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अगर आपका बच्चा छह महीने से ऊपर का है और थोडा बहुत सॉलिड फूड खाने लगा है, तो आप यह चाहेंगी कि उसका खाना फाइबर युक्त हो ताकि बच्चे का डाइजेस्टिव सिस्टम सही रहे और वो अपना काम ठीक से करे। फाइबर एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है और बच्चे की डाइट के लिए आवश्यक भी है, यह बच्चों में होने वाली कब्ज की समस्या को दूर रखता है। हम जानते हैं कि आप अपने बच्चे के लिए उन फूड ऑप्शन के बारे में जरूर जानना चाहेंगी जिसमें फाइबर पाया जाता है, तो अधिक जानकारी के लिए लेख को पढ़ते हैं।
डाइटरी फाइबर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- सॉल्युबल और इन्सॉल्युबल फाइबर। सॉल्युबल फाइबर पानी में घुल जाते हैं, डाइजेशन को रेगुलेट करने में मदद करते हैं और इससे बच्चे का पेट लंबे समय तक भरा रहता है। यह बच्चों में मोटापे के जोखिम को कम करने में भी मदद करते हैं। इन्सॉल्युबल फाइबर पानी में नहीं घुलते हैं और बच्चे के मल में मिल जाते हैं। ये बच्चों में मल त्याग करने की प्रक्रिया रेगुलेट करने के लिए जाने जाते हैं और कब्ज के लिए एक बेहतरीन रेमेडी के रूप में काम करते हैं। बच्चे के कब्ज के लिए कई हाई फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ मौजूद हैं, जिन्हें सुरक्षित रूप से बच्चे की डाइट में शामिल किया जा सकता है, जैसे कि सूखा आलूबुखारा, नाशपाती, प्लम आदि।
हालांकि, बच्चों के लिए फाइबर की कोई पर्टिकुलर मात्रा रेकमेंड नहीं है, लेकिन यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे को हर दिन 1000 कैलोरी लेने के लिए लगभग 14 ग्राम डाइटरी फाइबर की आवश्यकता होती है। 1 और 3 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए, डेली बेसिस पर लगभग 19 ग्राम फाइबर लेना जरूरी होता है।
ध्यान रहे कि आप अपने बच्चे को बहुत ज्यादा फाइबर न दें क्योंकि इससे बच्चे को डायरिया भी हो सकता है।
इससे पहले कि आप अपने बच्चे के आहार में फाइबर यक्त खाने को शामिल करें, आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और उन खाद्य पदार्थों के बारे में भी जानें जिन्हें आपको बच्चे के आहार में शामिल करने से बचना चाहिए। डॉक्टर को मंजूरी मिलने के बाद आप बच्चे के आहार में हाई फाइबर युक्त फलों और सब्जियों को शामिल कर सकती हैं और इसे धीरे-धीरे उन्हें देना शुरू कर सकती हैं।
लगभग छह से सात महीने की उम्र में आप अपने बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क छुड़ाने के तुरंत बाद वेजीटेबल फाइबर देना शुरू किया जा सकता है। आप बच्चे को सब्जियां देने के लिए उन्हें मैश करके या स्मूदी बना कर दें। जैसे-जैसे बच्चे के दाँत आना शुरू होते हैं, आप उसे हल्की फ्राई की हुई सब्जियां या सलाद दे सकती हैं। जिन सब्जियों में फाइबर की अधिक मात्रा पाई जाती है वो कुछ इस प्रकार हैं:
फल फाइबर का एक बढ़िया स्रोत होते हैं और इन्हें आपके बच्चे को सुरक्षित रूप से दिया सकता है। ध्यान रखें कि बच्चे को एक समय में एक ही फल दें और नोटिस करें कि यह उसकी बॉडी पर कैसे रिएक्ट कर रहा है। यदि बच्चे को किसी प्रकार की कोई परेशानी महसूस होती है, तो इसे वो फल देना बंद कर दें और कोई और फल दें जिसमें फाइबर पाया जाता है। ऐसे फल जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक है उन्हें शामिल है:
शुरुआत में अपने बच्चे को कोई एक ही अनाज दें और सीरियल के रूप में उसे ग्रेन्स देने की शुरुआत करना सबसे अच्छा है। हालांकि, हो सकता है कि आपके बच्चे को इसका टेस्ट उतना पसंद न आए, लेकिन धीरे-धीरे वो इसका आदी हो जाएगा। यह जानने के लिए कि किस ग्रेन में ज्यादा फाइबर होता है आप उसके टेक्सचर की जांच करें। जितना ज्यादा इसका टेक्सचर होगा, उतना ज्यादा इसमें फाइबर मौजूद होगा। यहाँ उन ग्रेन्स के बारे में बताया गया है जो अधिक फाइबर प्रदान करते हैं:
एक बार जब आपके बच्चे के दाँत आना शुरू हो जाएंगे, उसके बाद आप उसे होल ग्रेन पास्ता, ब्रेड, और चने से बने क्रैकर्स खाने को दे सकती हैं।
आप यहाँ बताई गई रेसिपी को ट्राई कर सकती हैं, इन रेसिपीज में फाइबर अच्छी मात्रा में मौजूद होता है और आप इसे बच्चे के आहार में सुरक्षित से शामिल कर सकती हैं।
हम्मस में टेस्ट और फाइबर दोनों ही भरपूर होता है। यहाँ हम्मस डिप के लिए बहुत ही आसान रेसिपी बताई गई है, जो टोस्ट के साथ बहुत अच्छी लगेगी। आप इस डिश को अपने बच्चे के लिए बना सकती हैं अगर वह 2 साल से ज्यादा उम्र का है।
आपको चाहिए:
विधि:
यह आपके बच्चे के फाइबर के सेवन को बढ़ाने का सबसे सिंपल तरीका है और यह रेसिपी आपका ज्यादा समय नहीं लेगी। आप इस रेसिपी को अपने 2 साल से ज्यादा उम्र वाले बच्चे को बना कर दे सकती हैं।
आपको चाहिए:
विधि:
मल त्याग की प्रक्रिया के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करना जरूरी है और इसे सही मात्रा में दिया जाना चाहिए। लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि बच्चे के आहार में किसी भी प्रकार के फाइबर युक्त भोजन को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें, उसके बाद ही बच्चे को कोई भी भोजन दें।
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