बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों को बार-बार पेशाब आना – कारण, लक्षण और उपचार

हमें पेरेंट्स के रूप में अक्सर ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है जहाँ बच्चे के साथ कहीं बाहर शॉपिंग, रेस्टोरेंट या पार्क में जाने पर उसे पेशाब आने लगता है। ऐसे में कुछ जगह रेस्टरूम नहीं होते हैं और फिर आपके पास कोई और ऑप्शन नहीं बचता है आपको उन्हें रोड साइड ले जाना पड़ता है और ऐसा करना इतना बुरा लगता है कि आप सोचती हैं कि कोई भी ऐसे न देखे। ऐसे में आप इस चीज के लिए बच्चे को डांटने लगती हैं कि वे बाहर निकलने से पहले घर में वॉशरूम क्यों नहीं गए, तो बेहतर यह है कि बच्चे को डांटने के बजाय ये समझने का प्रयास करें कि वो ऐसा क्यों कर रहा है, इससे आपको खुद ही चीजें डील करने में आसानी होगी। 

ओवर एक्टिव ब्लैडर क्या है?

ओवरएक्टिव ब्लैडर (ओएबी) एक प्रकार का यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस होता है, जिसमें यूरिन कंट्रोल नहीं होता है और रिलीज हो जाता है। बच्चे को बार-बार पेशाब लगता है और जब कंट्रोल खोने लगता है, तो बच्चे के वाशरूम जाने से पहले ही पेशाब निकल जाता है। हालांकि यह बच्चों में ज्यादा कॉमन होता है लेकिन ऐसा बड़ों के साथ भी होता है। यह बात उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से सच है जिनकी डिलीवरी हाल ही में हुई है और वो अचानक पेशाब निकल जाने की समस्या से गुजर रही होंगी। ओएबी को बेड-वेटिंग समझने की गलती न करें, जो पूरी तरह से दूसरे फैक्टर के कारण होता है। साइंस की भाषा में बार-बार पेशाब आना पॉलाक्युरिया के रूप में जाना जाता है।

बार-बार पेशाब आने का कारण क्या है?

यदि आपका बच्चा बार बार पेशाब के लिए जाता है और इसे बिलकुल भी कंट्रोल नहीं कर पाता है तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए, ताकि आपको इसका कारण पता चल सके।

बच्चों में पॉलाक्युरिया का मुख्य लक्षण यह है कि उन्हें एक दिन में लगभग 10 से 30 बार पेशाब आता है, लेकिन केवल थोड़ी मात्रा में ही पेशाब आता है। यह 3 से 8 साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। हालांकि इस थ्योरी का सपोर्ट करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन कई एक्सपर्ट का मानना ​​है कि यह एक साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम है जहाँ स्ट्रेस की बड़ी भूमिका होती है। बच्चों में बार-बार पेशाब आने के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन: बार-बार पेशाब आने का एक कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या यूटीआई भी हो सकता है। बार-बार पेशाब आना, साथ ही इस दौरान दर्द और जलन का भी अनुभव करना यूटीआई के लक्षण हैं। पॉटी के बाद बच्चे को सही तरीके से साफ करें जिसमें आगे की ओर से वॉश करते हुए पीछे तक अच्छे से सफाई करनी चाहिए, ताकि बच्चे को यूटीआई से बचाया जा सके, खासकर लड़कियों में यूटीआई होने की संभावना अधिक होती है। यह रेक्टल कैविटी से जर्म्स को यूरिनरी ट्रैक्ट (मूत्र पथ) में प्रवेश करने से रोकता है।
  • डायबिटीज इन्सिपिडस: एंटी-ड्यूरेटिक हार्मोन का अपर्याप्त लेवल जो यूरिन के आउटपुट को नियंत्रित करता है, डायबिटीज इन्सिपिडस का कारण बन सकता है। बार-बार पेशाब आने के अलावा बच्चे को बहुत प्यास भी लगती है, जो डिहाइड्रेशन का संकेत है, बच्चे की ग्रोथ ठीक से नहीं होती है और भूख में कमी आ जाती है।
  • लाइफस्टाइल: बहुत सारे फिजी ड्रिंक और कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से बार-बार पेशाब या ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या हो सकती है। चॉकलेट, मसालेदार खाद्य पदार्थ, और जिन फलों में साइट्रिक एसिड पाया जाता है इनका सेवन करने से बचना चाहिए।
  • पेशाब करने से बचना: कुछ बच्चों को टॉयलेट न जाने की आदत होती है और बदले में उनके पेशाब करने की क्वांटिटी कम हो जाती है, लेकिन ब्लैडर में पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है। उनके ब्लैडर पर पड़ने वाले दबाव को कम करने के लिए पेशाब को कंट्रोल करने वाली स्फिंक्टर मसल्स ओवर एक्टिव हो जाती है जिससे बार-बार पेशाब आता है।

बार-बार पेशाब आने का लक्षण क्या है

बच्चों में पॉलाक्युरिया के लक्षणों में शामिल हैं

  • पेशाब करते समय दर्द और जलन होना
  • बहुत ज्यादा प्यास लगना
  • बुखार और पेट में दर्द
  • पेशाब का रंग पारदर्शी के बजाय गहरा हो जाना और उसमें से बदबू भी आना
  • अचानक वजन कम होना
  • बार-बार यूटीआई इंफेक्शन होना

बच्चों में ओवर एक्टिव ब्लैडर का निदान

एक बार बच्चे में ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी एक लक्षण दिखाई देता है, तो डॉक्टर इसका कारण जानने के लिए कुछ टेस्ट करा सकते हैं फिर चाहे बच्चा ओएबी से पीड़ित हो या किसी और समस्या से पीड़ित से। टेस्ट के रिजल्ट से इसका कारण जानने में मदद मिलेगी। इस दौरान किए जाने वाले टेस्ट में शामिल है: 

  • यूरिन कल्चर: यदि लक्षण यूटीआई वाले दिखते हैं, तो यूरिन कल्चर टेस्ट के जरिए बैक्टीरिया के कारण होने वाले इंफेक्शन का पता चल जाता है।
  • यूरिन एनालिसिस: यूरिन एनालिसिस या टेस्ट बार-बार पेशाब होने का कारण जाने के लिए किया जाएगा।
  • ब्लड टेस्ट: ब्लड टेस्ट यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि क्या बच्चे को डायबिटीज है।

इसका ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है

बच्चों में बार-बार पेशाब आने के कई उपचार हैं। समय के साथ इसकी फ्रीक्वेंसी कम होने लगेगी, जैसे जैसे बच्चा बड़ा होने लगेगा वो अपने ब्लैडर में पेशाब को लंबे समय के लिए रोक कर रख सकता है। यदि यह यूटीआई के कारण हो रहा है, तो कई बार डॉक्टर, बच्चे के लिए एंटीबायोटिक्स देने को कहते हैं। डॉक्टर सही तरीके से बाथरूम हैबिट अपनाने के लिए कहेंगे जैसे कि हर कुछ घंटों में टॉयलेट जाना चाहिए और वॉशरूम जाने तक कंट्रोल करना। इस तकनीक का उपयोग दुनिया भर के बच्चों के लिए किया जाता है और इसे ‘ब्लैडर रिट्रेनिंग’ कहा जाता है। यदि बच्चा एंग्जायटी से जुड़ी समस्या या स्ट्रेस से गुजर रहा है, तो बच्चे को प्रोत्साहित करे कि वह जिस पर विश्वास करता है उससे बात करें या फिर आप साइकोलॉजिस्ट की मदद लें और समझने  की कोशिश करें कि बच्चे क्या बात परेशान कर रही है। अगर बच्चे को बार-बार पेशाब आने का कारण डायबिटीज है, तो डॉक्टर हाई ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को कंट्रोल रखने के लिए इंसुलिन मेडिकेशन लिख सकते हैं।

इससे बचाव कैसे करें

रोकथाम हमेशा सबसे अच्छा विकल्प है और इस मामले में, आपके बच्चे को ओएबी विकसित करने से बचने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं, यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • न केवल ओएबी बल्कि हर यूरिनरी इंफेक्शन में आपको बच्चे की साफ-सफाई का बहुत खयाल रखना चाहिए।
  • बच्चे को सही तरीके से मल त्याग के बाद सफाई का तरीका समझाना चाहिए और यह बहुत जरूरी है।
  • लड़कियों को सिखाएं कि पेशाब करते समय कैसे स्क्वाट करें, जो पब्लिक टॉयलेट का उपयोग करते समय उन्हें यूटीआई होने से बचाने मदद कर सकता है।
  • जेनिटल एरिया पर केमिकल और हार्ड साबुन का प्रयोग बिल्कुल न करें।
  • कीगल एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों में मजबूती आती है और बार-बार पेशाब लगने की समस्या में सुधार होने लगता है।
  • मोटिवेशनल थेरेपी आपके बच्चे को सही टॉयलेट शेड्यूल बनाए रखने और उसका पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अच्छा ऑप्शन है। बच्चे के अच्छे बर्ताव पर उसे शाबाशी दें जिससे बच्चा इस शेड्यूल को आगे भी ध्यान में रखे।
  • अपने बच्चे को आश्वस्त करें कि वह स्वस्थ है और यह समस्या जल्दी ही ठीक हो जाएगी, उसे चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। बच्चे को पूरी तरह से रिलैक्स करें और यदि आपको लगता है कि वह स्ट्रेस से पीड़ित है। सुनिश्चित करें कि उसके पर्याप्त समय हो जिसमें वो खेल सके ।

क्या बच्चों में बार-बार पेशाब आने से रोकने के लिए कोई घरेलू उपचार है?

कई बार आसान घरेलू उपचारों से बच्चे में बार-बार पेशाब आने की समस्या दूर हो जाती है और यह आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। एक शेड्यूल फॉलो करें ताकि आपको पॉजिटिव रिजल्ट मिले, समय समय पर उसे वॉशरूम जाने के लिए कहें। बच्चे को ब्लैडर फ्रेंडली चीजें खाने-पीने के लिए कहें, जिसमें दही, पानी और फाइबर शामिल करें, चॉकलेट, कैफीनयुक्त ड्रिंक से परहेज करें, क्योंकि इससे बच्चे को पेशाब में जलन की समस्या पैदा हो सकती है।

कुल मिलाकर बच्चों में बार-बार पेशाब आना बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए ही परेशानी का कारण हो सकता है। इस स्थिति का इलाज किया जा सकता है और ये हानिरहित है। ऊपर बताई गई टिप्स भी मदद करेंगी कि बच्चों में ओवर एक्टिव ब्लैडर न विकसित हो, जो बार-बार पेशाब आने का कारण बनता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसकी मसल्स का कंट्रोल बेहतर होता जाता है और फिर यह समस्या खुद ही ठीक हो जाती है। यह समझना जरूरी है कि ये परेशानी कुछ समय के लिए ही होती है और आप यह बात बच्चे को भी बताएं। अपने बच्चे को पॉजिटिव तरीके से सपोर्ट करें।

यह भी पढ़ें:

बच्चों में वायरल संक्रमण
बच्चों के पेशाब में खून आना (हेमाट्यूरिया)
बच्चों में यू.टी.आई. के 20 प्रभावी घरेलू उपचार

समर नक़वी

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

3 days ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

3 days ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

4 days ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

4 days ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

4 days ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

1 week ago