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हर माता-पिता ने अपने बच्चों में परीक्षा को लेकर दिखाई देने वाले डर को महसूस जरूर किया होगा। आपका बच्चा जैसे-जैसे अपनी परीक्षाओं के लिए तैयारी करना शुरू करता है, उसके बर्ताव में अचानक से बदलाव आने लगता है। ऐसे में वह अधिक बार बाथरूम जाने लगता है, खाना खाने से मना करने लगता है और रात में ठीक से सोता नहीं है। बच्चों में दिखाई देने वाला ‘परीक्षा के भय’ को कुछ स्टडी और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर कम किया जा सकता है। आज के समय में बच्चों के जीवन में हर चीज से इम्तिहान का प्रभाव उनके ऊपर देखने को मिलता है। आज कल के बच्चे परीक्षा को एक सकारात्मक चुनौती के बजाय तनाव के साथ जोड़कर देखते हैं। अगर आप माँ हैं और आपका बच्चा भी इसी तरह परीक्षा से डर रहा है या फिर परेशान है, तो आप उसके इस डर को खत्म करने का प्रयास करें और आत्मविश्वास बनाए रखते हुए उसकी मदद करें।
परीक्षा का डर वह तनाव है जिसे कई बच्चे परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान महसूस करते हैं। इस डर के दौरान बच्चा नीचे बताए गए निम्नलिखित लक्षण प्रदर्शित कर सकता है:
अपने बच्चे को परीक्षा के डर से लड़ने में मदद करने के लिए आपको इन सवालों को सुलझाने की जरूरत पड़ेगी:
परीक्षा के डर को कम करने के लिए आपका अपने बच्चे को सहानुभूति देना और उसे समझाना बेहद जरूरी है कि परीक्षाएं उसकी क्षमताओं का अंतिम निर्णायक पैमाना नहीं हैं। उसे बताएं कि स्कूल में होने वाली परीक्षा का समय उसकी कड़ी मेहनत के परिणाम हासिल करने का एक शानदार अवसर है, आप अपने बच्चे को उतना ही प्यार करेंगी, चाहे उसके नंबर कम आएं या ज्यादा!
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