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शिक्षा में बढ़ती जागरूकता और लोगों की बदलती मानसिकता के साथ, अब बच्चों के लिए छड़ी या बेंत से मारने की सजा को स्वीकार्य नहीं किया जाता है। आजकल माता-पिता या शिक्षक बच्चे के नजरिए से समस्या को समझना पसंद करते हैं और फिर उसके अनुसार कोई एक्शन लेने हैं, लेकिन पिटाई करना उन विकल्पों में नहीं आता है। वहीं कुछ लोगों को मानना है कि बच्चों को अनुशासनहीनता के लिए बेंत से मारना या सजा देना अभी भी एक बेहतर तरीका है। क्या आप इस बात से सहमत हैं? अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।
अपने बच्चों को सही तरीके से पालने के लिए कई तरह के नजरिए और विचारों को समझना जरूरी है। इसमें कोई शक नहीं कि पेरेंटिंग खुद में एक चुनौती भरा काम है और अपने बच्चे को सही तरीके से अनुशासित करने का काम आसान नहीं हैं क्योंकि आपको छोटी से छोटी बातों का बहुत खयाल रखना पड़ता है। कुछ भी गलत करने पर बेंत से बच्चे को सजा देना सदियों पुरानी परंपरा रही है (घरों या स्कूलों दोनों में)। लेकिन वर्तमान पीढ़ी के लिए यह तरीका कारगर साबित नहीं होता है आजकल बच्चे की परवरिश करने का तरीका बहुत बदल गया है।
एक्सपर्ट इस बात से सहमत नहीं हैं कि बच्चे को अनुशासन में रखने के लिए माता-पिता को उन्हें मारकर ही दंडित करना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे पर शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से बुरा प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन, कुछ माता-पिता का तर्क है कि आज भी सजा देने से बच्चे को अनुशासित रखा जा सकता है।
आमतौर पर माता-पिता या शिक्षक बच्चों को शारीरिक दंड देने के लिए बेंत, लचीली छड़ी, स्केल या बेल्ट का इस्तेमाल करते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं:
आपको बता दें कि अभी भी पुराने ख्यालात के लोग यह मानते हैं कि कठोर सजा जिद्दी बच्चे को भी सही रास्ते पर लाने का बेहतरीन तरीका होता है, लेकिन क्या आपको पता है इसके साथ कुछ प्रतिकूल परिणाम भी जुड़े हैं।
ऐसे में बाल विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि माता-पिता केवल हाथ से निकल जाने वाली परिस्थितियों में ही बच्चे की बेंत से पिटाई करने या उन्हें की सजा देने का सहारा ले सकते हैं, जब बच्चा जिद करके और लगातार अपने दुर्व्यवहार को स्वीकार करने से इनकार करता है। ऐसे में बच्चे को पहले ही चेतावनी दी जानी चाहिए और अच्छी तरह से समझाया जाना चाहिए कि उसे इतनी कठोर सजा क्यों दी जा रही है।
हालांकि, कारण कुछ भी हो, बच्चों में अनुशासन पैदा करने के लिए शारीरिक दंड देना सही तरीका तो नहीं है। बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए आपको किस हद तक उस पर सख्ती की जानी चाहिए यह जानना हर माता-पिता के लिए जरूरी है। जरूरी नहीं कि मारना या पीटना बच्चे को अनुशासनहीन बना दे, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल बच्चे को उदासीन और अभिमानी बना सकता है। इसलिए, माता-पिता को सही तरीके को समझना चाहिए।
विशेषज्ञों ने एक बच्चे को अनुशासित करने के कई अन्य तरीके बताए हैं जैसे – बच्चे के अच्छे व्यवहार पर उन्हें इनाम देना, बच्चे से शांति से बात करना, उदाहरणों के साथ समझाना या उसके बुरे पक्ष से अवगत कराना या सजा के रूप में कुछ समय के लिए भावनात्मक दूरी बनाना आदि।
बच्चे को सजा देने की जरूरत है या नहीं यह बहस कभी न खत्म होने वाली है। हालांकि, सबसे अच्छा तरीका है कि आप बच्चे के सामने अच्छा व्यवहार करें ताकि बच्चा आपको अपना रोल मॉडल समझे और बिना किसी सजा के वो खुद ही अनुशासन का महत्व समझे।
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