शिशु

शिशु के लिए केले की प्यूरी – बनाने का सबसे आसान तरीका

बच्चे के स्तनपान का प्रमाण घटते ही माताएं अक्सर अपने बच्चों को ठोस आहार देने के लिए उत्सुक रहती हैं। विभिन्न प्रकार के भोजन विकल्पों में से ज्यादातर आहार के प्रकार, बच्चे के थोड़ा बड़ा होने के बाद ही खिलाए जा सकते है। फिर भी, 4 महीने के बच्चे के लिए केले की प्यूरी को काफी फायदेमंद माना जाता है।

केले कैसे चुनें और खरीदें?

केले चुनते समय ध्यान रखें कि वे ताजा और पके हुए हों। ऐसे केले चुनें जिनके बाहरी छिलके पीले और बिना किसी धब्बे के हों। हरे केले, पूरी तरह से पके नही होते और जिन केलों के छिलकों पर काले धब्बे हों, वे अत्यधिक पके हुए होते हैं।

केले की प्यूरी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

  • एक पका हुआ केला
  • पानी
  • माँ का दूध या फार्मूला आधारित दूध

शिशु के लिए केले की प्यूरी कैसे बनाएं?

1. ताजा केले खरीदें

शिशुओं द्वारा आसानी से खाए जाने के लिए प्यूरी का चिकना और अच्छी तरह मसला हुआ होना आवश्यक है। केले जो पके हुए और अच्छे होते हैं, वे इसके लिए आवश्यक हैं। ये अच्छी तरह से मैश हो जाते हैं, और इनका प्राकृतिक स्वाद भी अच्छा निकल के आता है।

2. केले को धोकर, छीलकर और काट कर तैयार करें

थोड़े से सिरके के साथ पानी मिलाएं और इससे केला धोएं। यह सारे बैक्टीरिया को दूर करता है। ठंडे पानी में धोएं, केले को सुखाएं, फिर इसे छीलें। अंत के भागों को हटाते हुए केले को छोटे टुकड़ों में काटें।

3. प्यूरी बनाने के लिए केले को मसलें

एक ब्लेंडर का उपयोग करके केले की प्यूरी बनाना सबसे अच्छा है, क्योंकि वह एक समान बनेगी। प्यूरी में हल्का सा बैंगनी रा रंग दिखाई देने लगेगा। आप प्यूरी को और पतला करने के लिए पानी मिला सकती हैं। पानी के बजाय केले की प्यूरी के साथ मिलाने के लिए फार्मूलाआधारित दूध या माँ के दूध का उपयोग करना एक अन्य विकल्प है।

4. इसमें टेक्सचर या फ्लेवर मिलाएं

हालांकि प्यूरी अपने आप में बहुत स्वादिष्ट होती है, इसे किसी अन्य खाद्य पदार्थ के साथ मिलाकर इसका स्वाद बढ़ाया जा सकता है। प्यूरी में मिलाने के लिए आड़ू, आलूबुखारा, चेरी जैसे फल या दही भी शानदार विकल्प हैं।

5. बची हुई प्यूरी को फ्रिज में रख दें

जो भी प्यूरी बची हो उसे 3 दिनों तक फ्रिज के अंदर किसी साफ़, स्वच्छ, अच्छे बर्तन में रखा जा सकता है। यह प्यूरी अभी भी बच्चे को खिलाने के लिए अच्छी बनी रहती है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • प्यूरी की बनावट के बारे में निर्णय ख़ुद ही लें। वह जितनी चिकनी होगी, शिशु के लिए उसका सेवन करना उतना ही आसान है।
  • अपने बच्चे को प्यूरी का एक पूरा कटोरा भरकर न दें। पहले वह थोड़ी मात्रा में खाएगा फिर धीरेधीरे बढ़ाएगा।
  • केले कब्ज़ का कारण नहीं होते। इसलिए, सप्ताह में तीन बार अपने बच्चे को प्यूरी देना सुरक्षित है।
  • यद्यपि प्यूरी को फ्रिज में रखा जा सकता है, फिर भी ताजी बनी प्यूरी का सेवन सबसे अच्छा होता है।
  • पके हुए केले प्यूरी बनाने के लिए सबसे अच्छे हैं। वे न केवल स्वाद में बेहतर होते हैं, बल्कि वे अधिकांश एलर्जेंस से भी मुक्त होते हैं।

बच्चे को नए खाद्य पदार्थों से परिचित कराना हमेशा ही दिलचस्प होता है। जब बात शिशु आहार की हो, तो केले की प्यूरी काफी सुरक्षित और स्वस्थ विकल्प है। किसी भी स्थिति में, अपने बच्चे को स्तनपान के अलावा कोई भी खाद्य पदार्थ शुरू कराने से पहले, अपने डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें क्योंकि वह बच्चे की एलर्जी की किसी भी संभावित परिस्थिति के जानकार हो सकते हैं।

श्रेयसी चाफेकर

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