बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों में पैर दर्द की समस्या – कारण और घरेलू उपचार

यदि आपका बच्चा नियमित रूप से पैर दर्द से पीड़ित रहता है, तो इसकी संभावना है कि यह दर्द उन्हें ‘ग्रोइंग पेन’ की वजह से हो रहा है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि बच्चों के पैर में दर्द होने के पीछे हमेशा यही कारण हो, इसके पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं। यदि आप यह जानना चाहती हैं आपके बच्चे के पैर में दर्द होने का क्या कारण है और आप इसका इलाज घर पर कैसे करें, तो फिर आप इस लेख को पढ़ना जारी रखें।

बच्चों के पैर में दर्द क्यों होता है?

बच्चे बहुत एक्टिव होते हैं और अपना अधिकांश समय घर में इधर-उधर घूमने के साथ-साथ बाहर घूमने में बिताते हैं, बच्चे का दिन भर भागते रहना उनके पैर में दर्द का कारण हो सकता है। हालांकि, इसके अलावा, बच्चे के पैरों में दर्द के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं:

1. पैर में चोट लगना

पैर में मोच आना, फ्रैक्चर या इस प्रकार की किसी अन्य चोट लगने से बच्चे के पैर में दर्द हो सकता है। यदि आपका बच्चा किसी भी चोट के कारण पैर दर्द का अनुभव करता है, तो यह जरूरी है कि आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, पहले समझे की ऐसे क्यों हो रहा है और फिर अगला कदम उठाएं।

2. एथलीट फुट (पैरों में फंगल इन्फेक्शन)

इस समस्या में पैर की अंगुलियों के बीच तेज खुजली होती है और इससे पैर की त्वचा परतदार, रूखी और खुरदुरी दिखाई देती है। यह एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है जो गंदे मोजे पहनने, ज्यादा देर जूते पहनने, स्विंमिंग पूल में तैराकी करने आदि  के कारण हो सकता है।

3. सेवर रोग (एड़ियों में तेज दर्द)

यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब बच्चे अचानक लंबे हो जाते हैं, बच्चों में तेजी से होने वाला विकास उनके पैरों में गंभीर दर्द पैदा कर सकता है। इससे उन्हें अपनी एड़ी में तेज दर्द महसूस होता है। यह उन बच्चों में अधिक आम होता है, जो खेल या दूसरी गतिविधियों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं।

4. फ्लैट फुट (सपाट पैर)

यदि आपका बच्चा घुटनों से लेकर काफ मसल्स तक होने वाले पैर दर्द का अनुभव करता है, तो संभावना है कि आपका बच्चा फ्लैट फुट (सपाट पैर) की समस्या से पीड़ित है।

5. गलत जूते

सही जूते न पहनने के कारण भी बच्चे अक्सर पैर दर्द का अनुभव करते हैं या फिर जब उनके जूते बहुत ज्यादा टाइट हों। तंग या गलत फिटिंग के जूते पहनने से बच्चे के पैर में फफोले पड़ जाते हैं, इससे उन्हें असुविधा महसूस होती है और अत्यधिक दर्द होता है।

6. गोखरू (बनियन)

जब पैर का अंगूठा बगल वाली उंगली पर ज्यादा दबाव डालता है, तो इसके परिणामस्वरूप अंगूठे की हड्डी बड़ी होने लगती है, जिससे सूजन के साथ दर्द भी होता है। यह स्थिति जन्म के समय पैर संबंधी किसी तरह की बिमारी या आनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है, या फिर ज्यादा तंग या सही जूते न पहनने के वजह से बच्चे के पैरों में काफी दर्द हो सकता है।

7. पैर के नाखून अंदर की ओर बढ़ना (इनग्रोन नेल्स)

कभी-कभी अंगूठे के किनारे वाले नाखून स्किन में अंदर की ओर बढ़ने लगते हैं। इससे आसपास की त्वचा लाल पड़ जाती हैं और उसमें दर्द होता है।

8. प्लांटर वार्ट्स

अक्सर पैर के तलवों में गांठ समझा जाने वाला ये प्लांटर वार्ट्स, दरअसल में एक वायरल इन्फेक्शन के कारण होता है, जो बेहद संक्रामक होता है। यह वार्ट्स (गांठ) अंदरूनी होती है जिसकी वजह से चलते समय अत्यधिक दर्द होता और बहुत परेशानी होती है।

9. प्लांटर फैसीआइटिस (एड़ियों में दर्द)

प्लांटर फैसीआइटिस होने पर एड़ी में गंभीर रूप से दर्द होता है। हमारे पैर के तलवों में ऊतकों का एक मोटा बैंड होता है और जब इसमें सूजन हो जाती है तो प्लांटर फैसीआइटिस की समस्या उत्पन्न होती है और इससे बच्चे को एड़ी में बहुत दर्द महसूस होता है। चलने में मुश्किल होना, एड़ी में गंभीर दर्द होना आदि इसके लक्षण हैं।

10. अकिलिस टेंडन

यह स्थिति उन बच्चों को प्रभावित कर सकती है जो ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करते हैं। ज्यादा गतिविधि एड़ी और पैर के पिछले भाग में दबाव डाल सकती है, जिससे दर्द और परेशानी हो सकती है।

उपरोक्त वर्णित कारण बच्चों में पैर दर्द या पैरों में ऐंठन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। यदि आप अपने बच्चे में इनमें से कोई भी स्थिति देखती हैं, तो आप दर्द को कम करने के लिए विभिन्न उपचार अपना सकती हैं।

घर पर पैर दर्द का इलाज करने के तरीके

यदि आप अपने बच्चे में पैरों के दर्द को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपचारों की तलाश कर रही हैं, तो आप निम्नलिखित उपायों का प्रयोग कर सकती हैं:

  • यदि आपका बच्चा पैर दर्द की शिकायत करता है और आपको पता चलता है कि यह जूते के गलत सोल के कारण हो रहा है, तो आपको बच्चे के जूते के लिए ‘इनसोल’ का प्रयोग करना चाहिए। जूतों में अलग से सोल डालने से यह न केवल पैरों को आराम देगा बल्कि इससे दर्द दूर करने में भी मदद मिलेगी। हालांकि, अगर दर्द के कारण गलत फिटिंग वाला जूता है, तो इसे बदल कर नए जूते खरीद लेना बेहतर होगा जिसमें बच्चा आराम से चल सके।
  • बच्चे पूरे दिन एक्टिव रहते हैं, जब शाम को खेलकर वे घर आते हैं तब बच्चे के पैरों को हल्के गर्म पानी में कुछ देर डुबोकर रखने के लिए बोलें। गुनगुने पानी से स्नान करने से भी पैरों को आराम मिलता है। गुनगुने पानी से स्नान करने से थकी हुई मांसपेशियों को आराम मिलता है और ये दर्द को कम करने में मदद करता है जिससे बच्चे को अच्छी नींद भी आती है।
  • अपने बच्चे की डाइट पर ध्यान दें क्योंकि अक्सर बच्चों में पोषण संबंधी कमी के कारण भी कुछ बीमारियां होती हैं। अपने बच्चे के आहार में आयरन की मात्रा बढ़ाएं क्योंकि शरीर में मौजूद आयरन की अधिक मात्रा बच्चों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है।
  • यदि आपके डॉक्टर ने दर्द के लिए दवाएं दी हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा समय पर दवा ले। इस बात का खास ध्यान दें की दर्द कम करने के लिए अपनी मर्जी से बच्चे को कोई दवाएं न दें। यदि आप कोई दवा देती भी हैं, तो पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें।
  • यदि आपके बच्चे को पैरों में दर्द की शिकायत है तो उसे पहनने के लिए आरामदायक और अच्छे फुटवियर दें।
  • यदि पैरों का दर्द उस पर लगातार दबाव पड़ने के कारण होता है, तो आर.आई.सी.ई करना फायदेमंद होगा जिसका अर्थ है (रेस्ट, आइस, कम्प्रेशन और एलिवेशन)। यह कुछ घंटों के लिए बच्चे के पैर दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है।
  • जब बच्चा थोड़ा बेहतर महसूस करने लगे है और उसका दर्द कम हो जाए, तो उसे थोड़ी फिजिकल एक्टिविटीज में लगाएं। आपका डॉक्टर आपके बच्चे के लिए कुछ एक्सरसाइज बता सकते हैं।
  • कुछ गंभीर स्थिति में, आपका डॉक्टर बच्चे को बैसाखी का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं, जिसका आप प्रयोग बच्चे के लिए कर सकती हैं।

यदि कुछ दिनों के बाद भी पैरों में दर्द कम नहीं होता है, तो आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यदि मामला अधिक गंभीर लगता है, तो आपका डॉक्टर एक पोडियाट्रिस्ट से मिलने की सलाह भी दे सकते हैं।

डॉक्टर से कब परामर्श करें

कभी-कभी घरेलू उपचार आपके बच्चे के लिए काम नहीं करते हैं और आपके बच्चे को मेडिकल सहायता की जरूरत हो सकती है। निम्नलिखित हालातों में आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए:

  • बच्चे के पैर में संक्रमण होने के कोई भी लक्षण दिखाई दें, जैसे बुखार, पैर से कहीं भी मवाद निकलना, लालपन, बहुत तेज दर्द होना आदि शामिल हो।
  • यदि बच्चे का पैर में झनझनाहट हो रही हो या उसके पैर सुन्न पड़ गए हों।
  • यदि आप ध्यान दें कि आपके बच्चे का पैर सही पोजीशन में नहीं है या मुड़ा हुआ दिखाई दे रहा है।
  • जब वह जमीन पर पैर रखता है तो स्थिर नहीं रह पता है।
  • यदि बच्चे को अपने पैरों पर खड़ा होने में कठिनाई का अनुभव होता है।

यदि आप ऊपर बताई गई बातों को नोटिस करती हैं, तो हमारा सुझाव है, कि आपको मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए और अपने डॉक्टर से इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए ताकि वो बच्चे का बेहतर रूप से इलाज कर सकें।

बच्चों के पैरों में दर्द होना बहुत आम है और यह विभिन्न कारणों से हो सकता है। दर्द का असली कारण जानने के लिए अपने डॉक्टर से मिलना ज्यादा बेहतर होगा।

यह भी पढ़ें:

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समर नक़वी

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