शिशु

बच्चों के लिए रागी – अद्भुत स्वास्थ्य लाभ और विधियां

एक पौष्टिक आहार बच्चे की स्वस्थ वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। आप जितनी जल्दी बच्चे को पौष्टिक खाना देना शुरू करेंगी यह उसकी जीवन शैली को उतना ही दुरूस्त रखने में मदद करेगा। रागी उन स्वास्थ्यप्रद अनाजों में से एक है जिसके अनेक गुणों के कारण उसे सबसे श्रेष्ठ भोजन माना जाता है और जिसे आप अपने बच्चे के आहार में जरूर शामिल करना चाहेंगी।

रागी क्या है?

रागी को नाचनी के नाम से भी जाना जाता है और इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन, लौह तत्व और कैल्शियम मौजूद होता है। भारत दुनिया भर में रागी का एक प्रमुख उत्पादक देश है। यह साबुत अनाज एक शाकाहारी उत्पाद माना जाता है और इसमें फेनिलएलनिन, मेथिओनिन, आइसोल्यूसिन और ल्युसिन जैसे महत्वपूर्ण अमीनो एसिड पाए जाते हैं। यहां तक कि सूखे की स्थिति में भी रागी की खेती की जा सकती है।

शिशुओं के लिए रागी के स्वास्थ्य लाभ

एक सवाल जो अक्सर माता-पिता के दिमाग में आता है, वह ये है कि क्या रागी शिशुओं के लिए अच्छा है? इसका जवाब है, हाँ। रागी आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है और यह छह महीने की उम्र से ही शिशुओं को दिए जाने वाले आहार में शामिल किया जाता है। यहाँ तक कि आपने लोगों को यह कहते हुए भी सुना होगा कि रागी 3 महीने तक के बच्चे को भी दिया जा सकता है। यह भी व्यापक रूप से माना जाता है कि आप शिशुओं का वजन बढ़ाने के लिए उन्हें रागी दे सकती हैं। यहाँ रागी के कुछ स्वास्थ्य लाभ दिए गए हैं जिन्हें आपका बच्चा प्राप्त कर सकता है:

  • कैल्शियम का समृद्ध स्रोत

रागी में कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है और इसलिए यह आपके बच्चे की विकसित होती हुई हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह हड्डियों के टूटने के खतरे को कम करती हैऔर खाने में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ा कर उनके शरीर में कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करती है। इसके अलावा, रागी का सेवन करने से यह मानव शरीर में रक्त बनाने की प्रक्रिया में भी सुधार करती है।

  • रेशा से भरपूर रागी बच्चे का पेट ठीक से भरती है

रागी में मौजूद रेशे की मात्रा पाचन में मदद करती है और इससे आपके बच्चे का पेट अधिक समय तक के लिए भरा हुआ महसूस होगा। रागी में मौजूद अमीनो एसिड यकृत के आसपास मौजूद अतिरिक्त वसा को दूर करने के साथ-साथ बच्चों के शरीर में से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है, जिससे मोटापा दूर रहता है।

  • प्रचुर मात्रा में मिलने वाला लौह तत्व

रागी में मौजूद प्राकृतिक लौह तत्व बच्चों में खून की कमी को दूर करने में मदद करता है। अंकुरित रागी में विटामिन ‘सी’ की मात्रा अधिक पाई जाती है जो लौह तत्व के बेहतर अवशोषण में सहायक होता है। रागी में पोषण की मात्रा अधिक होने से यह शिशुओं में कुपोषण को होने से रोकती है।

  • शरीर को प्राकृतिक रूप से आराम देती है

रागी में अधिक मात्रा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को आराम पहुँचाने में मदद करते हैं और बच्चों में अनिद्रा, चिंता और सिरदर्द जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।

  • मधुमेह के खतरे को कम करती है

पर्याप्त मात्रा में रेशे और पॉलीफेनोल की मौजूदगी मधुमेह के खतरे को कम करने में मदद करती है। जिन व्यंजनों में रागी शामिल होती है, उनमें ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया कम होती है।

  • त्वचा और बाल को बेहतर बनाती है

रागी में अमीनो एसिड मेथिओनिन की उपस्थिति से आपके बच्चे की त्वचा और बाल दोनों स्वस्थ रहते हैं।

आपके बच्चे के लिए रागी के व्यंजन बनाने की विधियां

अपने बच्चे के लिए कुछ पौष्टिक भोजन बनाने से बेहतर और कुछ नहीं होता। रागी को हमेशा पानी से अच्छी तरह धो कर साफ करें।

1. रागी का दलिया बनाने की विधि

यहाँ शिशुओं के लिए रागी का दलिया और रागी माल्ट बनाने की विधि दी गई है।

सामग्री:

  • 1 कप पानी
  • 1 चम्मच घी
  • ½ कप दूध
  • 2 चम्मच पिसी हुई रागी
  • एक चुटकी कसा हुआ गुड़

दलिया पाउडर तैयार करना:

  • रागी को धो कर छान लें और फिर उन्हें एक साफ कपड़े पर फैलाकर धूप में सुखाएं ।
  • जब रागी पूरी तरह से सूख जाए तो इसे मध्यम आंच पर हल्की खुशबू आने तक भूनें।
  • भुनी हुई रागी को एक प्लेट में रखें और ठंडा होने दें।
  • अब ठंडी हो चुकी रागी को बारीक पीस लें।
  • पिसी हुई रागी को एक बंद डब्बे में रख लें।
  • अपनी आवश्यकता के अनुसार उसका उपयोग करें।

विधि:

  • आंच पर एक कड़ाही रखें और उसमें घी गर्म करें।
  • फिर उसमें दो चम्मच रागी पाउडर डालें और हल्का सा भूनें।
  • अब इसमें एक कप पानी और आधा कप दूध मिलाएं।
  • इसे तब तक मिलाती रहें जब तक कि आटा, दूध के साथ अच्छी तरह से मिश्रित न हो जाए और सुनिश्चित करें कि कोई गांठ न रहे।
  • अब कसा हुआ गुड़ डालें और फिर उसे पूरी तरह से घुलने तक मिलाएं।
  • वांछित गाढ़ापन प्राप्त होने पर आंच बंद कर दें।

2. रागी माल्ट बनाने की विधि

रागी को कुछ घंटों के लिए पानी में भिगो दें। फिर इसका रस निकालने के लिए आवश्यकतानुसार पानी डालकर भीगी हुई रागी को पीस लें। फिर स्वाद के लिए, इस रस में दूध के साथ थोड़ा सा गुड़ या चीनी डालकर पकाएं। इसमें अधिक दूध डालकर ,आवश्यकतानुसार दलिया के गाढ़ेपन को समायोजित करें।

क्या सावधानी बरतें

अपने बच्चे के लिए बाकी सभी चीजों की ही तरह, रागी का दलिया बनाते और खिलाते समय भी आरोग्य और स्वच्छता को उतना ही महत्व दें। सुनिश्चित करें कि खिलाने के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी बर्तनों को खिलाने से पहले अच्छी तरह से साफ किया गया हो। इसके अलावा, खाना खिलाने से पहले आप अपने हाथ साबुन से अच्छे से धोएं। रागी द्वारा बच्चों को मिलने वाले लाभों की तुलना कोई भी अन्य अनाज नहीं कर सकता। जितनी जल्दी आप रागी को अपने बच्चे के दैनिक आहार का हिस्सा बनाएंगी, उतनी ही जल्दी वह इन फायदों का लाभ उठा पाएगा। रागी पाउडर, साबुत रागी, अंकुरित रागी, और रागी का आटा कुछ ऐसे विकल्प हैं, जिन्हें आप अपनी बच्चे की पसंद के आधार पर चुन सकती हैं।

अस्वीकरण: यह जानकारी सिर्फ मार्गदर्शन के लिए है और योग्य डॉक्टर से चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है।

समर नक़वी

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