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अपने बच्चे को अक्सर उल्टी करते हुए देखना किसी भी माता-पिता के लिए निस्संदेह चिंताजनक होता है। यह चिंता और भी तेजी से बढ़ती है यदि आप ये देखें कि आपका बच्चा लगातार उल्टियां कर रहा है और आप इसके कारण की पहचान नहीं कर पा रहे हैं। हो सकता है कि आप शुरुआत में उल्टी का कारण समझने में सक्षम न हों, लेकिन ध्यान से निरीक्षण करने पर इसकी वजह का पता लग सकता है।
बच्चों का शरीर संवेदनशील होता है और अभी उनकी इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता तैयार हो रही होती है इसलिए विभिन्न कारणों से उन्हें मतली महसूस हो सकती है जिससे अंततः वे उल्टी कर सकते हैं। बच्चों को उल्टी होने के कुछ कारण यहाँ दिए गए हैं।
यदि आप देखते हैं कि आपके बच्चे को रात में उल्टी होती है, तो यह इन कारणों और रात के खाने के तुरंत बाद सोने, साइनस की समस्या, अत्यधिक खांसी या रात में पेट में म्यूकस के जमा होने आदि जैसे अन्य कारणों से हो सकता है। दुर्लभ मामलों में, यह एक ट्यूमर का भी संकेत हो सकता है। इसलिए अगर यह समस्या बनी रहती है तो डॉक्टर से परामर्श करना उचित है।
सूखी उल्टी तब होती है जब आपके बच्चे को जिस तरह उल्टी आती है वैसे पेट में मांसपेशियां और मुँह सिकुड़ने का अनुभव होता है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि उल्टी हो ही। इसे उबकाई के रूप में भी जाना जाता है और यह एकाध उल्टी हो जाने के बाद हो सकता है या जब आपके बच्चे को जी मिचलाने जैसा महसूस हो तब हो सकता है। यह तनाव और परेशानी का संकेत भी हो सकता है।
जब तक कि किसी डॉक्टर ने इसकी सलाह न दी हो, तब तक अपने मन से बच्चे को कोई नुस्खे वाली या कोई और दवा न दें। अपने बच्चे को एस्पिरिन युक्त दवा न दें क्योंकि इससे रेये सिंड्रोम हो सकता है जो कि बच्चे के मस्तिष्क, हृदय और यकृत को प्रभावित करता है।
यदि आपके बच्चे को मतली आती है और उल्टी जैसा महसूस होता है, तो यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनसे आप उसे बेहतर महसूस करने और बेचैनी को कम करने में मदद कर सकते हैं।
१. खाने के लिए मजबूर न करें: यदि आपका बच्चा लगातार उल्टी होने के बाद कुछ भी नहीं खाना चाहता है, तो उसे खाने के लिए मजबूर न करें। अगर पेट को शांत करने के लिए वह एक समय का भोजन छोड़ देता है, तो इसमें कोई समस्या नहीं है। इसके अलावा, उसे ठोस आहार खिलाने से उसका पेट खराब हो सकता है और उसे बैचेनी हो सकती है।
२. खूब सारे तरल पदार्थ दें: उल्टी के कारण शरीर का डिहाइड्रेशन तेजी से हो सकता है, अगर साथ में दस्त हो रहे हों तो और भी तेज । उल्टी के कारण उसके शरीर ने सोडियम और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स भी खो दिए होंगे। उसे रिहाइड्रेट करने के लिए आपको उसे पानी में घुलने वाले ओ.आर.एस. के छोटे-छोटे घूंट देने की आवश्यकता होगी। यह उसे तब तक पर्याप्त कैलोरी भी प्रदान करेगा जब तक वह ठोस भोजन नहीं खा सकता। उसे बिल्कुल भी दूध या जूस न दें क्योंकि इसे पचाना मुश्किल हो सकता है।
३. आराम करने दें: लगातार उल्टी की वजह से आपके बच्चे को थकान महसूस हो सकती है और उसे अपनी ऊर्जा वापस पाने के लिए पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। उचित आराम से उसके शरीर को उस संक्रमण से लड़ने का समय भी मिल सकेगा, जिसकी वजह से उसे उल्टी हुई होगी।
४. डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं के नियम का पालन करें: डॉक्टर ने बच्चे के लिए विभिन्न दवाओं का एक नियम बनाकर दिया होगा। ये सुनिश्चित करने के लिए कि संक्रमण वापस न हो, दिए गए नुस्खे का पालन करें।
उल्टी करने के बाद आपके बच्चे के शरीर से वे पोषक तत्व बाहर निकल गए होंगे जो उसने खाए थे। हो सकता है कि उल्टी करने के तुरंत बाद उस बुरे अनुभव के कारण वह कुछ खाने को तैयार न हो। आपके बच्चे के शरीर में से ऊर्जा पूरी तरह से निकल न जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं।
१. पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन कराएं: बच्चे को उल्टी होने के बाद, कुछ घंटों के लिए आपको उसे पर्याप्त तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स देने की आवश्यकता होगी। उसे कोई ठोस आहार न दें क्योंकि इससे उसकी स्थिति और भी खराब हो सकती है।
२. तरल आहार शुरू करें: एक बार बेहतर महसूस करने के बाद अपने बच्चे को तरल आहार देना शुरू करना सर्वोत्तम है। आप उसे थोड़े नमक और बिना मसालों के साथ सब्जी या चिकन का थोड़ा सूप दे सकते हैं। चावल का पानी भी एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, दाल के पानी से बचें क्योंकि कुछ दालें पचने में भारी होती हैं। आप उसे कच्चे नारियल का थोड़ा पानी भी दे सकते हैं क्योंकि इसमें भरपूर अमीनो एसिड और खनिज होते हैं।
३. बिना मसाले का ठोस आहार दें: एक बार जब आपका बच्चा थोड़ा और ठीक हो जाए तो उसको सादे मसले हुए चावल और सब्जी या चिकन का सूप दिया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि आप उसे कोई बहुत अधिक रेशेदार सब्जियां न दें, जो पचाने में कठिन हों। आप सब्जियों को एक साथ मिला कर और उन्हें छान कर भी बच्चे के लिए सूप बना सकते हैं जो कि पचने में आसान और हल्का हो। अपने बच्चे को ठोस आहार देना शुरू करने के लिए, उल्टी होने के बाद आठ घंटे तक इंतजार करें।
४. उसे सामान्य भोजन दें: आपका बच्चा पूरी तरह से ठीक होने के बाद या उसकी अंतिम उल्टी के 24 घंटे बाद, आप उसे नियमित भोजन दे सकते हैं। आप उसे ब्रेड या अन्य खाद्य पदार्थों के साथ थोड़ी मात्रा में दूध दे सकते हैं। यदि वह खाने के बाद ठीक रहता है तो आप उसे सामान्य भोजन देना जारी रख सकते हैं।
नीचे कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं जो उल्टी के बाद आपके बच्चे को आराम पहुँचाने में मदद कर सकते हैं।
अधिकांश लोग कहते हैं कि आप अपने बच्चे को ठोस आहार देने के लिए उल्टी करने के बाद कम से कम 24 घंटे तक इंतजार करें। यदि आपका बच्चा इस बीच में उल्टी नहीं करता है और तरल आहार के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देता है, तो आप धीरे-धीरे उसे सुपाच्य ठोस भोजन दे सकते हैं।
बाहरी कारणों की वजह से अपने बच्चे को उल्टी न हो इसके लिए आप कुछ सावधानियों का पालन कर सकते हैं।
१. सुनिश्चित करें कि खाना स्वच्छ और स्वास्थ्यकर है: अपने रसोईघर को साफ रखें। अपने बच्चे का भोजन तैयार करने और परोसने के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तनों को कीटाणुरहित (स्टरलाइज) करें। यह संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया और वायरस को रोकने का एक तरीका है।
२. अपचन पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ कम दें: चॉकलेट, खट्टे फल और संसाधित खाद्य पदार्थ जैसे कुछ आहार आपके बच्चे में एसिड रिफ्लक्स पैदा कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा पहले इसका अनुभव कर चुका है, तो इन खाद्य पदार्थों से दूर ही रहना सबसे अच्छा है। इसके अलावा, अपचन से बचने के लिए अपने बच्चे को धीरे-धीरे खाना और भोजन को ठीक से चबाकर निगलना सिखाएं।
३. दवाओं के दुष्परिणाम जानें: यदि आपका बच्चा दवाएं ले रहा है, तो आपको इन दवाओं के कारण होने वाले किसी भी दुष्परिणाम के बारे में जांच करनी होगी। कुछ दवाओं के सेवन से उल्टी हो सकती है, खासकर अगर खाली पेट ली जाएं।
४. अपने बच्चे को होने वाली एलर्जी पर ध्यान दें: यदि अपने बच्चे को होने वाली किसी भी खाद्य एलर्जी के बारे में आप जानते हैं, तो उसे उस विशेष आहार को खाने से रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करें। इसके अलावा, सभी डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की सामग्रियों की जांच करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसमें कोई भी ऐसी सामग्री नहीं है जिससे आपके बच्चे को एलर्जी हो।
५. उन स्थितियों से दूर रहें जिनसे मोशन सिकनेस हो सकता है: यदि आपके बच्चे को मोशन सिकनेस होता है, तो उसे रोलर कोस्टर की सवारी कराने या तेज मोड़ वाली जगहों पर यात्रा करने आदि से बचें, जिसकी वजह से उसको चक्कर आ सकता है और वह उल्टी कर सकता है।
६. अपने बच्चे को हाइड्रेट रखें: दस्त के साथ होने वाली उल्टी शरीर में पानी की मात्रा को कम कर सकती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप उसे हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ पिलाते रहें।
यदि बच्चे में कोई विषाक्त पदार्थ खा लिया और उसके बाद वह उल्टी करना शुरू कर देता है तो सर्वोत्तम उपाय जानने के लिए आपको डॉक्टर को तुरंत फोन करना होगा। यदि आप पहचान सकें कि उसने क्या खाया है, तो इसे अच्छी तरह याद रखें और डॉक्टर को उसकी ठीक-ठीक जानकारी दें। डॉक्टर खाए हुए पदार्थ के आधार पर आपको बता पाएंगे कि आपको क्या करने की जरूरत है।
उल्टी किसी संभावित गंभीर समस्या की सूचक हो सकती है। निम्नलिखित मामलों में, अपने बच्चे के लिए सही उपचार प्राप्त करने के लिए हमेशा डॉक्टर से परामर्श करें।
उचित स्वच्छता और स्वस्थ भोजन बच्चों में उल्टी के खतरे को कम करने का एक अच्छा तरीका है। हालांकि यदि अन्य स्थितियां अक्सर आपके बच्चे की उल्टी का कारण बनती हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि आप डॉक्टर से परामर्श करें।
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