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बच्चे को सॉलिड और सेमी-सॉलिड फूड से परिचित कराते समय यह जानना जरूरी है कि उसके आहार में कौन सी सब्जी शामिल करनी चाहिए, कौन सी नहीं, कब करनी चाहिए इत्यादि। यह सब जानना तब ज्यादा महत्वपूर्ण है जब आप अपने बच्चे के लिए घर पर ही बेबी फूड तैयार करना चाहती हैं। घर पर बेबी फूड बनाने का सबसे अच्छी बात यह है कि उसकी सामग्रियों पर आपका कंट्रोल होता है। आप अपने बच्चे के हिसाब से बना सकती हैं। अन्य मांओं के समान ही यदि आपका भी यही सवाल है कि ‘क्या फूल गोभी या कौली फ्लावर बच्चों के लिए अच्छा है’, तो हमारे पास आपके लिए एक अच्छी खबर है। बच्चे के आहार में फूल गोभी शामिल करना एक बेहतर उपाय हो सकता है और यह आपके बच्चे के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है।
फूल गोभी अनेक गुण वाली सब्जी है जिसमें फोलेट, कैल्शियम, विटामिन ‘ए’, ‘सी’ और उच्च मात्रा में फाइबर भी होता है। यदि आपका बच्चा 8-10 महीने का हो जाता है तो आप उसे फूल गोभी खिलाना शुरू कर सकती हैं। बच्चों की शुरूआती आयु में उन्हें फूल गोभी खिलाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इस सब्जी को पचाना थोड़ा कठिन होता है और इससे गैस की समस्या भी हो सकती है। जब तक बच्चा 6 महीने का नहीं होता है तब तक उसका पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं होता है और इसलिए उसकी सही आयु तक प्रतीक्षा करना ही बेहतर विकल्प है।कभी-कभी इससे पेट में दर्द या अन्य समस्या भी हो सकती है। यदि आपका बच्चा बहुत अधिक सेंसिटिव है तो उसे फूल गोभी खिलाना शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यद्यपि फूल गोभी ज्यादातर बच्चों में एलर्जी का कारण नहीं बनती है पर फिर भी उसे यह सब्जी अलग से खिलाएं ताकि कोई समस्या होती भी है तो आपको उसका कारण पता लग सके।
फूल गोभी हरी सब्जियों में से एक है जिसमें फाइटोकेमिकल पाए जाते हैं और यह कैंसर से बचाव करने में मदद करती है। फूल गोभी में कितने विटामिन और मिनरल होते हैं, इसके बारे में निम्नलिखित है, आइए जानते हैं;
मिनरल | विटामिन |
पोटैशियम – 176 मिलीग्राम | विटामिन ‘सी’ – 54.9 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस – 40 मिलीग्राम | विटामिन ‘ए’ – 15 माइक्रोग्राम |
कैल्शियम – 20 मिलीग्राम | विटामिन ‘बी6’ – .21 मिलीग्राम |
सोडियम – 19 मिलीग्राम | फोलेट – 55 माइक्रोग्राम |
मैग्नीशियम – 11 मिलीग्राम | नियासिन – 0.5 मिलीग्राम |
आयरन – 0.40 mg | थायमिन – 0.05 माइक्रोग्राम |
कम मात्रा में मैगनीज, कॉपर, जिंक और सेलेनियम | लियूटेइन – 36 माइक्रोग्राम |
पैंटोथेनिक एसिड – 0.6 मिलीग्राम |
यदि बच्चों के आहार में फूल गोभी शामिल की जाए तो इसके क्या फायदे हो सकते हैं, आइए जानें;
चूंकि फूल गोभी में सल्फोराफेन पाया जाता है इसलिए यह बच्चों की त्वचा को अल्ट्रवॉयलेट किरणों के हानिकारक प्रभावों से सुरक्षित रखता है। इससे त्वचा में होने वाली अन्य समस्याएं, जैसे सूजन, सेल डैमेज, स्किन कैंसर और एरिथमा से भी बचाव होता है।
फूल गोभी विटामिन ‘सी’ प्रदान करता है जिससे बच्चे की हड्डियां मजबूत और स्वस्थ होती हैं। यह कोलेजन के उत्पादन को भी बढ़ाता है जिससे हड्डियां और इसके जोड़ इंफ्लेमटरी क्षति से सुरक्षित रहते हैं। इसमें विटामिन ‘के’ भी होता है जो बच्चों की हड्डियों के लिए लाभदायक होता है।
फूल गोभी में मौजूद फाइबर की उच्च मात्रा पाचन में सुधार करती है और शरीर से टोक्सिन को निकालने में मदद करती है। यह पेट की परत को सुरक्षित रखकर उन कुछ बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। फूल गोभी पेट की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
फूल गोभी में मौजूद सल्फोराफेन किडनी और हार्ट के फंक्शन में सुधार करता है। चूंकि इसमें विटामिन ‘के’ और ग्लुकोराफानिन भी होता है इसलिए यह ब्लड सर्कुलेशन के साथ-साथ ब्लड वेसल को बनाए रखने में मदद करते हैं।
जब आप पाने बच्चे के लिए बाजार से फूल गोभी खरीदने जाएंगी तो वही गोभी खरीदें जो वजन में थोड़ी भारी हो। सुनिश्चित करें कि गोभी ताजी और थोड़ी क्रंची हो और उसके पत्ते हरे हो। बासी फूल गोभी या पुरानी गोभी थोड़ी पीले रंग की और मुरझाई सी होती है। जिस फूल गोभी के ऊपरी हिस्से में बहुत सारे फूल होते हैं उसके बीच का हिस्सा सुरक्षित और ताजा होता है। क्रीमी वाइट कलर की फूल गोभी, जिसके फूल मुलायम और ताजे होते हैं वह सबसे नुट्रिशयस होता है। इसी प्रकार से यदि फूल गोभी में धब्बे, उसका बाहरी हिस्सा मुरझाया हुआ और फूल का आकार छोटा है तो इसका मतलब है कि वह गोभी पुरानी है और उसका न्यूट्रिशनल वैल्यू कम है।
फ्रोजेन फूल गोभी की कोई रेसिपी या सूप बनाने से बचें। पकने के बाद फ्रोजन फूल गोभी हल्का पानी छोड़ने लगती है। फ्रोजन गोभी से बनाई हुई बच्चे की पसंदीदा प्यूरी का स्वाद भी उतना अच्छा नहीं होता है। फूल गोभी को स्टोर करते समय इसे उल्टा रखें ताकि इसके बीच में अधिक नमी जमा न हो। गोभी को प्लास्टिक बैग में न स्टोर करें क्योंकि इससे सब्जी में नमी बढ़ने लगती है और वह खराब हो सकती है। आप चाहें तो पेपर बैग का उपयोग कर सकती हैं या कोई भी बैग का उपयोग न करें। यदि फूल गोभी को फ्रिज में स्टोर किया जाए तो इसके सभी न्यूट्रिएंट्स एक सप्ताह तक बने रह सकते हैं।
फूल गोभी को पकाना बहुत सरल होता है क्योंकि इसकी हरी पत्तियों और डंठल को काट दिया जाता है। यह कट जाने के बाद एक बार बहते पानी में इसे अच्छी तरह से धो लें। फूल गोभी के बीच के भाग को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें, खयाल रहे इसे एक जैसे आकार में काटें ताकि यह एक समान ही पक सके। फूल गोभी को काटने के बाद इसे एक कटोरे पानी में डालकर उबाल लें, इससे स्वास्थ्य बढ़ाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स को विकसित करने में मदद मिल सकती है।
बच्चों के लिए फूल गोभी को 8 से 10 मिनट तक पकाना बेहतर है या आप इसे 5 मिनट तक उबाल भी सकती हैं। इसे स्टीम करने की सलाह दी जाती है क्योंकि सब्जी को उबालने से उसमें मौजूद कुछ न्यूट्रिएंट्स पानी के माध्यम से निकल जाते हैं। बच्चों में न्यूट्रिएंट्स बनाए रखने के लिए उबाली गई फूल गोभी के पानी को आप प्यूरी बनाते समय उपयोग कर सकती हैं। यदि आपका बच्चा बड़ा हो गया है तो आप उसे फूल गोभी को रोस्ट करके या कच्चा भी खिला सकती हैं पर छोटे बच्चों को इसे सिर्फ पका कर ही खिलाएं।
यदि आप फूल गोभी के स्वाद और इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू बनाए को रखने के लिए, इसे अलग-अलग सामग्रियों के साथ बनाती हैं तो आपका बच्चा फूल गोभी के हर व्यंजन को पसंद करेगा। यहाँ कुछ रेसिपीज दी हुई हैं जिन्हें आप सरलता से पका सकती हैं;
यह सबसे सरल रेसिपी है जिसे आप अपने बच्चे को खिला सकती हैं;
सामग्री
विधि
सबसे पहले गोभी को खुले नल में अच्छी तरह से धो लें और फिर उसके फूल को छोटा-छोटा काट लें और रेसिपी के अनुसार स्टीम करें। एक पैन में 2 छोटे चम्मच बटर गर्म करें और उसमें आटा डालकर लगातार भूनें। अब इसमें दूध डालकर उबालें और मिश्रण को गाढ़ा होने तक पकने दें, फिर आंच बंद कर दें। इसमें चेदार चीज़ व जायफल डालें और मिलाएं। रेसिपी को बेक करने के लिए मिश्रण को स्टीम की हुई गोभी में डालें और अच्छी तरह से चला लें। परमेसन चीज़ और ब्रेडक्रम्ब्स को एक साथ मिलाएं, फिर उसे मिश्रण के ऊपर डाल दें। इसके बाद बचे हुए बटर को पिघला कर ब्रेडक्रम्ब्स के ऊपर डालें। अंत में पूरे मिश्रण को लगभग 20 – 30 मिनट तब तक बेक करें जब तक इसका रंग हल्का भूरा न हो जाए। चीज़ के साथ गोभी की यह रेसिपी आपको और आपके बच्चे को जरूर पसंद आएगी।
मैश किए हुए आलू में पत्ता गोभी डालकर पकाएं
सामग्री
विधि
आलू को छील कर लंबा-लंबा काट लें और फिर लगभग 10 मिनट तक पानी में उबाल लें। इसमें कटी हुई गोभी मिलाएं और इसे मुलायम होने तक लगभग 8 से 10 ठंडा होने दें। अब पानी को निकाल लें और आलू व गोभी को मैश कर के इसमें चीज़ और प्याज की पत्तियां भी मिला लें। मिश्रण में दूध और थोड़ा सा ऑलिव ऑयल मिलाएं और आपकी पौष्टिक पोटैटो रेसिपी तैयार है।
आप अपने बच्चे के लिए गोभी की साधारण सी प्यूरी भी बना सकती हैं। कैसे बनाना है, आइए जानते हैं;
सामग्री
विधि
फूल गोभी को नल के नीचे बहते हुए पानी में धोएं और उसकी हरी पत्तियां निकाल दें। स्वादिष्ट और मुलायम प्यूरी बनाने के लिए गोभी के सिर्फ सफेद फूल का ही उपयोग करें। गोभी के टुकड़ों को पैन में डालें और मुलायम होने तक स्टीम करें। फिर पूरी गोभी को ब्लेंडर में डालकर स्मूद पेस्ट बनने तक ब्लेंड करें। आप इसे थोड़ा पतला करने के लिए इसमें पानी मिला सकती हैं। इसे अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए आप प्यूरी में सेब भी मिला सकती हैं।
फूल गोभी से जुड़े कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यदि आप इसे अपने बच्चे के आहार में शामिल करती हैं तो निश्चित रूप से उसे कई फायदे मिलेंगे। आपको इसकी कुछ स्वादिष्ट रेसिपी बनानी होंगी ताकि आपका बच्चा फूल गोभी को भी पूरे शौक से खा सके। हालांकि अपने बच्चे को सॉलिड फूड खिलाना शुरू करने से पहले इससे होने वाली एलर्जी के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
संसाधन और संदर्भ:
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