बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों को स्वावलंबी बनाने के लिए 10 टिप्स

छोटे बच्चे किसी काम को समय पर करने और उसके लिए जिम्मेदार होने की अवधारणा को बहुत कम समझते हैं। कई बार ऐसा होता है कि सुबह स्कूल की बस आने का समय हो रहा होता है और बच्चा बिस्तर से भी उठने को तैयार नहीं होता। माता-पिता हर छोटी चीज के लिए उनके आगे-पीछे भागते रहते हैं और उनका हर काम करते हैं। ऐसे में वे अक्सर परेशान हो जाते हैं कि बच्चों को सजा दिए बिना उन्हें सही तरीके से स्वावलंबी कैसे बनाया जाए। यह बेहद महत्वपूर्ण है। बच्चे में स्वावलंबी बनने की प्रवृत्ति को विकसित करने में कुछ समय लगता है क्योंकि यह इच्छा उसे अंदर से जागृत करनी होती है । एक अभिभावक के तौर पर आप कुछ युक्तियों से अपने बच्चे को सही दिशा में प्रेरित कर सकते हैं ताकि वह स्वयं ही आत्मनिर्भर होने का प्रयास करे ।

बच्चों को स्वावलंबी होना क्यों सीखना चाहिए

आज भले ही आपका बच्चा छोटा सा हो लेकिन कल उसे बड़ा होना है। वयस्क होकर जीवन की जरूरतों का सामना करने के लिए उसे अच्छी तरह से तैयार होने की आवश्यकता है। इसके लिए अभी से उसे योग्य और कुशल बनाने की शुरुआत करनी होगी।

  • बच्चे अपने लिए क्या सही है यह समझने और चुनने के निर्णय में समय लेते हैं । शुरुआत से ही उनके सामने विकल्पों को प्रस्तुत करने से बच्चे स्वयं के बारे में बेहतर जानना शुरू कर सकते हैं और समझ सकते हैं कि वास्तव में उन्हें किस बात में आनंद मिलता है ।
  • जीवन में हमेशा सब कुछ अच्छा और आनंददायक नहीं होता है । ऐसे क्षण भी आएंगे जब आपका बच्चा वह करने में असफल होगा जिसकी उससे उम्मीद की गई थी।हालांकि अगर वह स्वावलंबी है तो वह अपनी गलतियों को पहचानेगा, सहयोग और संबल के लिए आपके पास आएगा, और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए मार्गदर्शन को स्वीकारेगा।
  • एक व्यक्ति के भीतर आत्म-सम्मान की भावना बहुत कम उम्र में विकसित हो जाती है। यह तब और मजबूत हो सकती है जब बच्चा खुद पर और खुद के फैसलों पर विश्वास करने लगे। आत्मनिर्भरता इस संबंध में मदद करती है।
  • पुस्तकों में जानकारी होती है लेकिन ज्ञान केवल क्रिया के द्वारा प्रदर्शित होता है। अपने बच्चे को एक खतरे की चेतावनी देने और उसके द्वारा इसका वास्तव में सामना करने के बीच का अंतर बहुत बड़ा है। स्वतंत्र होने के कारण आपका बच्चा खुद से चीजें सीखना शुरू कर देता है और एक व्यक्ति के तौर पर बेहतर तरीके से जानकार बनता है।

बच्चों को आत्मनिर्भर होना कैसे सिखाएं

बचपन का भरपूर आनंद लेते हुए भी आपके बच्चे को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षित करने के कई तरीके हैं।

1. उसे ऐसी जिम्मेदारियां दें जिन्हें वह संभाल सकता है

स्वावलंबी बनाने का अर्थ बच्चे को घर के पैसों को संभालने और बड़े निर्णय लेने के लिए कहना नहीं है । इसकी शुरुआत खुद से करने की आवश्यकता होती है और यही वह चीज है जहाँ आप अपने बच्चे की मदद कर सकते हैं। यदि आप पिकनिक की योजना बना रहे हैं तो छोटी-छोटी बातों में उसे मदद करने के लिए कहें। जैसे, उन वस्तुओं की एक सूची बनाना जिनकी आपको जरूरत पड़ सकती है या उसे स्वयं का बैग पैक करने के लिए कहना ।

2. अपने बच्चे की हर बात में सहायता करने से बचें

कई माता-पिता मार्गदर्शन को सहायता करना समझ लेते हैं। जिसे यदि वह कुछ काम या खेल में थोड़ा गलत कर रहा है या जरूरत से ज्यादा समय ले रहा है तो वे बच्चे के कार्यों में लगातार हस्तक्षेप करते हैं। शुरुआती उम्र में अपने बच्चे को कुछ निर्देशों या खुले विचारों वाले सुझावों से मार्गदर्शित करना अच्छा होता है जो उसे इस संभावना से अवगत कराता है कि कार्य को आसान तरीके से पूरा किया जा सकता है। जैसे-जैसे वह बड़ा होता है, बेवजह हस्तक्षेप करने के बजाय आवश्यकता पड़ने पर उसे स्वयं आपके पास आने दें।

3. सीमित विकल्पों वाले चुनाव की पेशकश करें

किसी रेस्तरां में जाकर बच्चे को पूछना कि वह क्या खाना चाहता है, उसके लिए काफी भारी प्रश्न हो सकता है क्योंकि रेस्तरां मेनू काफी विस्तृत होता है। इसके बजाय, मेनू के विकल्पों का एक समूह चुनें और उसे उसमें से चुनने के लिए कहें। सीमित विकल्पों के साथ शुरू करने से उसे आसानी से चुनाव करने और नए चुनाव के लिए तैयार करने में मदद मिल सकती है।

4. समय पर उसे अपने निर्णय लेने दें

हो सकता है कि आपको अपने बच्चे के बाहर खेलने जाने से पहले उसका होमवर्क पूरा कर लेना पसंद हो, जबकि उसे पहले खेलना पसंद हो सकता है और फिर अपना होमवर्क पूरा करना। बच्चे को छोटी-छोटी बातों में कुछ हद तक आजादी दें, जैसे कि क्या पहनना है या शाम को नाश्ते में क्या खाना है। और जब तक वह अपने किए वादे पूरा करता है, आपको कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

5. उसके प्रति सहानुभूति रखें

आपका बच्चा अभी आत्मनिर्भर होना सीख रहा है और यह उसके लिए भी आसान नहीं है। उसे डांटने या उसे नीचा दिखाने से बचें, भले ही वह कुछ ऐसा करने में विफल हो जो काफी आसान है। उसके बारे में कोई राय बनाए बिना सहारा देने और मदद करने के लिए उसके साथ मौजूद रहें।

6. असफलता को बड़ा मुद्दा न बनाएं

बच्चे असफल होंगे। वे गलतियां करेंगे और आपकी चेतावनियों के बावजूद भी वे उन्हें फिर कर सकते हैं। उनकी असफलता पर ध्यान केंद्रित करने से बचें। अपने बच्चे को बताएं कि वह क्या बेहतर कर सकता था, लेकिन उसके साथ विफलता को न जोड़ें। इससे उसके आत्मसम्मान में भारी बाधा आ सकती है।

7. उसे स्वतंत्र रूप से समस्याओं को हल करना सिखाएं

चाहे वह स्कूल से संबंधित समस्याएं हों अथवा भाई-बहन या दोस्तों के साथ की कोई समस्या, अपने बच्चे को बताएं कि कुछ बातों का समाधान स्वयं उसके द्वारा ही किया जाना है और आप इसमें उसकी मदद नहीं कर सकते। अगर जरूरत हो तो उसे स्थिति का एक अलग दृष्टिकोण प्रदान करके उसका मार्गदर्शन करें।

8. एक उचित दिनचर्या बनाएं

यदि वे क्रमवार नहीं सोचते हैं तो बच्चों को खुद के लिए निर्णय लेने में परेशानी हो सकती है। यह स्थिति उनके लिए एक निश्चित दिनचर्या स्थापित करके आसानी से संभाली जा सकती है। एक बार जब आपका बच्चा जान जाएगा कि किसी खास दिन और खास समय पर क्या करना है, तो वह यह सब खुद से करना शुरू कर देगा।

9. बातचीत करना सिखाएं

अनेक बच्चे दुनिया को जीत और हार की अवधारणा के तौर पर देखना शुरू कर देते हैं। अपने बच्चे को सुलह और समझौते से परिचित कराएं ताकि उसे अपने सामने आई परिस्थिति में से सबसे अच्छा निष्कर्ष निकालने की समझ शुरू होगी।

10. प्रोत्साहित करना ना भूलें

जब आपका बच्चा कही हुई बात को ठीक तरीके से और स्वयं से करता है, तो उसे यह बताने में संकोच न करें कि आपको उस पर कितना गर्व है। आपके बच्चे के व्यक्तित्व को सही तरीके से आकार देने में सकारात्मक प्रतिक्रिया बेहद जरूरी है और माता-पिता द्वारा प्रोत्साहन इस मामले में बहुत मायने रखता है।

एक नन्हे बच्चे को स्वावलंबी बनाने और बच्चों को खुद से कुछ क्रियाकलाप करना सिखाने के बीच काफी अंतर है। हालांकि जब एक बार आपका बच्चा स्कूल जाने के साथ वहाँ के माहौल का अभ्यस्त होने लगता है, तो आप प्यार से उसे खुद से कुछ सरल गतिविधियां करने के लिए कहना शुरू कर सकते हैं। ये आदतें धीरे-धीरे उसके भीतर आत्मनिर्भरता के बीज बो सकती हैं।

यह भी पढ़ें:

36 अच्छी आदतें – जो माता-पिता को अपने बच्चों को सिखानी चाहिएं

श्रेयसी चाफेकर

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