बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों को रात में सोते समय पसीना आने का कारण और उपचार

एक माँ के रूप में आप जानती ही होंगी कि आपके बच्चे की स्वस्थ जीवनशैली के लिए उसकी निरंतर नींद कितनी ज्यादा महत्वपूर्ण है। पूरे दिन की थकान के बाद आप अपने बच्चे के सोते समय उसकी मासूमियत को घंटों तक देखते हुए प्यार से उसके बालों को सहलाती ही होंगी और इसी में आपका सारा सुख छिपा होगा। क्या हो यदि आपका बच्चा सोते समय अस्वस्थ दिखाई दे या वह बिना कारण के पसीने में भीगा हुआ नजर आए? या पसीना आने के कारण आपके बच्चे की नींद खराब हो और सोते समय उसे असुविधा होती हो? जाहिर है यह सभी लक्षण आपके लिए एक बड़ी परेशानी का कारण हो सकते हैं जो आपके साथ-साथ आपके बच्चे की भी नींद खराब कर सकते हैं। परंतु निश्चिंत रहें, सोते समय छोटे बच्चों को पसीना आना एक साधारण बात है। यदि फिर भी आप इसके बारे में पूरी जानकारी लेकर बेफिक्र होना चाहती हैं तो इस लेख को पढ़ें।

सोते समय पसीना आने का क्या मतलब है

रात में सोते समय यदि आपका बच्चा भीगा हुआ हो या उसे सोने में असुविधा हो और उसका सिर गीला होने के कारण उसे खुजली हो रही हो तो इन सभी लक्षणों का कारण ‘पसीना’ है। हालांकि सोते समय बच्चे को पसीना आना कोई गंभीर समस्या नहीं है, यह आमतौर पर वातावरण में अधिक गर्मी या अधिक नमी की वजह से भी हो सकता है। एक वयस्क की तुलना में बच्चा अधिक गहरी नींद में सोता है। साथ ही बच्चों के शारीरिक तापमान को नियंत्रित करने की प्रणाली पूरी तरह से विकसित नहीं होती है। जिस कारण से उनके शरीर में पसीने की ग्रंथियां (ग्लैंड्स) अत्यधिक होती हैं और उन्हें अधिक पसीना आता है।

सोते समय बच्चों को पसीना आने के कारण

सोते समय बच्चों को पसीना आने के अनेक कारणों में एक कारण मौसम में अत्यधिक गर्मी भी हो सकती है। सोते समय आपके बच्चे को अत्यधिक पसीना आ सकता है जिसे आमतौर पर फोकल हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं, निश्चिंत रहें, यह कोई चिकित्सीय समस्या नहीं है। सोते समय बच्चों को ज्यादातर माथे, सिर, बगलों व पैरों में पसीना आता है और इसके अन्य क्या कारण हैं, आइए जानते हैं;

  1. बच्चों का बिस्तर अधिक मोटा या उसमें अत्यधिक कपड़े बिछे होने के कारण उन्हें पसीना आ सकता है।
  2. सोते समय बच्चों को टाइट और गर्म कपड़े पहनाने के कारण भी बच्चों को पसीना आता है।
  3. कमरे का तापमान अधिक गर्म रहने के कारण।
  4. कमरे में वेंटिलेशन की कमी होना।
  5. बच्चे को ऐसा संक्रमण होना जिस कारण से उसका शारीरिक तापमान बढ़ता है।
  6. बच्चों के द्वारा सेवन की जाने वाली दवाओं से भी उन्हें पसीना आ सकता है।
  7. गहरी नींद व बुरे सपने आने के कारण।
  8. बच्चे का असाधारण वजन जिसके कारण से शरीर में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  9. सोने से ठीक पहले मसालेदार और ज्यादा भोजन करने से।
  10. तापमान में परिवर्तन होना, यहाँ तक कि ए.सी. वाले कमरों में भी।
  11. नींद अश्वसन (स्लीप एप्निया) से पीड़ित होना, इस स्थिति में सांस कई बार रुक जाती है और फिर अचानक से शुरू हो जाती है।
  12. सोते समय खर्राटे जैसी समस्याएं होने के कारण।
  13. सर्दी व जुकाम में नाक बंद होने के कारण भी बच्चों को पसीना आ सकता है।
  14. बच्चों में चिंता व तनाव के कारण भी अधिक पसीना आने की संभावना होती है।

सोते समय बच्चों को अत्यधिक पसीना आने के लक्षण

सोते समय बच्चों को अधिक पसीना आता ही है लेकिन फिर भी आपको इस बात का खयाल रखने की आवश्यकता है कि अत्यधिक पसीना न आए। सोते समय अत्यधिक पसीना आने के कारण बच्चे की नींद खराब हो सकती है या वह रोना भी शुरू कर सकता है। इसलिए सोते समय बच्चे को सामान्य से अधिक पसीना आने के निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान दें।

  • सोते समय बच्चों का हांफना।
  • बच्चे की सांसें अनियमित हो सकती हैं।
  • बच्चे में दिनभर थकान व सुस्ती होना।
  • सोते समय बच्चे का मुँह खुला रहना।

सोते समय बच्चों को पसीना आने का निदान

यदि आपके बच्चे को सोते समय अत्यधिक पसीना आता है तो डॉक्टर से सलाह लेना ही एक उचित विकल्प है। डॉक्टर आपसे बच्चे के पूर्ण स्वास्थ्य और उसे पहले हुई बीमारियों के बारे में पूछ सकते हैं, इसके अलावा बच्चो में नींद से जुड़ी कुछ आदतें, घर का वातावरण, घर में वेंटिलेशन की सुविधा, बच्चे के कमरे का तापमान  इत्यादि पूर्ण जानकारी लेंगे। सभी जानकारियों को लेने के साथ-साथ डॉक्टर आपके बच्चे में बुखार, साइनस, कान के संक्रमण और अन्य बीमारियों की जांच भी कर सकते हैं।

सोते समय बच्चों को पसीना आने का उपचार

बच्चों में पसीने की समस्या के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है और इसका उचित निदान किए बिना भी डॉक्टर इसका उपचार नहीं बता सकते हैं। व्यक्तिगत स्तर पर, सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा हमेशा हाइड्रेटेड रहे। बच्चे को ऐसे कमरे में सुलाएं जहाँ सही वेंटिलेशन हो, सोते समय उसे ढीले और सूती कपड़े पहनाएं और साथ ही उसके बिस्तर पर बिछी हुई चादर भी पतली होनी चाहिए।

यदि डॉक्टर के अनुसार आपके बच्चे को किसी विशेष समस्या के कारण सोते समय अत्यधिक पसीना आता है तो डॉक्टर की सलाह लेकर उसे उपयुक्त दवाई दी जा सकती है। सही उपचार के लिए अपने बच्चे को नियमित रूप से समय पर दवाई दें।

क्या करें जिससे बच्चे को सोते समय पसीना न आए

जैसा कि पहले भी बताया गया है कि छोटे बच्चों को सोते समय अक्सर पसीना आता ही है और यह स्थिति उनकी बढ़ती आयु के साथ ही ठीक होने लगती है। किन्तु फिर भी यदि आपके बच्चे को लंबे समय तक अत्यधिक पसीना आता है या इससे उसे कोई समस्या होती है तो इसे बिलकुल भी नजर-अंदाज न करें। सोते समय बच्चों को पसीना न आए इसके लिए आप निम्नलिखित उपायों का उपयोग कर सकती हैं।

  1. सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे के कमरे का तापमान पूरी रात के लिए आरामदायक हो।
  2. मसालेदार और तीखा खाने से बच्चों के शरीर का तापमान बढ़ सकता है। इसलिए बच्चों को रात का भोजन बिलकुल भी मसालेदार और तीखा न दें, इससे उन्हें पसीना नहीं आएगा।
  3. बच्चे को भोजन के तुरंत बाद सोने न दें।
  4. बेहतर नींद के लिए बच्चे को सोने से पहले हल्की चहलकदमी करवाएं, इससे उसका भोजन पचेगा।
  5. सोते समय बच्चे को ढीले और आरामदायक कपड़े पहनाएं।
  6. बच्चे के कमरे या उसके बिस्तर पर अनावश्यक कंबल, रजाई जैसी गर्म चीजें न रखें।
  7. अपने बच्चे से खुलकर बातें करें। उसके तनाव व चिंताओं को समझें और सुलझाने का प्रयास करें।
  8. सभी लक्षणों के बारे में डॉक्टर से सलाह लें और चिकित्सा संबंधी समस्याओं का उपचार करने के लिए नियमित रूप से जांच करवाएं।
  9. यदि आपको ऐसा लगता है कि किसी दवा के प्रभाव के कारण बच्चे को रात में पसीना आता है, तो डॉक्टर से इसके बारें में बात करें, वह आपको इसके विकल्प में दवा दे सकते हैं।

क्या ऊनी बिस्तर बच्चे को सोते समय पसीने से निजात दिलाता है

आमतौर पर ऊन से बना बिस्तर बच्चों के लिए सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। ऊन में शरीर के तापमान को नियमित करने और उसे वातावरण के अनुकूल बनाने का एक प्राकृतिक गुण होता है। ऊन के गुण सर्दियों में गर्माहट का एहसास देते हैं और गर्मियों में यही ऊन ठंडक प्रदान करने वाली होती है। ऊन से बना बिस्तर बच्चे के पसीने को सोख लेता है और उसके शरीर को सूखा रखता है, इससे आपके बच्चे को पसीने के कारण कोई भी असुविधा नहीं होगी। ऊन बिस्तर को गीला और चिपचिपा होने से रोकती है जिससे आपका बच्चा गहरी नींद में सो सकता है।

सोते समय बच्चे को पसीना आने के कारण आप अधिक चिंतित हो सकती हैं। आप अपने बच्चे के कमरे का वातावरण सही रखें, सोते समय उसके कपड़े हल्के व पतले हों साथ ही आपके बच्चे का बिस्तर भी अनुकूल होना आवश्यक है। इससे आपके बच्चे को सोते समय किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी और उसकी नींद भी पूरी होगी। अपने बच्चे की निरंतर नींद के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें, इससे आपको अधिक मदद मिल सकती है।

सुरक्षा कटियार

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