जब बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है, तो माता-पिता के लिए यह भावनाओं के किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं होता है। जब आप अपने बच्चे को स्कूल भेजें, तो ऐसे में पहली चीज जो आप करें, वह है सुरक्षित ट्रांसपोर्ट का चुनाव। आपका बच्चा अपने दिन की शुरुआत स्कूल तक जाने वाली बस में कई अन्य लोगों के साथ करेगा और फिर बस में ही बैठकर वह आखिर में अपने घर भी आएगा।
बच्चे की सुरक्षा के लिए स्कूल बस नियम
बच्चे अक्सर बस में अपने दोस्तों और साथियों के साथ बैठकर उत्साहित हो जाते हैं और अक्सर अपनी सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतते हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप अपने बच्चों के साथ स्कूल बस सुरक्षा नियमों पर बात करें ताकि उन्हें हर समय सतर्क और सुरक्षित रखा जा सके।
आइए बच्चों के लिए स्कूल बस में अपनाए जाने वाले कुछ जरूरी और महत्वपूर्ण नियमों को जानें।
बस में चढ़ने के नियम
- माता-पिता यह तय करें कि बच्चे का बैग पैक किया गया है और वो स्कूल के लिए तैयार है ताकि जरूरी चीजों के लिए आखिरी समय में हड़बड़ी से बचा जा सके।
- अपने बच्चे को फुटपाथ पर चलना सिखाएं। अगर बच्चा छोटा है, तो आप उसे बस स्टॉप तक स्वयं लेकर जाएं और बस के आने तक इंतजार करें।
- यह बहुत जरूरी है कि आप अपने बच्चे को सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों के बारे में बताएं और पालन न करने पर एक्सीडेंट होने वाली बात भी समझाएं। अकेले कभी भी सड़क पार न करें और बस स्टॉप पर जाने के लिए सड़क पार करते समय ज्यादा ध्यान दें।
- अक्सर माता-पिता और बच्चे लेट होने की वजह से बस पकड़ने के लिए दौड़ते हुए देखे जाते हैं। जो कभी भी एक सही कदम नहीं होता है। ऐसे में आप और आपका बच्चा तय समय से पांच से दस मिनट पहले पहुंचें। देरी होने पर, बच्चे से बस के आने तक कुछ और मिनट इंतजार करने के लिए कहें।
- बस के आने पर बच्चे को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और सड़क से लगभग तीन मीटर की सुरक्षित दूरी पर रहना चाहिए ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
- जब बच्चा बस स्टॉप पर होता है तो अजनबियों का खतरा हमेशा रहता है। ऐसे में आप उसे अजनबियों के साथ किसी भी तरह की बातचीत न करना और कोई भी खाने की चीज न लेना सिखाएं।
- बस में चढ़ने से पहले, यह सुनिश्चित कर लें कि बच्चा बताए गए सभी आदेशों, बस लेने वाली जगह पर लाइन में लगना जानता है। बस में चढ़ते समय उसे सावधान रहना चाहिए और किसी भी चोट से बचने के लिए हैंडल को पकड़ना चाहिए।
बस में व्यवहार
- बच्चे को यह तय करना चाहिए कि वह जल्दी और सावधानी के साथ अपनी सीट पर पहुंचें। अगर बस चलना शुरू हो जाती है, तो उसे अपना संतुलन बनाने और बिना किसी समस्या के अपनी सीट पर पहुंचने के लिए सीट की रेलिंग को पकड़ना पता होना चाहिए। बच्चे को यह भी पता होना चाहिए कि उसे आगे की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।
- बस में सवार बच्चे अपने दोस्तों से मिलने के लिए बहुत उत्साहित हो सकते हैं और बहुत मजा करना चाहते हैं। लेकिन, आपको अपने बच्चे को बस में बहुत ज्यादा शोर करने से होने वाली गलतियों के बारे में समझाना चाहिए। उसे बताएं कि बस में ज्यादा शोर करने से बस ड्राइवर का ध्यान भंग हो सकता है, जिससे एक्सीडेंट होने और बस में सवार सभी लोगों को चोट लगने का खतरा हो सकता है।
- अगर बच्चा बस ड्राइवर से बात करना चाहता है, तो उसे बताएं कि उसे बस के रुकने तक इंतजार करना चाहिए। इससे चालक के सड़क पर ध्यान भटकने वाली स्थिति से बच जाता है।
- बच्चों को अक्सर बस में खाते-पीते देखा जाता है, जिससे बस काफी गंदी हो जाती है। अपने बच्चे को बताएं कि उसे बस में केवल पानी ही पीना चाहिए वो भी बस के रुके होने पर, उसके अलावा कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए।
- उसे यह भी पता होना चाहिए कि किसी भी सामान को बस से बाहर नहीं फेंकना चाहिए क्योंकि इससे बस के बाहर गंदगी फैलती है।
- बच्चे अक्सर बस में सफर के दौरान अपने सामान पर ध्यान नहीं देते हैं। अपने बच्चे को समझाएं कि उसे अपने बैग और अन्य सामान को एक साथ और ध्यान से अपनी गोद में ही रखना चाहिए या सीट के नीचे या ऊपर की जगह पर रखना चाहिए।
- आप अपने बच्चे को बस को साफ रखने और चलती हुई बस में इधर-उधर न घूमने के बारे में बताएं, साथ ही उसे ये भी समझाएं कि ऐसा करना असुरक्षित और खतरनाक होता है और इससे चोट लग सकती है।
- बच्चे को पता होना चाहिए कि इमरजेंसी की स्थिति में उसे ड्राइवर की बताई गई बातों को ही मानना चाहिए। आपके बच्चे को अच्छी तरह से यह भी पता होना चाहिए आग लगने वाली आपात स्थिति के समय ही फायर इक्विपमेंट का उपयोग करना चाहिए और उसकी जरुरत न होने पर उससे खेलना नहीं चाहिए।
बस से उतरने के नियम
- बच्चे को बताएं कि बस के एक बार पूरी तरह से रुक जाने के बाद ही उसे बस से उतरने के लिए अपनी सीट से उठना चाहिए। इसके अलावा इसे समझाएं कि उतरते समय सुरक्षा के लिए हैंडल का उपयोग करते हुए ही व्यवस्थित तरीके से बाहर निकलना चाहिए।
- बच्चे को बताएं कि उसे हमेशा अपने से आगे वाले बच्चे को पहले बस से उतरने या निकलने देना चाहिए। उसे यह भी समझाएं कि उसे विनम्र होना चाहिए और बाहर निकलने के लिए इंतजार करना चाहिए, कभी भी जल्दबाजी, किसी को धक्का देना या खींचना नहीं चाहिए।
- बस से उतरते समय, बच्चे को यह तय करने के लिए कहें कि वो अपने बैग की बेल्ट या कपड़ों से बस की रेलिंग को न पकड़ें। इसके अलावा, चलते समय सावधान रहना और सावधानी से उतरना चाहिए ताकि फिसलकर कोई चोट न लगे।
- बच्चे को सिखाएं कि अगर उसे घर या स्कूल जाने के लिए सड़क पार करनी पड़े तो बस से कम से कम दस फीट आगे से सड़क क्रॉस करनी चाहिए। इस दूरी से ड्राइवर को बच्चे को सड़क पार करते हुए देखना आसान होगा।
- बच्चे कभी-कभी चीजों को बस में भूल या छोड़ जाते हैं। ऐसा होने पर, उसे बताएं कि चलती बस में वापस नहीं चढ़ना चाहिए क्योंकि चलती बस में चढ़ना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में बच्चे को तुरंत ड्राइवर को सूचित करना चाहिए ताकि वह रुक सके और बच्चा बस में सामान लेने जा सके।
बच्चों को स्कूल बस से जुड़े सुरक्षा नियमों के महत्व को जानने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन नियमों का पालन करने और सुरक्षित रहने के लिए उन्हें वो सभी बातें बार-बार याद जरूर दिलाएं। जिससे उनके स्कूल का सफर मजेदार और सुरक्षित बन सके।
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