तीन से दस साल की उम्र के बच्चों में नाक से खून आना अक्सर देखा जाता है। हालांकि यह देखने में गंभीर मामला लग सकता है, लेकिन ज्यादातर ऐसा होता नहीं है। फिर भी नोज ब्लीडिंग के मामले में इसके लक्षण को कम करने के लिए, आपका यह जानना महत्वपूर्ण है कि जब बच्चे की नाक से खून आ रहा हो तो क्या करना चाहिए। हालांकि, यदि आपके बच्चे को बार-बार नाक से खून आता है या यदि ब्लीडिंग कम नहीं होती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है। नोज ब्लीडिंग या नाक से खून आने को नकसीर फूटना भी कहते हैं, यहां बच्चों में नकसीर के बारे में कई चीजें बताई गई हैं, अधिक जानकारी के लिए पढ़ना जारी रखें ।

नकसीर के प्रकार

नाक से खून आना, जिसे एपिस्टैक्सिस के नाम से भी जाना जाता है, दो प्रकार का होता है:

1. पोस्टीरियर नोजब्लीड

बच्चों में पोस्टीरियर नोजब्लीड बहुत दुर्लभ मामले में होता है और जिन वयस्कों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है उनमें ये पाया जाता है। लेकिन बच्चों को इस प्रकार नाक से खून केवल नाक या चेहरे पर गंभीर चोट लगने की कंडीशन में ही हो सकता है। इसमें ब्लीडिंग नाक के अंदर से होती है और व्यक्ति के सीधा होने पर भी रक्त गले से नीचे बहता रहता है।                                                     

2. एंटीरियर नोजब्लीड

एंटीरियर नोजब्लीड वो होता है, जिसमें सुपरफिशियल ब्लड वेसल्स या कैपिलरीज, जो नाक के सामने के हिस्से में होते हैं, उनसे पतला-पतला रक्त नाक से निकलता है। यह बच्चों में काफी आम है लेकिन हानिरहित है।

बच्चे में नाक से खून आना कैसे रोकें

अगर आपके बच्चे की नाक से खून बह रहा है, तो क्या करना चाहिए, इसके बारे में नीचे जानिए।

  • बच्चे को सीधे पोस्चर में बैठाएं। वह आगे की ओर भले ही झुक जाए, लेकिन पीछे की ओर नहीं झुकना चाहिए, क्योंकि इससे रक्त गले में प्रवाहित हो सकता है।
  • नाक और गर्दन की आउटर वॉल पर बर्फ लगाएं।
  • बच्चे को खून थूकने के लिए कहें जो गलती से गले तक चला गया हो।
  • यदि आपका बच्चा थोड़ा बड़ा है, तो उसे टिश्यू की मदद से अपने नाक के बीच की सॉफ्ट ब्रिज को 20-30 मिनट के लिए हलके से दबाने के लिए कहें। यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है, तो फिर आपको ही ऐसा करना होगा।
  • अगर 30 मिनट के बाद भी ब्लीडिंग जारी रहती है, तो डॉक्टर को कॉल करें।

बच्चों में नाक से खून आने के कारण

नाक से खून आना कई कारणों से हो सकता है। उनमें से कुछ हैं:

  • बच्चे को एलर्जी और जुकाम से इर्रिटेशन हो सकता है और नाक के अंदरूनी हिस्से में सूजन आ सकती है, जिससे कैपिलरी फट सकती हैं।
  • नाक में अंगुली डालने से, जोर से नाक साफ करने से या किसी धारदार चीज को नाक में डालने से भी नोज ब्लीडिंग हो सकती है। यह तब भी हो सकता है जब बच्चे की नाक की हड्डी पर चोट आ जाए या फ्रैक्चर से उसकी नाक घायल हो गई हो।
  • बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण नाक के अंदर की त्वचा लाल हो जाती है जिससे बच्चे को नाक में दर्द हो सकता और ब्लीडिंग शुरू हो सकती है।
  • शुष्क हवा या ह्यूमिडिटी कम होने के कारण नाक से खून आ सकता है, क्योंकि यह नोज मेम्ब्रेन में इर्रिटेशन पैदा करता है जिससे डिहाइड्रेशन हो जाता है।
  • एनाटॉमिकल प्रॉब्लम भी नोज ब्लीडिंग का कारण बन सकती है, जो नाक की असामान्य बनावट और ग्रोथ के कारण होता है जो क्रस्टिंग की समस्या पैदा करती है।
  • एस्पिरिन जैसी कुछ दवाओं या हीमोफिलिया जैसी बीमारियों के कारण ब्लड क्लॉटिंग की समस्या पैदा हो सकती और नाक से खून बहने लगता है। हालांकि, यह बहुत दुर्लभ मामले में होता है।
  • जिन बच्चों को क्रोनिक बीमारी होती है और जिन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन या दवाओं की आवश्यकता होती है, उन बच्चों के भी नाक से खून आ सकता है, क्योंकि ऐसे मामलों में नाक की अंदरूनी दीवार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

बच्चों में बार-बार नाक से खून आना

नाक से बार-बार खून आने के मामले में ऐसा कितनी बार हो सकता है इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं बताई जा सकती है। हालांकि, अगर आपके बच्चे को बार-बार नोज ब्लीडिंग होती है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत है ।

यदि बच्चा बार बार अपनी नाक में अंगुली में डालता है, तब भी नाक से बार-बार खून निकलने की समस्या पैदा हो सकती है। लगातार नाक में अंगुली डालने से नाक की अंदरूनी सतह में तकलीफ हो सकती है, इससे ब्लड वेसल प्रभावित होते हैं और आसानी से फटने लगते हैं।

निदान कैसे किया जाता है?

नाक से खून आने की समस्या का निदान करने के लिए शारीरिक परीक्षण किया जाता है ताकि इसका कारण जाना जा सके। नाक के अंदर की जांच करने के लिए एक खास स्कोप का इस्तेमाल किया जाता है, इसके साथ ही डॉक्टर को बच्चे की पूरी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी दें। शारीरिक जांच के आधार पर, डॉक्टर स्थिति की गंभीरता और एक्स-रे या सीटी स्कैन जैसी इमेजिंग टेस्ट या ब्लड टेस्ट और एलर्जी टेस्ट करने के लिए कह सकते हैं।

बच्चे की नाक से खून बहने का इलाज

सामान्य नोज ब्लीडिंग को नाक पर सीधे दबाव डाल कर रोका जा सकता है। उस मामले में जब ब्लीडिंग बंद नहीं होती है, तो आप ब्लड फ्लो को कम करने के लिए नाक के ऊपर बर्फ या नेसल स्प्रे का उपयोग कर सकती हैं।

बच्चों में बार-बार नाक से खून बहने का इलाज कैसे करें

बच्चों में बार-बार होने वाली नोज ब्लीडिंग का इलाज करने के कुछ बेहतरीन तरीके यहां दिए गए हैं।

  • बच्चे के बेडरूम में ह्यूमिडिफायर या वेपोराइजर का उपयोग करने से हवा में नमी बनी रहती है और इससे नेसल म्यूकस को ड्राई होने से रोका जा सकता है।
  • पेट्रोलियम जेली या लैनोलिन (वूल वैक्स) का उपयोग बार-बार होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के लिए उतना ज्यादा प्रभावी साबित नहीं होता है।
  • नेसल सेप्टम या ब्लड वेसल्स पर घाव दिखने पर पर एंटीबायोटिक मलहम का उपयोग किया जा सकता है।
  • बहुत ज्यादा ब्लीडिंग के मामले में, ईएनटी डॉक्टर कॉटराइजेशन का सुझाव दे सकते हैं, जिसमें इन्फेक्शन को रोकने के लिए ब्लीडिंग के आसपास की त्वचा को जला दिया जाता है।

बच्चों की नाक से खून बहने को कैसे बचाव करें

नाक से ब्लीडिंग को रोकने के लिए, बच्चे को उसकी नाक को बंद करने के लिए कहें और सुनिश्चित करें कि आप उसके नाखूनों को काट दें, ताकि नाक के अंदर की सतह को चोट न पहुंचे। ड्राई एयर को कम करने के लिए आप बच्चे के कमरे में ह्यूमिडिफायर भी रख सकती हैं। यदि बच्चे को बार-बार नाक से खून आता है, तो आप नाक में नमी बनाए रखने के लिए सेलाइन नोज ड्रॉप्स का उपयोग भी कर सकती हैं, लेकिन पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें कि क्या बच्चे के लिए इसका उपयोग करना ठीक रहेगा।

डॉक्टर से कब परामर्श करें

अगर आप नीचे बताए गए लक्षणों को नोटिस करती हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें:

  • अगर नाक में कोई नुकीली चीज डालने की वजह से नाक से खून बहने लगा हो।
  • बच्चे को काफी ज्यादा ब्लीडिंग हो रही हो।
  • आप अपने बच्चे के मसूड़ों या अन्य हिस्सों पर ब्लीडिंग देख रही हों।
  • बच्चे को कोई नई दवा देना शुरू की हो।
  • बच्चा पीला पड़ गया हो और प्रतिक्रिया नहीं दे रहा हो।
  • बच्चे को नियमित रूप से नाक से खून आता हो।

यदि आपके बच्चे को भी नाक से खून आ रहा हो, तो घबराएं नहीं क्योंकि ज्यादातर नाक से खून आने के मामले में ये हानिरहित होता है। लेकिन ब्लीडिंग को रोकने के लिए आप ऊपर बताए गए स्टेप्स का पालन करें। यदि 20 मिनट के बाद भी ब्लीडिंग जारी रहती है, तो आपको आगे के निदान के लिए बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना होगा। हालांकि, यह देखकर बिलकुल भी न घबराएं, क्योंकि इससे आपका बच्चा पैनिक हो सकता है ।

यह भी पढ़ें:

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समर नक़वी

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