जब पौष्टिक सलाद की बात आती है तो खीरे, टमाटर और चुकंदर के साथ-साथ गाजर की भी एक महत्वपूर्ण जगह है। आप अपने बच्चे के आहार में सीधे गाजर शामिल नहीं कर सकती हैं और बच्चों को गाजर खिलाना शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
बच्चों के आहार में गाजर कब शामिल करें?
कई माता-पिता समझते हैं कि उनके बच्चे के आहार में उबली हुई गाजर शामिल करना बहुत सरल है और यह जल्दी हो भी जाता है । हालांकि, इसे करने का एक सही समय भी होता है । अन्य कई सब्जियों की तरह ही बच्चे को पहली बार गाजर खिलाने का सही समय तब होता है जब वह 8 महीने या इससे अधिक का हो जाए। साथ ही बच्चे को पहली बार गाजर या अन्य सॉलिड फूड खिलाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
गाजर की न्यूट्रिशनल वैल्यू
लगभग 100 ग्राम गाजर में निम्नलिखित पोषक तत्व मौजूद हैं, आइए जानते हैं:
पोषक तत्व | मात्रा |
विटामिन ‘के’ | 13.2 माइक्रोग्राम |
विटामिन ‘ई’ | 0.66 मिलीग्राम |
विटामिन ‘ए’ | 835 माइक्रोग्राम |
कोलिन | 8.8 मिलीग्राम |
विटामिन ‘बी9’ | 19 माइक्रोग्राम |
विटामिन ‘बी6’ | 0.138 मिलीग्राम |
विटामिन ‘बी5’ | 0.273 मिलीग्राम |
विटामिन ‘बी3’ | 0.983 मिलीग्राम |
विटामिन ‘बी2’ | 0.058 मिलीग्राम |
विटामिन ‘बी1’ | 0.066 मिलीग्राम |
विटामिन ‘सी’ | 5.9 मिलीग्राम |
फ्लोराइड | 3.2 माइक्रोग्राम |
सेलेनियम | 0.1 माइक्रोग्राम |
जिंक | 0.24 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.045 मिलीग्राम |
मैगनीज | 0.143 मिलीग्राम |
सोडियम | 69 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 320 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस | 35 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 12 मिलीग्राम |
आयरन | 0.3 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 33 मिलीग्राम |
फैट | 0.24 मिलीग्राम |
प्रोटीन | 0.93 मिलीग्राम |
फाइबर | 2.8 ग्राम |
शुगर | 4.74 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 9.58 ग्राम |
बच्चों के लिए गाजर के फायदे
- स्वस्थ शारीरिक सेल: गाजर में कुछ गुण होते हैं जो सेल ग्रोथ मैकेनिज्म (कोशिकाओं में वृद्धि) को प्रभावित करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सेल की वृद्धि गलत और अनियंत्रित नहीं है। इसके अलावा जहाँ पर भी सेल की वृद्धि तेजी से होने की आवश्यकता होती है, जैसे चोट या घाव में उन जगहों को ठीक करने में गाजर मदद करता है।
- लिवर का बेहतर फंक्शन: यदि शरीर में कोई टॉक्सिक केमिकल पहुँच गया है तो लिवर एक मुख्य अंग है जो सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। गाजर में वही गुण नहीं होते हैं जो सिर्फ शरीर के सेल की वृद्धि में मदद करते हैं बल्कि यह लिवर को हानिकारक केमिकल के प्रभावों से भी सुरक्षित रखने में मदद करता है।
- इम्युनिटी बढ़ाता है: एक बच्चे के लिए सबसे जरूरी है उसका इम्यून सिस्टम मजबूत होना। इम्यून सिस्टम को संतुलित और मजबूत करने में लिम्फोसाइट और ब्लड प्लेटलेट्स मुख्य भूमिका निभाते हैं। गाजर उन चीजों में वृद्धि करता है जो एक बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं।
- सर्कुलेशन को बेहतर करता है: सर्क्युलेटरी सिस्टम सिर्फ ऑक्सीजन को हार्ट और ब्लड वेसल से ट्रांसपोर्ट ही नहीं करता है बल्कि यह किडनी की मदद से शरीर से टॉक्सिन को भी बाहर निकालता है। गाजर में मौजूद फ्लेवोनॉइड माइक्रोन्यूट्रिएंट होते हैं। यह सीधे हार्ट और किडनी के फंक्शन में सुधार करते हैं।
- आँखों की दृष्टि में सुधार आता है: विटामिन ‘ए’ और बीटा-कैरोटीन, दो ऐसे तत्व हैं जो आँखों की दृष्टि में सुधार करते हैं। यह रेटिना के विकास को प्रभावित करता है और इसे सही स्थिति में रखता है। गाजर में ये दोनों तत्व अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं जो आँखों की दृष्टि को साफ और तेज बनाए रखने में मदद करते हैं।
बेबी कैरट या सामान्य गाजर – बच्चों के लिए कौन सा अच्छा है?
बेबी कैरट सामान्य गाजर के समान ही होते हैं। इनमें सिर्फ इतना अंतर है कि बेबी कैरट को पूरा बढ़ने से पहले ही काट दिया जाता है। इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है और यह मुलायम भी होता है।
हालांकि मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर बेबी कैरट सामान्य गाजरों को छोटा कर के बनाए जाते हैं । इन गाजरों में न्यूट्रिशन की कमी होती है और साथ ही इस में क्लोरीन भी पाया जाता है।
इसलिए सामान्य गाजर खरीदना ही बेहतर उपाय है।
बच्चे के लिए गाजर कैसे चुनें और स्टोर करें?
ऐसी गाजर खरीदें जिसका रंग एक समान हो और उसमें किसी भी प्रकार के दाग या धब्बे भी न हों। ताजी गाजरों में अलग से कोई भी जड़ या अतिरिक्त ग्रोथ नहीं होती है। यदि गाजर में पपड़ी या छेद हैं तो हो सकता है उसमें कीटाणु हों इसलिए ऐसी गाजर को न खरीदना ही बेहतर है।
घर में गाजर को छीलें और उसके ऊपरी भाग को काट दें। अब गाजरों को धोएं और कुछ देर के लिए पानी में डालकर रख दें ताकि उसमें चिपकी मिट्टी निकल जाए। अब सभी गाजरों को सुखाएं और एक एयर टाइट कंटेनर में रख कर फ्रिज में स्टोर कर लें।
बेबी फूड के लिए गाजर कैसे पकाएं
- स्टीमिंग: बच्चे को देने के लिए गाजर को स्टीम करना सबसे सरल होता है। इससे गाजर में सभी पोषक तत्व बने रहते हैं और साथ ही गाजर मुलायम भी हो जाती है। साफ गाजर को लंबा काटें और इसे पर्याप्त सॉफ्ट करने के लिए लगभग 10 मिनट तक स्टीम करें ताकि यह सरलता से खाई जा सके।
- उबाल लें: बच्चे के लिए गाजर को उबाल कर बनाने का तरीका भी बहुत सरल है। इसे आप कुकर या पॉट में भी उबाल सकती हैं। उबली हुए गाजर के पानी में भी बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं। गाजर को लगभग आधा घंटा उबालने से यह सॉफ्ट हो जाती है और मैश की हुई गाजर के साथ-साथ इसका पानी भी बच्चे के लिए ब्रोथ या सूप बनाने के काम आ सकता है।
- बेक करें: बच्चों को तुरंत स्नैक बनाकर देने के लिए गाजर को बेक करना एक बेहतरीन उपाय है। गाजर को लंबे और पतले स्लाइज में काट लें और इन्हें तेल लगे हुए एक बड़े बर्तन में रखकर तब तक बेक करें जब तक यह गाढ़े नारंगी रंग की न हो जाए, इससे गाजर को सरलता से खाया जा सकता है।
- रोस्ट करके: रोस्ट किए हुए गाजर का कुरकुरापन थोड़े बड़े बच्चों को काफी पसंद आ सकता है। चूंकि इस पकाने के लिए ज्यादा सामग्रियों की जरूरत नहीं होती है इसलिए इसे बनाना बहुत सरल है। रोस्ट करने के लिए नॉन-स्टिक पैन में लगभग 30 मिनट तक गाजर को पकाएं और आप इसका उपयोग अन्य रेसिपीज में भी कर सकती हैं।
बच्चों के लिए गाजर की रेसिपीज
यहाँ बच्चों के लिए गाजर की कुछ सरल रेसिपीज दी हुई हैं, आइए जानते हैं;
1. गाजर का मिल्कशेक
सामग्रियां
- कटी हुई गाजर
- गाय का दूध
- चीनी
विधि
- एक कटोरे में सभी सामग्रियां डालें और एक साथ मिला लें।
- फिर इस कटोरे को लगभग 15 मिनट के लिए कम आंच में रखें।
- थोड़ा ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को ब्लेंडर में डालें।
- अब मिल्कशेक जैसी कंसिस्टेंसी होने तक इस मिश्रण को अच्छी तरह से ब्लेंड करें।
2. गाजर, सेब और प्याज का सूप
सामग्री
- कटी हुई गाजर
- कटी हुई प्याज
- छिला और कटा हुआ सेब
- पानी
विधि
- एक कटोरे में प्याज और गाजर लेकर उबाल लें।
- एक दूसरे कटोरे में सेब लें और इसे भी अलग से उबाल लें।
- सभी सामग्रियों को एक साथ ब्लेंडर में डालकर अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें।
- इस मिश्रण में थोड़ा सा गुनगुना पानी मिलाएं और एक बार फिर से तब तक ब्लेंड करें जब तक यह सूप के जैसा न बन जाए।
- अंत में इसे थोड़ा ठंडा होने दें और सर्व करें।
3. चिकन और गाजर की प्यूरी
सामग्री
- कटी हुई गाजर
- कटा हुआ बोनलेस चिकन
- पानी
विधि
- 2 कटोरे लें और बोनलेस चिकन व गाजर को अलग-अलग उबाल लें।
- गाजर से पानी निकाल लें पर चिकन को ठीक से रख दें।
- अब चिकन के टुकड़े, गाजर व पानी को ब्लेंडर में डालें और अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें।
- थोड़ा ज्यादा पतला करने के लिए इसमें गुनगुना पानी मिलाएं। यदि आपका बच्चा अभी थोड़ा छोटा है तो आप इसे और अधिक पतला कर सकती हैं।
4. कैरट राइस
सामग्री
विधि
- एक पॉट लें और उसमें गाजर व चावल एक साथ डाल दें।
- अब इसे एक साथ लगभग आधे घंटे के लिए पकाएं। इसके अलावा आप इसे एक साथ पकाने के लिए कुकर का उपयोग भी कर सकती हैं।
- सॉफ्ट होने पर इसे बाहर निकालें और दोनों सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाएं। आप इसमें थोड़ा सा पानी और डाल सकती हैं ताकि आपका बच्चा इसे सरलता से खा सके।
5. गाजर का जूस
सामग्री
विधि
- पहले गाजर को अच्छी तरह से धो लें और फिर इसे छोटा-छोटा काटें।
- अब गाजर से जूस निकालने के लिए जूस एक्सट्रेक्टर का उपयोग करें और इसे एक कंटेनर में निकाल लें।
- यदि जूस थोड़ा गाढ़ा है तो पतला करने के लिए इसमें थोड़ा सा पानी मिला लें।
गाजर और बेबी फूड का कॉम्बिनेशन
- गाजर को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर सिर्फ अच्छी रेसिपीज ही नहीं बनाई जा सकती हैं बल्कि यह स्वाद को भी बेहतर करता है।
- बच्चों के लिए गाजर और शकरकंद मिलाकर स्वादिष्ट प्यूरी बनाना एक बेहतरीन तरीका है। वास्तव में गाजर को किसी भी सब्जी के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है इसलिए इसके साथ आप नए-नए स्वादिष्ट व्यंजन बना सकती हैं।
- बच्चे को गाजर के साथ चावल, गेहूँ और दाल से परिचित कराना सरल हो जाता है। इससे व्यंजन में स्वाद आता है और यह खाने में भी सरल होता है।
- मीट की प्यूरी बनाते समय इसकी तेज खुशबू को संतुलित करने के लिए आप इस प्यूरी में गाजर मिला सकती हैं। यह इस पूरे व्यंजन को और अधिक स्वादिष्ट बनाता है।
- जब बात फलों की आती है तो हममें से बहुत कम लोग इसे गाजर के साथ मिलाने की सोचते हैं। हालांकि गाजर के साथ सेब या पीच का कॉम्बिनेशन बहुत अच्छा होता है। दोनों फलों का खट्टा-मीठा स्वाद होता है जिसे गाजर के साथ मिलाकर और अधिक स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।
बच्चे को गाजर देते समय कुछ सावधानियां बरतें
- एलर्जी: आपके बच्चे को गाजर से एलर्जी होने की संभावना बिलकुल न के बराबर है। हालांकि बहुत कम मामलों में यदि गाजर खाने के बाद बच्चे को उल्टी या डायरिया हो जाता है तो यह गाजर से एलर्जी होने का संकेत हो सकता है। बच्चे को गाजर खिलाने से पहले सुनिश्चित करें कि गाजर साफ और स्वास्थ्यप्रद है।
- सही उम्र: आपका बच्चा जब तक 8 महीने या इससे अधिक का नहीं हो जाता है तब तक उसे गाजर या कोई भी सॉलिड फूड न खिलाएं। बच्चे के पाचन तंत्र को विकसित होने और सॉलिड फूड पचाने के लिए समय लग सकता है।
- सही तरीका: बच्चे शुरूआत से ही कच्चा गाजर खाना शुरू नहीं कर सकते हैं। जब भी आप अपने बच्चे को गाजर खिलाना शुरू करें तब पहले इसे अच्छी तरह से धोएं, छीलें व कद्दूकस कर छोटा-छोटा करें और फिर इसे तब तक स्टीम करें या उबालें जब तक यह सॉफ्ट नहीं हो जाता। इसके परिणामस्वरूप गाजर ऐसा हो जाता है कि उसे अच्छी तरह से मैश करके प्यूरी बनाकर बच्चे को दी जा सके। अन्य स्वाद के लिए इसमें चीनी के बजाय नमक डालना बेहतर है क्योंकि आपके बच्चे को गाजर खाने की आदत होने के बजाय उसे मीठा खाने की आदत पड़ सकती है।
- सही मात्रा: यदि सही मात्रा में खाया जाए तो सब कुछ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। बच्चे को गाजर खिलाने की उत्सुकता में अधिक खिला देने से बच्चे को पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। शुरूआत में बच्चे को गाजर मैश करके थोड़ी मात्रा में स्नैक के रूप में खिलाएं। गाजर की मात्रा एक छोटे चम्मच के बराबर होनी चाहिए। बच्चे को कुछ दिनों या सप्ताह तक थोड़ी मात्रा में गाजर खिलाएं और देखें कि इसे खाने के बाद आपका बच्चा कैसी प्रतिक्रिया देता है। यदि कोई समस्या नहीं है और बच्चा अधिक गाजर खाने के लिए मांगता है तो आप कुछ समय तक उसे 2 चम्मच खिलाना शुरू कर सकती हैं, फिर इसे तीन चम्मच तक बढ़ा दें और आगे तक ऐसे ही धीरे-धीरे बढ़ाएं। अंत में कभी भी आप बच्चे के आहार को गाजर की प्यूरी से बदल सकती हैं।
गाजर, बच्चों को अनेक पौष्टिक फायदे प्रदान करती है और इसे बच्चों के आहार में जल्द से जल्द शामिल करना भी सही है। बच्चे को उसकी सही आयु में गाजर खिलाना शुरू करने के साथ-साथ उसे सही तरीके से खिलाना और गाजर खिलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। बच्चों के सही न्यूट्रिशन और स्वाद के लिए उन्हें गाजर की प्यूरी या गाजर का जूस देना एक बेहतरीन तरीका है। जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होगा और उसके दाँत निकलने शुरू होंगे, वैसे-वैसे वह अपने आहार में गाजर के टुकड़ों का भी आनंद लेना भी शुरू कर देगा।
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