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हम सभी ने सुना है कि तेल से बच्चे की मालिश करना उनके विकास के लिए अच्छा होता है। आपकी दादी से लेकर आपके डॉक्टर और यहाँ तक कि टीवी पर आने वाले विज्ञापन भी आपको अपने शिशु को एक अच्छे तेल से मालिश करने के लिए सलाह देंगे । लेकिन, क्या आपने कभी सोचा हैकि यह तेल किस तरह से मदद करते हैं? और कौन सा तेल आपके शिशु की संवेदनशील त्वचा के लिए सबसे उपयुक्त है? यदि हाँ, तो अधिक जानकरी के लिए आगे पढ़ें।
कई पीढ़ियों से माएं अपने शिशुओं की मालिश कर रही हैं और नवजात शिशु को तेल मालिश करने के विभिन्न लाभों का अनुभव ले रही हैं। यह न केवल आपके और आपके बच्चे के संबंध को और मज़बूत बनाता है,साथ ही शिशु की विभिन्न इंद्रियों को सक्रिय करने में भी मदद करता है। कहा जाता है कि, स्पर्श की भावना गर्भ में ही सबसे पहले जागृत होती है और यह जन्म के बाद की सबसे विकसित भावना होती है। स्पर्श आप में, किसी के होने की स्वीकृति और विश्वास की भावना जागृत करती है। इससे हॉर्मोन भी सक्रिय होते हैं, विशेष रूप से ऑक्सीटोसिन जो एक ‘प्रेम हॉर्मोन‘ है।
ऐसे कई प्रकार के तेल हैं जिनका, कई लोग शिशु की मालिश के लिए इस्तेमाल करने की सलाह देंगें। लेकिन यह कैसे पता चलेगा कि सबसे फायदेमंद कौन सा है? जबकि सभी तेलों के अपने अनोखे गुण हैं, आपको मौसम के आधार पर विशिष्ट तेलों का उपयोग करना चाहिए।
यह तेल गर्मियों में उपयोग करने के लिए सबसे अच्छे तेलों में से एक है। इससे ठंडा महसूस होता है और यह तेल काफ़ी पतला होता है,साथ ही शरीर में आसानी से अवशोषित भी हो जाता है। इस तेल में एंटी–फंगल और एंटी–बैक्टीरियल गुण होने के कारण, आप निश्चिंत हो सकते हैं कि शिशु की मालिश के लिए इस्तेमाल होने वाला नारियल तेल आपके बच्चे की त्वचा के लिए अत्यधिक फायदेमंद है।
आयुर्वेद में एक मूल्यवान घटक माना जाने वाला, यह तेल बहुत पतला होता है और आपके बच्चे को आराम भी पहुँचाता है। यह तेल शिशु की हड्डियों को मज़बूत करने के लिए मालिश का सबसे अच्छा तेल माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि यह तेल सर्दी के महीनों में मालिश के लिए सबसे अच्छे तेलों में से है किन्तु इस तेल को अन्य तेलों या पदार्थों के साथ इस्तेमाल करें। उत्तर भारत में, कई लोग लहसुन, मेथी के बीज और अजवाइन को तेल में डालकर गर्म करने के बाद, ठंडा करके इसका उपयोग करने की सलाह देते हैं।
यह तेल न्यूट्रल होता है और कई माताओं के बीच यह बेहद लोकप्रिय विकल्प है। हालांकि, याद रखें कि यदि आपके बच्चे को पहले से कोई त्वचा की बीमारी है, तो इस तेल का उपयोग न करें।
बादाम का तेल साल भर में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है और यह विटामिन ई से भरपूर होता है। इससे बहुत अच्छी गंध आती है और यह आपके बच्चे की त्वचा को नर्म और कोमल भी बनाता है। हमारी सलाह यह रहेगी कि आप बच्चे की मालिश के लिए शुद्ध बादाम के तेल का उपयोग करें। सूरजमुखी के तेल का पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता है, परन्तु, हाल के अध्ययनों से पता चला है कि बच्चे की मालिश के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सूरजमुखी के तेल से बच्चों को एक्ज़िमा हो सकता है। विशेष रूप से मालिश के लिए तैयार किया गया सूरजमुखी तेल का उपयोग करने से अधिकतम लाभ प्राप्त होंगे ।
कोई भी वनस्पति तेल जो पॉलीअनसेचुरेटेड तेलों से भरपूर है, वह शिशु की त्वचा के लिए सबसे अच्छा तेल है। इन तेलों में लिनोलिक एसिड की मात्रा बहुत होती है जो आपके बच्चे के लिए बहुत लाभदायक है। ऐसे कुछ वनस्पति तेल हैं:
यदि आपके बच्चे की त्वचा संवेदनशील है या पहले से ही त्वचा पर किसी तरह की रैश हैं या अन्य कोई समस्या है, तो यह तेल उसके लिए बहुत अच्छा है। यह आपके बच्चे को कोलिक है तो इस तेल की मालिश से मदद हो सकती है और उसे अच्छी नींद भी आ सकती है।
यह प्राकृतिक तेल अपने उच्च एंटीसेप्टिक गुणों के लिए जाना जाता है। आप इस एसेंशियल ऑइल की कुछ बूंदों को किसी भी अन्य तेल में मिला सकते हैं और इसे अपने बच्चे की त्वचा पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह भी एक एसेंशियल ऑइल है जिससे आपके बच्चे की त्वचा को ठंडक महसूस हो सकती है और इसमें से एकदम हल्की गंध आती है जिससे आपके बच्चे के नाक में जलन नहीं होगी।
यह तेल आपके शिशु को स्नान कराने से ठीक पहले उपयोग करने के लिए बहुत अच्छा है। इसका उपयोग रूखे बालों और नाखूनों के उपचार के लिए भी किया जा सकता है।
चाहे आप कोई भी तेल इस्तेमाल करें, किन्तु उससे पहले आपको अपने शिशु की त्वचा पर होने वाले असर की जाँच कर लेनी चाहिए। उसकी त्वचा के छोटे भाग पर थोड़ा सा तेल लगाएं । यदि आपको अगले 3 घंटों में कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई देती है, तो आप सुरक्षित रूप से उस तेल का उपयोग कर सकते हैं।
नीचे ऐसे कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिनपर आप शिशु की मालिश के लिए तेल चुनने से पहले गौर कर सकते हैं।
यदि आपके बच्चे को एक्ज़िमा है, या उसकी त्वचा रूखी व संवेदनशील है, तो आपको घी, सरसों या जैतून के तेल का उपयोग नहीं करना चाहिए। इन तेलों में ऑलिक एसिड नामक पदार्थ ज़्यादा होता है, यह पदार्थ आपके बच्चे की त्वचा की ऊपरी परतों को अधिक पारगम्य बनाता है और यह त्वचा को रूखा भी बनाता है।
शिशु को तेल से मालिश करते समय आप नीचे दी गई बातों का ध्यान रख सकते है।
सुनिश्चित करें कि आप मालिश ठीक समय पर कर रहे हैं, ज़्यादातर बच्चे मालिश के तुरंत बाद सो जाते हैं इसलिए आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यह उसके सोने के समय के अनुकूल हो।
शिशु की मालिश तभी करें जब वह उसके लिए तैयार हो और ज़बरदस्ती न करें।
इन एसेंशियल ऑइल का उपयोग करते समय, सुनिश्चित करें कि यह काफ़ी पतला और हल्का है।
शिशु के मालिश के समय ज़्यादा दबाव का उपयोग न करें। याद रखें, मालिश से ज़्यादा आपका प्यार भरा स्पर्श उसके लिए ज़रूरी है।
तेल को इस्तेमाल करने से पहले देख लें कि तेल कितना गर्म है, यह बहुत ठंडा या बहुत गर्म नहीं होना चाहिए।
सुनिश्चित करें कि आपके हाथ गर्म, साफ और सूखे हों ।
कोल्ड–प्रेस तेलों का उपयोग करें क्योंकि यह तेल का प्राकृतिक रूप होता है। यह तेल परिष्कृत न हों और उनमें कोई अन्य चीज़ मिलाई न गई हो।
शिशु की मालिश की उचित तकनीक जानने के लिए किसी विश्वसनीय बुज़ुर्ग से सलाह लें। यह ऐसा ज्ञान है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दिया जाता है, और यह अत्यधिक महत्वपूर्ण भी होता है।
इन तेलों के बड़े पैक न खरीदें क्योंकि इनकी ख़राब हो जाने की संभावना ज़्यादा होती है।
तेल खरीदने से पहले इसकी समाप्ति तिथि की जाँच ज़रूर करें ।
शिशु को तेल से मालिश करने के कई फायदे हैं। सबसे अच्छा यह है कि इससे आपके और आपके बच्चे में एक अद्वितीय संबंध का निर्माण होता है। शिशुओं को अपनी माँ के स्पर्श की लालसा होती है और यह आपके बच्चे के स्वास्थ्य को बेहतर करने का और उसके विकास के लिए बिलकुल सही समय है। मौसम के अनुसार तेलों का उपयोग करें और अपने डॉक्टर से किसी भी समस्या पर परामर्श लेने में संकोच न करें।
आप गर्मी और आर्द्र के मौसम में तेल का उपयोग कर सकती हैं, बस इसे शिशु को नहलाने से पहले लगाएं और फिर अच्छे से साफ़ कर दें । इसलिए, तेल का उपयोग करने से पहले आप यह सुनिश्चित करें कि ऐसे तेलों का इस्तेमाल कर रही हैं जो नहाने से पहले इस्तेमाल करने के लिए बने हों । यह सुनिश्चित करें कि आप मालिश के बाद शिशु को अच्छी तरह से नहलाते हैं, ताकि उसे इस मौसम में बेचैनी न हो और वह आराम महसूस करें ।
भारत में, शिशुओं को तेल की मालिश पारंपरिक रूप से आमतौर पर स्नान के बाद की जाती है।यह विशेष रूप से गाढ़े तेलों के लिए है, जो शिशु की त्वचा पर एक मोटी परत छोड़ देता है इसलिए उसे स्नान के द्वारा निकाला जाता है । हालांकि, यदि आपके बच्चे की त्वचा रूखी है, तो ऐसे विशेष तेल का उपयोग करें जो शिशु की त्वचा पर नमी को बरकरार रखेगा।
तेल से शिशु की मालिश करना भारत की सबसे पुरानी प्रथाओं में से एक है। यह उसकी स्वस्थ विकास में मदद करता है और साथ ही इससे माता और शिशु का बंधन सुदृढ़ होता है। सुनिश्चित करें कि आप शुद्ध तेल का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि शिशु की त्वचा बहुत नाज़ुक होती है। चुने हुए तेलों के लिए अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें यह आपकी तसल्ली के लिए बेहतर रहेगा।
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