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बच्चों के लिए कविता के बहुत सारे फायदे हैं। कविताएं, न केवन जानकारी प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है बल्कि यह उन्हें बहुत आनंदित भी करती हैं। कविताओं को पढ़ना और इन्हें याद रखना बहुत ज्यादा मजेदार होता है जिसमें आप अपने बच्चे को व्यस्त रख सकते हैं। आइए, बच्चों की कुछ मजेदार और प्रसिद्ध कविताओं पर एक नजर डालें और साथ ही साथ इस लेख के माध्यम से हम चर्चा करेंगे कि आप अपने बच्चे के लिए सही कविता कैसे चुने और उन्हें कविताएं पढ़ना कैसे सिखाएं।
सबसे पहली चीज आती है कि बच्चों के लिए कविताएं कैसे चुनी जाएं। इसके लिए आपको यह ध्यान रखना होगा कि बच्चे को कविताएं सिखाने का उद्देश्य यही होना चाहिए कि वह कविता उसे अच्छी लगे, समझ आए और परिणामस्वरूप वह कविताओं के प्रति सम्मान और प्रशंसा व्यक्त कर सके। आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप भी कविताओं के प्रति सकारात्मक रहें और बच्चे के लिए कुछ ऐसी कविताओं का चयन करें जिन्हें वह समझ सके और सरलता से याद कर सके। आप कविता का कोई ऐसा विषय चुन सकती हैं जो आपके और बच्चे से जुड़ा हो और आप दोनों उसका आनंद ले सकें। शुरूआत में बच्चों के लिए छोटी व बेहद सरल कविताएं ही बेस्ट विकल्प हैं क्योंकि बच्चों को ऐसी कविताएं जल्दी याद हो जाती हैं और वे इनका आनंद भी उठाते हैं। यहाँ कुछ विभिन्न प्रकार की हास्य कविताएं दी हुई हैं जो बच्चे को सिखाने में आपकी मदद कर सकती हैं और साथ ही उन्हें नैतिक ज्ञान भी प्रदान करती हैं।
यदि आप अपने बच्चे को कुछ प्रसिद्ध कविताएं सिखाना चाहती हैं तो यहाँ कुछ कविताएं दी हुई हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं, आइए जानते हैं;
बिल्ली बोली – बड़ी जोर का
मुझको हुआ जुकाम,
चूहे चाचा, चूरन दे दो
जल्दी हो आराम!
चूहा बोला – बतलाता हूँ
एक दवा बेजोड़,
अब आगे से चूहे खाना
बिल्कुल ही दो छोड़!
– श्री प्रसाद
अगर पेड़ भी चलते होते,
कितने मजे हमारे होते,
बांध तने में उसके रस्सी,
चाहे जहाँ कहीं ले जाते।
जहाँ कहीं भी धूप सताती,
उसके नीचे झट सुस्ताते,
जहाँ कहीं वर्षा हो जाती,
उसके नीचे हम छिप जाते।
लगती भूख यदि अचानक,
तोड मधुर फल उसके खाते,
आती कीचड-बाढ क़हीं तो,
झट उसके उपर चढ जाते।
अगर पेड़ भी चलते होते
कितने मजे हमारे होते!
– डॉ दिविक रमेश
आसमान पर छाए बादल,
बारिश लेकर आए बादल।
गड़-गड़, गड़-गड़ की धुन में,
ढोल-नगाड़े बजाए बादल।
बिजली चमके चम-चम, चम-चम,
छम-छम नाच दिखाए बादल।
चले हवाएँ सन-सन, सन-सन,
मधुर गीत सुनाए बादल।
बूंदें टपके टप-टप, टप-टप,
झमाझम जल बरसाए बादल।
झरने बोले कल-कल, कल-कल,
इनमें बहते जाए बादल।
चेहरे लगे हंसने-मुस्कुराने,
इतनी खुशियां लाए बादल
– ओम प्रकाश चोरमा
पर्वत कहता
शीश उठाकर
तुम भी ऊँचे बन जाओ।
सागर कहता है
लहराकर
मन में गहराई लाओ।
समझ रहे हो
क्या कहती है
उठ-उठ गिर गिर तरल तरंग।
भर लो, भर लो
अपने मन में
मीठी-मीठी मृदुल उमंग।
धरती कहती
धैर्य न छोड़ो
कितना ही हो सिर पर भार।
नभ कहता है
फैलो इतना
ढक लो तुम सारा संसार।
– सोहन लाल द्विवेदी
सूरज की किरणें आती हैं,
सारी कलियां खिल जाती हैं,
अंधकार सब खो जाता है,
सब जग सुंदर हो जाता है।
चिड़ियां गाती हैं मिलजुल कर,
बहते हैं उनके मीठे स्वर,
ठंडी-ठंडी हवा सुहानी,
चलती है जैसी मस्तानी।
यह प्रातः की सुख बेला है,
धरती का सुख अलबेला है,
नई ताजगी, नई कहानी,
नया जोश पाते हैं प्राणी।
खो देते हैं आलस सारा,
और काम लगता है प्यारा,
सुबह भली लगती है उनको,
मेहनत प्यारी लगती जिनको।
मेहनत सबसे अच्छा गुण है,
आलस बहुत बड़ा दुर्गुण है,
अगर सुबह भी अलसा जाए,
तो क्या जग सुंदर हो पाए।
– श्री प्रसाद
सेहत के लिए हंसना बहुत जरूरी है और छोटी-छोटे कविताएं पढ़कर अपने बच्चे के साथ ठहाके लगाने से बेहतर और क्या हो सकता है। यहाँ हमने आपके लिए कुछ हास्य कविताएं दी हुई हैं जिनको पढ़कर आपका बच्चा खिलखिलाकर हँस पड़ेगा और वह उन कविताओं को याद करने के लिए भी उत्सुक होगा। वे कविताएं कुछ इस प्रकार हैं;
ढम-ढम, ढम-ढम ढोल बजाता
कूद-कूदकर बंदर,
छम-छम घुँघरू बाँध नाचता
भालू मस्त कलंदर!
कुहू-कुहू-कू कोयल गाती
मीठा मीठा गाना,
मुर्गे की शादी में है बस
दिन भर मौज उड़ाना!
– श्री प्रसाद
इब्न बतूता पहन के जूता,
निकल पड़े तूफान में।
थोड़ी हवा नाक में घुस गई
थोड़ी घुस गई कान में।
कभी नाक को कभी कान को।
मलते इब्न बतूता,
इसी बीच में निकल पड़ा उनके पैरों का जूता।
उड़ते-उड़ते उनका जूता,
जा पहुँचा जापान में।
इब्न बतूता खड़े रह गए,
मोची की दूकान में।
– सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
टूट गया किस्से का तार,
अगड़म-बगड़म गए बाजार
वहाँ से लाए मोती चार।
दो मोती थे टूटे-फूटे
बाकी दो हाथों से छूटे,
अगड़म-बगड़म दोनों रूठे!
आगे आया नया बाजार,
पीं-पीं बाजा, सीटी चार
लेकर बोले अगड़म-बगड़म।
लिख लो, यह सब रहा उधार
पैसे कल ले लेना यार!
अगडत्रम उछल-उछलकर चलता
बगड़म फिसल-फिसलकर बढ़ता,
पीछे पड़ गए कुत्ते चार।
कूद गए पानी में दोनों,
झटपट पहुँचे नदिया पार!
अगड़म रोता इधर खड़ा है
बगड़म भी उखड़ा-उखड़ा है,
अब ना पीं-पीं, अब ना बाजा।
फूटा घुटना, फूट गया सिर-
टूट गया किस्से का तार!
– प्रकाश मनु
टीचर जी!
मत पकड़ो कान।
सरदी से हो रहा जुकाम II
लिखने की नही मर्जी है।
सेवा में यह अर्जी है
ठण्डक से ठिठुरे हैं हाथ।
नहीं दे रहे कुछ भी साथ II
आसमान में छाए बादल।
भरा हुआ उनमें शीतल जल II
दया करो हो आप महान।
हमको दो छुट्टी का दान II
जल्दी है घर जाने की।
गर्म पकोड़ी खाने की II
जब सूरज उग जाएगा।
समय सुहाना आयेगा II
तब हम आयेंगे स्कूल।
नहीं करेंगे कुछ भी भूल II
– डॉ रूप चंद्र शास्त्री ‘मयंक’
जब भी आप अपने बच्चे को कोई कविता सिखाना शुरू करते हैं तो यह सलाह दी जाती है कि उन्हें शुरूआत में तुकांत या राइमिंग कविताएं सिखाएं। कविताओं के राइमिंग पैटर्न, समान शब्दों के उच्चारण और एक शब्द को दोहराने से आपका बच्चा इसे सरलता से याद कर सकता है।
चिड़िया, ओ चिड़िया,
कहाँ है तेरा घर?
उड़-उड़ आती है
जहाँ से फर-फर!
चिड़िया, ओ चिड़िया,
कहाँ है तेरा घर?
उड़-उड़ जाती है-
जहाँ को फर-फर!
वन में खड़ा है जो
बड़ा-सा तरुवर!
उसी पर बना है
खर-पातों वाला घर!
उड़-उड़ आती हूँ
वहीं से फर-फर!
उड़-उड़ जाती हूँ
वहीं को फर-फर!
– हरिवंश राय बच्चन
आ रही रवि की सवारी।
नव-किरण का रथ सजा है,
कलि-कुसुम से पथ सजा है,
बादलों-से अनुचरों ने
स्वर्ण की पोशाक धारी।
आ रही रवि की सवारी!
विहग, बंदी और चारण,
गा रही है कीर्ति-गायन,
छोड़कर मैदान भागी,
तारकों की फ़ौज सारी।
आ रही रवि की सवारी!
चाहता, उछलूँ विजय कह,
पर ठिठकता देखकर यह-
रात का राजा खड़ा है,
राह में बनकर भिखारी।
आ रही रवि की सवारी!
– हरिवंश राय बच्चन
रिमझिम रिमझिम वर्षा आई।
ठंडी हवा बही सुखदाई II
बाहर निकला मेंढक गाता।
उसके पास नहीं था छाता II
सर पर बूंदें पड़ी दनादन।
तब घर में लौटा शर्माता II
उसकी माँ ने डांट लगाई।
रिमझिम रिमझिम वर्षा आई II
पंचम स्वर में कोयल बोली।
नाच उठी मोरों की टोली II
गधा रंभाया ढेंचू ढेंचू।
सबको सूझी हंसी ठिठोली II
सब बोले अब चुपकर भाई।
रिमझिम रिमझिम वर्षा आई II
गुड़िया बोली – चाचा आओ।
लो, कागज लो, नाव बनाओ II
कंकड़ का नाविक बैठाकर।
फिर पानी में नाव चलाओ II
नाव चली, गुड़िया मुसकाई।
रिमझिम रिमझिम वर्षा आई II
– त्रिलोक सिंह ठकुरेला
बातें करे हवा के संग
लल्लू जी की लाल पतंग।
आसमान में लहर रही है
एक जगह न ठहर रही है।
इधर भागती उधर भागती
खूब करे मस्ती हुड़दंग।
हरी, गुलाबी, नीली, काली
की इसने छुट्टी कर डाली।
बीस पतंगें काट चुकी है
बड़ी बहादुर, बड़ी दबंग।
सभी पतंगों से सुंदर है
सबकी इस पर टिकी नजर है।
ललचाता है सबको इसका
अति प्यारा मनमोहक रंग।
– शादाब आलम
आज उठा मैं सबसे पहले!
सबसे पहले आज सुनूंगा,
हवा सवेरे की चलने पर,
हिल, पत्तों का करना ‘हर-हर’
देखूंगा, पूरब में फैले बादल पीले,
लाल, सुनहले!
आज उठा मैं सबसे पहले!
सबसे पहले आज सुनूंगा,
चिड़िया का डैने फड़का कर
चहक-चहककर उड़ना ‘फर-फर’
देखूंगा, पूरब में फैले बादल पीले,
लाल सुनहले!
आज उठा मैं सबसे पहले!
सबसे पहले आज चुनूंगा,
पौधे-पौधे की डाली पर,
फूल खिले जो सुंदर-सुंदर
देखूँगा, पूरब में फैले बादल पीले।
लाल, सुनहले!
आज उठा मैं सबसे पहले!
सबसे कहता आज फिरूंगा,
कैसे पहला पत्ता डोला,
कैसे पहला पंछी बोला,
कैसे कलियों ने मुंह खोला
कैसे पूरब ने फैलाए बादल पीले।
लाल, सुनहले!
आज उठा मैं सबसे पहले!
– हरिवंश राय बच्चन
क्या आपने कभी महसूस किया है कि सरल शब्दों के कारण हमें गाना बहुत जल्दी याद होता है और ज्यादा समय तक भी याद रहता है। आप अपने बच्चे को कविता याद करवाने के लिए कोई अच्छी सी लय खोज सकती हैं जिसमें आपका बच्चा सरलता से कविता को बोलना सीख जाए।
कविता पढ़ते समय आवाज में उतार-चढ़ाव इसे याद रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप कविता के हर अनुच्छेद अर्थात पैराग्राफ को अलग-अलग लय और गति में भी पढ़ सकते हैं।
यदि कविता में कोई पात्र है तो आप उसका अभिनय करने का प्रयास भी कर सकते हैं। यह कविता को और अच्छी तरह से याद करने में आपके बच्चे की मदद कर सकता है।
सबसे पहले आप किसी भी कविता को एक बोर्ड में लिखें और अपने बच्चे के साथ उसे कई बार तेज आवाज में पढ़ें। पढ़ने के बाद आप एक-एक करके कविता के शब्दों को मिटाना शुरू करें। जैसे -जैसे याद होता जाएगा, बच्चा उस मिटाए गए शब्द को पकड़ लेगा।
बच्चे को कविता याद करने के लिए यह तरीका बहुत अच्छा तरीका है। किसी भी कविता को छोटे पैराग्राफ में तोड़ लें और फिर अपने बच्चे को पैराग्राफ के अनुसार ही कविता को पढ़ाएं। हालांकि यदि कविता में पैराग्राफ नहीं हैं तो उसे वाक्यों में तोड़कर बच्चे को पढ़ाएं।
पढ़ते समय बार-बार दोहराने से कुछ भी याद हो जाता है और कविताएं भी इसी तरह से याद की जाती हैं। अपने बच्चे के साथ कविता को तब तक दोहराएं जब तक वह आपके बच्चे को दिल से याद न हो जाए। फिर वह उस कविता को जल्दी नहीं भूलेगा।
यह देखा गया है कि यदि आप बच्चे को कोई भी चीज मान्य कारणों के साथ समझाएं तो वह समझेगा भी और याद भी रखेगा। कविता पढ़ते समय आप बच्चे को वह एक कहानी के रूप में समझा सकते हैं।
बच्चों के साथ एक प्यारा से रिश्ता बनाने के लिए कविताओं का वर्णन एक सर्वोत्तम तरीका है। यह कविताएं आपके बच्चे में भाषा और बोली की स्किल को विकसित करती हैं।
अपने बच्चे को यह हमेशा पसंद आने वाली कविताएं सिखाएं। आपका बच्चा इन कविताओं को आसानी पढ़ भी सकता है और जल्दी याद भी कर सकता है। कविताओं को पढ़ने से आपके बच्चे की बोली में सुधार होगा और उसमें आत्मविश्वास भी जागृत होगा। हालांकि आप अपने बच्चे की प्रतिभाओं को निखारने के लिए और भी चीजें कर सकती हैं जो भविष्य में उसकी मदद करेंगी। बच्चे में अन्य स्किल को विकसित करने के लिए सब्सक्रिप्शन बॉक्स एक बेहतरीन विकल्प है जो खेल के साथ बच्चे में हर स्किल को विकसित करता है।
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