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बच्चों को छींक वाली ज़ुकाम और खांसी से संक्रमित होना असामान्य बात नहीं है। आमतौर पर सांस की नली में खराश के कारण खांसी शुरू हो जाती है और ऐसा तब होता है जब बच्चे का शरीर किसी बीमारी से लड़ रहा होता है। खांसी शरीर का रक्षा तंत्र है जो श्वास मार्ग को अवरुद्ध करने वाले अतिरिक्त बलगम को बाहर निकालता है।
हालांकि यह एक सामान्य घटना है लेकिन लगातार खांसी चिड़चिड़ाहट और गले में तकलीफ पैदा कर सकती है, खासकर बच्चों के लिए। खांसी बच्चों की रातों की नींद ख़राबकर सकती है और माता–पिता को असहाय बना सकती है। हालांकि खांसी के इलाज के लिए बहुत सारी दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ घरेलू उपचार, जो बच्चों में खांसी को नियंत्रित करने और ठीक करने का कमाल करने के लिए जाने जाते हैं, उन्हें आजमाना बेहतर होगा।
खांसी कई प्रकार की होती है, और उपचार करने से पहले इसके प्रकार की पहचान करना जरूरी है। इसलिए बच्चों के लिए खांसी ठीक करने के विभिन्न प्राकृतिक उपायों पर चर्चा करने से पहले लक्षणों के आधार पर खांसी के अलग–अलग प्रकारों को समझना आवश्यक है।
खांसी को पांच अलग–अलग प्रकारों में बाँटा जा सकता है। प्रत्येक प्रकार की खांसी का नाम और विशेषताएं निम्नलिखित हैं जिसके आधार पर उसका विभाजन और पहचान की जा सकती है:
इसे प्रोडक्टिव खांसी के रूप में भी जाना जाता है, गीली खांसी वह होती है जिसमें श्वसन मार्ग में बलगम या कफ मौजूद होता है जिससे छाती में तेज़ घरघराहट महसूस हो सकती है। निमोनिया, ब्रोंकाइटिस अथवा यहाँ तक कि सर्दी, बुखार या फ्लू जैसे कारणों से भी गीली खांसी हो सकती है।
इस प्रकार की खांसी आमतौर पर सामान्य फ्लू या सर्दी की वजह से और श्वसन तंत्र के निचले हिस्से में संक्रमण जैसे ब्रोंकाइटिस या अस्थमा के कारण भी हो सकती है। यह धूल या धुएं जैसे अवरोधकों के कारण भी हो सकती है। सूखी खांसी में कोई कफ नहीं होता है।
जब श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है और सूजन के कारण छोटे वायुमार्ग को बंद कर देता है तो वह भाग बलगम स्राव करने के लिए मजबूर होता है, सांस लेते समय एक तेज़ सीटी जैसी आवाज़ इस घरघराहट वाली खांसी की विशेषता होती है।
इसे बार्क़ी खांसी के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसमें सील के भौंकने जैसी आवाज आती है, क्रुप कफ एक वायरल संक्रमण से होता है जो ऊपरी श्वसन मार्ग को रोक देता है जिसके परिणामस्वरूप खांसी की आवाज़ भौंकने जैसी होती है।
यह एक संक्रामक जीवाणु संक्रमण के कारण होती है जिसे पर्टुसिस के नाम से भी जाना जाता है। काली खांसी के लक्षण सूखी खांसी के ही समान हैं। हालांकि यह खांसी लंबे समय तक रह सकती है और जिससे व्हूपिंग की आवाज होती है।
आपके बच्चे के खांसी के प्रकार की पहचान करना आवश्यक है ताकि ये जल्दी और प्रभावी तरीके से ठीक हो सके। बच्चों के लिए खांसी के विभिन्न उपचार उपलब्ध हैं जिन्हें घर पर ही किया जा सकता है और जिसके द्वारा आप अपने बच्चे के गले और खांसी को कुदरती तरीके से शांत कर सकते हैं। बच्चे की खांसी के कुछ प्राकृतिक उपचार नीचे दिए गए हैं:
शायद खांसी से राहत देने के लिए सबसे आम और सरल तरीका गर्म पानी से गरारा करना है। एक दिन में कम से कम तीन बार गरारा करना अच्छा होता है और गरारे वाले पानी में एक चम्मच नमक मिलाने से गले की खराश से राहत मिलती है।
शहद में एंटी–माइक्रोबियल एजेंट पाए जाते हैं जो शरीर को ज़ुकाम से लड़ने में मदद करते हैं। शहद की मिठास लार बनाने में वृद्धि करती है जिससे बलगम को पतला करने में मदद होती है। शहद देने का आदर्श तरीका यह है कि इसे एक चम्मच गर्म पानी में मिलाएं और इसमें ताजे नींबू का रस निचोड़ें। खांसी के इलाज के लिए दूसरी कई चीज़ों में शहद मिलाकर एक अच्छा सिरप बनाया जाता है।
हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि एक साल से कम उम्र के शिशुओं को शहद देने से बोटुलिज़्म हो सकता है और इसलिए इससे बचना चाहिए।
अदरक सर्दी से लड़ने का एक बेहतरीन घरेलू नुस्खा है क्योंकि इसमें विषाणु–रोधी गुण पाए जाते हैं। अदरक से बनी कई मीठी गोलियांउपलब्ध हैं, लेकिन इन गोलियों के माध्यम से इसे देने के बजाय सीधे अदरक को ही देना सबसे अच्छा है। अपने बच्चे को देने से पहले अदरक के तेज़ स्वाद को कम करने के लिए इसमें शहद मिलाएं।
खांसी से राहत पाने के लिए निम्नलिखित मिश्रण के दो बड़े चम्मच दें:
यह अपने जीवाणु–रोधी गुणों के लिए जाना जाता है जो शरीर में रोगजनकों को खत्म कर सकता है, सेब का सिरका बच्चों में सूखी खांसी के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय है। खांसी के उपचार के लिए सेब के सिरके को कुचले अदरक के साथ मिलाया जा सकता है। इसके अलावा सिरके की गंध गले के खराश को शांत करने के लिए जानी जाती है और इसका उपयोग करके बच्चे को आराम दिलाया जा सकता है।
नींबू प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है क्योंकि इसमें बीमारी से लड़ने के चिकित्सीय गुण होते हैं। आमतौर पर कई मीठी गोलियों और दवाओं में नींबू एक घटक होता है जो गले की खराश और खांसी को ठीक करने में मदद करता है।
जैसा कि ऊपर बताया गया है, नींबू के रस के साथ शहद खांसी का एक अच्छी सिरप होता है। राहत के लिए आप अपने बच्चे को नींबू का टुकड़ा चूसने के लिए भी कह सकते हैं।
भाप चिकित्सा एक अच्छा विकल्प है, खासकर तब जब आपके बच्चे को गीली खांसी के साथ–साथ बन्द नाक और श्वसन नली में अवरोध की भी समस्या हो। भाप की गर्मी बलगम को पतला करने में मदद करेगी और इसे आसानी से बाहर निकालेगी। आप निम्नलिखित तरीके से भाप बनाकर दे सकते हैं:
खांसी से पीड़ित अपने बच्चे को आराम करने देना ज़रूरी है क्योंकि यह शरीर को तेज़ी से ठीक करने में मदद करता है। स्कूल जाने और वहाँ बैठने की थकान उपचार प्रक्रिया को धीमा कर सकती है और खांसी के रोगाणु अन्य बच्चों में भी फैल सकते हैं। उचित आराम आपके बच्चे को संक्रमण के कारण हुए शक्ति के नुकसान की शीघ्र भरपाई कर ठीक होने में भी मदद करेगा।
जब वातावरण शुष्क रहता है, तो यह गले में बलगम बनाता है जिससे खराश और सूखी खांसी हो सकती है। ह्यूमिडिफायर का उपयोग करने से खांसी को आर्द्र करने और बाहर फेंकने में मदद मिलेगी । सुनिश्चित करें कि फफूंद न बने इसके लिए सुबह अपनी खिड़की से नमी को बाहर निकाल दें।
चिकन सूप में एंटी–इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो ज़ुकाम को काम करने में मदद करेगा और गले में खराश, खांसी और जकड़न से राहत देगा।
गले की खराश और खांसी से तुरंत राहत पाने के लिए दूध में हल्दी भी एक अच्छा पुराना घरेलू उपचार है। हल्दी में रोगाणुरोधक गुण होते हैं जो विषाणु जनित संक्रमण के इलाज में प्रभावी होते हैं।
बस गर्म दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी मिलाएं और तब तक इसे हर रात सोने से पहले अपने बच्चे को दें, जब तक खांसी कम न हो जाए।
खांसी की ड्रॉप गले में खराश, खरखराहट से आराम पहुँचाकर अस्थायी राहत देती है। हालांकि, 3 साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी की ड्रॉप नहीं दी जानी चाहिए।
शिशु की खांसी के उपचारों में से सबसे बेहतरीन उपचारों में से एक नाक के भाग को अवरुद्ध करने वाले बलगम, जो गीली खांसी का कारण बन सकता है, उसे बाहर निकालने के लिए सक्शन बल्ब का उपयोग है। सक्शन बल्ब का उपयोग करना आसान है, आपको बस इतना करना है कि बल्ब को दबाकर इसे अपने बच्चे के नथुने में डालें और फिर इसे धीरे से छोड़ें। यह अंदर भरे बलगम को हटाकर सांस नली को साफ करेगा। आप इसे प्रत्येक कुछ घंटों में फिर कर सकते हैं और यह 6 महीने के बच्चों के लिए भी कमाल रूप से काम करता है।
बच्चों में सूखी खांसी को दूर करने के लिए नमकीन पानी की बूंदें भी सबसे पुराना और आजमाया हुआ घरेलू उपचार है। नमकीन पानी को गले में खराश से राहत देने और बन्द नाक को खोलने में मदद करने के लिए जाना जाता है। बेहतर परिणाम के लिए नीचे दिए गए उपायों का पालन करें:
गर्म पानी में 1/2 छोटा चम्मच नमक मिलाएं और इस घोल की दो बूंदें बच्चे के नथुने में डालें। बलगम को हटाने हेतुबच्चे को तुरंत छींकने के लिए कहें।
बड़े बच्चे और वयस्क नमकीन पानी का उपयोग करके अपने नाक के छेद को साफ भी कर सकते हैं। सिर को एक तरफ झुकाएं और नेति पात्र का उपयोग करके एक नथुने में गर्म नमकीन पानी डालें और दूसरे से निकाल दें। जब यह प्रक्रिया की जा रही हो तो यह ध्यान रखें कि बच्चा मुंह से सांस ले।
वेपर रब में हर्बल तेल होते हैं जो खांसी और सर्दी से अस्थायी राहत दे सकते हैं और नाक से बलगम को बाहर निकाल सकते हैं। वेपर रब गर्मी भी प्रदान करता है जो आपके बच्चे को सोने में मदद करेगा।
हालांकि यह अजीब लग सकता है लेकिन सूखी खांसी के मामले में बच्चे के खराश वाले गले में राहत देने के लिए पोप्सिकल चूसना एक अच्छा तरीका है। 4 साल की उम्र से अधिक के बच्चों को चूसने के लिए एक शुगर–फ्री कैंडी, पॉप्सिकल या क्रश्ड आइस दें, जिससे उनके गले को आराम मिले।
बच्चों को लगातार तरल पदार्थ देना उनके शरीर के विषाक्त पदार्थों को नियमित अंतराल पर जल्दी–जल्दी बाहर निकालने में मदद करेगा और स्राव को पतला कर नाक छिड़कने या बलगम को खांसकर निकाल देगा।
आमतौर पर मालिश करने से शरीर को तेजी से ठीक करने में मदद मिलती है। तुई ना एक विशेष मालिश है जिसे खांसी को कम करने के लिए बनाया गया है, यह आपके बच्चे के लिए फायदेमंद है क्योंकि खांसी के किसी भी प्रकार या इसकी गंभीरता के बावजूद खांसी से राहत दिलाने में मददगार है ।
जब नाक बलगम से बन्द हो जाती है तो साँस लेने में कठिनाई होती है, ऐसे में बच्चे के सिर को ऊपर करके सीधे रखने से सांस लेने में मदद होगी । यदि आपका बच्चा 1 साल से बड़ा है, तो आप उसके सिर के नीचे एक या दो तकिया इस प्रकार लगा सकते हैं जिससे उसका सिर शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में ऊपर रहे। यह गले में बलगम के जमा होने को कम करेगा और खांसी आना रोकेगा। यह विशेष रूप से रात में खांसी से लड़ने में मदद करेगा।
नाक से बलगम को साफ करने का एक और सरल तरीका यह है कि इसे छींक कर बाहर निकाला जाए। समय–समय पर नाक छिड़कने से नाक में जमा बलगम बाहर निकल जाएगा। हालांकि नाक को बार–बार या बहुत जोर से छिड़कने से नाक की त्वचा में नुकसान हो सकता है और इसलिए इसे नियमित अंतराल पर सावधानी से किया जाना चाहिए। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके बच्चे के हाथ हर समय धुले यानि कीटाणुरहित हों।
खांसी बहुत तेज़ी से चारों ओर कीटाणु फैलाती है, और इसलिए अपने परिवेश को साफ रखना बहुत महत्वपूर्ण है। स्वच्छ परिवेश फ्लू के विषाणु फैलने की संभावना कम करेगा। अपने आस–पास के क्षेत्र को साफ रखने के सर्वोत्तम तरीकों में बिस्तर के कपड़ो को धोना और बदलना, रूमाल, तौलिया आदि नियमित रूप से बदलना शामिल हैं। बार–बार हाथ धोने या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने से भी कीटाणुओं को दूर रखने में मदद मिलती है।
अपने बच्चे को लगातार गर्म पेय पदार्थ घूँट–घूँट करके देने से बलगम को पतला करने और शरीर से निकालने में मदद मिलेगी। गर्म पेय पदार्थ सर्दी में भी आपके बच्चे को आराम देगा।
आप घर पर एक चेस्ट रब बना सकते हैं जो मेडिकेटेड चेस्ट रब की अपेक्षा खांसी से राहत देने में ज्यादा कारगर होता है। आप नीचे दिए गए तरीकों का पालन करके चेस्ट रब बना सकते हैं:
कैमोमाइल और मार्शमैलो सिरप को अदरक के साथ लगभग 500 मिलीलीटर पानी में मिलाकर गर्म करके आप घर पर खांसी की हर्बल दवा बना सकते हैं।
यह केवल चार साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है।
1.5 कप पानी में एक चम्मच मेथी के पत्तों और एक चम्मच अजवायन की पत्तियों को भिगोकर एक प्रभावी कफ सिरप बनाया जा सकता है।
इसमें एक बड़ा चम्मच मेथी और आधे नींबू का रस मिलाएँ। घोल को तब तक उबालें जब तक कि यह एक कप तक कम न हो जाए, इस घोल में शहद और वनस्पति ग्लिसरीन मिलाएं। बच्चे को देने से पहले इसे ठंडा कर लें।
सफेद होरहाउंड के पत्तों में शरीर से कफ को बाहर निकालने का गुण होता है और आप उनसे सिरप बनाकर अपने बच्चे को खांसी से राहत दिला सकते हैं:
बिना कैफीन वाली हर्बल चाय खांसी से राहत देगी और बच्चे को गर्मी भी देगी। यह तय करने के लिए कि इसमें कैफीन न हो, घर पर हर्बल चाय बनाना सबसे अच्छा है। घर पर हर्बल चाय बनाने के आसान तरीकों में से एक है, एक चम्मच नींबू बाम चाय लें और इसे एक कप पानी में कम से कम 8 से 10 मिनट तक उबालें और इस चाय का आधा कप अपने बच्चे को रोज़ाना दें। कई अन्य प्रकार की हर्बल चाय भी विभिन्न प्राकृतिक सामग्रियों से बनाई जा सकती हैं।
यह औषधि बलगम को पतला करने में मदद करती है जिससे आपके बच्चे को बलगम बाहर निकालने और श्वसन मार्ग को साफ करने में आसानी होती है। आधे कप गर्म पानी में एक बड़ा चम्मच सौंफ डालकर इसे 15 मिनट तक उबालकर आप सौंफ सिरप बना सकते हैं। फिर आप इसमें दो कप शहद मिला सकते हैं और अपने बच्चे की खांसी ठीक करने के लिए उसे नियमित रूप से आधा चम्मच दे सकते हैं।
एलोवेरा के कई अन्य गुणों के साथ यह खांसी से आराम देने में भी मदद करता है। सर्वोत्तम परिणाम के लिए बच्चे को शहद और लौंग चूर्ण मिलाकर एक चम्मच एलोवेरा रस का दिन में दो बार दें।
इसके बीजों में एंटी–बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो कफ से लड़ने में सहायक होते है और जकड़न से राहत दिलाने में शरीर की मदद करते हैं। इसे पानी में तुलसी के पत्तों, अदरक चूर्ण, लौंग, हल्दी, काली मिर्च चूर्ण के साथ मिलाकर उबाला जाता है और इसका सेवन किया जाता है।
इस पौधे को क्रेब्स आई या रत्ती या गूंजा के नाम से भी जाना जाता है। क्रेब्स आई की 10 ग्राम जड़ को 10 मिली पानी में मिलाकर दिन में तीन बार बच्चे को देने से खांसी और जुकाम से लड़ने में मदद मिलती है।
शहद के साथ मिलाकर एक छोटा चम्मच प्याज का रस का साइनस, ज़ुकाम, एलर्जी और खांसी का अच्छा इलाज़ है।
जावा घास, चीनी पिस्ता के पत्ते, काली मिर्च, भारतीय बच्छनाभ (एकोनाइट) की कली, तुलसी जैसे कुदरती तत्वों से बने चूर्ण को शहद के साथ लेने से खांसी से लड़ने में मदद मिलती है।
हर्बल काढ़े की दी गई थोड़ी सी खुराक खांसी के इलाज में बहुत उपयोगी हो सकती हैं। यहाँ हर्बल काढ़ा तैयार करने की विधि बताई गयी है:
बादाम को श्वास नलिकाओं संबंधी समस्याओं को ठीक करने में सहायक के रूप में जाना जाता है जिसमें खांसी भी शामिल है। बच्चे को खांसी से राहत के लिए कुछ चम्मच कुटे हुए बादाम संतरे के रस के साथ मिलाकर दें।
रोकथाम बेशक इलाज से बेहतर है, खासकर तब जब बात आपके बच्चे के स्वास्थ्य की हो। हालांकि खांसी के इलाज के लिए कई घरेलू उपचार हैं लेकिन इसे होने से पहले ही रोकने की कोशिश हमेशा बेहतर होती है। संक्रमण से बचने के लिए सफाई बनाए रखना सबसे आसान तरीका है, लेकिन अपने बच्चे के आहार में निम्नलिखित चीजों को शामिल करना खांसी के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है:
ऐसा आहार जिसमें विटामिन ए और बी का अच्छा स्रोत शामिल हो, फ्लू और खांसी से बचाव में मदद करता है।
पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्ज़ियोंका सेवन आपके बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करेगा। आप सभी तरह की पत्तेदार सब्ज़ियों का सूप भी बनाकर अपने बच्चे को दे सकते हैं।
लहसुन और अदरक जैसी जड़ वाली सब्ज़ियाँ भी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करती हैं।
शहद के साथ गर्म दूध जीवाणुओं और विषाणुओं से आपके बच्चे की रक्षा करेगा और उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करेगा।
मसालेदार, तैलीय और अस्वास्थ्यकर खाने या जंक फूड के लगातार सेवन से बचें।
यदि आपके बच्चे को खांसी होने की संभावना रहती है तो तेज़ नमक और चीनी वाले भोजन और केला खिलाने से बचें क्योंकि ये शरीर में बलगम के बनने में वृद्धि करते हैं।
स्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ जैसे कि साबुत गेहूं का दलिया, सब्ज़ी वाली खिचड़ी, कढ़ी, ब्रोकोली सूप, चुकंदर सूप आदि अपने बच्चे के आहार की सूची में शामिल करना अच्छा होता है।
शहद के साथ मिलाकर अनानास का गुनगुना रस एक प्राकृतिक कफ सिरप है और यह बलगम बनने से रोकता है।
अपने बच्चे की खांसी का इलाज करने का सबसे सुरक्षित और तेज़ तरीका इन घरेलू उपचारों का उपयोग करके और स्वच्छ वातावरण के साथ एक अच्छा स्वस्थ आहार देना है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चों के आसपास धूम्रपान न करें, खासकर तब जब वे खांसी से पीड़ित हैं और उन्हें धूल और प्रदूषित क्षेत्रों से दूर रखें। सुनिश्चित करें कि वे अपने हाथों को नियमित रूप से और खासकर कोई भी चीज खाने से पहले धोते हों।
जबकि इन उपचारों में से अधिकांश के कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, फिर भी यह समझना जरूरी है कि आपके बच्चे के लिए क्या ठीक है और क्या नहीं। यदि खांसी बनी रहती है तो कारण की पहचान और निदान के लिए डॉक्टर को दिखाना उपयुक्त है।
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