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जब बच्चा उस आयु में पहुँचता है जबसे वह सॉलिड फूड खाना शुरू कर सकता है तो इतने सारे खाद्य पदार्थों में उसे सबसे पहले कौन सा आहार दिया जाए, आप इस बारे में जरूर सोचती होंगी। कई बार बच्चों को सीरियल खिलाने से शुरूआत करने की सलाह दी जाती है। आप भी अपने बच्चे के ठोस आहार की शुरूआत सीरियल से कर सकती हैं और देख सकती हैं कि उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी। वैसे तो राइस सीरियल कई लोगों की पसंद है पर आप अपने बच्चे को पहली बार गेहूँ का सीरियल भी खिला कर देख सकती हैं। इसमें बहुत से ऐसे गुण होते हैं जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं।
गेहूँ के आटे का हलवा बनाने से और बच्चे को खिलाने से पहले यह देख लेना जरूरी है कि आपका बच्चा इसे खाने के लिए तैयार है या नहीं।
कई लोग सोचते हैं कि बच्चे को 6 महीने का होने के बाद ही उसे सॉलिड फूड खिलाना शुरू करना चाहिए। कुछ डॉक्टर और अन्य माता पिता का यह मानना भी है कि बच्चे को कम से कम एक साल का होने के बाद ही उसे ठोस आहार खिलाना शुरू करें। पहली बार ठोस आहार खाने के बाद आपका बच्चा किस प्रकार से प्रतिक्रिया देता है, उसका एक ट्रैक रखें और उसे अन्य खाद्य पदार्थ खिलाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
बच्चों को गेहूँ खिलाने की सलाह पूरी तरह से दी जाती है क्योंकि यह खाद्य पदार्थ बच्चे को वो फायदे देता है जो बाद में उसके विकास में मदद करते हैं।
चूंकि बच्चा पहली बार गेहूँ से बने हुए व्यंजन का अनुभव करेगा इसलिए यह खाते समय उसे अच्छी तरह से चबाने की आवश्यकता है। चबाने से मसूड़ों और मुँह (जबड़े) की अच्छी एक्सरसाइज होती है और यह मुँह के अंगों का विकास करने व इसे मजबूत बनाने में मदद करता है। यह मसूड़ों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, दाँतों को स्वस्थ रखता है और बाद में कैविटी होने की संभावना को कम करता है।
गेहूँ में विटामिन ‘बी’ और अन्य मिनरल के साथ-साथ बहुत सारे पौष्टिक तत्व मौजूद हैं। यह बच्चों के शुरूआती वर्षों में उनके शारीरिक और मानसिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। न्यूट्रिशन के साथ-साथ गेहूँ में क्लोरोफिल भी होता है। यह तत्व बच्चे के खून को साफ करता है और उसे स्वस्थ रखता है।
बच्चों को कब्ज और पाचन संबंधी कई समस्याएं, अक्सर हो जाती है क्योंकि उनका पाचन तंत्र अब भी विकसित हो रहा है। भोजन के सभी पोषक तत्व अब्सॉर्ब होने से पहले इसे पूरी तरह से पचाने की आवश्यकता होती है। गेहूँ को पचाना सरल है और इसमें मौजूद सभी घटक आंतों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी हैं। यह आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है और गैस बनने की संभावना को कम करता है।
गेहूँ में मौजूद कार्बोहाइड्रेट इसके कई व्यंजों को मुख्य और पूर्ण आहार बनाता है। कार्बोहाइड्रेट, एनर्जी का एक मुख्य स्रोत है। एक बच्चे को उसकी शारीरिक क्रिया और वृद्धि के लिए एनर्जी की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। बच्चों को गेहूँ से बने व्यंजन देने से उन्हें आवश्यक एनर्जी मिलती है और साथ ही सही शारीरिक विकास भी होता है।
शुरूआत में बच्चों को गेहूँ के बिस्कुट देना एक बेहतरीन तरीका है। हालांकि बच्चों को सही तरह से गेहूँ के व्यंजन खिलाते समय निम्नलिखित बातों का खयाल रखें, आइए जानते हैं;
बच्चे को कोई भी रेसिपी खिलाना शुरू करने से पहले इस बात का खयाल रखें कि उसे सभी लाभ प्रदान करने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें, आइए जानते हैं;
बच्चों को गेहूँ का दलिया या पॉरिज खिलाने से शुरूआत करना यह जांच करने का सरल और सुरक्षित तरीका है कि इसे खाने के बाद बच्चा सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है या नहीं। बाद में पॉरिज को अन्य चीजों में मिलाकर एक नए स्वाद के साथ या गाय के दूध में मिलाकर भी बच्चे को खिलाया जा सकता है।
सामग्री
विधि
बच्चे को पहली बार गेहूँ खिलाने का मतलब है, उसे ठोस आहार के साथ नए तत्वों से परिचित कराना। बच्चे की उम्र का खयाल रखना और उसे सही तरीके से गेहूँ की रेसिपी खिलाना उसकी आगे की समस्याओं को कम करने के लिए बहुत जरूरी है। अपने बच्चे को गेहूँ के विभिन्न खाद्य पदार्थों का आनंद लेने दें और उसे स्वस्थ बनाएं।
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