बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों के लिए आइबूप्रोफेन – इस्तेमाल, खुराक और साइड इफेक्ट्स

पेरेंट्स अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं और उनकी जिंदगी को आसान बनाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। पर कभी-कभी बच्चा बीमारियों से जूझ सकता है और उन्हें तकलीफ में देखकर आपका दिल टूट सकता है। पेरेंट्स के तौर पर इस सफर में कभी-कभी हम असहाय महसूस कर सकते हैं और अक्सर कुछ छोटी मोटी चीजें होती हैं, जिनसे हम बच्चे की मदद कर सकते हैं। हल्की-फुल्की बीमारियों के लिए आइबूप्रोफेन जैसी कई दवाएं हैं, जिससे आप बच्चे की थोड़ी मदद कर सकते हैं और उसे बेहतर महसूस करा सकते हैं। 

इस दवा के बारे में आपको जो कुछ भी पता होना चाहिए, वह सब आपको इस लेख में मिल जाएगा। लेकिन हम आपको इस बात की सख्त हिदायत देंगे, कि एक पेडिअट्रिशन की सलाह के बिना आप अपने बच्चे को कोई भी दवा न दें। चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं आइबूप्रोफेन के बारे में। 

आइबूप्रोफेन क्या है?

1960 के दशक में विकसित इस दवा का इस्तेमाल मुख्य रूप से दर्द, सूजन और बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसे एक नॉनस्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लेमेटरी ड्रग के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसे ओवर द काउंटर बेचा जा सकता है। इसका इस्तेमाल बहुत बड़े पैमाने पर होता है और इसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के द्वारा हेल्थ केयर सिस्टम के लिए जरूरी दवा के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। आइबूप्रोफेन में इंजरी के आसपास के क्षेत्र में प्रोस्टाग्लैंडइन नामक एंजाइम के उत्पादन को रोकने का एक साधारण लेकिन प्रभावी तरीका है। इस एंजाइम को दर्द का एहसास कराने के लिए जाना जाता है और इसमें कमी करने पर दर्द से राहत पाने में मदद मिलती है। 

क्या आइबूप्रोफेन बच्चों के लिए सुरक्षित है?

इस दवा का इस्तेमाल 50 वर्षों से भी अधिक समय से किया जाता रहा है और यह मानव जाति के लिए सबसे भरोसेमंद दवाओं में से एक है। लेकिन, जिन शिशुओं का वजन वेट ब्रैकेट से कम होता है, उन पर इस दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। वहीं बड़े बच्चों को आइबूप्रोफेन के साथ अधिक समस्याएं नहीं होती हैं और अगर सही खुराक का ध्यान रखा जाए, तो आइबूप्रोफेन तुलनात्मक रूप से बच्चों के लिए सुरक्षित होती है। 

आइबूप्रोफेन के उपलब्ध प्रकार

चूंकि इसका पेटेंटिंग पीरियड निकल चुका है, इसलिए अब यह जेनेरिक मेडिसिन के रूप में उपलब्ध है और पूरे विश्व में अलग-अलग नामों के कई ब्रांड्स इसकी मार्केटिंग करते हैं, जैसे कि ब्रूफेन, एडविल और न्यूरोफेन। इस दवा के वर्ग में और भी कई सदस्य हैं, जैसे एस्पिरिन, इंडोसिन और नेपरोक्सन। भारत में कुछ जाने-माने नामों में कॉन्बिफ्लेम, यूनाफेन और ब्रूफेन शामिल हैं। 

आइबूप्रोफेन का इस्तेमाल

  • जिन बच्चों को कमजोरी पैदा करने वाले बुखार के कारण रात को सोने में परेशानी होती है, उनके इलाज के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • लड़कियों में किशोरावस्था के दौरान दर्दनाक क्रैम्प को ठीक करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • जिन बच्चों के दाँत में दर्द हो रहा हो और वे डेंटिस्ट के पास जाने में सक्षम न हों, उनके लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • जिन बच्चों को अभी-अभी मोच या फ्रैक्चर हुआ हो और तुरंत आराम की जरूरत हो, तो ऐसे में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • किसी इंजरी के कारण होने वाले ट्रॉमा के लिए दर्द से राहत पाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होते हैं, जो कि कोडेन जैसी दूसरी दवाओं से बेहतर काम करते हैं।
  • अत्यधिक सिर-दर्द में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • आम सर्दी-जुकाम में होने वाले हल्के-फुल्के दर्द और तकलीफ में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • आइबूप्रोफेन की प्रिस्क्राइब्ड खुराक के द्वारा अर्थराइटिस से जूझ रहे बच्चों को बहुत आराम मिलता है।

कृपया इस बात का ध्यान रखें, कि जो दवा डॉक्टर ने प्रिसक्राइब नहीं की है, उसे अपने बच्चे को नहीं देना चाहिए। पेडिअट्रिशन से परामर्श लेकर आप एक उचित जांच करवा पाएंगे और उचित खुराक का भी पता चल जाएगा, जिसमें साइड इफेक्ट्स का खतरा नहीं होगा। यहाँ पर हम, दवा की एक अनुमानित खुराक बता रहे हैं, जो कि एक पेडिअट्रिशन आपको दे सकते हैं: 

बच्चों के लिए आइबूप्रोफेन की खुराक

  • शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए आइबूप्रोफेन की खुराक: जिन बच्चों की आयु 3 महीने से कम हो या जिनका वजन 5 किलो से कम हो, उन्हें आइबूप्रोफेन नहीं देना चाहिए। अगर आपके बच्चे की आयु 6 महीने से भी कम है, तो भी आपको यह दवा उसे देने से पहले अपने पेडिअट्रिशन से परामर्श लेना चाहिए।
  • बच्चों के लिए खुराक: जिन बच्चों का वजन 5 से 8 किलो के बीच हो, उनके लिए इसकी खुराक नीचे दी गई है:
दवा देने का तरीका मात्रा
ड्रॉप्स (50 मिलीग्राम/1.25) 1.25 एम एल
लिक्विड(100 मिलीग्राम/1 छोटा चम्मच) ½  छोटा चम्मच
गोली निल
  • 4 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए खुराक: यह दवा बच्चे की आयु के अनुसार नहीं, बल्कि बच्चे के वजन के अनुसार दी जाती है।

8 से 10 किलो के वजन के बच्चे: 

दवा देने का तरीका मात्रा
ड्रॉप्स (50 मिलीग्राम/1.25 मिली) 1.875 मिली
लिक्विड (100 मिलीग्राम/1 छोटा चम्मच) ¾  छोटा चम्मच
गोलियां निल


10 से 15.5 किलोग्राम के वजन वाले बच्चे: 

दवा देने का तरीका मात्रा
ड्रॉप्स (50 मिलीग्राम/1.25 एम एल) 2.5 एमएल
लिक्विड (100 मिलीग्राम/1 छोटा चम्मच) 1 छोटा चम्मच
गोलियां (50 मिलीग्राम) 2


15.5 से 21 किलोग्राम के वजन वाले बच्चे: 

दवा देने का तरीका मात्रा
ड्रॉप्स (50 मिलीग्राम/1.25 एम एल) 3.75 एमएल
लिक्विड (100 मिलीग्राम/1 छोटा चम्मच) 1.5 छोटा चम्मच
गोलियां (50 मिलीग्राम) 3


21 से 26 किलोग्राम के वजन वाले बच्चे: 

दवा देने का तरीका मात्रा
ड्रॉप्स (50 मिलीग्राम/1.25 मिली) 5 मिली
लिक्विड (100 मिलीग्राम/1 छोटा चम्मच) 2 छोटा चम्मच
गोलियां (50 मिलीग्राम) 4


26 से 32 किलोग्राम के वजन वाले बच्चे: 

दवा देने का तरीका मात्रा
लिक्विड (100 मिलीग्राम/1 छोटा चम्मच) 2.5  छोटा चम्मच
लिक्विड (100 मिलीग्राम/5 मिली) 12.5 मिली
गोलियां (50 मिलीग्राम) 5


32 से 43 किलोग्राम के वजन वाले बच्चे: 

दवा देने का तरीका मात्रा
लिक्विड (100 मिलीग्राम/1 छोटा चम्मच) 3 छोटा चम्मच
लिक्विड (100 मिलीग्राम/5 मिली) 15 मिली
गोलियां (50 मिलीग्राम) 6


43 किलोग्राम से अधिक वजन वाले बच्चे: 

दवा देने का तरीका मात्रा
लिक्विड (100 मिलीग्राम/1 छोटा चम्मच) 4 छोटा चम्मच
लिक्विड (100 मिलीग्राम/5 मिली) 20 मिली
गोलियां (50 मिलीग्राम) 8

आइबूप्रोफेन कब और कैसे दिया जाए?

पाचन क्रिया की किसी तरह की समस्या से बचने के लिए आइबूप्रोफेन का सेवन खाने के साथ या खाने के बाद किया जाता है। इसे कितना लेना चाहिए, यह बात आयु और वजन जैसे पहलुओं पर निर्भर करती है। नतीजे के तौर पर शिशु, बच्चों और किशोरों को एक समान खुराक कभी नहीं देना चाहिए। 

दवा को देने का समय और इसकी खुराक डॉक्टर या फार्मासिस्ट बताएंगे। 

आइबूप्रोफेन कौन ले सकता है?

अगर आपके बच्चे को तेज बुखार है, लेकिन घरेलू दवाएं उस पर असर कर रही हैं और लक्षणों में आराम मिल रहा है, तो उसे आइबूप्रोफेन की जरूरत नहीं है। इसका इस्तेमाल केवल तभी होना चाहिए, जब बाकी सारे उपाय बेकार हो जाएं। लेकिन, आइबूप्रोफेन केवल पेडिअट्रिशन की सलाह पर ही दिया जाना चाहिए। 

आइबूप्रोफेन का इस्तेमाल किसे नहीं करना चाहिए?

आमतौर पर, पेडिअट्रिशन बीमारी की जांच करने के लिए, बच्चे का हेल्थ चेकअप करते हैं और फिर आइबूप्रोफेन प्रिसक्राइब करते हैं। हालांकि, डॉक्टर आपकी एलर्जी और मेडिकल हिस्ट्री की जांच भी करेंगे, ताकि इस दवा के दुष्परिणामों से बचा जा सके। एक पेरेंट के तौर पर आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि निम्नलिखित स्थितियों में आइबूप्रोफेन के इस्तेमाल से बचना है: 

  • जो बच्चे अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोन्स डिजीज, जैसी डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की बीमारियों से ग्रस्त हों।
  • जिन बच्चों को अस्थमा हो।
  • जिन बच्चों को दूसरी दवाओं से एलर्जी रिएक्शन हो।
  • जिन बच्चों को कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं हों, जैसे दिल की बीमारियां, ब्लड प्रेशर की समस्याएं या  अनियमित ब्लड क्लॉटिंग।

साथ ही खुराक का ध्यान रखें और जरूरत से ज्यादा दवा न दें। नीचे हम आइबूप्रोफेन के ओवरडोज के साइड इफेक्ट्स के बारे में थोड़ी और बात करेंगे। 

अगर बच्चा आइबूप्रोफेन अधिक मात्रा में ले ले तो क्या होगा?

ब्रिटिश नेशनल फार्मूलेरी के अनुसार बच्चे को एक दिन में आइबूप्रोफेन की 4 खुराकों से अधिक कभी नहीं देना चाहिए। अगली खुराक देने से पहले आधे दिन तक इंतजार करें। ओवरडोज का संकेत देने वाले कुछ लक्षणों में नीचे दिए गए कुछ लक्षण शामिल हैं: 

  • बेहोशी या ऐंठन
  • आँखों का धुंधलापन
  • सांस लेने में कठिनाई

ऊपर दिए गए लक्षण दिखने पर, आपको तुरंत बच्चे को हॉस्पिटल लेकर जाना चाहिए। दवा को सोखने के लिए डॉक्टर आपके बच्चे को लिक्विड चारकोल देंगे। टेस्टिंग से पता चला है, कि जानवरों में प्रत्येक किलोग्राम 636 मिलीग्राम से अधिक दवा का सेवन जानलेवा हो सकता है। हालांकि, मनुष्य में स्थिति अलग होती है और अधिकतर मामलों में मरीज अधिक बीमार हो जाता है, पर उसकी मौत नहीं होती है। 

कभी-कभी व्यस्त दिनचर्या के कारण पेरेंट्स दवा देना भूल जाते हैं। क्या यह बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है? आइए देखते हैं। 

अगर आप बच्चे को आइबूप्रोफेन देना भूल जाएं तो क्या होगा?

अगर आप समय पर दवा देना भूल जाते हैं, तो इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है। आपको जब याद आए उस समय बच्चे को दवा दे दें। अगर बहुत ज्यादा समय बीत गया है और दवा की अगली खुराक का समय हो गया है, तो एक साथ दोनों खुराक देने से बचें। ओवरडोज से बचने के लिए इस समय जितनी दवा की जरूरत है, केवल उतनी ही दवा उसे दें। 

आइए, अब बच्चों में आइबुप्रोफेन के साइड इफेक्ट्स पर नजर डालते हैं। 

बच्चों में आइबुप्रोफेन के साइड इफेक्ट्स

आपके बच्चे पर इस दवा के संभावित साइड इफेक्ट्स नीचे दिए गए हैं: 

  • हाथ पैरों में पानी भर जाना और सूजन दिखना
  • पेट फूलना
  • शरीर के विभिन्न अंगों में रैशेज
  • सांस लेने में तकलीफ
  • थकावट
  • उल्टी
  • मतली

बच्चे को आइबूप्रोफेन देने के दौरान सावधानियां

  1. दवा के इनग्रेडिएंट, एक्सपायरी डेट, खुराक की मात्रा और संभावित साइड इफेक्ट्स जैसे सभी तथ्यों को ध्यान से पढ़ें।
  2. कुछ निश्चित मामलों में आइबूप्रोफेन के साथ दूसरा ड्रग मिलाने पर मृत्यु हो सकती है। अगर डॉक्टर आइबूप्रोफेन की सलाह देते हैं, तो ऐसे में अगर आपका बच्चा कुछ अन्य दवाएं भी ले रहा है, तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं।
  3. चूंकि आइबूप्रोफेन की खुराक बच्चे के वजन पर निर्भर करती है, ऐसे में आइबूप्रोफेन देने से पहले बच्चे के वजन की जांच करना न भूलें। बच्चे हमेशा बढ़ते रहते हैं, इसलिए सही खुराक देने के लिए सही वजन का पता होना बहुत जरूरी है।
  4. लंबे समय तक आइबूप्रोफेन के इस्तेमाल से बचें, क्योंकि इससे आपके बच्चे में दिल की बीमारियां पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है।
  5. एसिडिटी से बचने के लिए, इस बात का ध्यान रखें, कि बच्चा आइबुप्रोफेन लेने के बाद भरपूर पानी पिए।
  6. कुछ बच्चों को इसका स्वाद अच्छा लगता है, इसलिए दवाओं को बच्चे की पहुँच से दूर रखें।
  7. अपने बच्चे के तापमान पर नजर रखें। 39 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक के बुखार में मेडिकल देखरेख की जरूरत हो सकती है।
  8. उन्हें अंधेरे में दवा देने से बचें, इससे खुराक गलत हो सकती है।
  9. बच्चों को हल्के बुखार या जुकाम में आइबुप्रोफेन देने से बचें, क्योंकि लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से पाचन समस्या जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. इसे काम करने में कितना समय लगता है?

इस दवा को लेने के बाद, इसके काम की शुरुआत होने में 15 से 30 मिनट तक का समय लग सकता है। बच्चे को इसका प्रभाव महसूस करने में एक घंटे तक का समय लग सकता है। 

2. क्या आप प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के साथ आइबूप्रोफेन दे सकते हैं?

यह दूसरी दवाओं के साथ ठीक तरह से मिल नहीं पाता है और इसकी रेसिपी बहुत खराब होती है। अगर डॉक्टर आइबूप्रोफेन की सलाह दें और अगर आपका बच्चा पहले से ही दूसरी दवाएं ले रहा है, तो ऐसे में इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। 

3. अगर बच्चा उल्टी करे तो क्या करें?

दवा लेने के बाद अगर बच्चा उल्टी करता है, तो आपको यह देखना चाहिए कि उसके मल का रंग गहरा और उसके पेट में दर्द तो नहीं है। अगर ऐसा है, तो यह स्टमक अल्सर हो सकता है और आपके बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत हो सकती है। पर अगर वह सिर्फ उल्टियां कर रहा है, तो दवा को खाने के साथ देने की कोशिश करें। 

आइबूप्रोफेन एक इमरजेंसी दवा है, जो कि समस्या को अंदर से ठीक करने के बजाय, केवल लक्षणों में आराम देता है। जहाँ इसके बहुत सारे फायदे हैं, फिर भी पेरेंट्स को इसे एक अंतिम उपाय के तौर पर देखना चाहिए और केवल पेडिअट्रिशन की सलाह पर ही देना चाहिए। हल्के बुखार की स्थिति में भी लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से स्टमक अल्सर और किडनी स्टोन जैसे समस्याएं पैदा हो सकती हैं। 

यह भी पढ़ें: 

बच्चों के लिए कान दर्द के १२ प्रभावी घरेलू उपचार
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पूजा ठाकुर

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