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तीन से दस साल की उम्र के बच्चों में नाक से खून आना अक्सर देखा जाता है। हालांकि यह देखने में गंभीर मामला लग सकता है, लेकिन ज्यादातर ऐसा होता नहीं है। फिर भी नोज ब्लीडिंग के मामले में इसके लक्षण को कम करने के लिए, आपका यह जानना महत्वपूर्ण है कि जब बच्चे की नाक से खून आ रहा हो तो क्या करना चाहिए। हालांकि, यदि आपके बच्चे को बार-बार नाक से खून आता है या यदि ब्लीडिंग कम नहीं होती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है। नोज ब्लीडिंग या नाक से खून आने को नकसीर फूटना भी कहते हैं, यहां बच्चों में नकसीर के बारे में कई चीजें बताई गई हैं, अधिक जानकारी के लिए पढ़ना जारी रखें ।
नाक से खून आना, जिसे एपिस्टैक्सिस के नाम से भी जाना जाता है, दो प्रकार का होता है:
बच्चों में पोस्टीरियर नोजब्लीड बहुत दुर्लभ मामले में होता है और जिन वयस्कों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है उनमें ये पाया जाता है। लेकिन बच्चों को इस प्रकार नाक से खून केवल नाक या चेहरे पर गंभीर चोट लगने की कंडीशन में ही हो सकता है। इसमें ब्लीडिंग नाक के अंदर से होती है और व्यक्ति के सीधा होने पर भी रक्त गले से नीचे बहता रहता है।
एंटीरियर नोजब्लीड वो होता है, जिसमें सुपरफिशियल ब्लड वेसल्स या कैपिलरीज, जो नाक के सामने के हिस्से में होते हैं, उनसे पतला-पतला रक्त नाक से निकलता है। यह बच्चों में काफी आम है लेकिन हानिरहित है।
अगर आपके बच्चे की नाक से खून बह रहा है, तो क्या करना चाहिए, इसके बारे में नीचे जानिए।
नाक से खून आना कई कारणों से हो सकता है। उनमें से कुछ हैं:
नाक से बार-बार खून आने के मामले में ऐसा कितनी बार हो सकता है इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं बताई जा सकती है। हालांकि, अगर आपके बच्चे को बार-बार नोज ब्लीडिंग होती है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत है ।
यदि बच्चा बार बार अपनी नाक में अंगुली में डालता है, तब भी नाक से बार-बार खून निकलने की समस्या पैदा हो सकती है। लगातार नाक में अंगुली डालने से नाक की अंदरूनी सतह में तकलीफ हो सकती है, इससे ब्लड वेसल प्रभावित होते हैं और आसानी से फटने लगते हैं।
नाक से खून आने की समस्या का निदान करने के लिए शारीरिक परीक्षण किया जाता है ताकि इसका कारण जाना जा सके। नाक के अंदर की जांच करने के लिए एक खास स्कोप का इस्तेमाल किया जाता है, इसके साथ ही डॉक्टर को बच्चे की पूरी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी दें। शारीरिक जांच के आधार पर, डॉक्टर स्थिति की गंभीरता और एक्स-रे या सीटी स्कैन जैसी इमेजिंग टेस्ट या ब्लड टेस्ट और एलर्जी टेस्ट करने के लिए कह सकते हैं।
सामान्य नोज ब्लीडिंग को नाक पर सीधे दबाव डाल कर रोका जा सकता है। उस मामले में जब ब्लीडिंग बंद नहीं होती है, तो आप ब्लड फ्लो को कम करने के लिए नाक के ऊपर बर्फ या नेसल स्प्रे का उपयोग कर सकती हैं।
बच्चों में बार-बार होने वाली नोज ब्लीडिंग का इलाज करने के कुछ बेहतरीन तरीके यहां दिए गए हैं।
नाक से ब्लीडिंग को रोकने के लिए, बच्चे को उसकी नाक को बंद करने के लिए कहें और सुनिश्चित करें कि आप उसके नाखूनों को काट दें, ताकि नाक के अंदर की सतह को चोट न पहुंचे। ड्राई एयर को कम करने के लिए आप बच्चे के कमरे में ह्यूमिडिफायर भी रख सकती हैं। यदि बच्चे को बार-बार नाक से खून आता है, तो आप नाक में नमी बनाए रखने के लिए सेलाइन नोज ड्रॉप्स का उपयोग भी कर सकती हैं, लेकिन पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें कि क्या बच्चे के लिए इसका उपयोग करना ठीक रहेगा।
अगर आप नीचे बताए गए लक्षणों को नोटिस करती हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें:
यदि आपके बच्चे को भी नाक से खून आ रहा हो, तो घबराएं नहीं क्योंकि ज्यादातर नाक से खून आने के मामले में ये हानिरहित होता है। लेकिन ब्लीडिंग को रोकने के लिए आप ऊपर बताए गए स्टेप्स का पालन करें। यदि 20 मिनट के बाद भी ब्लीडिंग जारी रहती है, तो आपको आगे के निदान के लिए बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना होगा। हालांकि, यह देखकर बिलकुल भी न घबराएं, क्योंकि इससे आपका बच्चा पैनिक हो सकता है ।
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