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बच्चों को हर तरह के न्यूट्रिशन की जरूरत होती है क्योंकि यही वह समय होता है जब उनका शरीर विकास कर रहा होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्ट अटैक से बचाव करने के लिए जाना जाता है पर क्या बच्चों को कभी हार्ट अटैक होता है? खैर, बच्चों के लिए इसकी जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि फैटी एसिड सुपर फूड है जो शरीर के अन्य हिस्सों को विकसित करने में मदद करते हैं, जैसे दिमाग। ओमेगा 3 फैटी एसिड के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह कई बीमारियों को खत्म करने में मदद करता है, जैसे दिल की बीमारी। इसलिए इससे हार्ट हेल्दी रहता है। इसे गुड फैटी एसिड भी कहते हैं। इससे सिर्फ दिमाग का फंक्शन ही ठीक नहीं रहता है बल्कि शरीर में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव भी होते हैं।
हमारे शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड 3 प्रकार के होते हैं। वे ईकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए), अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए), और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए) हैं। एएलए आमतौर पर पौधों के स्रोतों में पाया जाता है, जैसे अखरोट, हेम्प ऑयल, फ्लैक्स सीड ऑयल, अल्गल ऑयल और एडिबल सीड। ईपीए और डीएचए मुख्य रूप से कुछ प्रकार की मछलियों में पाए जाते हैं, जैसे सामन, टूना, हैलबट और फिश ऑयल।
ओमेगा 3 फैटी एसिड, मानव विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक हैं जो हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पन्न नहीं होते हैं और इसे अन्य स्रोतों से प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। ये एसिड मेटाबॉलिज्म में सहायता करते हैं और शरीर व दिमाग को सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर को दिल के रोगों, कैंसर और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करते हैं।
बच्चों के विकास के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड होना बहुत जरूरी है जिससे उनका मानसिक व शारीरिक विकास होता है। इसके कई फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
बच्चों के लिए मछली का तेल ओमेगा 3 फैटी एसिड का एक बेहतरीन सप्लीमेंट है क्योंकि यह शरीर में उत्पन्न नहीं होता है। मछली के तेल के कई प्रकार मौजूद हैं, आइए जानें;
हालांकि इसके अलावा फैटी एसिड से संबंधित अन्य खाद्य पदार्थ भी हैं जिनमें से कुछ सामान्य प्रकार के निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
उम्र | लड़के | लड़कियां |
0 से 12 महीने | 0.5 ग्राम प्रतिदिन | 0.5 ग्राम प्रतिदिन |
1 से 3 साल | 0.7 ग्राम प्रतिदिन | 0.7 ग्राम प्रतिदिन |
4 से 8 साल | 0.9 ग्राम प्रतिदिन | 0.9 ग्राम प्रतिदिन |
9 से 13 साल | 1.2 ग्राम प्रतिदिन | 1 ग्राम प्रतिदिन |
14 से 18 साल | 1.6 ग्राम प्रतिदिन | 1.1 ग्राम प्रतिदिन |
वैसे तो बच्चों की डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड होना चाहिए। हालांकि डॉक्टर बच्चों को इसके कुछ सप्लीमेंट्स देने की सलाह देते हैं। ऐसे सप्लीमेंट्स से बच्चों को हानि नहीं होती है और यदि उचित मात्रा में लिया जाए तो इसके कोई भी साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड के सप्लीमेंट ऑयल, सॉफ्ट च्युइंग गम और कैप्सूल्स के रूप में उपलब्ध हैं जो बच्चे के लिए सुरक्षित होते हैं। इनमें से कुछ सप्लीमेंट्स फ्लेवर में भी आते हैं ताकि इससे मछली की गंध और स्वाद न आए और बच्चा इसे आसानी से ले सके।
स्टडीज के अनुसार उन बच्चों में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) होता है जिनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी रहती है। यह प्रमाणित है कि मछली के तेल के रूप में सप्लीमेंट का उपयोग करने से बच्चे की व्यावहारिकता में सुधार होता है, ध्यान केंद्रित होने लगता है और हाइपरएक्टिविटी कम हो जाती है। सिर्फ ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा बढ़ाने से ही बच्चे में एडीएचडी की समस्या पूरी तरह से ठीक नहीं होगी, इसके लिए कुछ अन्य ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है, जैसे बेहेवियर थेरेपी।
ओमेगा 3 फैटी एसिड बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इससे उनका सही विकास व वृद्धि होती है और इसके अन्य फायदों को भी कम न समझें। यदि बच्चे में ओमेगा 3 फैटी एसिड से संबंधित कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से मिलें।
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