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बड़ों की तुलना में बच्चों को डिहाइड्रेशन होने का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि उनके छोटे शरीर में रिजर्व वाटर कम होता है। आमतौर पर, बच्चे बड़ों की तुलना में ज्यादा एक्टिव होते हैं और धूप में ज्यादा समय खेलने में बिताते हैं। इसलिए बच्चों को डिहाइड्रेशन जैसे उल्टी और दस्त की समस्या होने की अधिक संभावना होती है।
डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर में पानी की मात्रा बहुत कम हो जाती है और शरीर में पर्याप्त मात्रा में फ्लूड न होने के कारण यह ठीक से फंक्शन नहीं करता है। डिहाइड्रेशन के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं इसलिए आपको इन पर नजर बनाए रखनी चाहिए ताकि बच्चे में डिहाइड्रेशन होने से रोका जा सके।
बच्चों में डिहाइड्रेशन होने के कई कारण हो सकते हैं। डिहाइड्रेशन के कॉमन कारणों में उल्टी, दस्त, और पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन न करना आदि शामिल हैं। ऐसा बहुत ही कम मामलों में होता है जब बच्चे को बहुत ज्यादा पसीना या पेशाब होने के कारण डिहाइड्रेशन हो जाता है। छोटे बच्चों में बड़े बच्चों की तुलना में ज्यादा तेजी से तरल पदार्थ कम होते हैं।
बच्चों में डिहाइड्रेशन होने के कुछ कारण आपको नीचे बताए गए हैं:
ऐसे कई संकेत और लक्षण हैं जिससे आप अपने बच्चे में होने वाले डिहाइड्रेशन को पहचान सकती हैं। यहाँ आपको डिहाइड्रेशन के कुछ कॉमन संकेत और लक्षण बताए गए हैं:
जब आप अपने बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जाती हैं तो हैं वो आपसे बच्चे की पूरी हिस्ट्री जानेंगे और बच्चे की हेल्थ का पता लगाने के लिए उसकी शारीरिक जांच भी करेंगे। हो सकता है इसके लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करने के लिए भी कहें। जिनमें से कुछ में शामिल हैं:
क्लिनिकल डिहाइड्रेशन स्केल का उपयोग आपके बच्चे में डिहाइड्रेशन की गंभीरता को जानने ले लिए किया जाता है। यह एक ऐसी स्केल है जिसका इस्तेमाल आप भी कर सकती हैं। स्केल की मदद से आप यह जान सकती हैं कि बच्चे में डिहाइड्रेशन का लेवल बढ़ रहा है या घट रहा है। यह जानकारी आपके डॉक्टर को बच्चे का इलाज करते समय बहुत मदद कर सकती है।
आपके बच्चे में डिहाइड्रेशन स्टेटस को कैलकुलेट करने के कई आसान स्टेप्स हैं। जो आपको नीचे बताए गए हैं:
0 | 1 | 2 | |
सामान्य रूप | नॉर्मल | प्यास लगना, बचैनी होना, सुस्ती लगना, चिड़चिड़ा होना | सुस्ती, लड़खड़ाना, सर्दी, पसीना आना |
आँखें | नॉर्मल | हल्की धंसी हुई आँखें | ज्यादा धसी हुई आँखें |
म्यूकस मेम्ब्रेन* | मोइस्ट | चिपचिपा | सूखा |
आँसू | प्रेजेंट | कम होना | बिलकुल न होना |
म्यूकस मेम्ब्रेन में मुँह और आँखों की नम परत शामिल होती है।
0 के स्कोर में = कोई डिहाइड्रेशन नहीं होता है
1 से 4 के स्कोर में = थोड़ा डिहाइड्रेशन होता है
5 से 8 के स्कोर में = थोड़े से बहुत ज्यादा डिहाइड्रेशन हो सकता है
डिहाइड्रेशन का उपचार डिहाइड्रेशन की गंभीरता के आधार पर होता है जो क्लिनिकल डिहाइड्रेशन स्केल की मदद से पता लगाया जाता है।
कम से बहुत ज्यादा डिहाइड्रेशन हो जाना (5 से 8 का स्कोर): यदि आपका बच्चा इस लेवल पर स्कोर करता है, तो आपको उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। इस बात का खयाल रखें कि आपने बच्चे में जो भी संकेत और लक्षण नोटिस किए हैं वो अपने डॉक्टर को बताएं।
हल्का डिहाइड्रेशन होना (1 से 4 का स्कोर): अपने बच्चे को ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन (ओआरएस) तुरंत देना शुरू करें। हालांकि बाजार में बने बनाए ओआरएस मौजूद होते हैं, लेकिन बेहतर होगा कि आप घर पर ही फ्रेश इलेक्ट्रोलाइट सोल्यूशन बनाकर बच्चे को दें। एक लीटर साफ पानी में, आधा चम्मच नमक के साथ 6 चम्मच चीनी मिलाएं। अपने बच्चे को इसे हर पाँच मिनट में एक से दो चम्मच पिलाएं। यदि आपका बच्चा ओआरएस पीने से मना करता है, तो उसे फ्रेश फ्रूट जूस या दूध दें अगर वो डायरिया से पीड़ित नहीं है तो।
कोई डिहाइड्रेशन न होना (0 का स्कोर): भले ही आपके बच्चे में डिहाइड्रेशन के कोई लक्षण दिखाई न दें, लेकिन यदि उन्हें किसी भी कारण से उल्टी या दस्त होता है तो उन्हें इसके बाद तरल पदार्थ देना जारी रखें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें इस समय बच्चाअच्छी तरह से खाए।
डॉक्टर इस बात की जांच करेंगे कि बच्चे के शरीर में पानी की कमी कितनी है और फिर इसके आधार पर डिहाइड्रेशन का उपचार किया जाता है।
एक बार जब आपका बच्चा ठीक से हाइड्रेटेड हो जाता है, तो आप उसके नॉर्मल खाने को फिर से जारी कर सकती हैं। उल्टी या दस्त के लगभग 4 से 6 घंटे बाद, आप अपने बच्चे को वह खाना दे सकती हैं जो उसे पसंद हो। आप केला, चावल, टोस्ट और एप्पल सॉस आदि भोजन बच्चे को दे सकती, लेकिन प्रोसेस्ड फूड और जिस खाने में चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है ऐसे खाने को उन्हें देने से बचें। हाई फैट फूड जो मसालेदार होते हैं, उनसे भी बचा जाना चाहिए।
यदि उल्टी और दस्त लगातार जारी रहता है, तो आपको अपने बच्चे को हर उल्टी और दस्त के बाद ओरल रिहाइड्रेशन कुछ चम्मच देना चाहिए।
डिहाइड्रेशन के लिए कुछ नेचुरल उपचार हैं जिसे आप बच्चों में डिहाइड्रेशन को दूर करने के लिए आजमा सकती हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
बच्चों में डिहाइड्रेशन होने पर आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जो कुछ इस प्रकार हैं:
आपको नीचे बताई गई इनमें से किसी भी कंडीशन में तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए:
जब बच्चों में डिहाइड्रेशन की बात आती है, तो आपको नीचे बताई गई बातों पर ध्यान देना चाहिए:
बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या खतरनाक हो सकती है। इसलिए इसके सभी लक्षणों पर नजर रखना जरूरी है ताकि शरीर में फ्लूड की कमी को समय रहते ही पूरा किया जा सके। यदि आपके बच्चे को भी डिहाइड्रेशन की समस्या होती तो आपको इसके लिए मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए।
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