शिशु

बच्चों में बुखार के लिए 10 सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचार

बचपन में रोग प्रतिरोधक क्षमता अत्यधिक कमजोर होने के कारण बच्चे अक्सर संक्रमित हो जाते हैं जिससे उन्हें बुखार आ सकता है। बच्चों में थोड़ा-बहुत बुखार होना स्वाभाविक है किंतु यदि उनमें अधिक दिनों तक बुखार रहता है तो इसका गंभीर कारण भी हो सकता है। यदि आपके बच्चे को भी बुखार है तो चिंता न करें इस लेख के माध्यम से बच्चों में बुखार के लिए कुछ घरेलू उपचारों के बारे में बताया गया है।

बच्चों में बुखार के लिए आसान घरेलू उपचार

मौसम में बदलाव या संक्रमण के कारण बच्चों को बुखार। जल्दी ही आ सकता है किन्तु यदि समय पर उनका इलाज न किया जाए तो यह घातक रूप भी ले सकता है। अपने बच्चे में बुखार को खत्म करने के लिए निम्नलिखित उपचारों को करके देखें।

१. ठंडे पानी की पट्टियां

यदि आपके बच्चे में तेज बुखार है तो आप सोते समय एक साफ कपड़े को गीला करके पट्टी के रूप में उसके माथे पर रख सकती हैं। इस गीली पट्टी से आपके बच्चे का शारीरिक तापमान कम हो जाएगा और उसकी असुविधा भी कम होगी। यह बुखार कम करने के उपचारों में से एक है।

२. गुनगुने पानी से स्नान

यदि आपके बच्चे को अचानक ही अत्यधिक तेज बुखार चढ़ गया है तो उसे कम करने के लिए आप अपने बच्चे को गुनगुने पानी से नहला सकती हैं या स्पंज को गुनगुने पानी से गीला करके उसके शरीर को पोंछ सकती हैं। ऐसा करने से बच्चे का शारीरिक तापमान उसके शरीर से पानी सूखने के साथ ही कम हो जाएगा। इस बात का खयाल रखें कि अपने बच्चे को सामान्य पानी या ठंडे पानी से बिलकुल भी न नहलाएं, इससे उसका बुखार अत्यधिक तापमान में बढ़ सकता है और उसे असुविधा भी हो सकती है।

३. तरल पदार्थ दें

बच्चे को तेज बुखार के दौरान खूब सारा पानी, दही या जूस दें, इससे भी आपके बच्चे का बुखार कम हो सकता है।

४. उपयुक्त वस्त्र चुनें

बुखार के दौरान बच्चे को अत्यधिक कपड़े न पहनाएं, उसे हल्के व ढीले-ढाले कॉटन के कपड़े पहनाकर रखें ताकि शरीर ऑक्सीजन के संपर्क में रहे। यदि आवश्यकता हो तो पंखा खुला रखें। यदि आप कहीं बाहर हैं तो बुखार में अपने बच्चे को सूर्य की किरणों के संपर्क से बचाकर रखें।

५. प्याज का उपयोग करें

बच्चों में बुखार कम करने के लिए प्याज का उपचार भारतीय घरों में लोकप्रिय है। यह शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है और बुखार के कारण होने वाले शारीरिक दर्द से भी राहत देता है।

बच्चों में बुखार कम करने के घरेलू उपचारों में से प्याज का उपचार अत्यधिक लोकप्रिय और आम है। यह शरीर के तापमान को कम करने के साथ-साथ शारीरिक दर्द में भी राहत प्रदान करता है।

  • प्याज को काटकर बच्चे के पैरों में लगभग 2 मिनट तक रगड़ें।
  • यह उपचार आप दिनभर में 2 बार कर सकती हैं।

इसके अलावा आप अपने बच्चे को खाने के लिए प्याज का रस भी दे सकती हैं।

  • प्याज को काटकर पीस लें और इसका रस निकाल लें।
  • दिन भर में 2-3 बार अपने बच्चे को यह रस पीने को दें।

कहा जाता है इस नुस्खे से भी बच्चे का बुखार कम हो सकता है।

६. अदरक के पानी से स्नान

लगभग 2 बड़े चम्मच अदरक के पाउडर को एक टब पानी में मिलाएं और इस पानी से अपने बच्चे को नहलाएं। यह पानी बच्चों के शरीर से गंदगी निकालने और पसीना आने में मदद करता है जिससे आपके बच्चे का बुखार कम होने में मदद मिलेगी। यह बच्चों में वायरल संक्रमण से पीड़ित बुखार के लिए अधिक प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।

७. सरसों का तेल और लहसुन की मालिश

अदरक के समान, सरसों के तेल और लहसुन का मिश्रण भी बच्चे के शारीरिक पसीने और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करने के लिए अधिक प्रभावी उपचारों में से एक है।

  • इसका उपयोग करने के लिए 2 बड़े चम्मच सरसों का तेल माइक्रोवेव में लगभग 30 सेकंड या आंच में कुछ देर के लिए गर्म करें।
  • अब हल्के गुनगुने सरसों के तेल में एक चम्मच लहसुन का पेस्ट डालें और अच्छी तरह से मिलाएं। गर्म तेल होने के कारण लहसुन सरलता से मिश्रित हो जाएगा।
  • लगभग 2 मिनट के लिए मिश्रण को यूं ही रखा रहने दें ताकि उसका तापमान सामान्य हो जाए।
  • अंत में इस मिश्रण से बच्चे के पूरे शरीर, पीठ, गर्दन, हथेली और पैरों में मालिश करें।
  • लगभग २ मिनट के लिए इस मिश्रण को रख दें ताकि यह कमरे के तापमान के अनुकूल हो जाए।

मालिश करने से आपके बच्चे का बुखार तो कम होगा ही साथ ही उसे शारीरिक आराम भी मिलेगा और उसे अच्छी नींद भी आएगी।

८. अंडे का सफेद भाग

अंडे के सफेद भाग के गुण अपने आस-पास की गर्मी को अवशोषित करने में सक्षम होते हैं जिस कारण से यह सफेद भाग सूख जाता है

  • अंडे के पीले भाग को अलग कर, बचे हुए अंडे के सफेद भाग को अच्छी तरह फेंटे।
  • फेंटे हुए अंडे में दो छोटे नैपकिन डुबोकर लगभग एक मिनट के लिए रखें।
  • भिगोई हुई नैपकिन को अपने बच्चे के पैरों के चारों ओर लपेट दे।
  • लगभग एक घंटे के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें, धीरे-धीरे बुखार काम होने लगेगा।

९. नींबू और शहद

नींबू और शहद के गुण इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं, इसके उपचार के लिए;

  • नींबू के रस में थोड़ा शहद और आधा चम्मच अदरक का पाउडर मिलाएं।
  • अपने बच्चे को एक चम्मच मिश्रण दिनभर में लगभग 2 बार दें।

१०. किशमिश का इस्तेमाल

किशमिश बुखार खत्म करने की अद्भुत क्षमता रखता है, इसका इस्तेमाल टाइफाइड, वायरल बुखार, सामान्य बुखार जैसे आदि में किया जाता है। बुखार में किशमिश खाने के दो बड़े लाभ हैं, पहला- रोगी के शरीर से विषैले संक्रमण नष्ट हो जाते हैं और दूसरा- बुखार की वजह से आई कमजोरी दूर हो जाती हैं।

  • किशमिश को पानी में भिगो दें।
  • जब यह मुलायम हो जाए तो इनमे से रस निकाल लें।
  • इस रस को एक कप में इकट्ठा कर लें और इसे बच्चे को पिला दें, इससे उसे आराम मिलेगा।

कुछ अतिरिक्त सुझाव

बच्चों में बुखार से संबंधित अनेक अलग-अलग धारणाएं हैं, उनके बुखार का उपचार करते समय निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातों का खयाल रखें;

  • जब बच्चे की इम्युनिटी अत्यधिक कमजोर हो जाती है और उसका शरीर बाहरी वायरस और बैक्टीरिया से बचाव करने में सक्षम नहीं होता है। उस दौरान संक्रमण के कारण बच्चे का शारीरिक तापमान और सूजन बढ़ता है जिस वजह से उसे बुखार आता है।
  • यह ध्यान रखें कि बुखार का सामना करना मानव शरीर के विकास का एक स्वाभाविक हिस्सा है क्योंकि हर बार ऐसा होने पर, इसकी इम्युनिटी और भी मजबूत होती जाती है। बुखार कोई गंभीर बीमारी का संकेत नहीं है, लेकिन जब तापमान बहुत अधिक हो जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है साथ ही या अन्य लक्षण भी दिखने लगते है।
  • यदि 12 सप्ताह से कम उम्र के शिशु को बुखार आए तो इसे अधिक गंभीरता से लें। यह आपके बच्चे के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकता है। हालांकि 3 महीने से बड़े बच्चों के लिए, बुखार 39.5 डिग्री सेल्सियस (103.5 फारेनहाइट) से कम ही रहना चाहिए। और बुखार के साथ यदि अन्य कोई लक्षण नहीं दिखते हैं तो कोई परेशानी की बात नहीं है।
  • यदि आपको शिशु को उच्च तापमान में बुखार के साथ सुस्ती, उल्टी, दस्त, जैसे आदि लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको तुरंत अपने चिकित्सक से मिलना चाहिए।
  • बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लिए बिना अपने बच्चे को कोई भी दवाइयां न दें। 6 महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए आइबूप्रोफेन दवा असुरक्षित है क्योंकि इसके हानिकारक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि अत्यधिक आइबूप्रोफेन का सेवन पाचन तंत्र और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • दवाओं के बारे में अपने बालरोग विशेषज्ञ से जरूर परामर्श लें। इन दिनों विशेष रूप से शिशुओं के लिए बनाई जाने वाली हल्की दवाएं उपलब्ध हैं। एसिटामिनोफेन शिशुओं के लिए सबसे सुरक्षित दवा है।
  • अपने डर पर नियंत्रण रखें। गर्म शरीर का मतलब हमेशा बुखार नहीं होता हैं, बल्कि गर्म कमरे में होने के कारण या ज्यादा कपड़े पहनने के कारण तापमान में वृद्धि हो जाती है। 36 और 38 डिग्री सेल्सियस (97-104 फारेनहाइट) के बीच का तापमान, भले ही उच्च हो, लेकिन यह मानव शरीर के सामान्य तापमान की सीमा के भीतर ही आता है।
  • मरक्युरी से भरे थर्मामीटर का उपयोग करने से बचें क्योंकि, वे आपके और आपके बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।इसके बजाय डिजिटल थर्मामीटर का ही उपयोग करें क्योंकि यह ज्यादा एक्यूरेट होता है।
  • किसी भी थर्मामीटर का उपयोग करने से पहले, इसे ठंडे पानी या कीटाणुनाशक से अच्छी तरह साफ करें।
  • एक मलाशयी (रेक्टल) थर्मामीटर का उपयोग करते समय, अपने बच्चे को अपने घुटनों के ऊपर पेट के बल लिटाए और पेट्रोलियम जेली से मालिश करें। अब इस थर्मामीटर को शिशु के आंतरिक शरीर में 1/2 से 1 इंच तक अंदर रखें और उसे अपनी उंगलियों से तब तक पकड़े रहें, जब तक कि तापमान दर्ज होने की आवाज न आए।

जाहिर है एक माता-पिता के लिए उनके बच्चे का इस तरह से बुखार में होना अधिक पीड़ादायक हो सकता है। अपने बच्चे के बुखार के लिए ऊपर दिए हुए उपचारों का उपयोग करें और यदि फिर भी आपके बच्चे को आराम नहीं मिलता है तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।

सुरक्षा कटियार

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