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धूप में बैठना हर किसी को पसंद है, विशेषकर बच्चों को! वे धूप में खेलना बेहद पसंद करते हैं पर सूर्य की हानिकारक किरणें बच्चों की त्वचा को बहुत ज्यादा हानि पहुँचा सकती हैं। इससे आपके बच्चे को भी बहुत ज्यादा तकलीफ हो सकती है। इसलिए बच्चों की त्वचा को हानिकारक किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करना बहुत जरूरी है। वैसे तो मार्केट में बहुत सारे तरीके की सनस्क्रीन मौजूद हैं पर हमेशा नेचुरल सनस्क्रीन का ही उपयोग करना चाहिए।
अक्सर माता-पिता बच्चों के लिए कोई भी दुकान में उपलब्ध सनस्क्रीन खरीदने में संकोच करते हैं क्योंकि इन प्रोडक्ट्स में केमिकल, जैसे रेटिनॉयल, पामिटेट, ए.के.ए., रेटिनॉल और ऑक्सीबेनजोन मौजूद होते हैं जो त्वचा के लिए हानिकारक हैं। यद्यपि प्रोडक्ट में इन सभी केमिकल का उपयोग त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए किया जाता है पर यदि आप अपने बच्चे को यह सनस्क्रीन लगाकर धूप में ले जाती हैं तो इसमें मौजूद रेटिनॉल से बच्चे की त्वचा में ट्यूमर्स और घाव भी हो सकते हैं। सनस्क्रीन में ऑक्सीबेनजोन भी मिलाया जाता है जो त्वचा में एब्सॉर्ब होकर एलर्जी का कारण बनता है और इससे हॉर्मोन्स भी अनियंत्रित हो सकते हैं। इसलिए 6 महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए नेचुरल सनस्क्रीन का उपयोग करना ही बेहतर है।
सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एस.पी.एफ.) की मात्रा से ही पता चलता है कि सनस्क्रीन आपकी त्वचा को हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से कितना सुरक्षित रख सकती है। अल्ट्रावायलेट किरणों से आपको कई समस्याएं, जैसे सनबर्न, स्किन कैंसर और स्किन डैमेज भी हो सकती है।
यदि आप नेचुरल सनस्क्रीन बनाना चाहती हैं तो उसमें कितना एस.पी.एफ. होना चाहिए, आइए जानते हैं;
यद्यपि कैरट सीड में लगभग 35-40 एस.पी.एफ. की मात्रा होती है जो एक बच्चे के लिए बहुत ज्यादा है पर घर में सनस्क्रीन बनाने के लिए यह सामग्री बहुत अच्छी है।
लाल रास्पबेरी के बीज का तेल भी लगभग 25 से 50 एस.पी.एफ. का होता है।
नारियल के तेल 4 से 6 एस.पी.एफ. का होता है और हमारे यहाँ आसानी से उपलब्ध भी होता है।
बादाम के तेल का उपयोग बच्चों के कई प्रोडक्ट्स में किया जाता है और अक्सर मांएं अपने बच्चे की मालिश भी इसी तेल से करना पसंद करती हैं। इस तेल में लगभग 5 एस.पी.एफ. का होता है और साथ ही यह तेल बच्चों के लिए अच्छा भी है क्योंकि इसकी मदद से विटामिन डी को सिंथेसाइज करने के लिए सूर्य की पर्याप्त किरणें त्वचा में एब्सॉर्ब होती है।
शिया बटर लगभग 4 से 6 एस.पी.एफ. का होता है जो बच्चे की त्वचा को हानिकारक किरणों से बचाने के लिए बिलकुल सही है।
एस.पी.एफ. के लिए बेहतरीन चीजों को जानने के बाद आइए जानते हैं और आप घर में नेचुरल सनस्क्रीन कैसे बना सकती हैं;
आप शीशे का एक कटोरा, एक छोटा सॉस पैन, एक फेंटने वाला सामान लें और बस शुरू करें। आप बने हुए सनस्क्रीन को रखने के लिए शीशे की बोतल या जार लेना न भूलें।
आप लगभग 28 मिलीलीटर अपनी पसंद का कोई भी तेल लें। इसके लिए सबसे सही बादाम का तेल है पर आप इसमें हमेशा बादाम तेल के साथ नारियल का तेल समान मात्रा में डालें।
आप सनस्क्रीम में लगभग 28 मिलीलीटर तिल का तेल, सनफ्लावर या जोजोबा तेल मिला सकती हैं। यदि बच्चे की त्वचा बहुत सेंसिटिव है तो आप जोजोबा तेल का ही उपयोग करें।
आप नॉन-नैनो जिंक ऑक्साइड का उपयोग कर सकती हैं क्योंकि यह टॉक्सिक नहीं है और इससे त्वचा में जलन भी नहीं होती है। यह आपकी त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से भी सुरक्षित रखता है। लगभग 5% जिंक ऑक्साइड से सनस्क्रीन का एस.पी.एफ. 2 से 5 तक होता है।
आप लगभग 227 ग्राम शिया बटर लें।
दो बड़े चम्मच बीजवैक्स मिलाने से सनस्क्रीन लोशन में वॉटरप्रूफ क्वालिटी आती है।
बच्चे को सनस्क्रीन लगाने से पहले इन बातों का आपको खयाल रखना चाहिए;
आप होममेड सनस्क्रीन का उपयोग करने के बजाय ताजे फलों के छिलके का उपयोग भी कर सकती हैं, जैसे आप केले के छिलके से बच्चे के शरीर में मालिश कर सकती हैं।
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