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बच्चों को डायपर पहनाने के 7 साइड इफेक्ट्स

पेरेंट्स बच्चों के लिए डायपर का इस्तेमाल लंबे समय से करते चले आ रहे हैं। इस बात से कोई इंकार नहीं है कि ये बेहद सुविधाजनक होते हैं और आपको इसकी वजह से काफी आसानी हो जाती है। डायपर उपयोग करने के लिए सुविधाजनक तो होते ही हैं साथ ही इन्हें धोने का झंझट भी नहीं होता है, ये आसानी से उपलब्ध होते हैं और इसमें लीकेज की समस्या भी नहीं होती है। हालांकि, बच्चों के लिए डायपर का उपयोग करने के कुछ नुकसान हैं जिसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। इस लेख में बताया गया है कि बच्चों के लिए डायपर पहनाने के क्या नुकसान हैं।

बच्चों के लिए डायपर का उपयोग करने के नुकसान क्या हैं

पैरेंट होने के नाते बच्चे की सेहत का खयाल रखना आपकी जिम्मेदारी होती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि डायपर की वजह से आपको काफी सहूलियत हो जाती है, लेकिन डायपर पहनाने के कुछ नुकसान भी हैं जो पैरेंट को पता होने चाहिए। यहाँ आपके बच्चे के लिए डायपर का उपयोग करने के कुछ नुकसान बताए गए हैं:

1. इससे एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है

बच्चों की त्वचा कोमल और नाजुक होती है और कोई भी हार्श चीज उनकी त्वचा को नुकसान पहुँचा सकती  सकती है। डायपर बनाते समय कुछ कंपनियां अक्सर सिंथेटिक फाइबर, डाइज और केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं। ये सभी हार्श केमिकल आपके बच्चे की सेंसेटिव स्किन को नुकसान पहुँचाते हैं जिससे उन्हें एलर्जी हो सकती हैं। ऐसा डायपर चुनें जो मुलायम हो और जिसमें स्किन फ्रेंडली मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है।

2. स्किन रैशेज का कारण बनता है

बच्चों को डायपर रैशेज होना बहुत आम है। यदि गीले डायपर में बच्चे को लंबे समय के लिए छोड़ दिया जाए तो गीले गंदे डायपर में बैक्टीरिया पैदा होने लगते हैं जिससे रैशेज हो जाते हैं। इसलिए रोजाना बच्चे का डायपर बदलती रहें और साफ सफाई रखें ताकि उन्हें रैशेज की समस्या कम से कम हो।

3. टॉक्सिसिटी को बढ़ाता है

डायपर केमिकल और सिंथेटिक मटेरियल से बनता है और इसे लंबे समय तक बच्चे को पहनाए रखने से ये बच्चे को नुकसान पहुँचाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, आप एक दिन में आठ से दस डायपर का उपयोग कर रही होंगी ताकि लंबे समय तक आपको कोई परेशानी न हो। लेकिन इसमें मौजूद हार्श केमिकल बच्चे की नाजुक त्वचा के जरिए शरीर में जाते हैं और टॉक्सिसिटी पैदा करते हैं। हालांकि, अगर आप हर समय बच्चे को डायपर नहीं पहनाती हैं तो ऐसे मामले में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।

4. इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है

डायपर ऐसे मटेरियल से बनाया जाता है जो बच्चे के पेशाब को अब्सॉर्ब करने में मदद करता है। यही पदार्थ आपके बच्चे के डायपर के अंदर हवा जाने से रोकते हैं जिसकी वजह से बैक्टीरिया और जर्म्स पैदा होने लगते हैं। डायपर का बहुत ज्यादा उपयोग करने से इन्फेक्शन होने का भी खतरा होता है। इसलिए बच्चे के डायपर को बार-बार बदलती रहें।

5. डायपर महंगे होते हैं

यदि आप केवल डायपर पर निर्भर हैं, तो इसका खर्चा आपके लिए काफी ज्यादा हो सकता है। आपको अपने बच्चे का डायपर दिन में लगभग आठ से दस बार बदलना चाहिए। हालांकि, अच्छे मटेरियल और सस्ते दाम में भी डायपर उपलब्ध है, लेकिन इसके लिए आपको थोड़ी रिसर्च करनी होगी।

6. बच्चे को टॉयलेट ट्रेनिंग देने में परेशनी होती है

अपने बच्चे को हर समय डायपर पहनाए रखने से आपको उसे टॉयलेट ट्रेनिंग देने से परेशानी हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चों को डायपर में पेशाब और पॉटी करने की आदत पड़ जाती है और पैरेंट के लिए भी यह सुविधाजनक होता है, हालांकि, बाद में जब आप अपने बच्चे को पॉटी कराने की कोशिश करती हैं, तो बच्चा रोता है, परेशान करता है। वैसे अच्छा यही होता है कि बच्चे को जल्दी ही टॉयलेट ट्रेनिंग देना शुरू कर दें इससे डायपर पर बहुत ज्यादा खर्चा नहीं करना पड़ता और साथ ही बच्चे में खुद से टॉयलेट जाने की आदत भी पड़ती है। आप बच्चे को टॉयलेट ट्रेनिंग देने के लिए समय निकालें।

7. डायपर पर्यावरण-अनुकूल नहीं होता है

डायपर का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन यह पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है। बड़ी संख्या में डायपर बनाने में प्लास्टिक, सिंथेटिक फाइबर और अन्य केमिकल का उपयोग किया जाता है जो पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है। यह जल्दी डिकंपोज भी नहीं होता, जो पर्यावरण के लिए खतरा पैदा करता है। कुछ कंपनियां हैं जो इको-फ्रेंडली डायपर बनाती हैं, इसलिए पर्यावरण का खयाल रखते हुए इको-फ्रेंडली डायपर का उपयोग करें।

डायपर के अन्य विकल्प

आप डायपर की जगह ऐसे दूसरे ऑप्शन चुन सकती हैं जो डायपर की तरह ही काम करें, यहाँ आपको कुछ अन्य विकल्प दिए गए हैं जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं:

1. कपड़े का डायपर

आप बच्चे के लिए कपड़े के डायपर का उपयोग कर सकती हैं। ये न केवल बच्चे की त्वचा और स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं, बल्कि आप इसको दोबारा भी प्रयोग कर सकती हैं। बाजार में उपलब्ध कपड़े के डायपर आपको कई प्रकार में मिल जाएंगे, आप ऑर्गनिक कॉटन वाले डायपर चुन सकती हैं, ये अच्छी तरह से अब्सॉर्ब भी करता है। हालांकि, इससे आपका काम थोड़ा बढ़ सकता है क्योंकि आपको बार-बार बच्चे का डायपर धोना पड़ेगा।

2. डायपर लाइनर्स का इस्तेमाल करें

डायपर लाइनर बाजार में आसानी से उपलब्ध होते हैं और आप उन्हें कपड़े के डायपर के अंदर रख सकती हैं। इन्हें आसानी से बदला भी जा सकता है।

3. पर्यावरण-अनुकूल डिस्पोजेबल डायपर

कभी-कभी पेरेंट्स के लिए डिस्पोजेबल डायपर का उपयोग करना जरूरत बन जाता है। पर्यावरण के अनुकूल डायपर और डिस्पोजेबल डायपर मौजूद हैं जिन्हें आप बच्चे के लिए चुन सकती हैं, साथ ही ये उसकी नाजुक त्वचा के लिए भी अच्छा रहेगा।

अपने बच्चे के लिए बेहतरीन डिस्पोजेबल डायपर कैसे चुनें

आपको बच्चे के लिए डायपर खरीदते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए जो नीचे बताई गई हैं, इससे डिस्पोजेबल डायपर से होने वाले हानिकारक प्रभाव को कम किया जा सकता है।

1. अच्छी तरह से अब्सॉर्ब करता हो

ऐसा डायपर चुनें जो अच्छी तरह से अब्सॉर्ब करता हो और बच्चे की त्वचा का मॉइस्चर बनाए रखता हो। इससे लीकेज का खतरा कम हो जाता है और साथ ही रैशेज और इन्फेक्शन की समस्या भी दूर होती है।

2. मटेरियल

इस बात का ध्यान रखें कि डायपर मटेरियल सॉफ्ट और केमिकल फ्री होना चाहिए, जो बच्चे की नाजुक त्वचा को किसी भी प्रकार से नुकसान न पहुँचाए। अपने बच्चे को आरामदायक और एलर्जी / रैशेज मुक्त रखने के लिए सॉफ्ट डायपर ही पहनाएं।

3. अच्छी फिटिंग हो

लीकेज से बचने के लिए और बच्चे को सहज महसूस कराने के लिए अच्छी फिटिंग का डायपर लेना जरूरी है।

4. कॉस्ट

ऐसे डायपर चुनें जो आपके बजट में फिट हों और साथ ही उनकी क्वालिटी भी अच्छी हो। ऐसे कई ब्रांड हैं जो अच्छे दाम में बेस्ट क्वालिटी वाले डायपर प्रदान करते हैं, आपको यह जान कर हैरानी होगी कि आपके पास सीमित बजट के बावजूद भी कई विकल्प मौजूद हैं!

उम्मीद है ऊपर बताई गई टिप्स आपके लिए उपयोगी साबित हों ताकि आप अपने बच्चे के लिए एक सही डायपर का चुनाव कर सकें। डायपर का उपयोग करना आपके लिए आसान होता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि पहले आप रिसर्च करें और फिर बच्चे के लिए एक सही डायपर चुनें।

यह भी पढ़ें:

बच्चों में यीस्ट इन्फेक्शन डायपर रैश
शिशुओं में डायपर रैश के लिए 15 घरेलू उपचार

समर नक़वी

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