In this Article
हममें से किसी को भी यह याद करना मुश्किल होगा कि वह कौन सा समय था जब हमने पहली बार आइसक्रीम खाई थी। लेकिन किसी बच्चे को पहली बार आइसक्रीम खाते हुए देखा हुआ हमें जरूर याद होगा। बच्चों के लिए यह एक बेहद मजेदार और दिलचस्प अनुभव होता है क्योंकि वे अपने जीवन में पहली बार किसी खाद्य पदार्थ के अलग टेस्ट, फ्लेवर और तापमान का अनुभव करते हैं। हालांकि, आपके बच्चे को आइसक्रीम का स्वाद देने के लिए हमेशा सही समय और सही तरीका होता है।
हम ये अच्छी तरह जानते हैं कि आइसक्रीम को नेचुरल खाद्य पदार्थ नहीं होता है। इसमें ज्यादातर चीनी और प्रोसेस्ड फैट होता है। कुछ विशेष आइसक्रीम में फ्लेवर और रंग के लिए कई बार एडिटिव्स और फूड कलर भी मिलाए जाते हैं। यद्यपि एकदम छोटे बच्चों को आइसक्रीम खिलाने की सलाह तो नहीं दी जाती लेकिन उन्हें कभी-कभार इसे थोड़ा चखाने या खिलाने में बहुत ज्यादा नुकसान भी नहीं है।
ये जानने के बाद की आपके लाडले को आइसक्रीम का टेस्ट चखाने से कोई समस्या नहीं होगी, आपके मन में यह सवाल आया होगा कि मैं अपने बच्चे को आइसक्रीम कब खिला सकती हूँ? अपने बच्चे को आइसक्रीम खिलाने से पहले, उसे विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पादों से परिचित कराना जरूरी है। बच्चे को उसके पहले साल के दौरान, एक-एक करके पनीर, दही, चीज़ से परिचित कराएं और इसके प्रति वह कैसे रिएक्ट करता है, देखें । इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि आपके शिशु को लैक्टोज से संबंधित एलर्जी तो नहीं है। समय के साथ जब एक बार बच्चे के शरीर को इन चीजों को पचाने की आदत हो जाती है, तो आप उन्हें एक आइसक्रीम के लाजवाब टेस्ट से परिचित करा सकते हैं।
यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जिन्हें आप पहली बार अपने बच्चे को आइसक्रीम देने से पहले ध्यान में रख सकती हैं।
आइस-क्रीम में नट्स या इस तरह की अन्य चीजों का इस्तेमाल होने पर उन्हें बच्चे को खिलाने से बचें, क्योंकि हो सकता है कि बच्चे को उनसे एलर्जी हो और जिसके बारे में अभी तक आपको पता नहीं चला हो।
स्ट्रीट वेंडर या रास्ते पार घूमती आइसक्रीम की गाड़ियों से आइसक्रीम न लें। उचित दुकान से और जाने-माने व प्रसिद्ध ब्रांड की आइसक्रीम खरीदें।
बच्चे को थोड़ी-थोड़ी आइसक्रीम खिलाएं। उसे पूरा एक आइसक्रीम कोन या एक भरा हुआ आइसक्रीम का कप न पकड़ा दें। बहुत ज्यादा आइसक्रीम खाने से बच्चे का पेट खराब हो सकता है।
बच्चे को देने के लिए एकदम सादे वेनिला फ्लेवर से शुरुआत करें। यह न केवल यह एक क्लासिक और बेहद पसंद किया जाने वाला फ्लेवर है, बल्कि बाकी के फ्लेवर्स की तरह इसमें कोई भी फूड कलर या एडिटिव नहीं मिलाए जाते हैं।
अपना कैमरा तैयार रखें! पहली बार अपने बच्चे को आइसक्रीम का स्वाद लेते हुए देखने का पल बहुत खास होगा। उसकी क्यूट सी आँखों और चेहरे के भावों को कैमरे में क्लिक करके हमेशा के लिए एक अविस्मरणीय याद के रूप में रख लें।
एक वर्ष की आयु से पहले शिशुओं को आइसक्रीम न देने के कुछ कारण हैं।
एक वर्ष से पहले, बच्चे का पाचन तंत्र उतना मजबूत नहीं होता कि वह आसानी से आइसक्रीम के इंग्रेडिएंट्स को पचा सके।
मार्केट में मिलने वाली सभी आइसक्रीम में कोई न कोई परेसर्वेटिव्स जरूर होता है। ये प्रोसेस्ड फैट, शुगर, आर्टिफिशियल स्वीटनिंग एजेंट्स, फूड कलरिंग एजेंट्स आदि से बनी होती हैं। बच्चे के शरीर में इतनी जल्दी इन सारी चीजों को जाने देना सही नहीं है।
कुछ शिशु डेयरी दूध के प्रति सेंसिटिव हो सकते हैं। आइसक्रीम बनाने में अनिवार्य रूप से दूध का उपयोग किया जाता है। इसलिए अपने बच्चे को ठोस आहार शुरू करने के बाद एक-एक करके बाकी के डेयरी प्रोडक्ट से परिचय कराएं और फिर दूध देने की शुरुआत करें। इसलिए बच्चे को आइसक्रीम देने के लिए एक वर्ष का इंतजार ठीक होगा।
आइसक्रीम एक केमिकल प्रोसेस द्वारा बनाई जाती है। इसलिए, इसमें बैक्टीरिया मौजूद होने की बहुत संभावना होती है, चाहे वह स्टोर से खरीदी गई आइसक्रीम हो या घर पर तैयार की गई आइसक्रीम। एक ऐसे बच्चे के लिए जिसकी इम्युनिटी एक साल के भीतर पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है, ऐसे बैक्टीरिया बिमारियों को पैदा कर सकते हैं। कभी-कभी इससे मेडिकल इमर्जेंसी तक हो सकती है।
आइसक्रीम से पेट में गैस बन सकती है जो सीधे कोलिक टिश्यूज के साथ रिएक्ट हो सकती है। इससे बच्चे को पेट में दर्द हो सकता है, जिससे कई बार अपच और उल्टी हो सकती है।
यहाँ आपके बच्चे के लिए कुछ टेस्टी आइसक्रीम बनाने का तरीका बताया गया है।
आवश्यक सामग्री
विधि
आवश्यक सामग्री
विधि
आवश्यक सामग्री
विधि
आवश्यक सामग्री
विधि
अपने बच्चे को आइसक्रीम खिलाना एक बहुत अद्भुत पल होता है। उसे घर पर बनी आइसक्रीम देने से यह अधिक सुरक्षित भी रहता है। आइसक्रीम बनाने में कुछ हेल्दी चीजें मिलाना और भी अच्छी बात हो सकती है क्योंकि इससे यह टेस्टी चीज बच्चे के लिए पौष्टिक भी हो जाएगी। धैर्य रखें और अपने बच्चे को आइसक्रीम खाते हुए देखने के लिए उसे एक साल का पूरा होने दें, और एक बार जब वह थोड़ा और बड़ा हो जाएगा, तो आप उसे बड़ा सा आइसक्रीम का कोन लेकर खुशी से चीखते हुए भी देखेंगे।
यह भी पढ़ें:
जैसे हिंदी भाषा में बच्चों को सबसे पहले ‘वर्णमाला’ सिखाया जाता है वैसे ही गणित…
हिंदी की वर्णमाला में उ अक्षर का महत्वपूर्ण स्थान है। यह अक्षर बच्चों के लिए…
हिंदी की वर्णमाला में 'ई' अक्षर का बहुत महत्व है, जिसे 'बड़ी ई' या 'दीर्घ…
जैसे-जैसे डिलीवरी की तारीख नजदीक आती है, गर्भवती महिला की चिंता और उत्तेजना बढ़ती जाती…
आमतौर पर जोड़ों की बीमारियां बड़ों में देखने को मिलती हैं, लेकिन ये समस्याएं बच्चों…
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…