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आपके बच्चे की पॉटी का रंग, आकार, गंध और उसे कितनी बार पॉटी आती है, यह सब तब तक बदलता रहेगा जब तक वह एक वर्ष का नहीं हो जाता। इसमें कई बार म्यूकस भी आ सकता है। यूं तो ज्यादातर मामलों में, यह किसी विशेष भोजन के रिएक्शन के अलावा और कुछ नहीं होता है। फिर भी, बच्चों की पॉटी में म्यूकस आना कभी-कभी उनके स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का संकेत भी हो सकता है।
क्या आप कंफ्यूज हैं कि आपके बच्चे की पॉटी में म्यूकस क्यों होता है? इसके कई कारण हैं, आइए जानते हैं:
बच्चों की आंतों से निकलने वाला म्यूकस अक्सर उनकी पॉटी में आ जाता है। जो बच्चे माँ का दूध पीते हैं उनकी पॉटी बहुत कम होती है और ज्यादातर म्यूकस ही निकलता है।
कभी-कभी बच्चे का पाचन तंत्र साल्मोनेला या ई कोली जैसे बैक्टीरिया से प्रभावित हो सकता है जिस कारण से उसकी पॉटी में खून या म्यूकस होता है। इसके अन्य लक्षणों में दस्त, उल्टी, बुखार और पेट की कमजोरी शामिल हैं।
यदि बच्चा सिर्फ माँ का दूध ही पीता है तो भी उसे उन खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती है जो आपने खाए होंगे। बच्चे का पाचन तंत्र अब भी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है इसलिए वह डेयरी प्रोडक्ट या मसालेदार भोजन को सहन करने में सक्षम नहीं है। बच्चों में भोजन से एलर्जी के अन्य लक्षणों में गैस, चिड़चिड़ापन और उल्टी भी शामिल है।
यह एक गंभीर समस्या है जो आपके बच्चे की पॉटी में म्यूकस पैदा कर सकती है। इंटससेप्शन में बच्चे की आंतें एक के ऊपर एक पलट जाती हैं और इसके परिणामस्वरूप ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है और पेट में सूजन व जलन होती है। इससे ब्लॉक्ड जगह के नीचे म्यूकस का स्राव होता है। यह समस्या 6 महीने से लेकर 3 साल के बच्चों में बहुत आम है और पॉटी में म्यूकस का लक्षण लगभग 60% बच्चों में होता है। इस समस्या के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आपके बच्चे के दाँत निकल रहे हैं, तो उसकी पॉटी में म्यूकस आना एक आम बात है। बच्चों में बहुत अधिक लार निकलना और उनके दाँतों में तेज दर्द होने से भी आंतों में जलन हो सकती है जिसके परिणास्वरूप भी बच्चों की पॉटी में म्यूकस हो सकता है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित बच्चों की पॉटी में भी बहुत ज्यादा म्यूकस हो सकता है। यह अधिक चिकना होता है और इसमें दुर्गंध भी आ सकती है। इसके साथ बच्चों में अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं, जैसे वजन कम बढ़ना या बच्चों के विकास में देरी होना। यदि आपके बच्चे में भी समान लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों की पॉटी में म्यूकस गाढ़े जेल जैसा होता है और यह लकीरों में दिखाई देता है। यदि आपके बच्चे की पॉटी में म्यूकस बहुत ज्यादा आ रहा है तो इसे पहचानना और भी आसान है।
माँ का दूध पीने वाले बच्चों की पॉटी में म्यूकस होना आम बात है। बॉवल मूवमेंट को सरल करने के लिए आंतों में म्यूकस उत्पन्न होता है और चूंकि बच्चा सिर्फ माँ का दूध ही पीता है इसलिए उसकी पॉटी में ज्यादा से ज्याद म्यूकस ही दिखाई देता है। फॉर्मूला दूध पीने वाले बच्चों की पॉटी में म्यूकस होना भी सामान्य है जो ज्यादातर बच्चों का आहार बदल जाने के कारण होता है। हालांकि यदि आपके बच्चे की पॉटी में म्यूकस बहुत ज्यादा है या उसकी पॉटी में म्यूकस के साथ खून भी दिखाई देता है और साथ ही आपको अपने बच्चे में अन्य असुविधाजनक लक्षण भी दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
बच्चों की पॉटी में म्यूकस आना एक गंभीर समस्या भी हो सकती है इसलिए इसका इलाज समस्या के आधार पर ही निर्धारित किया जा सकता है, आइए जानते हैं;
यदि बच्चे को इंफेक्शन के कारण पॉटी में म्यूकस आता है तो डॉक्टर उसे ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ देने की सलाह दे सकते हैं और बच्चे का बुखार नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं भी लिख सकते हैं।
यदि आपके द्वारा खाए हुए खाद्य पदार्थों से बच्चे को एलर्जी होती है जिसके परिणास्वरूप उसकी पॉटी में म्यूकस आता है, तो आपको उन खाद्य पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी जाती है, जैसे गाय का दूध।
इंटससेप्शन एक गंभीर समस्या है जिसमें बच्चे की आंतें पलट जाती हैं। इसके इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। आंतों की पोजीशन को ठीक करने के लिए डॉक्टर सर्जरी के अलावा बेरियम या एयर-एनिमा का उपयोग करने की भी सलाह भी दे सकते हैं। आंतों में ब्लड सर्कुलेशन के नुकसान को रोकने के लिए तुरंत उपचार करना महत्वपूर्ण होता है।
बच्चों की पॉटी में म्यूकस होना एक आम बात है और ज्यादातर ऐसे मामलों में चिंता की कोई बात नहीं होती है। यदि आपको अपने बच्चे में चिड़चिड़ापन दिखाई देता है, उसकी पॉटी में खून आता है या बच्चा तरल पदार्थ पीने से मना करता है और उसकी पॉटी में बलगम के साथ खून दिखाई देने जैसे लक्षण होते हैं तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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