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जब भी आप अपने बेबी के साथ पेडिअट्रिशन के पास जाते होंगे तो वह आपके बच्चे की ग्रोथ और डेवलपमेंट से जुड़े कई पहलुओं पर ध्यान देते होंगे। इनमें बच्चे का वजन करना, उसकी ऊँचाई या लंबाई की जांच करना और उसका हेड सरकमफेरेंस यानी सिर की परिधि को मापना शामिल होगा। इन्हें रिकॉर्ड करके, डॉक्टर यह आकलन कर सकते हैं कि बच्चा संतोषजनक रूप से विकसित हो रहा है या नहीं और उसके डेवलपमेंट में कहीं कोई रुकावट तो नहीं है।
सिर की परिधि का माप क्या होता है?
बच्चे के माथे के बीच और सिर के पीछे के सबसे दूर के हिस्से की दूरी को हेड सरकमफेरेंस यानी सिर की परिधि कहा जाता है। इसे मापने के लिए डॉक्टर टेप का इस्तेमाल करते हैं। टेप को कानों के ठीक ऊपर रखा जाता है, और यह एक दर्द रहित मेथड है। लेकिन अधिकांश बच्चों को यह माप लेना पसंद नहीं आता और इसीलिए ऐसा करते समय वे उधम मचा सकते हैं, जिससे डॉक्टर के लिए एक बार में सटीक माप लेना मुश्किल हो जाता है।
लिए गए माप की फिर डेवलपमेंट चार्ट के साथ तुलना की जाएगी। इससे डॉक्टर को यह पता करने में मदद मिलेगी कि बच्चा किस पर्सेंटाइल में आता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके बच्चे के सिर का माप 30वें प्रतिशत में आता है, तो इसका मतलब है कि 100 बच्चों में से 30 का सरकमफेरेंस अपेक्षाकृत छोटा होता है।
सिर की परिधि का नॉर्मल माप क्या होता है?
गर्भावस्था का पूरा समय लेकर यानी फुल टर्म पैदा होने वाले बच्चे का जन्म के समय हेड सरकमफेरेंस लगभग 34.9 सेमी (13¾) इंच) हो सकता है। लेकिन यह माप जन्म के कुछ दिनों बाद ही लिया जाता है। एक महीने की उम्र के आसपास, यह 38.1 सेमी (15 इंच) तक बढ़ जाएगा। उसी उम्र के लड़के और लड़कियों के माप में अंतर होगा, जिसमें लड़कों के सिर का माप ज्यादा होगा। इसका मतलब यह है कि आपके बच्चे के बड़े आकार के सिर के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा, आनुवंशिकता जैसे कारक आपके बच्चे के सिर के आकार पर प्रभाव डाल सकते हैं।
हर महीने आपके शिशु का सिर कितना बढ़ना चाहिए?
हर बच्चा अलग होता है, और उसके बढ़ने और विकसित होने के तरीके में भिन्नता होती है। हेड सरकमफेरेंस के मामले में भी ऐसा ही है।
- आमतौर पर, यह माना जाता है कि 6 महीने की उम्र तक बच्चे के सिर की परिधि उसकी छाती की तुलना में लगभग 2 सेंटीमीटर ज्यादा होगी।
- पहले चार महीनों के दौरान विकास तेजी से होगा।
- इसके बाद, छह महीने से दो साल तक, छाती और सिर का माप समान होगा।
- दो साल की उम्र के बाद, शरीर सिर की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ेगा।
उम्र के अनुसार लड़कों के सिर के माप का चार्ट
फॉन्टनेल, बच्चे के सिर का एक नरम हिस्सा, बच्चे की उम्र 18 महीने होने तक भर जाएगा। अपने बेटे की ग्रोथ के बारे में जानने के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उसका डेवलपमेंट ठीक तरह से हो रहा है। नीचे एक रेफरेन्स चार्ट दिया गया है जो आपके न्यूबॉर्न बेटे के सिर की परिधि के माप का अनुमान लगाने के लिए सही है, खासकर जब वह एक और दो साल का हो जाएगा।
उम्र(महीनों में) | 3रा पर्सेंटाइल हेड सरकमफेरेंस (सेंटीमीटर में) | 50वाँ पर्सेंटाइल हेड सरकमफेरेंस (सेंटीमीटर में) | 75वाँ पर्सेंटाइल हेड सरकमफेरेंस (सेंटीमीटर में) | 97वाँ पर्सेंटाइल हेड सरकमफेरेंस (सेंटीमीटर में) |
0 | 31.48762 | 35.81367 | 37.00426 | 38.85417 |
12.5 | 44.136 | 46.49853 | 47.37091 | 48.96494 |
24.5 | 46.00872 | 48.72065 | 49.67762 | 51.36998 |
36 | 46.43344 | 49.68394 | 50.75597 | 52.57205 |
दोनों चार्ट्स का स्रोत:
https://www.cdc.gov/growthcharts/html_charts/hcageinf.htm
उम्र के अनुसार लड़कियों के सिर के माप का चार्ट
अपनी बच्ची के डेवलपमेंट को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। सिर की परिधि के माप का अनुमान लगाने के लिए यहाँ दिए गए चार्ट पर एक नजर डालें, जिसमें उसकी उम्र एक साल और दो साल हो जाती है।
उम्र (महीनों में) | 3रा पर्सेंटाइल हेड सरकमफेरेंस (सेंटीमीटर में) | 50वाँ पर्सेंटाइल हेड सरकमफेरेंस (सेंटीमीटर में) | 75वाँ पर्सेंटाइल हेड सरकमफेरेंस (सेंटीमीटर में) | 97वाँ पर्सेंटाइल हेड सरकमफेरेंस (सेंटीमीटर में) |
0 | 31.9302 | 34.71156 | 35.85124 | 38.1211 |
12.5 | 42.8426 | 45.19508 | 46.06532 | 47.65766 |
24.5 | 44.84678 | 47.53688 | 48.47548 | 50.12271 |
36 | 45.58284 | 48.63342 | 49.66656 | 51.44519 |
बच्चों का हेड सरकमफेरेंस और बुद्धिमानी
क्या बच्चे के सिर की परिधि और उसकी बुद्धि के बीच कोई संबंध होता है? हाँ, ऐसा ही है:
- यह देखा गया है कि एक वर्ष की आयु में बड़े सिर वाले बच्चे जब चार और आठ साल के होते हैं तो उनका आईक्यू काफी अच्छा प्रदर्शित होता है। लेकिन अगर आप बच्चे के छोटे हेड सरकमफेरेंस को लेकर चिंतित हैं, तो ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है।
- इसके अलावा, कई दूसरे कारक जैसे किस उम्र तक बच्चे को स्तनपान कराया जाता है, माता-पिता की शैक्षिक योग्यता और किस तरह के वातावरण में बच्चा पलता है, आदि बातें बच्चों के आईक्यू स्तर को प्रभावित करते हैं।
चूंकि डॉक्टर के पास जन्म से ही आपके बच्चे के माप का रिकॉर्ड होगा, इसलिए उन्हें पता चल जाएगा कि चिंता का कोई कारण है या नहीं। इस तरह की घटनाएं काफी दुर्लभ हैं और अक्सर सेहत से जुड़ी अन्य समस्याओं के साथ होती हैं। यूरिनरी, स्केलेटल, हृदय संबंधी और किडनी की असामान्यताएं और सेरेब्रल पाल्सी व मिर्गी कुछ ऐसी बातें हैं जिनका पता लगाया जा सकता है। शुरुआत में ही इनका पता चलने से इनका इलाज करने और सर्जिकल ऑप्शंस का चुनाव करने में मदद मिल सकती है। उपचार और सर्जरी से गुजरने वाले अधिकांश बच्चे पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं और बड़े होने पर एकदम सामान्य लाइफ जीते हैं।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सिर्फ एक गाइड है और किसी योग्य डॉक्टर की मेडिकल एडवाइस का विकल्प नहीं है।
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