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यदि आपके शिशु को पॉटी करने में अत्यधिक कठिनाई होती है या वह ठीक से पॉटी नहीं कर पा रहा है तो संभवतः वह कब्ज से पीड़ित है। कब्ज कई कारणों से हो सकता है, जैसे भोजन की आदतों में बदलाव, फार्मूला दूध या कोई दूसरी बीमारी। आप अपने बच्चे में कब्ज की समस्या को खत्म करने के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचारों को अपना सकती हैं।
बच्चों में कब्ज की समस्या होने पर कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जिनसे आपके बच्चे को अधिक असुविधा हो सकती है;
आपके लिए अपने बच्चे को दर्द या परेशानियों से घिरा हुआ देख पाना अधिक कष्टप्रद हो सकता है। बच्चों में कब्ज की समस्या को खत्म करने के लिए कुछ प्रभावी व घरेलू उपचार यहाँ दिए हुए हैं, आइए जानते हैं:
वयस्कों की तरह ही बच्चों को भी कब्ज की समस्या फाइबर की कमी से होती है। सेब में ‘पेप्टीन’ नामक एक घुलनशील फाइबर पाया जाता है जो कब्ज को ठीक करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आप छिलके सहित सेब का जूस बनाकर बच्चे के दूध की बोतल या सिपर में डालकर उसे पीने के लिए दे सकती हैं। बच्चे को दिनभर में 1 बोतल सेब का जूस देने से उसे कब्ज की समस्या से निजात मिलेगा और साथ ही उसे पॉटी करने में भी कोई कठिनाई नहीं होगी।
कब्ज से ग्रसित बच्चों में आलूबुखारा का जूस काफी प्रभावी होता है। आलूबुखारा में प्राकृतिक रेचक मौजूद होता है जिससे बच्चों में कब्ज की समस्या खत्म होती है और उनके पेट को अधिक आराम मिलता है। आलूबुखारा के जूस से आपके बच्चे में कब्ज की समस्या लगभग 4-5 घंटों में ठीक होने की संभावना होती है।
यदि आपके बच्चे की उम्र एक वर्ष से अधिक है, तो ब्राउन शुगर का घोल कब्ज के इलाज में चमत्कार कर सकता है। आप लगभग 3 चम्मच पानी में आधा छोटा चम्मच ब्राउन शुगर मिलाकर घोल बना लें और बच्चे को पिलाएं। आप यह घोल अपने बच्चे को दिन में दो बार दे सकती हैं। यह सलाह दी जाती है कि बच्चे के इलाज के लिए आप सफेद चीनी के बजाय ब्राउन शुगर या ताड़ की चीनी का उपयोग करें।
यदि आपका बच्चा रोजाना मल त्याग न होने से पीड़ित है अथवा उसे मलत्याग में कठिनाई होती है तो इसमें ऑर्गेनिक नारियल का तेल सचमुच बेहतरीन कार्य करता है। अगर आपके बच्चे की उम्र छह महीने से अधिक है तो आप उसके भोजन में दो से तीन मिलीलीटर नारियल का तेल मिला सकती हैं। यदि आपका शिशु छह महीने से कम का है, तो मलत्याग को तकलीफरहित बनाने के लिए आप उसकी गुदा के चारों ओर नारियल का तेल लगा सकती हैं।
6 महीने से अधिक आयु के बच्चों में कब्ज की समस्या को कम करने के लिए टमाटर बेहद फायदेमंद है। आप बच्चे की आंतों को मुलायम बनाने के लिए उसे टमाटर का रस दे सकती हैं। एक कप पानी के साथ एक छोटा सा टमाटर उबालें और इस मिश्रण को ठंडा करने के बाद छान लें। कब्ज से राहत के लिए शिशु को प्रतिदिन 3 से 4 चम्मच यह मिश्रण दें।
सौंफ के बीज विभिन्न स्वास्थ्यकर लाभों के लिए जाने जाते हैं और साथ ही यह पाचन संबंधी समस्याओं के उपचार में बहुत प्रभावी होते हैं। आप एक कप पानी में एक चम्मच सौंफ के बीज उबाल कर, पानी ठंडा कर लें और फिर छानकर इसे अपने बच्चे को दिन में तीन से चार बार दें। यदि आपका बच्चा 6 महीने से कम आयु का है तो उसके लिए आप दिनभर में लगभग 2 बार सौंफ का उपयोग करें।
पपीते में अत्यधिक फाइबर होता है और यह कब्ज के इलाज में भी बहुत प्रभावी है। छह महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए पपीता कब्ज दूर करने का एक बेहतरीन उपाय है। बच्चे में कब्ज की समस्या को ठीक करने के लिए आप उसे पपीते की प्यूरी या स्मूदी दे सकती हैं। यदि आपका बच्चा थोड़ा बड़ा है तो उसे पपीता खिला सकती हैं।
नाशपाती में पेक्टिन और फाइबर अधिक मात्रा में होता है।आप इसे कद्दूकस करके इसका रस निकाल लें और अपने बच्चे को दें। खयाल रहे बच्चे को नाशपाती का पतला रस देना ही बेहतर विकल्प है। लगभग 1/4 कप रस में पानी की समान मात्रा मिलाएं और यह मिश्रण अपने बच्चे को पीने के लिए दें। यह आपके बच्चे में कब्ज की समस्या को ठीक करता है और उसे मल-त्याग में भी आराम देता है। आप अपने बच्चे को 4 माह की आयु के बाद से नाशपाती दे सकती हैं।
आपके बच्चे के आहार में तरल पदार्थों की कमी या उसके द्वारा पर्याप्त तरल का सेवन न करने के कारण कब्ज हो सकता है। यदि आपका बच्चा 6 माह से अधिक आयु का है, तो उसके आहार में पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ शामिल करें। आपके बच्चे के आहार में सूप, फलों का रस, दूध व पानी जैसे तरल पदार्थ शामिल कर सकती हैं। आपके बच्चे के शरीर में पर्याप्त जल की मात्रा उसे कब्ज में अधिक आराम दे सकती है।
गुनगुने पानी से स्नान करने से तनावग्रस्त मांसपेशियां शांत और हल्की हो जाती हैं। कब्ज की समस्या में गुनगुने पानी से स्नान करने से अधिक आराम मिल सकता है। अपने बच्चे के बाथटब को गुनगुने पानी से भरें और उसमें कुछ चम्मच बेकिंग सोडा डालें। यह मलाशय की मांसपेशियों को खोलने और मांसपेशियों को काम करने में मदद करता है।
पेट की मालिश शिशुओं में आंत की मांसपेशियों उत्प्रेरित करने का एक शानदार तरीका है। बच्चे में कब्ज की समस्या ठीक करने और उसके पेट को हल्का करने के लिए उसके पेट पर गोलाई में हल्के हाथों से मालिश करने की सलाह दी जाती है। मालिश के लिए आप किसी भी अच्छे बेबी ऑइल का इस्तेमाल कर सकती हैं।
वयस्कों की तरह बच्चों में भी कब्ज की समस्या को ठीक करने या मल त्याग को हल्का करने के लिए इधर-उधर घूमने या व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। यदि आपका बच्चा घुटनों के बल चलता है, तो आप अपने बच्चे को घर में घूमने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं। लेकिन यदि आपका बच्चा ज्यादा छोटा है, तो आप उसके पैरों को आगे-पीछे करके, गोलाई में अथवा पंपिंग गति में ले जाकर व्यायाम करने में मदद कर सकती है। नवजात शिशु के कब्ज के उपचार का यह सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है।
बच्चे पर कोई भी घरेलू उपचार आजमाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। यदि आपका शिशु ठीक से दूध नहीं पी रहा है, उसका वजन कम हो रहा है या मल में रक्त आ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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