बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों के सिर में दर्द – कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

बच्चों के सिर में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। तनाव से लेकर आँखें कमजोर होने तक, सिर दर्द ऎसी कई वजहों से हो सकता है। सिरदर्द होने के सभी कारण और इसके बारे में पूरी जानकारी लेने से आप और आपके बच्चे को इस समस्या से उबरने में मदद मिल सकती है और इससे बचाव भी हो सकता है।

बच्चों में सिर दर्द के कारण

आमतौर पर भले ही हम सिरदर्द जैसी समस्या को बच्चों के साथ नहीं जोड़ते हैं, लेकिन इस बात से आपको आश्चर्य हो सकता है कि बहुत से बच्चों को यह परेशानी होती है, बच्चों में सिरदर्द होने के अनेक कारण हो सकते हैं।

1. रोग

सिरदर्द के सबसे आम कारणों में सर्दी, बुखार, फ्लू या साइनस जैसी बीमारियां हैं। आंतरिक बीमारी या संक्रमण का इलाज होने से इस प्रकार का सिरदर्द, अपने आप ही ठीक हो जाता है। इस प्रकार का सिरदर्द डिहाइड्रेशन का एक लक्षण है जो बीमारी के कारण होता है।

2. सिर पर चोट लगना

खेलते समय या अन्य किसी वजह से सिर पर चोट लगने से भी सिर में दर्द हो सकता है। जबकि अधिकांश चोट चिंता का कारण नहीं होती हैं, पर यदि आपको लगता है कि बच्चे को बहुत जोर से चोट लगी है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना एक बेहतर विकल्प है। यदि समय के साथ सिरदर्द और अधिक बढ़ता जाता है तो डॉक्टर की सहायता लेना बिलकुल भी न भूलें।

3. भावनात्मक तनाव

तनाव और चिंता बच्चों में सिरदर्द का एक मुख्य कारण हो सकता है। कुछ बच्चे यह नहीं समझ पाते हैं कि स्कूल और स्कूल के बाद की गतिविधियों के कारण होने वाले तनाव से कैसे निजात पाएं जिससे सिर दर्द हो सकता है। डिप्रेशन के कई लक्षणों में से एक लक्षण सिरदर्द भी है।

4. कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ

खाद्य पदार्थों में मौजूद कुछ एडिटिव पदार्थ भी सिर दर्द की वजह बन सकते हैं। टर्की बेकन या हैम – जैसे मीट में नाइट्रेट मौजूद होता हो जिसका अधिक मात्रा में सेवन करने से सिर में दर्द हो सकता है। आमतौर पर भोजन में एम.एस.जी. नामक एक और एडिटिव पाया जाता है जो सिर में दर्द का कारण माना जाता है। कैफीन-युक्त पेय पदार्थ जैसे सोडा, कॉफी और चाय के कारण भी सिर दर्द हो सकता है।

5. आनुवांशिक

कुछ प्रकार के सिरदर्द, जैसे माइग्रेन – आनुवांशिक होते हैं और यदि आप या आपके परिवार का कोई अन्य सदस्य इससे ग्रसित है, तो इससे बच्चों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

6. मस्तिष्क संबंधी समस्याएं

कभी-कभी सिर में दर्द, मस्तिष्क की एक आंतरिक समस्या का लक्षण भी हो सकता है। यह रक्तस्राव, फोड़ा या ट्यूमर की ओर इंगित करता है। हालांकि, इसके साथ-साथ अन्य लक्षण जैसे, बच्चों में कमजोर नजर भी सिर दर्द का कारण हो सकती है।

क्या बच्चों के सिर में दर्द होना चिंता का कारण है

ज्यादातर मामलों में सिरदर्द, डिहाइड्रेशन या तनाव जैसे सरल कारणों से होता है और यदि बच्चा आराम कर ले तो सिर का दर्द पूरी तरह से ठीक हो सकता है। हालांकि निम्नलिखित लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें।

  • महीने में एक से अधिक बार सिर में दर्द होना।
  • पर्याप्त नींद लेने के बाद भी जागने पर सिर में दर्द होना।
  • सिर में लगातार दर्द होना।
  • यदि समय के साथ सिर में दर्द अधिक हो जाता है।
  • यदि बच्चा बेहोश हो जाता है।
  • यदि सिर दर्द के साथ अन्य लक्षण भी होते हैं, जैसे उबकाई, चक्कर आना और गर्दन में दर्द।

बच्चों के सिर में दर्द के प्रकार

सिर दर्द को मोटे तौर पर 4 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, सिर में दर्द होने के निम्नलिखित प्रकार भिन्न कारणों से होते हैं इसलिए इन समस्याओं के लिए उपचार भी अलग हो सकते हैं। एक बच्चे को एक से अधिक प्रकार के सिर दर्द हो सकते हैं और सिर दर्द के प्रकार की पहचान करना ही आधे से अधिक उपचार कर लेना होता है।

1. माइग्रेन

माइग्रेन तनाव, नींद की कमी या कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण सक्रिय होता है। बच्चों में होने वाले सबसे सामान्य प्रकार के माइग्रेन, पैरॉलक्सिस्मल वर्टिगो और बार-बार होने वाली उल्टी है। इसे अतीत में हुई वर्टिगो की समस्या के साथ भी जोड़ा जाता है जिसमें अचानक एक सनसनाहट होती है जो कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाती है। माइग्रेन के अगले पड़ाव में रोगी को ज्यादा उल्टी होना शामिल है। कुछ मामलों में, सिरदर्द के साथ उल्टी नहीं होती है।

लक्षण

  • सिर के एक या दोनों तरफ जोर से स्पंदन या फड़फड़ाहट होना।
  • थकान के साथ सिरदर्द बिगड़ जाएगा।
  • जी मिचलाना
  • उल्टी  करना
  • प्रकाश और ध्वनियों के प्रति संवेदनशीलता।
  • सिर चकराना
  • पेट दर्द

2. तनाव के कारण सिर दर्द

तनाव के कारण सिर में दर्द बच्चों में काफी आम पाया जाता है। यह आमतौर पर किसी प्रकार के भावनात्मक उथल-पुथल या शारीरिक तनाव के कारण होता है। आपके बच्चे के तनाव का कारण, चाहे वह पढ़ाई है या कुछ और उसकी सही पहचान करने से बच्चे को इसके समाधान में मदद मिल सकती है। आप अपने बच्चे के साथ इस बारे में खुलकर चर्चा कर सकती हैं। उससे पूछ सकती हैं कि वह तनावग्रस्त क्यों है और दबाव कम करने के लिए वह और आपका परिवार क्या-क्या कदम उठा सकता है।

लक्षण

  • सिर या गर्दन की मांसपेशियों में जकड़न।
  • हल्के से मध्यम सिर दर्द, जिसमें पल्स (स्पंदन) सिर के एक या दोनों तरफ ना हो।
  • शारीरिक गतिविधि करने पर दर्द बढ़ता तो नहीं है।
  • इस तरह का सिरदर्द उबकाई या उल्टी के साथ नहीं होता है।

3. क्लस्टर सिर दर्द

क्लस्टर सिर दर्द आमतौर पर दस वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में पाया जाता है। इस तरह के दर्द में ज्यादातर एक आँख के पीछे दर्द होता है और एक सप्ताह से एक महीने तक रह सकता है।

लक्षण

  • क्लस्टर सिर दर्द कम से कम पाँच चरणों में होता है।
  • यह सिर दर्द एक ही दिन में एक से आठ बार तक हो सकता है।
  • यह तीव्र, एक आंख के पीछे या किनारे की ओर होने वाला दर्द है, जो कि कम से कम तीन घंटे तक रहता है।
  • इस समस्या में सिर दर्द होने के साथ-साथ बहती नाक, जकड़न और पलक में सूजन भी हो सकती है।

4. रोजाना होनेवाला क्रोनिक सिरदर्द

आपके बच्चे को माइग्रेन या तनाव के कारण या किसी भी कारण से सिर में दर्द 15 दिन से अधिक तक रहता है तो डॉक्टर ऐसे दर्द को क्रोनिक डेली हेडेक (सी.डी.एच.) का नाम देते हैं। सी.डी.एच. कई कारणों से हो सकता है, जैसे दवाओं का लंबे समय तक उपयोग, संक्रमण, सिर में मामूली चोट इत्यादि।

निदान

यदि आपके बच्चे के सिर में अक्सर दर्द होता है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाना ही एक अच्छा विकल्प है। डॉक्टर इस समस्या की पूरी तरह से जांच करने के लिए आपके बच्चे के स्वास्थ्य इतिहास के बारे में भी जानेंगे। ज्यादातर इस बात पर ध्यान दें कि आपके बच्चे को सिर में दर्द कब होता है और यह जानकारी डॉक्टर को भी दें। बच्चे के भोजन और दर्द के दौरान उसकी नींद पर भी ध्यान दें। इस समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर आपसे निम्नलिखित सवाल पूछ सकते हैं, जो इस प्रकार हैं।

  • सिरदर्द कब होता है?
  • सिरदर्द कब तक रहता है?
  • सिर के किस हिस्से में दर्द होता है?
  • क्या सोने या खाने के तरीके में कोई बदलाव आया है?
  • क्या बच्चे को नींद से संबंधित समस्या है?
  • क्या अवस्था में बदलाव से सिर दर्द की प्रकृति बदल जाती है?
  • क्या अतीत में कोई ऐसी घटना हुई थी जिसकी वजह से बच्चे को भावनात्मक तनाव हुआ हो?
  • क्या सिर या गर्दन पर कोई चोट लगी है?

इन सवालों के सही जवाब से डॉक्टर आपके बच्चे के सिर दर्द का कारण और इसकी प्रकृति बता सकते हैं। डॉक्टर आंतरिक स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए एम.आर.आई. और सी.टी. स्कैन जैसे परीक्षण करवाने की सलाह दे सकते हैं।

बच्चों के सिर दर्द के लिए उपचार

बच्चों के सिर में दर्द की समस्या का उपचार करने के लिए डॉक्टर कुछ सलाह दे सकते हैं। निम्नलिखित सुझाव आपके बच्चे की आयु, स्वास्थ्य इतिहास,दवाओं से एलर्जी और सिरदर्द के प्रकार पर आधारित है।

1. आराम

डॉक्टर सबसे पहले बच्चे को आराम करने की सलाह देते हैं। यदि सिर दर्द – थकान या तनाव के कारण होता है तो इसके उपचार के लिए यह सलाह दी जाती है।

2. दर्द की दवाएं

डॉक्टर सुझाव दे सकते हैं कि आपका बच्चा दर्द को कम करने के लिए संयमित रूप दवाओं का उपयोग कर सकता है। दवाएं सिर्फ डॉक्टर द्वारा सलाह के आधार पर ही लेना आवश्यक है।

3. रिलैक्सेशन थेरेपी

यदि आपका बच्चा सिर दर्द के सामान्य लक्षणों जैसे भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तनाव के कारण चिंता या अवसाद से पीड़ित है, तो डॉक्टर, तनाव को दूर करने के लिए विश्रांति रोगोपचार की सलाह दे सकते हैं। इन तकनीकों में ध्यान, योग और श्वसन संबंधित व्यायाम शामिल हैं। बच्चे की स्वास्थ्य लाभ योजना के लिए बाल चिकित्सक से ही सलाह लें जो इन समस्याओं को सरलता से हल करने में मदद कर सकते हैं।

4. संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (सी.बी.टी.)

डॉक्टर बच्चे के रोजमर्रा के तनाव को कम करने के लिए सी.बी.टी. का उपयोग कर सकते हैं। सी.बी.टी. एक अनुभवी डॉक्टर के द्वारा ही किया जाना चाहिए और साथ ही आप घर पर इसका अभ्यास करने में बच्चे की मदद करें।

5. बायोफीडबैक ट्रेनिंग

यह तनाव, अवसाद और चिंता के लक्षणों को कम करने और इसके भौतिक पहलुओं को नियंत्रित करने की तकनीकों में से एक है, इसमें श्वास, हृदय गति और रक्तचाप शामिल हैं। एक बार जब शरीर, शारीरिक तनाव से मुक्त होने के लिए प्रशिक्षित हो जाता है, तो मानसिक तनाव को नियंत्रित करने में आसानी हो जाती है।

6. वैकल्पिक चिकित्सा

सिर दर्द को कम करने के लिए आप एक्यूप्रेशर और मालिश जैसे उपचारों का भी उपयोग कर सकते हैं।

7. सप्लीमेंट

अध्ययनों से पता चला है कि कुछ विटामिन और यहाँ तक कि मैग्नीशियम जैसे मिनरल सप्लीमेंट आहार बच्चों में सिरदर्द की समस्या को कम कर सकते हैं।

बच्चों में सिर दर्द की समस्या से कैसे बचाव करें

सौभाग्य से बच्चों के सिर दर्द को ठीक करने के लिए कई तरीके हैं जिनका उपयोग किया जा सकता है। सिर में दर्द होने के सही कारणों को जानने के बाद आपको बच्चे की समस्या दूर करने में मदद मिल सकती है।

  • आमतौर पर तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द को ठीक करने के लिए कोल्ड कंप्रेस भी अधिक प्रभावी है।
  • बच्चों के सिर में दर्द अक्सर नींद की कमी से होता है। बच्चे को समय पर सुला कर उसे अच्छी नींद लेने में मदद करें।
  • तेज आवाज का शोर माइग्रेन का कारण बनता है और जहाँ तक संभव हो बच्चे को इससे बचाने का प्रयास करें।
  • तनावपूर्ण स्थिति, जैसे एग्जाम के समय सिर दर्द से बचने के लिए बच्चे को योग या श्वास के व्यायाम करने का अभ्यास करना सिखाएं।
  • ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता है कि सिर में दर्द की समस्या पर्याप्त पानी न पीने से भी हो सकती है। इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करें और जानें कि रोजाना कितना पानी पीना चाहिए और साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि अपने बच्चे को ताजे फल ही दें।
  • बच्चे के आहार का मुख्य भाग ताजा भोजन ही होना चाहिए जिसमें आप ताजे फल व सब्जियां शामिल कर सकती हैं। खाना पकाते समय अधिक खाद्य तेल का उपयोग न करें व आहार को संतुलित बनाएं रखें।

बच्चों के सिर में दर्द के घरेलू उपचार

बच्चों के सिर में दर्द को कम करने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचार दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;

  • आप अपने बच्चे को फीवर फ्यू के सप्लीमेंट दे सकती हैं जो माइग्रेन के दर्द को 25% तक कम करता है।
  • तनाव के कारण सिर में दर्द से राहत पाने के लिए पुदीने के तेल का उपयोग करें, इससे सिर की नसों में काफी आराम मिल सकता है। बादाम के तेल में इस तेल की कुछ बूंदें मिलाकर सिर की मालिश करें।
  • आपके बच्चे के लिए भाप के साथ अरोमाथेरेपी को भी आजमाया जा सकता है। साइनस के कारण सिर में दर्द से राहत पाने के लिए, लैवेंडर के तेल या नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदों को पानी में मिला कर भाप लें।
  • दालचीनी को सिर का दर्द कम करने के लिए भी जाना जाता है। गर्म दूध में एक चुटकी ताजा पिसी हुई दालचीनी मिलाएं और नियमित रूप से रात को सोते समय बच्चे को पिलाएं।
  • लौंग से भी सिर दर्द में काफी आराम मिलता है और इसे दिन में किसी भी समय चबाने के लिए बच्चे को दें।

बच्चों के लिए खुद की सहायता करने के कुछ टिप्स

सिर में दर्द कम करने के लिए बच्चे को खुद की मदद करने के अलग-अलग तरीके सिखा कर आप उसकी मदद कर सकती हैं।

  • एक अंधेरे कमरे में लेटने से सिर दर्द की तीव्रता और उसकी अवधि को कम करने में मदद मिलती है।
  • माथे पर एक कोल्ड कंप्रेस या एक नम, ठंडा कपड़ा लगाने से भी सिर दर्द कम हो सकता है।
  • श्वसन के व्यायाम का अभ्यास सिखा कर भी आप अपने बच्चे की मदद कर सकती हैं।
  • सोने से भी बच्चे को सिर में दर्द से आराम मिल सकता है।
  • सिर दर्द को ठीक करने के लिए कुछ प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन भी किया जा सकता है।

डॉक्टर से सलाह कब लें

यदि बच्चे के सिर में दर्द होने के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षण भी प्रकट होते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, आइए जानते हैं;

  • उल्टी
  • सजगता में कमी
  • सिर दर्द के कारण नींद में बाधा
  • दृष्टि में परिवर्तन
  • चकत्ते
  • झुनझुनी आना
  • दौरा पड़ना
  • गर्दन में दर्द या अकड़न
  • तालमेल की कमी
  • यदि चोट के कारण सिर में दर्द होता है
  • खड़े होने में कठिनाई
  • चलने में कठिनाई
  • बुखार
  • व्यक्तित्व में बदलाव

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. यदि बच्चे के सिर में अक्सर दर्द होता है तो, क्या करें?

यदि आपके बच्चे के सिर में दर्द अक्सर होता है तो बच्चे को यह दर्द कब, कितनी देर तक व कितना होता है, इन सबके बारे में जानकारी रखने के लिए अपने पास एक डायरी रखें। इसमें आप बच्चे के सोने की अवधि, आहार और गतिविधियां भी लिख सकती हैं। यदि बच्चे को कुछ ऐसे कार्य भी करने हैं जिससे उसे तनाव हो सकता है, जैसे परीक्षा या कोई प्रतियोगिता तो इस पर उसकी प्रतिक्रियाओं पर भी ध्यान दें। ऐसा करने से आपको बच्चे के उन दिनों के पैटर्न को स्थापित करने में मदद मिल सकती है जब उसके सिर में अधिक दर्द होता है और आप उसके सिर दर्द के कारण का पता लगा सकती हैं।

2. क्या बच्चे का सिर दर्द उम्र बढ़ने के साथ खत्म हो जाता है?

बढ़ती उम्र के साथ बच्चों के सिर में दर्द की संभावना बढ़ती है। हालांकि, यह सिर में दर्द होने के प्रकार पर निर्भर करता है। अध्ययन के अनुसार 9-12 वर्षीय लड़कों में माइग्रेन की समस्या अधिक पाई गई है। हालांकि, लड़कियों में हार्मोनल परिवर्तन के कारण आगे आने वाले जीवन में भी सिर दर्द हो सकता है।

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप सिर दर्द को कम करने में अपने बच्चे की मदद कर सकती हैं। सरल घरेलू उपचारों और खुद की मदद से यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। हालांकि, यदि आप बच्चे के सिर में दर्द होने की आवृति के बारे में चिंतित हैं तो ऐसी स्थिति में चिकित्सीय सहायता लेना बेहतर है क्योंकि यह किसी गंभीर समस्या का लक्षण भी हो सकता है।

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समर नक़वी

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