खिचड़ी एक पौष्टिक आहार है और शिशुओं व छोटे बच्चों के लिए बहुत गुणकारी है। हालांकि एक माँ के रूप में अपने बच्चे के लिए बार-बार वही पुरानी खिचड़ी बनाने से आप ऊब जाती होंगी। हो सकता है कि धीरे-धीरे आपका बच्चा भी एक ही तरह की खिचड़ी खाने से उकता जाए और खिचड़ी खाने से उसका मन उचट जाए। ऐसा होते हुए भी आप बच्चे के मेनू से खिचड़ी को हटाने के बारे में सोचना भी नहीं चाहतीं। इस समस्या का उपाय हम आपको बताते हैं।
इस लेख में हम आपको बच्चों के लिए खिचड़ी बनाने के 10 ऐसे तरीके बताने वाले हैं जिससे आप केवल थोड़े से प्रयोग से अधिक पौष्टिक, अधिक स्वादिष्ट और अपने बच्चे के लिए एक नए व्यंजन के रूप में अलग तरह की खिचड़ी बना सकेंगी। साथ ही, ये रेसिपीज निश्चित तौर पर आपको किचन से बोर होने का मौका भी नहीं देंगी।
अलग-अलग तरीके से बच्चों को खिलाने के लिए खिचड़ी की 10 विधियां इस प्रकार हैं:
यदि आपके शिशु ने अभी तक खिचड़ी का स्वाद नहीं चखा है, तो इससे शुरुआत करना अच्छा होगा। आपका बच्चा अगर दाल-चावल के मिश्रण का आदी हो चुका है तो यह खिचड़ी देना उसके लिए हितकर है।
सामग्री
विधि
सबसे पहले, चावल और दाल को धो लें और गर्म पानी में लगभग आधे घंटे के लिए भिगो दें। फिर, इसे प्रेशर कुकर में एक कप पानी के साथ डालें और 3 सीटी आने तक पकाएं। यदि मिश्रण बहुत गाढ़ा हो, तो आप थोड़ा गर्म पानी और मिला सकती हैं फिर इसे चम्मच से मिलाकर बच्चे को खिलाएं।
ऐसे बच्चे जो एक वर्ष से कम उम्र के हैं, उनके लिए चावल के अलावा अन्य ठोस भोजन से परिचित कराने का यह एक अच्छा तरीका हो सकता है।
सामग्री
विधि
दाल और चावल को साफ करके धो लें, और आधे घंटे के लिए पानी में भिगो दें। एक कुकर में घी को जीरे के साथ तब तक गर्म करें, जब तक कि जीरा चटकने न लग जाए, फिर चावल, दाल, सब्जियां और पानी डालें। इस मिश्रण को 4 सीटी आने तक पकने दें और फिर इसे चम्मच से मिलाकर अपने बच्चे को दें।
तूर या अरहर की दाल भारतीय घरों में बहुतायत में मिलती है, लेकिन बच्चों के लिए यह पचने में मूंग दाल के मुकाबले थोड़ी गरिष्ठ होती है। अतः इसे 8 महीने या उससे अधिक आयु के बच्चों को ही देना बेहतर है।
सामग्री
विधि
दाल और चावल को अच्छी तरह से धोने के बाद इसे आधे घंटे के लिए पानी में भिगो दें। फिर, इस मिश्रण को हल्दी और 2 कप पानी के साथ लगभग 4-5 सीटी आने तक पकाएं। एक पैन में थोड़ा घी गरम करें और जीरा और हींग डालें फिर मिश्रण के चटकने तक इंतज़ार करें। अब इसमें खिचड़ी मिला दें और अपने बच्चे को परोसें।
पालक की पत्तियों में बहुत सारे पोषक तत्व और खनिज (विशेष रूप से लोहा) पाए जाते हैं, जो आपके बच्चे के विकास के लिए बहुत अच्छे होते हैं।
सामग्री
विधि
दाल और चावल को आधे घंटे के लिए पानी में भिगोने के बाद, इसे हल्दी के साथ लगभग 5 सीटी आने तक पकाएं। फिर एक कड़ाही में घी और जीरा डालकर गर्म करें और उसमें लहसुन की कलियां डालें। फिर पालक डालें और इस मिश्रण को अच्छे से मिलाकर कुछ समय तक पकाएं। जब पत्तियां पक जाएं, तो चावल-दाल का मिश्रण डालें। इसे कुछ मिनटों के लिए पकने दें, अपनी इच्छानुसार लहसुन की कलियों को निकाल दें और फिर बच्चे को खिलाएं।
पारंपरिक रूप से एक यह बंगाली व्यंजन है और बच्चों के लिए भी काफी अच्छा होता है।
सामग्री
विधि
चावल और दाल को धोने के बाद पानी में भिगो दें। प्रेशर कुकर में 4-5 सीटी आने तक पकाएं। सब्जियों को साफ करें और बारीक काट लें। घी में जीरा डालकर तब तक गर्म करें जब तक कि ये चटकने न लगे और फिर तेज पत्ता डालकर इसमें दाल-चावल के मिश्रण को डाल दें। मिश्रण को थोड़ी देर तक भूनें। अब इसमें आलू और पपीता डालें और फिर मिश्रण को 5-6 मिनट तक पकाएं। खिचड़ी को चम्मच से मसल कर अपने बच्चे को खिलाएं।
टमाटर की खिचड़ी आपके बच्चे की छोटी से जीभ पर एक चटपटे स्वाद की अनुभूति देगी। इसके स्वाद के कारण हो सकता है कि वह खिचड़ी खाने की और मांग करे!
सामग्री
विधि
चावल को धोकर इसे दाल के साथ आधे घंटे के लिए भिगो दें, इस बीच टमाटर और प्याज काट लें। प्रेशर कुकर में घी गरम करें और जीरा डालकर चटकने तक भूनें। फिर प्याज डालकर तब तक भूनें जब तक वे पारदर्शी न हो जाएं, इसके बाद आप टमाटर, चावल और दाल डालकर एक चुटकी हल्दी मिला दें। तीन कप पानी डालें और 3 सीटी आने तक पकाएं। बच्चे को प्यार से यह टैंगी स्वाद की खिचड़ी खिलाएं।
यह खिचड़ी की एक और किस्म है जो स्वाद में चटपटी और जायकेदार हो सकती है।
सामग्री
विधि
लगभग आधे घंटे के लिए चावल और दाल को धोकर भिगो दें। कुकर में घी डालें। फिर, घी में जीरा और दालचीनी डालकर भूनें फिर कटा हुआ प्याज डालें और पारदर्शी होने तक गर्म करें। फिर चावल और दाल डालकर एक मिनट के लिए भूनें। 3 कप पानी डालें, और 3 सीटी आने तक पकने दें। अच्छी तरह मसलकर शिशु को खिलाएं।
खिचड़ी का यह प्रकार बच्चे में किसी भी प्रकार की पेट संबंधी गड़बड़ी को ठीक कर सकता है।
सामग्री
विधि
सबसे पहले मूंग दाल और चावल के साथ सादी खिचड़ी बनाएं। फिर इसे दही के साथ अच्छी तरह मिलाएं। एक तवे पर घी डालें और गरम होने पर जीरा डालें – मिश्रण को चटकने दें। फिर इसमें खिचड़ी डालें और 2 मिनट तक गर्म करें। गर्मागर्म खिलाएं।
गेहूँ के दलिया में फाइबर काफी मात्रा में पाया जाता है जो पाचन संबंधी समस्याओं में आराम पहुँचाते हैं।
सामग्री
विधि
मूंग की दाल और गेहूँ के दलिया को धोकर आधे घंटे के लिए भिगो दें। प्रेशर कुकर में घी डालें और हींग और जीरा डालकर चटकने तक गर्म करें। अब सब्जियों के साथ प्याज और अदरक डालें। इसे एक मिनट के लिए भूनें। फिर 4 कप पानी के साथ मूंग-दलिया का मिश्रण डालें और 4 सीटी आने तक पकाएं।
ओट्स में भी फाइबर काफी मात्रा में होते हैं और इसमें बच्चे के विकास के लिए आवश्यक बहुत सारे खनिज पाए जाते हैं।
सामग्री
विधि
दाल और ओट्स को एक साथ धोकर लगभग आधे घंटे के लिए पानी में भिगो दें फिर पानी निकालकर कुकर में इस मिश्रण को डालें। लहसुन की दो कलियां और एक चुटकी हींग डालें और 3 कप पानी मिलाएं। लगभग तीन सीटी आने तक इसे पकने दें और मिश्रण में घी डालकर बच्चे को खिलाएं।
खिचड़ी बनाने की कई सारी विधियां हैं और नए-नए प्रयोग करने के लिए भी पर्याप्त गुंजाइश होती है। इसलिए अपने बच्चे की पसंद जानने के लिए ढेर सारे संयोजन आजमाएं!
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