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बच्चों से अपनी बात मनवाना बहुत ही मुश्किल काम है, है न? जो भी मांएं इस लेख को पढ़ रही होंगी, वो सब हां में सिर हिला रही होंगी। आपको ऐसा लगता होगा, कि बच्चे पैदा करना और उन्हें पालना आसान नहीं है। लेकिन चीजें इससे अलग भी हो सकती हैं। हर बच्चे को गेम और एक्टिविटीज पसंद होते हैं। अगर बच्चों के लिए लिसनिंग गेम्स और एक्टिविटीज के साथ-साथ थोड़ी लर्निंग को भी जोड़ दिया जाए, तो आपके बच्चे के सुनने का गुण नाटकीय ढंग से बेहतर हो सकता है।
बच्चों के लिए लिसनिंग एक्टिविटीज के द्वारा आप अपने बच्चे के गहन विचारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकते हैं। इससे बच्चे के साथ संबंध को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और पेरेंट्स बच्चे को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। इन लिसनिंग एक्टिविटीज पर नजर डालें, इन्हें ऑर्गेनाइज करना आसान है और ये काफी प्रभावी भी हैं:
यह एक्टिविटी आपके बच्चे को एक सीमित समय के लिए खेल-खेल में बॉस बनने का मौका देती है। इस दौरान बच्चा आपसे कह सकता है, कि कैसे खेलना है और किन खिलौनों से खेलना है। इस एक्टिविटी के द्वारा आप यह समझ सकते हैं, कि आपके निर्देशों के बारे में क्या समझा जा रहा है। साथ ही इस एक्टिविटी के माध्यम से आपको यह मौका मिलता है, कि आप अपने बच्चे को यह दिखा सकें कि निर्देशों को कैसे सुना जाता है।
यह एक्टिविटी किसी खास काम को पूरा करने के लिए निर्देशों को सुनने और समझने में बच्चे की मदद करती है। अपने बच्चे की आंखों पर पट्टी बांधे और किसी खास जगह पर पहुंचने के लिए आपके निर्देशों को सुनने को कहें। आप ‘आगे जाओ, तीन कदम पीछे आओ, बाईं ओर मुड़ो या सीधे चलो’ जैसे निर्देशों का इस्तेमाल कर सकते हैं। मंजिल पर पहुंचने पर आप बच्चे के लिए इनाम के रूप में कोई खिलौना या कोई आकर्षक सामान रख सकते हैं।
अपने बच्चे के खिलौनों में से दो गुड़िया लें और खेलने के लिए बैठें। इस एक्टिविटी में एक डॉल मां होती है और दूसरी डॉल बच्चे का किरदार निभाती है। डॉल्स से खेलते हुए बोलने और सुनने की प्रैक्टिस करें। घर के किसी टिपिकल दृश्य का इस्तेमाल करें, ताकि बच्चे के लिए इसे पहचानना आसान हो और वह इससे सीख सके। बच्चों में सुनने की क्षमता के विकास के लिए पेरेंट्स ऐसी गतिविधियों का काफी इस्तेमाल कर सकते हैं।
सुनने की शक्ति को बढ़ाने के लिए ड्राइंग एक्टिविटी का इस्तेमाल किया जा सकता है। बच्चे को एक तस्वीर का विस्तार से वर्णन करके बताएं और उसे सावधानी पूर्वक सुनने को कहें। फिर उसे कुछ ड्रॉइंग शीट्स और क्रेयॉन दें और उसे कहें कि किए गए वर्णन के आधार पर वह ड्राइंग करे। अगर उसे कोई दुविधा हो तो सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। छोटे बच्चों को साधारण तस्वीरें समझाएं और बड़े बच्चों को थोड़ी विस्तृत तस्वीरें समझाएं।
बच्चे के कानों में कुछ शब्द और छोटे वाक्य फुसफुसाएं और उससे कहें कि उन शब्दों को आपके कानों में दोहराए। इसे मजेदार और मनोरंजक रखें, ताकि बच्चा इस एक्टिविटी को एंजॉय कर सके। ऐसी मजेदार कहानियां या मनोरंजक किस्से शेयर करें, जिन्हें आपका बच्चा समझ सके और दोहरा सके। आपके बच्चे की उम्र के आधार पर इस गेम को जटिल बनाते रहें।
सुनना एक बहुत ही जरूरी गुण है, जो बच्चे को क्लास रूम में पढ़ाई के दौरान याद करने और समझने में मदद करता है। यह निर्देशों का पालन करना और मस्तिष्क को कई तरह से एक्सरसाइज करना सिखाता है। नीचे कुछ लिसनिंग स्किल गेम्स दिए गए हैं, जो कि यह सब कुछ और अन्य कई चीजें सिखा सकते हैं:
इस खेल का इस्तेमाल भाषा और समझ का विकास करने के लिए किया जाता है। जानवरों की आवाज की रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करके या खुद जानवरों की आवाज बनाकर बच्चे को जानवर को पहचानने को कहें। जानवर की एक तस्वीर दिखाएं, ताकि बच्चा उसे सीख पाए। इस तरह से आवाज और तस्वीर के बीच का संबंध मजबूत होता है। कुछ जानवरों की आवाजों को एक के बाद एक चलाएं और जो बच्चा उसे सही क्रम में याद रख सके, उसे इनाम दें।
रिदमिक या रिपिटेटिव पैटर्न के द्वारा बच्चे की सुनने की क्षमता को बेहतर बनाया जा सकता है। अलग-अलग तरीकों से ताली बजाने की कोशिश करें और बच्चे से दोहराने को कहें। अगर आपके साथ चार-पांच बच्चे हैं, तो एक बच्चे के कान में एक वाक्य फुसफुसाएं और उसे कहें कि दूसरे बच्चे के कान में उसे दोहराए और इस क्रम को जारी रखें। अंत में बच्चे को इस वाक्य को जोर से बोलना है। यह वाक्य अंत तक काफी बदल सकता है और इसमें अच्छी तरह से सुनने का महत्व छुपा हुआ है।
निर्देशों का पालन करने में सुनने की क्षमता बहुत अधिक क्रिटिकल देखी जाती है। अपने बच्चे की पसंदीदा खिलौने या खाने के चीज को छुपा दें और कुछ शाब्दिक संकेतों के द्वारा बच्चे को उसे ढूंढने में मदद करें। आसान निर्देश दें और उसे बताएं कि अगर वह अच्छी तरह से सुनता है तो वह अपनी पसंदीदा चीज को ढूंढने में सक्षम होगा। उसे यह संदेश दें, कि अगर वह अच्छी तरह से सुने, तो भी जानकारी का इस्तेमाल कर सकता है, जिससे उसे सफलता मिलेगी।
इस खेल में बोले गए शब्द पर ध्यान देने और निर्देशों के पालन के महत्व को बहुत अच्छी तरह से दिखाया गया है। ‘साइमन कहता है अपने घुटनों को छुओ’ जैसे किसी वाक्य से शुरू करें और फिर कहें ‘एक पैर पर खड़े रहो’ जो बच्चे दूसरे निर्देश का अनुकरण करते हैं, वे हार जाते हैं। इससे बच्चे को पूरा निर्देश सुनने की सीख मिलेगी और इससे सुनने की क्षमता बेहतर बनेगी।
यह बहुत ही मजेदार गेम है, जिसे छोटे बच्चे बहुत पसंद करते हैं। आपके बच्चे को पहले बच्चे के द्वारा कहे गए शब्द को ध्यान से सुनना पड़ता है। इसमें ऐसा शब्द बोलना होता है, जो कि पहले कहे गए शब्द के अंतिम अक्षर से शुरू होता हो। जैसे – टमाटर…. रास्ता…. तबला…. लकड़ी… और इसी तरह से यह आगे बढ़ता रहता है। अपने बच्चे को हर कहे गए शब्द पर ध्यान देते हुए देखें। इससे सुनने का गुण बहुत बेहतर बनता है।
वयस्क जीवन में लोगों के साथ प्रभावी ढंग से बातचीत करने के लिए बच्चों को शुरुआत से ही एक्टिव लर्निंग स्किल समझने की जरूरत होती है। इससे न केवल स्कूल लाइफ के दौरान उन्हें फायदा मिलता है, बल्कि सामाजिक जीवन भी पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बच्चों के लिए एक्टिव लिसनिंग एक्सरसाइज के द्वारा यह संभव है और यह इन महत्वपूर्ण गुणों को पहचानने और इन्हें प्रैक्टिस करने में उनकी मदद करता है। इन एक्टिविटीज के इस्तेमाल से आप अपने बच्चे के लिए कम्युनिकेशन की मजबूत नींव का निर्माण कर सकते हैं:
इस बात का ध्यान रखें, कि जब आपका बच्चा आपसे बात कर रहा हो तो उसकी आंखों में आंखें डालकर बात करें। इससे जब आप उसके साथ बात करेंगे, तो वह भी ऐसा ही करेगा। बच्चा आपसे जो कह रहा है, वह आप समझ रहे हैं, ऐसा बच्चे को महसूस कराने के लिए उसे दोहराएं। जब आप एक अच्छे श्रोता बनते हैं, तो आपके बच्चे को भी आपके साथ और दूसरों के साथ एक अच्छा श्रोता बनने की प्रेरणा मिलती है।
बच्चे को कोई विशेष निर्देश देने के बाद बच्चे को उसे दोहराने को कहें, जैसे अगर आपने उसे अपना कमरा साफ करने को, कचरे के डिब्बे को खाली करने को और नहाने को कहा है, तो उसे कहें कि वह इन तीनों निर्देशों को दोहराए। इससे बच्चे को इन निर्देशों को प्रोसेस करने में मदद मिलती है और आपको भी यह पता चलता है कि बच्चा आप के निर्देशों को सुन चुका है।
जब आप बच्चे के साथ कोई बातचीत करते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें, कि वह विषय रुचि का होना चाहिए। अगर आप एक वास्तविक वार्तालाप चाहते हैं, तो उसकी पसंद के विषय होने से बच्चा अपने विचारों को बेहतर ढंग से व्यक्त कर पाएगा, क्योंकि वह टॉपिक उसके दिल के करीब होगा, तो इस चर्चा में उसे दिलचस्पी होगी। इससे वह आपकी बात को अच्छी तरह से सुनेगा, क्योंकि वो यह जानने के लिए बहुत उत्सुक होगा, कि इस बारे में आप क्या कहना चाहते हैं।
निश्चित रूप से आप अपने बच्चे को सोने से पहले कहानियां जरूर सुनाते होंगे। इस बार कुछ अलग करें और अपने बच्चे को कहानी के अगले कदम का अंदाजा लगाने को कहें। अगर बच्चे को अंदाजा लगाना है, तो इसके लिए उसे आप की कहानी को ठीक तरह से सुनना पड़ेगा और आपके कहे गए हर शब्द पर ध्यान देना पड़ेगा। आप चाहें तो कहानी को उसके खुद के शब्दों में कहने को भी कह सकते हैं, ताकि यह पता चल सके कि उसे बात समझ में आई या नहीं। बच्चा आपकी बात को अच्छी तरह से सुन रहा है या नहीं, यह चेक करने का एक दूसरा तरीका यह है कि अपने खिलौनों के इस्तेमाल से उसे इस कहानी को दोबारा सुनाने को कहें। वह इस कहानी को केवल तभी एक्ट कर पाएगा, जब उसने अच्छी तरह से सुनी हो और समझी हो। आप चाहें, तो बच्चे में नैतिक विकास के लिए मौलिक विचारों वाली कहानियां सुना सकते हैं।
अपने घर पर या पार्क में अपने बच्चे के दोस्तों को बुलाएं और एक अनोखा स्टोरी सेशन रखें। एक बच्चा कहानी की शुरुआत करेगा और अगला बच्चा इसमें कुछ वाक्य जोड़ेगा। यह अर्थपूर्ण होना चाहिए और यह ऐसा ही चलता रहेगा जब तक यह पहले बच्चे तक न पहुंच जाए। यह एक्सरसाइज आपके बच्चे में सुनने की कला को बेहतर बनाएगी, क्योंकि इसमें बच्चे को हर किसी की बात पर ध्यान देना पड़ेगा। जो बच्चे अटक जाएं, उनकी मदद करें। लेकिन पूरी कहानी न सुनाएं। इस पूरी कहानी को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए आप कहानी के कुछ हिस्सों को एक्ट करने को भी कह सकते हैं।
निश्चित रूप से इसमें कोई संदेह नहीं है, कि अच्छी बातचीत के लिए सुनने का गुण होना जरूरी है। यह क्रिटिकल कला स्कूल, कॉलेज और वयस्क जीवन में बहुत जरूरी होती है। इससे आपको अपने बच्चे से संबंध मजबूत बनाने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि आप उसके साथ खेल रहे होंगे और कुछ अजीबो गरीब चीजें कर रहे होंगे। इससे बच्चे का मूड भी अच्छा रहेगा और साथ ही साथ बिना किसी खास मेहनत के उसकी सुनने की शक्ति भी बेहतर बनती चली जाएगी।
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