बच्चों में ब्लॉक्ड टियर डक्ट होना

बच्चों में ब्लॉक्ड टियर डक्ट होना

पीले रंग के डिस्चार्ज होने से लेकर आँखों में इन्फेक्शन और ब्लॉक्ड टियर डक्ट तक यह सभी बच्चे के लिए असुविधा का कारण बनते हैं, जो माता-पिता के लिए चिंता का कारण बनती है। जब डक्ट पूरी तरह से ब्लॉक हो जाते हैं, तो आँसू ठीक से नहीं निकलते हैं, जिससे डक्ट में सूजन हो जाती है या इंफेक्टेड हो जाती है। बच्चों में होने वाले ब्लॉक्ड टियर डक्ट के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।

ब्लॉक्ड टियर डक्ट क्या है? 

ब्लॉक्ड टियर डक्ट एक ऐसी कंडीशन है (जहाँ आँखों में एक छोटे ट्यूब के माध्यम से आँसू बहता है) जो इसे ब्लॉक कर देता है या ये ठीक से नहीं खुल पाती है। ब्लॉक्ड टियर डक्ट की समस्या आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद पहले दो हफ्तों के दौरान देखी जा सकती है। जब बच्चे के आँखों से ‘पानी’ आने लगता है, तो उसमें से आपको पीला और सफेद रंग का डिस्चार्ज होने लगता है और कभी कभी इस डिस्चार्ज के कारण पलकें भी चिपक जाती हैं।

बच्चों में ब्लॉक्ड टियर डक्ट की समस्या कितनी कॉमन है? 

लगभग 100 में से छह बच्चों को जन्म के बाद ब्लॉक्ड टियर डक्ट की समस्या से प्रभावित होते हैं। अवरुद्ध आंसू नलिकाओं से प्रभावित होते हैं। यह बच्चे जे जन्म के पहले ही साल हो सकता है, लेकिन साथ ही ये आँखों की प्रॉब्लम का कारण नहीं बनते हैं। 

ब्लॉक्ड टियर डक्ट होने का क्या कारण है 

बच्चों में ब्लॉक्ड टियर डक्ट होने के कुछ कॉमन कारण इस प्रकार दिए गए हैं-

  • जब टियर डक्ट के अंत में टिश्यू खुल नहीं पाते हैं।
  • आँखों में इन्फेक्शन होना।
  • जब नाक की हड्डी असामान्य रूप से बढ़ने लगती है, जिससे टियर डक्ट पर प्रेशर पढ़ने लगता है, जो इसे सील कर देती है। 
  • आँखों के कोनों के पास अंडरडेवलप ओपनिंग होना, जहाँ आँसू निकलते हैं।

बच्चों में ब्लॉक्ड टियर डक्ट होने के संकेत और लक्षण 

ब्लॉक्ड टियर डक्ट के लक्षण आमतौर पर जन्म के बाद शुरुआती कुछ हफ्तों में दिखाई दे सकते हैं।

  • आँखों के कोनों से पीला या सफेद डिस्चार्ज होना
  • आँखों में लाली और सूजन होना
  • ऑंखों से पानी आना
  • आँसुओं का बह कर गाल तक आ जाना
  • एपिफोरा (अत्यधिक आँसु आना)
  • नाक के किनारे के पास एक नीला गांठ होना 
  • आँखों के अंदर के कोने के पास सूजा हुआ नीली गांठ पड़ना (जिसे डैक्रिसियोस्टाइल के रूप में भी जाना जाता है)
  • तेज बुखार के साथ आँखों का इन्फेक्शन होना, आँखों में म्यूकस या मवाद होना

निदान और परीक्षण 

बच्चों में ज्यादातर ब्लॉक्ड टियर डक्ट की कंडीशन नेचुरली समय के साथ ठीक हो जाती है। हालांकि, कभी-कभी क्रॉस चेक करने के लिए टेस्ट और निदान कराने में कोई बुराई नही है। यहाँ आपको तीन टेस्ट के बारे में बताया गया है जो ब्लॉक्ड टियर डक्ट का निदान करने में मदद करते हैं :

  • टियर ड्रेनेज टेस्ट – सही तरीके से आँसू निकल रहा है या नहीं, इसकी जाँच के लिए आपके बच्चे की आँखों पर एक स्पेशल डाई लगाया जाता है। यदि डक्ट में कुछ भी है जो उसके मार्ग को ब्लॉक कर रहा है, तो डाई पाँच मिनट बीत जाने के बाद भी आँखों की सतह पर बनी रहती है।
  • एक्स-रे एग्जाम – एक्स रे या सीटी स्कैन के जरिए डाक्रियोसिस्टोग्राम (टियर डक्ट एरिया) की जाँच की जाती है, ताकि ब्लॉक्ड टियर डक्ट का पता लगाया जा सके। इसका फॉलो अप लेने के लिए एमआरआई कि जा सकती है, ताकि ब्लॉकेज की लोकेशन और उसके कारण का पता लगाया जा सके।
  • मेडिकल इवैल्यूएशन – डॉक्टर यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि आपकी फैमिली हिस्ट्री में ब्लॉक्ड टियर की समस्या तो नहीं रही है। फिजिकल एग्जामिनेशन और ओफ्थलमिक एग्जामिनेशन किया जा सकता है, ताकि ब्लॉक्ड डक्ट के अन्य कारणों का पता लगाया जा सके। 

अपने बच्चे में ब्लॉक्ड टियर डक्ट की समस्या का इलाज कैसे करें 

ब्लॉक्ड टियर डक्ट आमतौर पर अपने आप ही ठीक ही जाता है। लेकिन फिर भी आप इसका कोई हल चाहती हैं तो यहाँ ऐसे चार ट्रीटमेंट बताए गए हैं, जो मददगार साबित हो सकते हैं। 

  1. सर्जिकल प्रोबिंग – सर्जिकल प्रोबिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो हॉस्पिटल में सर्जरी के जरिए ब्लॉक्ड टियर डक्ट को मैन्युअली खोलने के लिए की जाती है। यह एक आउटपेशेंट के आधार पर किया जाता है, और अगर आपके बच्चे को सीवियर इन्फेक्शन हो गया है, तो आपको उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराना चाहिए। अगर आपके बच्चे सीवियर इन्फेक्शन हुआ होगा तो डॉक्टर खुद आपसे बच्चे को हॉस्पिटल में एडमिट होने के लिए कहेंगे। यह प्रोसीजर लगभग 10 मिनट तक जारी रहता है। 
  2. सिलिकॉन ट्यूब इंटुबेशन – सिलिकॉन ट्यूब को टियर डक्ट में डाला जाता है ताकि इसे स्ट्रेच किया जा सके और खोला जा सके। इस ट्यूब को छह महीने तक रखा जाता है और बाद में सर्जरी द्वारा हटा दिया जाता है।
  3. बैलून कैथेटर डिलेशन (डिसीपी) – बैलून को आँखों के कोने से टियर डक्ट में इंसर्ट किया जाता है और टियर डक्ट को खोलने के लिए स्टेराइल सलूशन का उपयोग किया जाता है। जिसे बाद में आँखों से रिमूव कर दिया जाता है।
  4. एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स – यदि इन्फेक्शन फैलता है, तो डॉक्टर इसके लिए आई ड्रॉप या आँखों के लिए मलहम दे सकते हैं। यह ड्रॉप ब्लॉक्ड टियर डक्ट से इन्फेक्शन को खत्म करने और हानिकारक बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करते हैं।

बच्चों में होने वाले ब्लॉक्ड टियर डक्ट को दूर करने के लिए घरेलू उपचार

यह घरेलू उपचार भी सर्जिकल ट्रीटमेंट की तरह ही असरदार होते हैं और बेहतर रूप से काम करते हैं। अपने बच्चे के लिए सर्जिकल प्रोसीजर का ऑप्शन चुनने से पहले इन होम रेमेडी को आजमा कर देखें।

  1. ब्रेस्ट मिल्क – ब्रेस्टमिल्क की कुछ ड्रॉप को ब्लॉक्ड टियर डक्ट का ट्रीटमेंट करने के लिए उपयोग करें और उन्हें धीरे-धीरे रिकवर होते हुए देखें।
  2. टियर डक्ट मसाज – अपने डॉक्टर से यह पूछें कि अपने बच्चे के लिए ब्लॉक्ड टियर डक्ट से राहत पाने के लिए मसाज कैसे करें। आप डक्ट को साफ करने के लिए नाक के ऊपरी क्षेत्र के साथ टियर डक्ट के बीच हल्का सा प्रेशर डालें। आप इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहरा सकती हैं।  
  3. वार्म कंप्रेस – एक नरम, साफ वॉशक्लॉथ लें और इसे गर्म पानी में डुबोएं। धीरे से डक्ट के अंदरूनी हिस्से को पोंछें और बाहर की ओर ले जाएं ताकि पार्टिकल्स आँख के अंदर न जाए। अगर बच्चे के दोनों डक्ट ब्लॉक्ड हो जाते हैं, तो आप दूसरे साफ वॉशक्लॉथ का इस्तेमाल करें या इस प्रक्रिया को रिपीट करने के लिए कॉटन बॉल का इस्तेमाल करें। 

बचाव

सावधानी बरतना इलाज से बेहतर है। यहाँ आपको कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अपने बच्चे के ब्लॉक्ड टियर डक्ट की समस्या को रोक सकती हैं। 

  • अपने हाथ धोएं – हाइजीन बनाएं रखने के लिए बच्चे की आँखों को साफ करने से पहले और बाद में अपने हाथ जरूर धोएं। 
  • नियमित रूप से मसाज करें – जरूरी नही है कि जब आपके बच्चे को ब्लॉक्ड टियर डक्ट की समस्या हो तभी मसाज किया जाए। आप शुरुआत से मसाज कर सकती हैं, ताकि टियर डक्ट जे ब्लॉक होने की समस्या पैदा ही न हो।
  • एंवायरमेंट फैक्टर – टियर डक्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए बच्चे को धूप, ठंड और हवा के संपर्क में लाने से बचें।
  • उनकी आँखें पोंछे – कॉटन बॉल का इस्तेमाल करते हुए बच्चे की ऑंखों से निकलने वाले डिस्चार्ज को रेगुलर साफ करें, खासकर बाहरी हिस्से को। 

एक ब्लॉक्ड टियर डक्ट को लेकर बहुत चिंता करने की जरूरत नहीं है। ऐसा कई बच्चों के साथ होता है। ऊपर बताई गई रेमेडी आपके काफी काम आ सकती है, इन्हें अपनाएं और बच्चे को ठीक होते हुए देखें।

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