यू.टी.आई.- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या मूत्र पथ में संक्रमण, यह समस्या आमतौर पर बच्चों में पाई जाती है। इसे मूत्राशय का संक्रमण या कवकीय संक्रमण (फंगल इन्फेक्शन) भी कहा जाता है। यद्यपि एंटीबायोटिक्स का एक कोर्स इस संक्रमण को ठीक कर सकता है, पर आजकल ज्यादातर माता-पिता यू.टी.आई. के इलाज के लिए घरेलू उपचार का विकल्प ही चुन रहे हैं।
बच्चों में यू.टी.आई. के इलाज के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचार बताए गए हैं, आइए जानते हैं;
यू.टी.आई. संक्रमण के दौरान अपने बच्चे को अधिक से अधिक पानी पिलाएं। अधिक पानी पीने से बच्चे को बार-बार पेशाब आएगी और इससे विषाक्त पदार्थों को जल्दी बाहर निकालने में मदद मिलती है। परन्तु बच्चे को अधिक पानी पीने के लिए मजबूर न करें। यदि आपका बच्चा 6 महीने से कम उम्र का है तो उसे अधिक से अधिक दूध पिलाएं।
यदि आपका बच्चा 6 महीने से अधिक उम्र का है, तो उसके लिए करौंदा, ब्लूबेरी और अनानास का रस सबसे अच्छे विकल्प हो सकते हैं। इन फलों के गुण मूत्रपथ में हानिकारक जीवाणुओं के विकास व वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं इसलिए बच्चों के लिए अक्सर यह फल देने की सलाह दी जाती है। लेकिन बच्चे को किसी भी प्रकार का रस देने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। इसके अलावा कुछ फलों का रस देने से पहले इसे पतला कर लें ताकि बच्चे के मूत्राशय में एसिड की मात्रा अधिक न हो।
हानिकारक सूक्ष्मजीवों को रोकने के लिए लाभकारी बैक्टीरिया का होना महत्वपूर्ण व आवश्यक है। प्रोबायोटिक्स शरीर के प्राकृतिक वनस्पति और जीवाणु प्रतिरोध में सुधार करके यू.टी.आई. का इलाज और रोकथाम करने में मदद करते हैं।
नींबू का रस एक मूत्रवर्धक घटक के रूप में कार्य करता है (मूत्रवर्धक घटक मूत्र के बहाव को बढ़ाता है) और हानिकारक जीवाणु व विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। नींबू के गुण रक्त के पी.एच. स्तर पर प्रभाव डालते हैं और मूत्रपथ के एसिड को एल्कलाइन में बदल देते हैं जो बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। बच्चे को प्रतिदिन नींबू का रस पिलाने से भविष्य में मूत्र पथ के संक्रमण से बचा जा सकता है।
यदि आपका बच्चा माँ के दूध के साथ-साथ अर्ध-ठोस, ठोस पदार्थ और तरल पदार्थ भी ले रहा है, तो उसे एसिडिक खाद्य पदार्थ और पेय (एसिडिक फूड एंड ड्रिंक) जैसे कोल्ड ड्रिंक या अन्य जंक फूड देने से बचें। इस स्थिति में बच्चे को सिर्फ नर्म खाना, पतला रस, माँ का दूध, सब्जियां और बिना एसिड वाले फल ही दिए जाने चाहिए।
नियमित रूप से समय-समय पर बच्चे के डायपर बदलती रहें। नया डायपर पहनाने से पहले बच्चे के निजी क्षेत्रों को बेबी टिशू से साफ करें और साथ ही यह करने से पहले अपने हाथों को साफ करना न भूलें।
बच्चे को रोजाना एक बार गुनगुने पानी से नहलाएं और उसके लिए हाइपोएलर्जेनिक साबुन का उपयोग करें। गुनगुने पानी से बच्चे को दर्द में राहत मिलती है और उसके निजी अंगों की बेहतर सफाई भी होती है और इससे हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट किया जा सकता है।
कपड़े का डायपर पेशाब और शौच को अवशोषित नहीं करता है और इसे तुरंत बदला जा सकता है। इसलिए, हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने के लिए कपड़े के डायपर का उपयोग किया जा सकता है।
बच्चे (विशेषकर लड़कियों के) के निजी अंगों को आगे और पीछे से साफ करें और अच्छी तरह से पोंछे, ऐसा करने से यू.टी.आई. को रोका जा सकता है। इसका एक और कारण यह भी है कि पेशाब और शौच में अस्वास्थ्यकर जीवाणु होते हैं जो मूत्रमार्ग व मूत्र पथ के संपर्क में आने पर संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इसलिए, जब आप अपने बच्चे के निजी क्षेत्रों को साफ करती हैं, तो ध्यान रखें कि आगे से पीछे की तरफ ही पोंछे और जननांगों व गुदे के लिए अलग टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करें।
आप बच्चे को पेशाब करने के लिए याद दिलाती रहें। यू.टी.आई. से पीड़ित होने पर पेशाब करने में दर्द होता है जिस कारण से बच्चा अधिक पेशाब जाने से मना कर सकता है। हालांकि, यदि आप चाहें तो अपने बच्चे को सकारात्मकता के साथ प्रोत्साहित कर सकती हैं। आप उसे बता सकती हैं कि वह जितना अधिक पेशाब के लिए जाएगा उतना जल्दी संक्रमण ठीक होगा।
विटामिन ‘सी’ मूत्र को अम्लीकृत करता है और मूत्राशय को स्वस्थ रखता है। इसलिए, डॉक्टर से सलाह लेने के बाद बच्चे को विटामिन ‘सी’ से भरपूर फल या विटामिन ‘सी’ के सप्लीमेंट्स देना शुरू करें। यह यू.टी.आई. के इलाज का एक बेहतरीन तरीका है।
कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह पता लगा है कि लहसुन का अर्क यू.टी.आई. से जुड़े रोगजनक जीवाणुओं (पैथोजेनिक बैक्टीरिया) नष्ट करने में अत्यधिक प्रभावी है। बच्चे को यू.टी.आई. से सुरक्षित रखने के लिए उसके आहार में लहसुन शामिल करें।
बच्चे के भोजन में एक चम्मच नारियल का तेल शामिल करें क्योंकि यह पेशाब की प्रक्रिया को सरल बनाता है जिससे यू.टी.आई. के संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है। आप अपने बच्चे के पेशाब करने से थोड़ी देर पहले उसके मूत्रमार्ग में नारियल तेल की एक बूंदें भी लगा सकती हैं।
एक बर्तन में पानी गर्म करें और उसके चारों ओर एक छोटा तौलिया लपेट दें। फिर बच्चे के पेट के निचले हिस्से पर गर्म तौलिया रखें।इस प्रक्रिया को पूरे दिन में कई बार दोहराएं, इससे आपके बच्चे को दर्द से राहत मिलेगी। परन्तु खयाल रहे बच्चे के पेट पर अधिक गर्म तौलिया न रखें, तौलिया रखने से पहले उसके तापमान को जांच लें।
बच्चों में यू.टी.आई. का इलाज करने के लिए एप्पल साइडर विनेगर सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। इसमें पोटेशियम काफी मात्रा में होता है, जो ई-कोली बैक्टीरिया को मूत्र पथ में विकसित होने और बढ़ने से रोकता है। एप्पल साइडर विनेगर में मौजूद एसिटिक एसिड में एंटी-बैक्टीरियल घटक होते हैं जो मूत्र पथ में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को ख्त्म करते हैं। आप अपने बच्चे को एप्पल साइडर विनेगर पिला सकती हैं। यदि आपका बच्चा इसके स्वाद को पसंद नहीं करता है, तो इसमें थोड़ा शहद और पानी मिलाकर उसे पिलाएं। आप अपने बच्चे को यह मिश्रण लगभग एक सप्ताह तक सुबह के समय में पिलाएं।
खीरा न केवल ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसे आसानी से खाया जा सकता है, बल्कि यह यू.टी.आई. के संक्रमण को खत्म करने का भी एक सरल तरीका है। इसमें मौजूद मिनरल, एसिड पदार्थों को एल्कलाइन में बदल सकते हैं, जिससे मूत्र पथ में हानिकारक बैक्टीरिया को रोका जा सकता है और यह प्राकृतिक रूप से मूत्रवर्धक है। इसलिए यह पेशाब के माध्यम से यू.टी.आई. के संक्रमण को निकालने में मदद करता है। खीरे में एंटी-इंफ्लेमटरी गुण भी होते हैं जो यू.टी.आई. के कारण होने वाली सूजन व दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
अनानास में ब्रोमेलैन नामक एक एंजाइम होता है जो सूजन बढ़ाने वाले प्रोटीन को कम करता है । यदि इसे ट्रिप्सिन में (एक अन्य एंजाइम) से मिलाया जाए तो यह यू.टी.आई. के इलाज का एक प्रभावी तरीका बन सकता है। अनानास को काटकर छोटे टुकड़े बना लें और उसे अपने बच्चे को खाने के लिए दें। यह संक्रमण को ठीक करने का एक सरल व प्रभावी तरीका है।
अच्छी गुणवत्ता वाले कॉड लिवर तेल से भी यू.टी.आई. का इलाज किया जा सकता है क्योंकि इसमें विटामिन ‘ए’ और ‘डी’ भरपूर मात्रा में होते हैं। तेल में मौजूद विटामिन ‘डी’ मूत्राशय में रोगाणुरोधी (एंटी-माइक्रोबियल) पेप्टाइड्स कैथ्लिसिडिन उत्पन्न करता है, जो इस संक्रमण को रोकने में मदद करता है और यह उपचार विशेष रूप से बार-बार होने वाले यू.टी.आई. के मामलों में मददगार है। आप अपने बच्चे को कॉड लिवर ऑयल देने से पहले डॉक्टर से बात करें कि आप अपने बच्चे को यह तेल किस प्रकार से और कितना दे सकती हैं।
कुछ दिनों तक नारियल पानी पीने से मूत्र पथ के संक्रमण को कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नारियल का पानी ठंडा होता है और यह हानिकारक बैक्टीरिया के कारण होने वाली सूजन को भी कम करता है।
बच्चे को ढीले-ढाले कपड़े और सूती अंतर्वस्त्र पहनाने से उसके शरीर में हवा लगेगी और उसके निजी अंग सूखे रहेंगे। चूंकि जीवाणु सूखी जगहों पर उत्पन्न नहीं होते हैं, इसलिए इस उपाय से भी यू.टी.आई. के संक्रमण को रोका जा सकता है और साथ ही भविष्य में इसके होने की संभावना भी कम होती है।
यू.टी.आई. का उपचार न होने पर या यह अत्यधिक पीड़ादायक हो जाने से आपको इसके निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यदि आपको अपने बच्चे में यह लक्षण दिखाई देते हैं तो यह खतरे के संकेत हैं और आपको तुरंत अपने बच्चे को डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए, वे लक्षण इस प्रकार हैं;
बच्चों में यू.टी.आई. या मूत्र पथ में संक्रमण अत्यधिक चिंता का विषय नहीं है। किन्तु यदि यह लंबे समय तक बना रहता है, तो आपके बच्चे के गुर्दे को भी प्रभावित कर सकता है और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए, बच्चे में यू.टी.आई. को ठीक करने के लिए उपर्युक्त घरेलू उपचार आजमाएं और यदि यह उपचार काम नहीं करते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें।
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