शिशु

बच्चों को चिकन खिलाने की शुरुआत करना

चिकन प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है, जो बच्चे के शरीर के विकास के लिए बहुत जरूरी है। चिकन में कम वसा होने के कारण लोग इसे अपने भोजन में शामिल करना पसंद करते है। हालांकि, आपको अपने बच्चे के खाने में चिकन शामिल करने से पहले यह समझने की आवश्यकता होगी कि क्या वह इसे खाने के लिए तैयार है? क्या उसका पाचन तंत्र चिकन पचा सकेगा? आदि सवालों के जवाब पाने के बाद ही आप अपने बच्चे को चिकन देना शुरू करें ।

अपने बच्चे को चिकन कब दे सकते हैं

आप अपने बच्चे को जब छह महीने की उम्र के बाद अन्य ठोस आहार देना शुरू करती हैं, तब उसे चिकन खिलाना शुरू कर सकती हैं। लेकिन शुरुआत में उसे चिकेन धीरे-धीरे देने की शुरुआत करें । आप चिकन को प्यूरी बनाकर बच्चे को रोजाना दे सकती हैं, लेकिन इसे दो बड़े चम्मच से ज्यादा न दें।

चिकन का पोषण मान (न्यूट्रिशनल वैल्यू)

चिकन निःसंदेह पोषक तत्वों से भरपूर है, जो आपके बच्चे को बहुत फायदा पहुँचाता है। नीचे दी गई तालिका में आपको चिकन में पाए जाने वाले पोषण की जानकारी दी गई है। यहाँ चिकन में मौजूद पोषण का मूल्य प्रति 100 ग्राम के हिसाब से बताया गया है। 

पोषण मूल्य
प्रोटीन 18.6 ग्राम
वसा 15.06 ग्राम
ऊर्जा/ एनर्जी 215 किलो कैलोरी
विटामिन ए 400 माइक्रोग्राम
विटामिन बी 1 0.06 मिलीग्राम
विटामिन बी 2 0.12 मिलीग्राम
विटामिन बी 3 6.08 मिलीग्राम
विटामिन बी 6 0.35 मिलीग्राम
विटामिन बी 12 0.31 माइक्रोग्राम
फोलेट 6 माइक्रोग्राम
विटामिन सी 1.6 मिलीग्राम
विटामिन डी 0.2 माइक्रोग्राम
विटामिन ई 0.3 मिलीग्राम
विटामिन के 1.5 माइक्रोग्राम
कैल्शियम 15 मिलीग्राम
आयरन 0.9 मिलीग्राम
सोडियम 70 मिलीग्राम
फास्फोरस 147 मिलीग्राम
पोटैशियम 189 मिलीग्राम
मैग्निशियम 20 मिलीग्राम
जिंक 1.31 मिलीग्राम

बच्चों को चिकन से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ

चिकन में मौजूद भरपूर पोषण आपके बच्चे को निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

1. मांसपेशियों का विकास करता है

चिकन प्रोटीन का एक बहुत अच्छा स्रोत है, जो आपके बच्चे के शरीर की मांसपेशियों के विकास को बढ़ाता है। ऐसा माना जाता है कि पशुओं से मिलने वाला प्रोटीन, सब्जियों से मिलने वाले प्रोटीन की तुलना में ज्यादा आसानी से शरीर द्वारा पच जाता है।

2. संचार प्रणाली को बढ़ाता है

चिकन में आयरन की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के बढ़ाने में सहायता करती है। चिकन में पोटैशियम भी पाया जाता है जो शरीर में रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

3. हड्डियों को मजबूत करता है

चिकन में फास्फोरस और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। ये खनिज हड्डियों का मजबूती से निर्माण करने के लिए जाने जाते हैं।

4. मस्तिष्क का बेहतर विकास करता है

चिकन में मौजूद विटामिन ए, सी और बी12 आपके बच्चे में उचित विकास को बढ़ावा देते हैं। चिकन में पाया जाने वाला कोबालमिन आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

5. इम्युनिटी बढ़ाता है

चिकन में जिंक और मैग्नीशियम जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं, जो आपके बच्चे में किसी भी संक्रमण और बीमारियों को रोकने के लिए बेहतर इम्युनिटी का निर्माण करते हैं।

अपने बच्चे के लिए चिकन पकाने के सर्वोत्तम तरीके

यदि आप अपने बच्चे को चिकन देना शुरू करना चाहती हैं, तो आप नीचे बताए गए तरीकों पर नजर डाल सकती हैं जिसमें आपको बताया गया है कि आप अपने बच्चे के आहार में चिकन कैसे शामिल कर सकती हैं । 

  • चिकन को 190 डिग्री सेल्सियस पर 20 मिनट तक बेक करें। आपको इसे बेक करने से पहले छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने की आवश्यकता होगी। एक बार जब यह ठीक से बेक हो जाए, तो आप इसकी प्यूरी बना सकती हैं या फिर आप इसे बच्चे को कद्दूकस करके भी दे सकती हैं लेकिन तब जब आपका बच्चा 12 महीने से अधिक उम्र का हो जाए।
  • चिकन को पतले टुकड़ों में काटें और इसमें चाकू या काटें वाले चम्मच से चीरा लगाएं ताकि यह स्वाद को अंदर तक सोखे। एक कड़ाही में उतना पानी लें जितने में चिकन अच्छी तरह से डूब जाए। लगभग 20 मिनट या फिर चिकन के अच्छी तरह से पक जाने तक इसे उबालें।इसके बाद आप चाहे तो पानी को छान सकती हैं या फिर आप पानी के साथ ही चिकन मिलाकर कर इसे अपने बच्चे को खाने के लिए दें सकती हैं।
  • एक कड़ाही में उतना पानी लें जितने में चिकन अच्छी तरह से डूबने लायक हो, आप इसे उबाल लें। आपको इसकी प्यूरी बनाने के लिए इसे 30 मिनट या उससे अधिक समय तक उबालना होगा। यह चिकन को पकाने का सबसे अच्छा तरीका है, क्योंकि यह चिकन में मौजूद रोगाणुओं को नष्ट कर देता और मांस को भी मुलायम करता है।

क्या बच्चों को चिकन से एलर्जी हो सकती है?

अपने बच्चे को किसी भी नए आहार को देने से पहले यह जाँच करना बहुत जरूरी है कि कहीं उन्हें इससे एलर्जी होने की संभावना तो नहीं है, इसलिए हर समय सतर्क रहें । हमेशा अपने बच्चे को एक समय में एक ही भोजन से परिचय करवाएं। यदि आपको बच्चे में इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हुआ दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।

संवेदनशील जिन बच्चों का पाचन तंत्र और इम्युनिटी कमजोर होती है उन्हें चिकन देने से खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि इसे अच्छी तरह पकाने से एलर्जी होने खतरा कम हो जाता है, लेकिन आपको हमेशा एलर्जी के लक्षण पर नजर रखनी चाहिए। आपको एलर्जी के लक्षण कुछ इस प्रकार दिखाई दे सकते हैं:

  • सूजन: सूजा हुआ चेहरा, गर्दन, पलकें, गला और नाक एक एलर्जी का संकेत देते हैं। आपके बच्चे के लिए आँखें खोलना या साँस लेना भी मुश्किल हो सकता है।
  • पेट में दर्द: दस्त और उल्टी के साथ पेट में ऐंठन या दर्द हो सकता है।
  • त्वचा पर चकत्ते या पित्ती: शरीर पर खुजलीयुक्त लाल छाले पड़ सकते हैं।
  • थकान: शिशु में कमजोरी और सुस्ती आ सकती है।

क्या आपको बच्चे के चिकन सूप में नमक डालना चाहिए?

शिशुओं के लिए चिकन सूप बनाते समय नमक न डालें। यदि आपका बच्चा एक साल से कम उम्र का है, तो बेहतर है कि आप उसके भोजन में नमक न शामिल करें । ऐसा करने से बच्चा खाद्य पदार्थों के प्राकृतिक स्वाद को अनुभव करेगा, बिना किसी अतिरिक्त स्वाद के। 

बच्चे को चिकन देने के लिए कुछ सुरक्षित उपाय

अपने बच्चे को चिकन देते समय, यहाँ दिए गए कुछ सुरक्षा के टिप्स का पालन करके, बच्चे में चिकन के कारण होने वाली किसी भी जटिलता से उन्हें बचा सकती हैं।

  • आप ऑर्गेनिक चिकन ही खरीदें, यदि आप एक पूरा चिकन खरीद रही हैं तो सुनिश्चित करें कि यह पर्याप्त मांस वाला और ताजा होना चाहिए । यदि आप पैकेट वाला चिकन खरीद रही हैं, तो ऐसे चिकन को खरीदने से सावधान रहें जो अप्राकृतिक रूप से इंजेक्ट करके बड़ा किया गया है।
  • अपारदर्शी त्वचा युक्त चिकन खरीदें, धब्बेदार नहीं।
  • जब आप फ्रोजेन चिकन खरीद रही हों, तो उस पैकेट पर किसी भी प्रकार के जमे हुए तरल पर ध्यान दें। जमे हुए तरल से युक्त किसी भी फ्रोजेन चिकन को खरीदने से बचें, क्योंकि हो सकता है कि चिकन को पिघलाकर और दोबारा से जमाया गया हो, जिसका सेवन करना असुरक्षित है।
  • ताजा चिकन को दो दिनों से अधिक फ्रिज में न रखें।
  • फ्रोजेन चिकन को तभी डिफ्रॉस्ट करें जब आपको उसे तुरंत पकाना हो। आप इसे माइक्रोवेव में डिफ्रॉस्ट न करें। ऐसा इसलिए है, क्योंकि माइक्रोवेव में चिकन अंदर से पकना शुरू हो जाता है और अगर फिर से इसे फ्रीज किया जाए तो यह बैक्टीरिया पैदा कर सकता है।
  • किसी भी क्रॉस-कोन्टामिनेशन से बचने के लिए चिकन को तैयार करते समय इसे अन्य खाद्य पदार्थों से दूर रखें। चिकन काटने के बाद अपने हाथों, कटिंग बोर्ड और बर्तनों को अवश्य धोएं।
  • यह जाँच करने के लिए कि चिकन ठीक से पका है या नहीं, आप एक काटे के चम्मच की मदद से मांस की जाँच कर सकती हैं, यदि उसमें से गुलाबी रसा निकलने के बजाय सफेद रसा नजर आने लगे तो समझ जाइए कि चिकन अच्छी तरह से पक चुका है। आप अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए मांस के थर्मामीटर का उपयोग कर सकती हैं। एक पूरे चिकन का आंतरिक तापमान 82.2 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। हड्डी के साथ वाले चिकन का आंतरिक तापमान 76.6 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। बगैर हड्डी वाले मांस में आंतरिक तापमान 71.1 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।

बच्चों के लिए बेहतरीन चिकन रेसिपी

यहाँ बच्चों के लिए कुछ चिकन से बने स्वादिष्ट व्यंजन विधियां दी गई हैं जिन्हें आप अपने बच्चे के लिए आजमा सकती हैं।

1. चिकन प्यूरी

आप अपने बच्चे को चिकन प्यूरी दे सकती हैं, यह उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है और वह इसे आसानी से खा भी सकते हैं।

आपको चाहिए

  • 2 कप बिना हड्डी वाला चिकन, कटा हुआ
  • पानी

कैसे तैयार करें

  • चिकन को तब तक उबालें जब तक कि वह नर्म न हो जाए।
  • चिकन को ठंडा कर दें और ब्लेंडर में पीस कर प्यूरी की तरह तैयार कर लें।
  • यदि आपके पास भुना या उबला हुआ चिकन है तो आप इसे ब्लेंड करने के लिए इसे छोटे-छोटे टुकड़ो में पहले काट लें ।

2. चिकन और शकरकंद प्यूरी

विटामिन और खनिजों से भरपूर शकरकंद और चिकन दोनों ही आपके बच्चे के आहार में बेहतरीन पोषक तत्व शामिल करते हैं जो बच्चे के लिए बहुत लाभदायक होता है।

आपको चाहिए

  • कटे हुए शकरकंद के 2 कप
  • 2 कप बिना हड्डी वाला चिकन, कटा हुआ
  • पानी

कैसे तैयार करें

  • चिकन और शकरकंद को अलग-अलग पकाएं जब तक कि वे नर्म न हो जाएं।
  • उन्हें एक ब्लेंडर में डालकर पीस लें और प्यूरी के रूप में तैयार कर लें।

3. चिकन का मुरब्बा

यदि आप अपने बच्चे को ठोस पदार्थ देने के लिए अभी थोड़ा और रुकना चाहती हैं, लेकिन उसे चिकन के पोषक तत्व भी देना चाहते हैं, तो चिकन का मुरब्बा एक बढ़िया विकल्प है।

आपको चाहिए

  • हड्डी के साथ 1 कप चिकन
  • पानी

कैसे तैयार करें

  • चिकन के पोषक तत्वों को पानी में रिसने देने के लिए, उसे 30 मिनट तक उबालें या प्रेशर कुकर में पकाएं ।
  • अपने बच्चे को परोसने से पहले मुरब्बे को ठंडा होने दें और छान लें।

4. सेब और चिकन प्यूरी

यह रेसिपी सरल, पौष्टिक और स्वादिष्ट है।

आपको चाहिए

  • ¼ कप बिना हड्डी वाला चिकन
  • 1/4 कप बिना बीजों का सेब या घर पर बनाया हुआ सेब सॉस

कैसे तैयार करें

  • चिकन और सेब को अलग से तब तक पकाएं जब तक कि वे नरम न हों।
  • एक ब्लेंडर में, दोनों सामग्रियों को पीस कर प्यूरी तैयार करें।

5. चिकन, चावल और आड़ू

यह फल और चिकन का एक और संयोजन है, जो बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है ।

आपको चाहिए

  • ½ कप बिना हड्डी वाला चिकन
  • 2 कप पके हुए चावल (सफेद या ब्राउन)
  • 1 पका हुआ आड़ू
  • 2 बड़ा चम्मच माँ का दूध या फार्मूला दूध

कैसे तैयार करें

  • चिकन और चावल को अलग-अलग पकाएं।
  • आड़ू को छीलें और उसकी गुठली को हटा दें।
  • ब्लेंडर में आड़ू, दूध, चावल और चिकन को जरूरत के मुतबिक डालकर पीस लें और इसकी प्यूरी तैयार कर लें।

अपने बच्चे के आहार में चिकन शामिल करने से पहले सभी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें चिकन देना शुरू करें। जब भी आप बच्चे को कोई नया पदार्थ दे, तो उससे पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें, कि आप उस पदार्थ को कब कितना और कैसे दे सकती हैं। अच्छे से विचार -विमर्श करने के बाद ही आप अपने बच्चे को चिकन देना शुरु करें।

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

1 day ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

1 day ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

1 day ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago