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जब आप किसी ऐसे देश में रहती हैं, जो गर्म और उमस भरा होता है, तो बच्चों को घमौरी होना आम बात हैं। हालांकि घमौरी बच्चों को परेशान कर सकती है, लेकिन इनका उपचार किया जा सकता है, और आप आसानी से उनसे छुटकारा पा सकती हैं। शिशुओं में घमौरी का पता लगाने और उनके कारणों, लक्षणों और उपचार के बारे में जानें।
घमौरी को मिलियारिया रूब्रा, मिलियारिया क्रिस्टलाइन, गर्मी के दाने या प्रिक्ली हीट भी कहा जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, घमौरी छोटे–छोटे उभरे हुए दाने होते हैं जो अत्यधिक गर्मी के कारण आपके बच्चे की त्वचा पर दिखाई देते हैं। ये लाल रंग के होते हैं।
कुछ स्थान जहाँ घमौरी ज़्यादा दिखाई देती है, वे हैं पेट, छाती, गर्दन और नितंब, और क्रॉच (धड़ और जांघ का जोड़) वाला क्षेत्र। यदि आप अपने बच्चे को टोपी पहनाती हैं, तो बच्चे के माथे और सिर पर भी घमौरी दिखाई दे सकती है। बच्चे की गर्दन पर दाने होना आम है। यदि आपको अपने बच्चे के शरीर पर घमौरी दिखाई देती है, तो इससे जुड़ी खुजली को दूर करने के लिए कुछ करना जरूरी है।
घमौरी ऐसे छोटे उभार होते हैं जिनका रंग लाल होता है। वे आमतौर पर शरीर के विभिन्न हिस्सों में चकत्ते के रूप दिखाई देते हैं।
यदि आपके बच्चे को बहुत पसीना आता है तो घमौरी दिखाई देंगी। अत्यधिक पसीने के कारण, उसकी त्वचा के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं, और पसीना नहीं निकल पाता है। वयस्कों की तुलना में बच्चों और शिशुओं के रोम छिद्र छोटे होने के कारण, शिशुओं को घमौरी ज़्यादा होती है।
यदि आप गर्म और उमस भरे मौसम में रहती हैं, तो आपके बच्चे को घमौरी होने की संभावना हो सकती है । घमौरी सर्दियों में भी हो सकती हैं, यदि आपके बच्चे को बुखार है या यदि आपने उन्हें बहुत ज्यादा कपड़े पहनाए हों।
घमौरी आमतौर पर बच्चे के लिए दर्दनाक नहीं होती है। परन्तु उसकी वजह से थोड़ी परेशानी महसूस करते हैं। हालांकि, यह घमौरी की तीव्रता पर निर्भर करता है। यदि घमौरी गहरी है, तो यह दर्दनाक हो सकती है या फिर अगर बच्चा लगातार इसे खुजलाता रहेगा।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि बच्चे रोने के अलावा किसी भी तरह से अपनी परेशानी नहीं समझा सकते हैं। यही कारण है कि आपको बच्चे की त्वचा और उसके संकेतों पर लगातार ध्यान देने की आवश्यकता होती है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वह किसी भी असुविधा में नहीं है । अत्यधिक गर्मी के कारण होने वाली घमौरी के कारण स्ट्रोक भी हो सकता है।
घमौरी या मिलिरिया आपके बच्चे की त्वचा पर छोटे–छोटे लाल रंग के फुंसियों की तरह दिखती हैं। अन्य लक्षण हैं खुजली, रुग्णता और रोना। कपड़ों के रगड़ने से घमौरी और ज़्यादा परेशान करती है। दूसरी तरह के संक्रमण भी दिखाई दे सकते है, हालांकि यह बहुत कम होता है।
घमौरी आसानी से पहचाना जा सकता है और आमतौर पर इसके लिए चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, अगर घमौरी तीन से चार दिनों में ठीक नहीं होती है या आपके बच्चे को बुखार हो जाता है, तो आप डॉक्टर को जरूर बुलाएं।
यदि आपके बच्चे को घमौरी है, तो इन संकेतों के बारे में सावधान रहें:
घमौरी के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। हालांकि, आप अपने बच्चे को लाल घमौरी से संबंधित लक्षणों से राहत दिलाने के लिए निम्न कार्य कर सकती हैं:
अपने बच्चे के कपड़े उतारें या उन्हें ढीला कर दें पसीने से छुटकारा पाने और छिद्रों को साफ करने के लिए बच्चे को ठंडे पानी से नहलाएं। आप शरीर को साफ करने के लिए गीले कपड़े से भी पोंछ सकती हैं। इससे त्वचा का तापमान भी कम होगा।
अपने बच्चे की त्वचा को सुखाने के लिए तौलिये का उपयोग न करें। इसे स्वाभाविक रूप से सूखने दें और तापमान को कम करने के लिए पंखा चलाएं। घमौरी के लिए मलहम या क्रीम का उपयोग न करें, जब तक कि बाल रोग विशेषज्ञ ने आपको ऐसा करने के लिए नहीं कहा हो।
यह शिशु की देखभाल का एक महत्वपूर्ण पहलू है जिसे कई माता–पिता नज़रअंदाज कर देते हैं। आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके बच्चे की त्वचा ज़्यादा से ज़्यादा प्राकृतिक हवा के संपर्क में रहे। उन्हें कपड़े न पहनाएं या उन्हें कुछ नरम और ढीला कपड़ा पहनाएं।
आप शिशुओं की त्वचा पर घमौरियों के इलाज के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचारों का उपयोग भी कर सकती हैं:
घमौरी पर बर्फ के टुकड़ो को मलने पर बहुत आराम मिलता है। कपड़े में कुछ बर्फ के टुकड़े लपेटें और धीरे से घमौरी पर रखे । इसे लंबे समय तक दबाकर न रखें।
बेकिंग सोडा और पानी का घोल बनाएं। घोल में एक साफ कपडा डुबोएं और उससे प्रभावित जगह को पोंछिएं। इससे इन लक्षणों से काफी राहत मिलेगी। आप अपने बच्चे को एक बाल्टी पानी में 1 बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा मिला कर नहला सकती हैं।
पानी से भरे टब में एक कप जई का आटा मिलाएं और अपने बच्चे को इससे स्नान कराएं। जई को मिलाते ही पानी दूधिया हो जाएगा। ऑर्गेनिक जई का ही इस्तेमाल करें न कि वो जिनमें प्रिजर्वेटिव मिले होते हैं। अपने बच्चे को 15 से 20 मिनट तक नहलाएं और तौलिए से थपथपा कर सुखाएं।
एक अच्छी महक वाला विकल्प चंदन पाउडर है। यह आपके बच्चे की त्वचा को ठंडा करने और सभी लक्षणों को खत्म करने में मदद करता है। गुलाब जल और चंदन पाउडर के बराबर भागों को मिलाकर एक लेप बनाएं। लक्षणों को कम करने के लिए घमौरी पर इसे लगाएं। एक अन्य उपाय में 2 बड़े चम्मच धनिया पाउडर, 2 बड़े चम्मच चंदन का पेस्ट और थोड़ा गुलाब जल मिलाया जाता है।
मुल्तानी मिट्टी एक और उत्कृष्ट घरेलू उपचार है जिसका आप उपयोग कर सकती हैं। आपको बस इसे और गुलाब जल को मिलाकर एक गाढ़ा लेप बनाने की ज़रूरत है। फिर अपने बच्चे को खुजली से तुरंत राहत दिलाने के लिए घमौरी पर इस लेप को लगाएं।
नीम के पत्तों को पीसकर एक चिकना लेप बनाएं और उस लेप को प्रभावित जगह पर लगाएं। लेप को सूखने दें और ठंडे पानी से धो लें।
घृतकुमारी (एलोवेरा) का जेल भी घमौरी से राहत देने के लिए जाना जाता है। यदि आपके पास घर पर घृतकुमारी का पौधा है, तो आप पत्तियों से जेल को स्वयं निकाल सकती हैं यदि आप इसे बाज़ार से खरीद रही हैं, तो सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रे़ज़रवेटिव या रसायनों के बिना ऑर्गैनिक घृतकुमारी का उपयोग करें। आप सुरक्षित रूप से इस जेल को चेहरे और साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों पर घमौरी से राहत पाने के लिए लगा सकती हैं।
एक खीरे को कई स्लाइस में काटें और स्लाइस को अपने बच्चे की त्वचा पर लगाएं। आप तुरंत ठंडक देने के लिए खीरे को पीसकर घमौरी पर लगा सकती हैं।
यहाँ कुछ तरीके बताए गए हैं, जिनसे आप शिशुओं में होने वाली सामान्य घमौरी की रोकथाम कर सकती हैं:
उष्णकटिबंधीय, उमस वाले क्षेत्रों में रहने से हमेशा घमौरी होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि शिशु अपनी परेशानी जाहिर करने के लिए बहुत छोटे होते हैं, वे घमौरी निकलने पर अपनी परेशानी को व्यक्त करने में सक्षम नहीं होते हैं। यह माता–पिता पर निर्भर है कि वे बच्चे के पूरे शरीर की भलीभांति जांच करें और सतर्क रहें। यदि आपके शिशु को घमौरी हो गई हो तो ऊपर दिए गए सुझाव आपके बच्चे को राहत देने में मदद करेंगे।
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