शिशुओं के लिए जायफल के लाभ और उपयोग करने के तरीके

शिशुओं के लिए जायफल के लाभ और उपयोग करने के तरीके

हम अपने भोजन में कई प्रकार के मसाले डालते हैं क्योंकि मसाले न केवल भोजन पकाने में उपयोगी होते हैं, बल्कि इनमें औषधीय गुण भी बहुत सारे होते हैं जिस वजह से इन्हें भोजन में शामिल किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, विभिन्न प्रकार के मसाले अनेक चिकित्सीय समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। कुछ लोग बच्चों को भी मसाले देने की सलाह देते हैं। ऐसा ही एक मसाला, जो आपके बच्चे के लिए फायदेमंद हो सकता है वह है जायफल जिसे नटमेग भी कहा जाता है। यदि आप यह सोच रहीं हैं, कि आप इस सुगंधित और फायदेमंद मसाले का उपयोग कैसे करें और आपके बच्चे के लिए इसके विभिन्न लाभ क्या हैं, तो हम सुझाव देते हैं कि आप इस विषय पर अधिक जानने के लिए निम्नलिखित लेख को पढ़ें।

जायफल क्या है?

जायफल एक सुगंधित गर्म मसाला है, जो जायफल के पेड़ से प्राप्त होता है। हालांकि जायफल मूल रूप से इंडोनेशिया की उपज है, तथापि अब यह सुगंधित मसाला दुनिया भर में इसके बहुमुखी उपयोग और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। जायफल भारतीय संस्कृति में सदियों से भोजन में मसाले के रूप में और विभिन्न बीमारियों को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है। यह बच्चों के लिए भी लाभकारी माना जाता है।

अपने बच्चे के आहार में जायफल कब शामिल करें?

यदि आप जानना चाहती हैं, कि क्या जायफल शिशुओं के लिए सुरक्षित है, तो इस प्रश्न का उत्तर है हाँ। आप सुरक्षित रूप से इस मसाले को अपने बच्चे के आहार में उसी समय ही सम्मिलित कर सकती हैं जब आप उसे ठोस भोजन देना शुरू कर देती हैं। मगर, जब तक बच्चा कम से कम छह महीने का न हो जाए तब तक जायफल को उसके आहार में शामिल करने के लिए इंतजार करें । भले ही मसाले शिशुओं के लिए सुरक्षित हों और परिवार के बुजुर्ग अन्नप्राशन या अन्न ग्रहण कराये जाने वाले समारोह के दौरान इसका उपयोग करने के लिए कहते हों, लेकिन हम बच्चे के छह महीने की उम्र होने तक प्रतीक्षा करने की सलाह देते हैं।

अपने बच्चे के आहार में जायफल कब शामिल करें?

जायफल का पोषण मान

यदि आप इस सुगंधित गर्म मसाले में युक्त पोषक तत्त्वों के बारे में जानना चाहती हैं, तो नीचे दी गई तालिका को जरूर देखें:

पोषण

कैलोरी

मात्रा

525

कुल वसा 35 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल 0
चीनी 28 ग्राम
रेशा 20 ग्राम
कैल्शियम 180 मिलीग्राम
लौह 3 मिलीग्राम
फास्फोरस 210 मिलीग्राम
पोटैशियम 351 मिलीग्राम
जस्ता 2.3 मिलीग्राम
फोलेट 75 माइक्रोग्राम
राइबोफ्लेविन 55 माइक्रोग्राम
विटामिन सी 3 मिलीग्राम
विटामिन ए 100 आई.यू

पोषक तत्वों की उपर्युक्त मात्रा 100 ग्राम जायफल में अनुमानित मात्रा है।

शिशुओं के लिए जायफल के स्वास्थ्य लाभ

जायफल आपके छोटे बच्चे के लिए कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है और यदि आप अपने बच्चे को नियमित रूप से यह मसाला देती हैं, तो यह आपके बच्चे को बहुत फायदा देगा। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

1. आपके बच्चे के पेट के लिए अच्छा है

अपने बच्चे को जायफल देना उसके पेट के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। शिशुओं को गैस या शूल होने का खतरा अधिक होता है, और जायफल देने से बच्चे ऐसी परेशानी से दूर रहते हैं। यह बच्चों में किसी भी प्रकार की ऐंठन या दर्द को ठीक करने में भी मदद करता है।

2. एक प्राकृतिक शामक औषधि

बच्चों को अच्छी नींद आए, इसके लिए लंबे समय से माँएं अपने बच्चों को जायफल देती आ रही हैं। यह सुगंधित मसाला काफी प्रभावी विकल्प के रूप में कार्य करता है और शिशुओं को बेहतर नींद लेने में मदद करता है। जब आप इस मसाले को अपने बच्चे के दूध में मिला कर देती हैं, तो आपका बच्चा आराम और शांत महसूस करता है, और इस तरह, वह शांति से सो पाता है। साथ ही, इस मसाले का उपयोग पेट की समस्याओं को दूर करने में भी फायदेमंद है, जो कभी-कभी आपके बच्चे की नींद में बाधा डाल सकता है।

एक प्राकृतिक शामक औषधि

3. भूख बेहतर होती है

जब आप इस सुगंधित मसाले को अपने बच्चे के आहार में शामिल करती हैं, तो यह उसकी भूख को बढ़ाने में मदद करता है और एक अच्छी क्षुधा बच्चे के समग्र विकास के लिए फायदेमंद होती है।

4. अपच को ठीक करने में मदद करता है

शिशुओं में पाचन तंत्र पूरी तरह से परिपक्व नहीं होता है, और इस तरह यह शिशुओं में विभिन्न अपच की समस्याओं को जन्म दे सकता है। जब आप अपने बच्चे के आहार में विभिन्न प्रकार के ठोस खाद्य पदार्थ को समाविष्ट करती हैं तो आपके बच्चे का अपरिपक्व पाचन तंत्र पेट में दर्द, गैस या दस्त जैसी परेशानी पैदा करता है। शिशुओं में दस्त होने पर जायफल देने से यह बीमारी का उपचार करने में कारगर साबित होता है।

5. सर्दी और खांसी के इलाज में मदद करता है

यह चमत्कारिक मसाला शरीर को गर्माहट प्रदान करता है और इस प्रकार शिशुओं में सर्दी और खांसी के लक्षणों के उपचार में मदद करता है।अगर बच्चे को ठंड लग गई हो तो जायफल देना सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।

बच्चे के खाने के लिए जायफल कैसे चुनें और संग्रहित करें?

हर माँ अपने नन्हे बच्चे की हर आवश्यकता को बेहतर से बेहतर तरीके से पूरा करना चाहती है और जब बात उसकी सेहत जुड़ी हो तब भी यही बात लागू होती है । आपका फिक्र करना जायज है, इसलिए हो सकता है कि आप बच्चे को जायफल देने के बारे में एक बार सोचें । तो हमारी यह सलाह है कि बाजार में मिलने वाले आम जायफल के बजाय आप बच्चे को देने के लिए जैविक जायफल का प्रयोग करें। इसके साथ ही जहाँ तक संभव हो ताजा जायफल खरीदें क्योंकि इस मसाले का स्वाद और सुगंध समय के साथ आसानी से खत्म हो जाता है, यदि आप इसे ताजा खरीदती हैं तो यह अपने गुण को बनाए रखता है। मसाले के आकार पर भी ध्यान दें, जितना बड़ा आकार उतना ही वह बेहतर होता है।

जहाँ तक इस खुशबूदार मसाले के भंडारण का संबंध है, हम इसे हवारोधी मर्तबान में संग्रहित करने की सलाह देते हैं, एक काँच का मर्तबान, ज्यादा अच्छा रहता है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है कि इस मसाले का उपयोग इसकी विशिष्ट सुगंध और स्वाद के लिए किया जाता है और अगर वह लंबे समय तक हवा के संपर्क में रहता है, तो इन दोनों गुणों को खो देता है। अपने संग्रहित मसाले की जांच करती रहें; यदि किसी भी समय आपको लगता है कि मसाला अपनी ताज़ा खुशबू और स्वाद खो चुका है, तो इसका प्रयोग न करें ।

अपने छोटे बच्चे को जायफल कैसे दें?

इस अद्भुत मसाले के कई स्वास्थ्य लाभों को जानने के बाद, आप इस मसाले को अपने बच्चे के भोजन में शामिल करना चाहेंगी, लेकिन हो सकता है आपको यह पता न हो कि इसे उसके आहार में शामिल कैसे करना है । खैर, इस मसाले का उपयोग करना बहुत आसान है, और आपको बस चाहिए एक सिल बट्टा, सिल बट्टे को धो लें और जायफल को अच्छी तरह से धो कर साफ कर लें, अब सिल पर दूध या पानी की कुछ बूंदें डालें और इस पर जायफल रख कर उसे बट्टे को गोलाकार या आगे पीछे घुमाते हुए पीसना शुरू करें। कुछ ही मिनटों में, इसकी पेस्ट बन जाएगी। आप इस पेस्ट को चम्मच में ले कर इसे अपने बच्चे के दूध, दलिया, अनाज आदि में मिला सकती हैं।

अपने छोटे बच्चे को जायफल कैसे दें?

कितनी खुराक देनी चाहिए ?

शिशुओं के लिए जायफल के अपार उपयोग हैं; मगर इसका उपयोग करते समय आपको बहुत सावधानी बरतनी होगी। यदि आप एक नवजात शिशु के लिए जायफल की अनुशंसित खुराक जानना चाहती हैं, तो हम ये सुझाव देते हैं कि आपको इसे छह महीने से कम उम्र के शिशुओं को बिलकुल भी नहीं देना चाहिए। यदि आपका शिशु छह महीने से अधिक उम्र का है, तो आप ग्रीष्मकाल में दिन में एक बार 0.5 मिलीग्राम और सर्दियों में 0.5 मिलीग्राम दिन में दो बार दे सकती हैं।

अपने बच्चे को जायफल देते समय सावधानी बरतें

अपने बच्चे के आहार में इस अद्भुत मसाले को शामिल करने से पहले, आपको निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • किसी भी गंदगी और मैल को दूर रखने के लिए मसाले को अच्छी तरह से धोना और साफ करना सुनिश्चित करें।
  • इसमें कोई शक नहीं कि इस मसाले से आपके शिशु को कई फायदे होते हैं, लेकिन कभी भी इसे इसकी आवश्यक मात्रा से अधिक नहीं दें।
  • सुनिश्चित करें कि मसाला अच्छी तरह से पीसा गया हो ताकि मसाले के टुकड़े शिशु के गले में ना अटकें।
  • इस मसाले से कुछ शिशुओं में एलर्जी हो सकती है, अगर आपके बच्चे के साथ ऐसा हो, तो उसे यह मसाला न दें।
  • यह मसाला शारीरिक ऊष्मा उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है, और कुछ बच्चे इस तरह के बदलावों का सामना करने में सक्षम नहीं होते हैं। यदि ऐसे लक्षण बच्चें में दिखें तो इस मसाले का उपयोग करना बंद कर दें।

कई माँएं हैं जो अपने बच्चे के स्वास्थ्य को बनाए रखने में इस मसाले की उपयोगिता को लेकर आश्वस्त होती हैं मगर हम अनुशंसा करते हैं कि आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही अपने बच्चे के आहार में इस मसाले को शामिल करना चाहिए। हर बच्चा अलग होता है और इसलिए वह विभिन्न खाद्य पदार्थों और मसालों के प्रति अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दे सकता है।