महात्मा गांधी या बापू, जिस नाम से सभी उन्हें प्यार व सम्मान देते हैं, एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे आज भी लोग बहुत ज्यादा प्रेरित होते हैं। उनकी सिखाई हुई बातें और उनके द्वारा जीवन जीने के तरीके में अमूल्य सीख छिपी हुई है। इस बार 2 अक्टूबर, गांधी जयंती के दिन को आप अपने बच्चों के साथ कुछ अलग तरीके से सेलिब्रेट करें व भारत के इस महान स्वतंत्रता सेनानी को दिल से याद करें और साथ ही अपने बच्चों को उनके जीवन से प्रेरणा लेना सिखाएं। यहाँ पर महात्मा गांधी के जीवन से प्रेरित कुछ फिल्मों की लिस्ट दी हुई है जिनमें से आप एक चुनें और इस अद्भुत समय पर अपने बच्चों के साथ इस फिल्म का आनंद लें। महात्मा गांधी के जीवन से प्रेरित कौन सी फिल्में हैं, आइए जानें;
गांधी जी की फिल्मों और जीवन से बच्चों के लिए 10 सीख
1. “चाटा मारना आसान है, माफी मांगने के लिए हिम्मत चाहिए बेटा!” – लगे रहो मुन्ना भाई
किसी को भी थप्पड़ मारना आसान है पर माफी मांगना उतना ही कठिन है! गांधी जी द्वारा दी गई इस शिक्षा पर बनी विधु विनोद चोपड़ा की यह फिल्म बताती है कि किस प्रकार बापू की सीख मॉडर्न जीवन पर भी लागू होती है – विशेषकर फिल्म के मुख्य किरदार संजय दत्त के जीवन में। इस फिल्म में अहिंसा, दृंढ़ता और धैर्य पर भी कुछ शिक्षाएं दी गई हैं। यहाँ तक कि यदि आज गांधी जी हमारे साथ नहीं हैं (जैसे फिल्म में दिखाया गया है) तो क्या हुआ पर हमें उनके द्वारा बताई गई बातों को अपने जीवन में लागू करना चाहिए।
2. “तो फिर सारी अलग-अलग उंगलियों की मुट्ठी बन जाए, मुखिया जी!” – लगान
ऑस्कर में नॉमिनेटेड यह बेहतरीन फिल्म आजादी से पहले के समय में हिन्दुस्तानियों द्वारा ब्रिटिश अधिपतियों को दिए गए टैक्स पर बनी है। इस फिल्म में गाँव के एक व्यक्ति, भुवन (आमिर खान द्वारा निभाया गया किरदार) ने ब्रिटिशर्स के खिलाफ क्रिकेट मैच खेलने की एक चुनौती रखी थी। इस फिल्म में बहुत सुंदर और मनोरंजक तरीके से सांप्रदायिक एकता, मानसिक ताकत और अहिंसा या सत्याग्रह पर चर्चा की गई है जो गांधी जी द्वारा दी गई कई सर्वोत्तम शिक्षाओं में से हैं।
3. “हम सब एक दूसरे को दोष दे रहे हैं जबकि हम सब ही दोषी हैं” – स्वदेस
महात्मा गांधी ने अपने समय में ‘नमक सत्याग्रह’ से लेकर ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ तक बहुत सारे स्वतंत्रता आंदोलन चलाए थे। किसी चीज की जिम्मेदारी लेने से ही उचित परिवर्तन आ सकता है – शाहरुख की इस फिल्म में यही सीख दी गई है। यह फिल्म विदेश से वापिस आए नासा में काम करने वाले एक वैज्ञानिक पर बनी है जो अपने गाँव में एक बड़ा अंतर लाना चाहता है। इस फिल्म में मुख्य किरदार ने गांधी जी की कई शिक्षाओं को उजागर किया है जिनसे आपके बच्चे बहुत कुछ सीख सकते हैं।
4. “हमार गोला पर तो कौनों झूठ नाहीं बोलत है” – पीके
इस फिल्म में बताया गया है कि सिर्फ हम इंसान ही गांधी जी से प्रेरित नहीं हुए हैं बल्कि एलियंस भी उनसे प्रेरणा लेते हैं। इस क्यूट सी फिल्म में आमिर खान ने एक एलियन का किरदार निभाया है जो संगठित धर्म और ईश्वरवादियों के सामने एक कड़ी चुनौती रखता है। यह फिल्म महात्मा गांधी और संत कबीर द्वारा बताई हुई बातों से प्रेरित है जिसमें यह संदेश दिया गया है कि चाहे हम अलग धर्म, अलग जाति या अलग समुदाय से भले हों पर हम सब एक हैं।
5. “पहले वे आपको नजरअंदाज करते हैं, फिर वे आप पर हंसते हैं, फिर वे आपसे लड़ते हैं, आखिर में आप जीत जाते हैं।” – गाँधी
रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित यह पॉपुलर फिल्म बेन किंग्सले के अविस्मरणीय अभिनय के साथ महात्मा गांधी के जीवन में एक गहरी झलक दिखाती है। यह फिल्म अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर आधारित है। इससे बच्चों को यह सीख मिलती है कि चुनौतियों का सामना दृढ़ संकल्प से करनी चाहिए।
6. “खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है खुद को दूसरों की सेवा में खो देना।” – गाँधी, माय फादर
यह फिल्म महात्मा गांधी और उनके बेटे के साथ संबंधों के बारे में बताता है और उनकी सादगी और विनम्रता पर प्रकाश डालती है। इस फिल्म से बच्चे निस्वार्थता और दूसरों की सेवा का महत्व सीख सकते हैं।
7. “हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सब एक है” – हे राम
“हे राम” का यह डायलॉग विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच एकता और सहिष्णुता के संदेश को बताता है, जिस सिद्धांत की गांधीजी ने हमेशा से वकालत की थी। इस डायलॉग से बच्चे सभी धर्मों का सम्मान करने और सदभाव को बढ़ावा देने के मूल्य के बारे में सीख सकते हैं।
8. “मैं किसी को भी अपने गंदे पैरों के साथ अपने दिमाग में नहीं चलने दूंगा।” – गाँधी, माय फादर
यह डायलॉग चुनौतियों का सामना करने के बावजूद अपने विश्वासों पर दृढ़ रहने के गांधीजी के दृढ़ संकल्प को बताता है। इससे बच्चे अपने सिद्धांतों के प्रति सच्चे बने रहने का महत्व सीख सकते हैं।
महात्मा गांधी पर आधारित चाहे आप कोई हिंदी फिल्म चुनें या आप अपनी भाषा की कोई फिल्म चुनें पर गांधी जयंती एक ऐसा बेहतरीन समय है जब इस विश्व प्रसिद्ध विचारक और शांति प्रिय व्यक्ति की स्मृतियों को दोबारा से उजागर कर सकते हैं। इस अवसर पर आप अपने बच्चों के साथ मिलकर क्विज ऑर्गेनाइज करें, साथ में फिल्में देखें और इससे संबंधित बच्चों से चर्चा करें – आखिर यह अहिंसा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस भी तो है।
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