शिशुओं की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है और उनका शरीर अभी भी रूपांतरण अवस्था में होता है। इसका मतलब है कि शारीरिक वृद्धि के साथ आप उनके शरीर में महत्वपूर्ण बदलाव पाएंगे और यह भी देखेंगे कि कैसे अन्य बाहरी कारक, जैसे जलवायु परिवर्तन या एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना, वास्तव में शिशु के लिए अनेक समस्याओं और कठिनाइयों का कारण बन सकते हैं। कई बार ये बदलाव खतरनाक ना होते हुए भी शिशु के लिए कष्टप्रद हो सकते हैं और उसे चिड़चिड़ा कर सकते हैं।
ऐसी ही एक समस्या है घमौरियां, जो शिशुओं के लिए अत्यंत तकलीफदेह हो सकती हैं। घमौरियां गर्मियों के दिनों में होती हैं जब शरीर से पसीना आता है। जब शरीर में बहुत पसीना आता है, तो त्वचा के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और वे अतिरिक्त पसीने को बाहर नहीं निकलने देते, जिससे त्वचा पर घमौरियां हो जाती हैं। विशेष रूप से जब वातावरण गर्म और उमस भरा हो यह एक आम समस्या होती है। यह एक ऐसी परेशानी है जिससे हर कोई, चाहे वयस्क हो या बच्चा परेशान रहता है। हालांकि एक शिशु के लिए उसकी नाजुक त्वचा के कारण यह वास्तव में बेहद कष्टकारी होता है।
त्वचा पर घमौरियां कई प्रकार से हो सकती हैं। लाल धब्बे, सूजन, खुजली और छोटे छाले इसके लक्षण हैं। घमौरियों से प्रभावित अधिकतर क्षेत्र हैं, बगल, गर्दन, पीठ, हाथों या पैरों के जोड़ आदि। आप यह भी देखेंगे कि मौसम बदलने पर घमौरियां अधिक होती हैं। इसका कारण यह है कि छोटे शिशु की नाजुक त्वचा मौसम में परिवर्तन को आसानी से समायोजित नहीं करती है।
संभव है कि अपने शिशु के शरीर पर घमौरियां देखकर आप डॉक्टर के पास जाने के बारे में सोचें। हालांकि आप घमौरियों से निपटने के लिए कुछ एहतियाती तरीकों और चुनिंदा घरेलू उपचारों को आजमा सकते हैं, जिसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।
यदि आपका शिशु घमौरियों से जूझ रहा है, तो आप त्वरित राहत के लिए एक काम कर सकते हैं। एक नरम कपड़े में, जो आपके शिशु के लिए आरामदायक हो, उसमें बर्फ लपेट लीजिए और उन स्थानों पर लगाइए जो घमौरियों से प्रभावित हैं। यह आपके शिशु को आराम पहुंचाएगा। इसी तरह ठंडे पानी की पट्टियां भी इस्तेमाल की जा सकती हैं जो शिशु को राहत देंगी और उसे अच्छा महसूस कराएंगी।
खीरा भी घमौरियों से शीघ्र राहत देता है। एक अच्छी बात यह है कि आप खीरे को सीधे अपने शिशु की त्वचा पर लगा सकते हैं। खीरे में शीतलन गुण होता है। खीरे को घमौरी पर लगाने या रगड़ने के बाद, आप त्वचा को ठंडे पानी से धो लें जिससे शिशु को राहत महसूस होगी।
टी ट्री तेल एक अन्य विकल्प है जो वास्तव में आपके शिशु को घमौरियों की तकलीफ से राहत प्रदान करेगा। टी ट्री तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह आपके शिशु की त्वचा पर चकत्तों को दूर करने में बेहद मददगार होता है।
पिसा हुआ धनिया भी घमौरियों से प्रभावित क्षेत्र पर लगाया जाता है। स्नान से पहले इसे शिशु की त्वचा पर लगाकर फिर धो लें। इससे शिशु को राहत मिलती है।
बेसन में थोड़ा सा पानी मिलाएं और तुरंत असर देखने के लिए इसे घमौरियों वाली जगह पर लगाएं। यह बहुत प्रभावी, सुरक्षित और सरल उपाय है जो आपके शिशु को परेशानी से निजात दिलाने में मदद करेगा।
कैमोमाइल तेल एक अन्य आरामदायक पदार्थ है जिसमें उपचारात्मक गुण होते हैं। यह जलन और सूजन को कम करने में भी मदद करता है। आप कैमोमाइल के तेल की एक या दो बूंद 2 चम्मच नारियल के तेल के साथ मिश्रित करके एक तेल तैयार कर सकते हैं। प्रभावित क्षेत्र पर इसे लगाएं। आप देखेंगे कि धीरे-धीरे घमौरियां कम हो रही हैं।
मुल्तानी मिट्टी में कई उपचारात्मक गुण होते हैं। मुल्तानी मिट्टी में कई महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं। वास्तव में, यह मैग्नीशियम, स्फटिक, कैल्साइट और डोलोमाइट का एक समृद्ध स्रोत है। चूंकि यह एक प्राकृतिक तत्व है, इसलिए इसके कोई दुष्प्रभाव नही होते हैं। यह एंटीसेप्टिक के रूप में भी काम करता है। आप इसे गुलाब जल के साथ मिला सकते हैं और इसे बच्चे की त्वचा पर, जहाँ घमौरियां हैं, लगा सकते हैं। लेप के सूख जाने पर, इसे ठण्डे पानी से पोंछ लें।
शहद में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो थोड़े समय में शिशु की घमौरियों को ठीक कर देते हैं। आप अपने शिशु को स्नान से कुछ समय पहले शहद लगा सकते हैं।
ओट्स एक अन्य बहुत उपयोगी पदार्थ है जो घमौरियों से निजात दिलाने में आपके शिशु की मदद करेगा। ओटमील में पाए जाने वाले सभी अद्भुत तत्वों के अलावा, यह अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए भी जाना जाता है। ओटमील में त्वचा की खुजली को कम करने वाले गुण भी होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप यह आपके शिशु को जल्दी ठीक करने और बेहतर महसूस करने में मदद करेगा।
एलोवेरा वास्तव में एक जादुई पौधा है। यह ऐसे अद्भुत गुणों से समृद्ध और भरा हुआ है जो वास्तव में त्वचा को राहत और ठंडक देते हैं। यदि आपका शिशु घमौरियों से जूझ रहा है तो आप प्रभावित जगह पर थोड़ा सा एलोवेरा का लेप लगा सकती हैं। आप अपने शिशु को नहलाने से ठीक पहले ऐसा कर सकती हैं। एलोवेरा एक सुरक्षित उपचार है और घमौरियों के कारण होने वाली पीड़ा से लड़ने में मदद कर सकता है।
छोटे बच्चों को मुख्यतः उनकी नाजुक त्वचा के कारण त्वचा संबंधी कई परेशानियां होने का खतरा होता है। शरीर पर चुभती घमौरियों का घरेलू उपचार शिशुओं के लिए सर्वोत्तम विकल्प है।
जब बहुत गर्म और उमस वाला मौसम होता है, तो आपका शिशु वास्तव में बहुत तकलीफ महसूस करता है। घमौरियां स्वयं हम वयस्कों को भी बहुत ज्यादा परेशान करती हैं। इसलिए जब बच्चों की बात आती है, तो यह और भी कष्टकारी होता है। शिशुओं की घमौरी की समस्या से निपटने के लिए आप ऊपर दिए गए किसी भी एक या एक से अधिक उपायों का पालन कर सकते हैं क्योंकि वे काफी सुरक्षित हैं और उनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। एक अन्य उपाय जो आपको करने की आवश्यकता है, वह यह सुनिश्चित करना है कि आपका शिशु सूर्य की तेज रोशनी और गर्मी से सुरक्षित और संरक्षित रहे।
अपने बच्चे को ठंडक वाली जगह पर रखें क्योंकि इससे वास्तव में घमौरियों से बचने और उसे फैलने से रोकने में मदद मिलती है। यहाँ तक कि जब आप शिशु को लेकर खुले में बाहर जाएं, तो सुनिश्चित करें कि बहुत अधिक समय तक सीधे सूर्य के संपर्क में ना रहें क्योंकि इससे घमौरियां हो सकती हैं और यदि पहले से हैं तो और भी बढ़ सकती हैं। शिशु को तंग और गर्म कपड़े पहनाना टालें और हल्के एवं ढीले कपड़े पहनाएं। शिशु की त्वचा को हवा लगने दें क्योंकि इससे उसे आराम मिलेगा और बेहतर महसूस होगा।
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