊपरी हिस्से के पास भूरे रंग के रेशे) चिपचिपे और चमकदार होने चाहिए।
- ऑर्गेनिक कॉर्न खरीदें जो आनुवंशिक रूप से परिवर्तित न किया गया हो
- आप फ्रोजन कॉर्न भी खरीद सकती हैं
- सुनिश्चित करें कि छिलके हरे हैं, भुट्टा छीला हुआ नहीं है। सूखे छिलके मकई बासी होने का संकेत हो सकते है।
- इसकी कठोरता जांचने के लिए दोनों हाथों से मकई को दबाएं। कठोर मकई ताजी होती है और इसके दाने मोटे होते हैं।
- मकई को सूरज की रोशनी और गर्मी से दूर रखना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद शर्करा आसानी से स्टार्च में परिवर्तित हो सकती है।
- पहले तीन दिनों के भीतर मकई का सेवन करें।
- यदि आप डिब्बाबंद मकई खरीद रही हैं, तो सामग्री को बहुत ध्यान से देखें कि कहीं इसमें अतिरिक्त शर्करा तो नहीं है। ताजा मकई की तुलना में डिब्बाबंद मकई कम पौष्टिक होती है।
- एक हवाबंद डिब्बे में मकई को भरें और फ्रिज में रखें।
बच्चों के लिए स्वादिष्ट मकई रेसिपीज
मकई एक बहु उपयोगी पदार्थ है जिसे विभिन्न तरीकों से उपयोग किया जा सकता है। आपके बच्चे के लिए स्वीट कॉर्न सूप से लेकर मकई दलिया तक, इसे तैयार करने के कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं ताकि आपका बच्चा इसे चाव से खा सके!
1. कॉर्न प्यूरी
सामग्री
स्वीट कॉर्न का भुट्टा, एक चम्मच पानी, माँ का दूध या फार्मूला दूध
विधि
- भुट्टे से दाने निकल लें।
- उबलते पानी में दाने डालें और उन्हें नरम होने तक उबलने दें।
- पानी या दूध मिलाकर गाढ़ी प्यूरी बनाएं। इसका गाढ़ापन कम करने के लिए अधिक पानी मिलाएं।
2. स्वीट कॉर्न सूप
सामग्री
ताजा स्वीट कॉर्न, स्वादानुसार नमक, एक बड़ा चम्मच बारीक कटा हुआ गाजर, फलियां, ब्रॉकोली और हरा प्याज
विधि
- भुट्टा पका लें और ठंडा होने पर इसके दाने निकाल लें।
- बाद में इस्तेमाल करने के लिए कुछ दाने अलग रख दें और बाकी दानों की गाढ़ी प्यूरी बनाएं।
- एक पैन में थोडा सा मक्खन डालकर अन्य सब्जियां पका लें।
- इन्हें दो मिनट पकाने के बाद इसमें मकई की गाढ़ी प्यूरी डालें, थोड़ा नमक डालें और उबालें।
- गाढ़ापन कम करने के लिए और पानी डालें।
- बाकी के दाने डालें और उबालें।
3. कद्दू और मकई के आटे का दलिया
सामग्री
1 कप पानी, 1 कप दूध, 1 कप कद्दू की गाढ़ी प्यूरी, आवश्यकतानुसार पानी और पीली मकई का आटा (दरदरा पीसा हुआ), एक बड़ा चम्मच ब्राउन शुगर, ½ छोटा चम्मच पीसा हुआ अदरक (वैकल्पिक), एक चुटकी नमक
विधि
- एक पैन में पानी, दूध और कद्दू डालें
- एक अन्य कटोरे में पानी के साथ मकई का आटा मिलाएं और पेस्ट बनाएं । सुनिश्चित करें कि इसमें गांठें न रहें।
- पैन के मिश्रण में मकई के आटे की पेस्ट और शक्कर मिलाएं, इसे गर्म करें और गाढ़ा होने तक हिलाते रहें।
- अदरक और नमक डालें।
- इसे 3-5 मिनट तक पकने दें।
- शिशु को गर्मागर्म मकई दलिया खिलाएं ।
4. गाजर, आलू और स्वीट कॉर्न प्यूरी
सामग्री
1 गाजर, 1 आलू, 1 बड़ा चम्मच मटर के दाने, 2 बड़े चम्मच स्वीट कॉर्न के दाने, 4 बड़े चम्मच पानी और 1 छोटा चम्मच जैतून का तेल
विधि
- एक पैन में तेल लें फिर उसमें बारीक कटा हुआ गाजर नरम होने तक तलें।
- फिर उसमें आलू, मटर, स्वीट कॉर्न के दाने और पानी डालें।
- प्यूरी बनाने के लिए मिश्रण को उबलने दें और फिर 15 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
5. मकई और फूलगोभी प्यूरी
सामग्री
1 कप कटी हुई फूलगोभी, 1 कप दही, 2 कप मकई के दाने, आवश्यकतानुसार काली मिर्च
विधि
- मकई को पकाएं और फूलगोभी को भाप पर पकाएं।
- मिक्सर या फूड प्रोसेसर में दोनों को मिलाकर गाढ़ी प्यूरी बनाएं।
- स्वाद के लिए दही और काली मिर्च मिलाएं।
6. मकई के पकोड़े (1 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे के लिए)
सामग्री
2-3 बड़े चम्मच दूध, 2-3 छोटे चम्मच सॉस, 1 कप स्वीट कॉर्न के दाने, 1 कप मैदा, वनस्पति तेल
विधि
- एक चिकना मिश्रण बनाने के लिए मैदा और दूध मिलाएं।
- इसमें सॉस और मकई के दाने डालें।
- पैन में थोड़ा वनस्पति तेल डालें और उस पर थोड़ा-थोड़ा करके मिश्रण डालें।
- वे पकते समय उन्हें हल्के से दबाएं और तलें ।
7. मकई, सेब और शकरकंद प्यूरी
सामग्री
1 छीला हुआ सेब, 1 शकरकंद, 2 कप मकई के दाने
विधि
- मकई को पकाएं और सेब और शकरकंद को भाप पर पकाएं।
- तीनों की गाढ़ी प्यूरी बनाएं।
- मिश्रण के गाढ़ेपन को कम करने के लिए थोड़ा फार्मूला या माँ का दूध मिलाएं।
8. मकई कटलेट (1 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे के लिए)
सामग्री
2 बड़े चम्मच मक्के का आटा, 1 उबला आलू, 1 छोटा चम्मच नींबू का रस, स्वादानुसार नमक, स्वादानुसार काली मिर्च, तलने के लिए तेल
विधि
- उबले हुए आलू को मैश करें।
- इसमें मकई का आटा, नमक, नींबू का रस मिलाएं और इसमें थोड़ी सी काली मिर्च मिलाएं।
- अपनी उंगलियों का उपयोग करके मिश्रण के छोटे सपाट गोले बनाएं।
- एक कड़ाही में गोलों को समय समय से हिलाते हुए इन्हें तलें।
- मकई का आटा (दरदरा पीसा हुआ) आमतौर पर गाजर, सेब, मटर, भूरे चावल या चावल के भोजन के साथ अच्छी तरह से मिश्रित होता है, जो सभी आसानी से पचने योग्य होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या आपका बच्चा कब्ज को ठीक करने के लिए मकई (कारो) सिरप पी सकता है?
कारो मकई सिरप कब्ज को ठीक नहीं करता है। इसमें आवश्यक रसायन नहीं होते हैं जिससे आंत में द्रव पदार्थ जाएं और मल पतला हो। ये एक सामान्य घरेलू उपचार हुआ करता था लेकिन यह प्रभावी नहीं है।
2. क्या पाउडर वाले दूध में मौजूद मकई सिरप बच्चों के लिए अच्छा है?
मकई सिरप एक कृत्रिम रूप से मीठा पदार्थ है और पाउडर वाले दूध में फलशर्करा की मात्रा बढ़ाता है। इसका उपयोग केवल उत्पाद को मीठा बनाने के लिए किया जाता है और इसलिए शिशुओं के लिए इसका उपयोग टाला जाना चाहिए। उच्च मात्रा में फलशर्करा मकई सिरप (एचएफसीएस) से बच्चे का न केवल वजन बहुत बढ़ेगा, बल्कि उसे अधिक मीठे खाद्य पदार्थ खाने की आदत भी लगेगी। इससे वह बड़ा होने पर केवल ऐसे खाद्य पदार्थ ही खाएगा। आप क्या कर सकते हैं? पाउडर वाला दूध खरीदने से पहले इसकी सामग्री की जांच करें और उसका चयन करें जिसमें मकई सिरप का प्रमाण कम हो।
3. क्या एक साल के बच्चे को कॉर्नफ्लेक्स देना सुरक्षित है?
जो बच्चे एक साल या उससे अधिक उम्र के हैं, वे सुरक्षित रूप से कॉर्नफ्लेक्स खा सकते हैं, लेकिन उनमें से भी कम नमक वाले कॉर्नफ्लेक्स चुनना आवश्यक है। कॉर्नफ्लेक्स की तुलना में पोहे, ओट्स और व्हीट फ्लैक्स् में बेहतर पोषण मूल्य होता है।
4. क्या आप अपने बच्चे को कॉर्नस्टार्च दे सकते हैं?
जिन शिशुओं के अभी तक दांत नहीं आए हैं, उन्हें कॉर्नस्टार्च जैसे स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ नहीं दिए जाने चाहिए। ये आमतौर पर इसलिए दिया जाता है क्योंकि इसे आसानी से निगला जा सकता है। हालांकि, सीधा निगलने से भोजन में थूक सही तरह से न मिलने का खतरा होता है, जो बच्चे के पाचन में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
5. क्या बच्चों के लिए गिनी मकई अच्छा है?
गिनी मकई, जिसे सोरगम या ज्वार के रूप में भी जाना जाता है, असंतृप्त वसा, प्रोटीन, फाइबर और फॉस्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे खनिजों से भरपूर होता है। इसमें उच्च मात्रा में स्टार्च पाया जाता है, इसलिए यदि आप इसे अपने बच्चे को दे रहे हैं, तो अन्य कम स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों के साथ उसके आहार को संतुलित करना सुनिश्चित करें।
6. क्या कॉर्न पफ्स मेरे बच्चे के लिए एक आदर्श स्नैक है?
कॉर्न पफ्स की तुलना में फल और सब्जी अधिक पौष्टिक होते हैं।
7. क्या बच्चों के शरीर के चकत्तों (रैशेज) के लिए मकई के आटे का उपयोग किया जाता है?
पहले निर्धारित करें कि शिशु को किस तरह के रैश हैं। मकई के आटे से उन चकत्तों से राहत मिल सकती है जिनका कारण फंगल संक्रमण न हो, लेकिन यदि ऐसा हो तो इसके लगाने पर फंगस में वृद्धि हो सकती है।
8. क्या आप डायपर रैशेज के इलाज के लिए कॉर्नस्टार्च का उपयोग कर सकते हैं?
कॉर्नस्टार्च बैक्टीरिया की वृद्धि में मदद करता है, इसलिए डायपर रैशेज के इलाज के लिए इसका उपयोग करने से बचें। इसके बजाय आप बेबी पाउडर का इस्तेमाल कर सकती हैं।
कॉर्न के विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन इसे अपने बच्चे के आहार में सही समय पर, सही रूप में और सही मात्रा में शामिल करना भी महत्वपूर्ण है ताकि आपको किसी भी दुष्प्रभाव के बारे में चिंता न करनी पड़े।
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